
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
-आरटीआई अधिनियम में व्यापक लोकहित सबसे महत्वपूर्ण
-सूचना के अधिकार के लिए भारतीय नागरिक होना आवश्यक
दुर्ग / शौर्यपथ / शनिवार को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागृह में किया गया था। सूचना के अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार के द्वारा दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि अधिनियम के उपबंधो के अधीन रहते हुए सभी नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने सूचना और निजता के भेद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना व शासन और प्रशासन के कार्य में उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है। जवाबदेही लोक कल्याणकारी राज्य की कार्यप्रणाली , कार्यविधियों में पारदर्शिता का एक महत्वपूर्ण कारक है। अपर कलेक्टर श्री बी बी पंचभाई ने कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सूचना के अधिकार में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु वृहत लोकहित है।
उन्होंने आगे प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को सूचना के तहत कागजात अवलोकन के लिए दिया जाए तो सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति के साथ उस स्थल पर एक जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति भी अनिवार्य है ताकि मूल दस्तावेजों के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी की गुंजाइश ना हो। कार्यशाला में सूचना के अधिकार के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई गई, जैसे जो व्यक्ति भारतीय नागरिकता की परिभाषा में नहीं आता है वह सूचना के अधिकार की पात्र नहीं होंगे। यदि कोई व्यक्ति एक विषय वस्तु से अधिक सवाल करता है तो उसके लिए आवश्यक है कि वह अलग अलग विषय वस्तु के अनुरूप सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन करे। कार्यशाला में राजस्व विभाग व जनसूचना विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
भिलाई नगर/ शौर्यपथ / बने करेव सहाब जेन पानी आए के बेरा लाइट ला बंद करत हाओ, नई ता टुल्लू पंप लगईया मन अपन घर मा पानी ला खींच लेतीन अउ हमर घर पानी नई मिलतीस, अब हमर घर मा बने पानी आवत हावे! यह बातें कैंप 1 शांतिपारा निवासी चेतना साहू ने कहीं! इसी प्रकार से वार्ड 25 संतोषी पारा निवासी सोहन लाल देवांगन, कबीर कुटी निवासी हीरालाल, शारदा पारा किशन चौक निवासी रजत कुमार, भैरव बस्ती के राकेश सोनी एवं अन्य लोगों ने बताया कि पानी आने के समय जब से सुबह 6:00 से 7:00 बजे विद्युत अवरुद्ध किया जा रहा है तब से मोहल्ले के अंतिम छोर तक पानी पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है!
विद्युत अवरुद्ध होने से टुल्लू पंप से पानी की चोरी करने वालों पर अंकुश लगा है! पहले टुल्लू पंप के माध्यम से पानी को खींचकर समृद्ध लोग अपने घरों में पानी भर लेते थे! जिससे अंतिम छोर तक पानी कम एवं नहीं के बराबर पहुंच रहा था, पानी के प्रेशर पर टुल्लू पंप के उपयोग से काफी अधिक प्रभाव पड़ रहा था! निगम ने टुल्लू पंप लगाने वालों पर अंकुश लगाने की काफी कोशिशें की, लेकिन टुल्लू पंप लगाने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे, नतीजन पानी की किल्लत वाले मोहल्ले के अंतिम छोर के रहवासियों को पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा था!
निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी जब एक दफा ऐसे मोहल्ले के दौरे पर थे जहां पाइप लाइन होने के बाद भी रहवासियों को पानी नहीं मिल पा रहा था! मोहल्ले के निवासियों ने जानकारी दी कि टुल्लू पंप वाले घर मालिक पानी की चोरी कर रहे हैं जिससे हमारे घरों में पानी नहीं आने की समस्या उत्पन्न हो रही है और इसका विकल्प सुझाते हुए पानी आने के समय विद्युत कटौती के लिए अनुरोध किया! ताकि सभी घरों में पर्याप्त एवं समान रूप से पानी पहुंचे! इस पूरे वस्तुस्थिति से कलेक्टर एवं निगम के प्रशासक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को अधिकारियों ने अवगत कराया!
कलेक्टर महोदय ने विद्युत विभाग को पानी आने के समय 1 घंटे विद्युत कटौती के निर्देश दिए! और विगत दो-तीन दिनों से विद्युत अवरुद्ध किया जा रहा है! परिणाम स्वरूप अंतिम छोर तक घरों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचने लगा है! विद्युत कटौती के दौरान टुल्लू पंप के उपयोग नहीं होने से कई क्षेत्रों में पानी का प्रेशर भी बढ़ा है वहीं जहां पानी नहीं पहुंच रहा था वहां पानी पहुंच रहा है!
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 788.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 30 अगस्त तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार कोरबा जिले में सर्वाधिक 1146.6 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 531.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
वाराणसी/ शौर्यपथ / वाराणसी में 24 दिनों से धरने पर बैठे दृष्टिहीन बच्चों को पुलिस द्वारा धरनास्थल से जोर-जबरदस्ती कर उठा ले गई. दृष्टिहीन बच्चों का आरोप है कि पुलिस ने जबरन धरना खत्म करा दिया. आंदोलित छात्र दुर्गाकुंड इलाके में स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में 9 से 12 की क्लास को शुरू करने के लिये धरना दे रहे थे. दृष्टिबाधित बच्चे स्कूल में 9 से 12 तक के क्लास को मैनेजमेंट के द्वारा खत्म करने के विरोध कर रहे हैं.दृष्टिहीन बच्चों के साथ रविवार को यूपी के दिव्यांग कल्याण मंत्री ने वार्ता कर समाधान निकलने की बात कही थी.
छात्र उनकी बात मान कर सड़क से धरना हटा कर किनारे धरना चलने की बात कही थी लेकिन देर रात पुलिस उन्हें से उठा ले गई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ जबरदस्ती की. दृष्टिबाधित बच्चों के आंदोलन का पूरा मामला ट्रस्ट की तरफ से 9 से 12 तक के क्लास को ख़त्म करना है. बच्चे कह रहे हैं कि स्कूल ट्रस्ट के ट्रस्टी अपना हित साधने के लिए बड़े बच्चों के क्लास को बंद कर रहे हैं.आरोप यह भी है कि धीरे-धीरे वो पूरा विद्यालय भी बंद कर सकते हैं.
जबकि ट्रस्ट का कहना है कि बच्चों की अनुशासनहीनता इतनी बढ़ गई थी, जिसकी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है. बीते 24 दिनों से बच्चे अपनी मांग पर डटे थे. आंदोलित बच्चों ने जब खुद से जिले के अधिकारियों से संपर्क किया तो अधिकारियों ने मामला हाईकोर्ट में लंबित होने को बात कह कर कुछ भी कदम उठाने से इंकार कर दिया था.
लेकिन रविवार को जिले के दिव्यांग कल्याण अधिकारी राजेश मिश्रा 24 दिनों से धरने पर बैठे बच्चों को दिव्यांग कल्याण मंत्री से उनकी हुई वार्ता के बाद निष्कर्ष को बताने और समझाने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा था कि दिव्यांग बच्चों के 4 प्रतिनिधि वहां गए थे और लिखित रूप से अपनी बात रखी थी. विद्यालय प्रबंधन से शासन ने वार्ता करके समाधान निकालने को कहा था.
लेकिन सुबह होने से पहले ही धरना स्थल पर बैठे बच्चों पर पुलिसिया कार्यवाही हुई और उन्हें जबरन धरना स्थल से हटा लिया गया इसकी सूचना जब उनके अन्य साथियों को मिली तो सभी धरना स्थल की ओर बढ़े लेकिन उन्हें BHU के सिंहद्वार पर रोक लिया गया जहां पुलिस के सामने उनका गुस्सा फूटा और उनसे सवाल किया कि हमने उनसे कहा था कि हम कल सुबह तक रोड खाली कर देंगे. आज रात में हमारे बच्चों को मरते पीटते अपहरण करके न जाने कहां ले गये हमारा धरना खत्म कर दिया.
भेलूपुर के एडीसीपी विनय सिंह का कहना है कि विगत कई दिनों से हनुमान प्रसाद पोद्दार के छात्र दुर्गाकुंड और अन्य जगहों पर सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करते हुए बैठे थे. इससे स्थानीय लोगों, व्यापारियों औऱ यात्रियों को परेशानी हो रही थी. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे कई बार बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन वो लोग हटने को सहमत नहीं हुए. कल दृष्टिहीन छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच कोई तनाव न पैदा हो, इसलिए धरनारत छात्रों को घरों की ओर रवाना कर दिया. पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में ये कार्रवाई की गई. लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि छात्र धरनास्थल खाली करने को राजी हो गए थे. उन्होंने कहा कि धरनास्थल से किनारे हटने के बावजूद इन छात्रों का स्थान सार्वजनिक स्थान पर ही था और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है.
गौरतलब है की श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय सन 1972 में बना था. तब से यहां प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की आवासीय सुविधा का विद्यालय रहा कक्षा 9 से 12 तक में तकरीबन 50 छात्र थे. इनमें से जून 2020 में कक्षा 9 और 11 के 28 बच्चों में से 24 बच्चों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित कर इन कक्षाओं को बंद करने का ऐलान किया गया. लेकिन बच्चे इसी स्कूल में पढ़ना चाहते हैं, क्योंकि यहां सुविधा प्रदेश के अन्य स्कूलों से ज्यादा बेहतर है इसके लिए कुछ बच्चे इलाहाबाद हाईकोर्ट भी गए हैं, जहां मामला अभी लंबित है.
चंडीगढ़/ शौर्यपथ / हरियाणा के करनाल में सोमवार को किसानों की महापंचायत आयोजित की गई. महापंचायत में तीन बड़े फैसले लिए गए हैं. इनमें किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग भी शामिल है. साथ ही किसान महापंचायत में सरकार से मांग की गई कि लाठीचार्ज के दौरान मरने वाले किसान के परिवार को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. किसानों ने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 6 सितंबर तक का वक्त दिया है. इस पर एक्शन नहीं होने की स्थिति में किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर किसानों का गुस्सा थम नहीं रहा है. महापंचायत में किसानों ने सरकार से लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. किसानों ने कहा कि आदेश देने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
साथ ही महापंचायत में सरकार से लाठीचार्ज के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसान के परिवार को 25 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है. साथ ही कहा है कि घायलों को भी सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये की राशि दी जाए.
महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन अपनी मांगों को संयुक्त किसान मोर्चा के आगे रखेंगे, जिससे कोई कठिन फैसला लिया जा सके और किसानों पर कोई अत्याचार न हो.
किसानों ने मांगों को पूरा करने के लिए 6 सितंबर तक का वक्त दिया है. उनका कहना है कि 6 सितंबर तक यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो किसान 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में बड़ी महापंचायत करेंगे और अनिश्चितकाल के लिए सेक्रेटरी का घेराव किया जाएगा.
रायपुर / शौर्यपथ / तंबाकू निषेध कानून का सख्ती से पालन करने के लिए और शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए राज्य भर में (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) टॉफी (Tobacco Free Educational Institution) को क्रियान्वयन किया जाएगा। केन्द्रीय निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को 2023 तक तंबाकू मुक्त बनाने के तहत कार्य शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए 11 बिंदुओं पर क्रियान्वयन सुनिश्चित की गई है। जिसके अंतर्गत कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट, 2003) की धारा 4 एवं 6 का अनुपालन महत्वपूर्ण होगा। उक्त कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से समन्वय की रणनीति तैयार की है। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव विकासशील ने सभी राज्यों के नो़डल अधिकारी से चर्चा की, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी से चर्चा कर शैक्षणिक संस्थानों के तंबाकू मुक्ति की दिशा में क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लेने का सुझाव भी दिया है।
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान “टॉफी” हेतु मापदंड- 11 सूत्रीय मापदंडों में शिक्षण संस्थान के सभी प्रमुख स्थानों पर तंबाकू मुक्त क्षेत्र साइनेज प्रदर्शित होना, साइनेज में संस्था के नोडल का नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना, संस्थान के प्रवेश द्वार पर साइनेज का प्रदर्शन होना, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान क्षेत्र के साइनेज में नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना. शिक्षण संस्थान के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई निशान(जैसे सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तंबाकू के पाउट या धूक का निशान) नहीं होना, संस्थान के भीतर तंबाकू के नुकसान पर आधारित जागरूकता सामग्री प्रदर्शित होना, 6 माह में कम से कम एक बार तंबाकू नियंत्रण गतिविधित का आयोजित होना, तंबाकू मॉनिटर्स का चयन कर उनका नाम, पदनाम और संपर्क नंबर साइनेज पर दर्शाना, संस्थान की आचार संहिता में तंबाकू निषेध के मापदंड का समावेश किया जाना, संस्थान का सीमांकन दिवार एवं बाहरी दिवार से 100 गज क्षेत्र का अंकन किया जाना तथा संस्थान के 100 गज के अंदर तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं होना आदि शामिल है।
वर्ष 2023 तक 54,000 शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य- राज्य नोडल अधिकारी (तंबाकू नियंत्रण) डॉ. कमलेश जैन ने बताया देश की 35 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। उनमें 15-39 वर्ष की 30 प्रतिशत आबादी तंबाकू के नशे की गिरफ्त में है, जिसमें छत्तीसगढ की संख्या 39 प्रतिशत है। प्रदेश के 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत के तंबाकू का उपयोग करने का खुलासा भी ग्लोबल यूथ टोबैको (जीवाईटीएस) सर्वे 2019 में हुआ है। इसी के मद्देनजर स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों को टॉफी (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) के माध्यम से तंबाकू मुक्त बनाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने 2023 तक देश के समस्त शैक्षणिक संस्थाओं को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाए जाने का लक्ष्य रखा है। जिसे सामुदायिक सहभागिता एवं विभागीय समन्वय से निर्धारित मापदंडों के आधार पर प्राप्त किया जाएगा। डॉ. जैन ने बताया “केन्द्र से मिले दिशानिर्देशों पर प्रदेश में कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2023 तक प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टॉफी) के रूप में उभारा जाएगा।
इस तरह की व्यवस्था- प्रदेश के स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में नोडल शिक्षक का चयन, संस्थानों में तंबाकू संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, कोटपा अधिनियम की धारा 4 एवं 6 से संबंधित साइन बोर्ड का प्रदर्शन, संस्थानों के 100 गज की दूरी पर तंबाकू पदार्थ के विक्रय पर प्रतिबंध आदि प्रमुख है। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
लगभग 39 प्रतिशत लोग करते हैं तंबाकू सेवन- वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस) 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ के 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 36 प्रतिशत गुटखा या अन्य चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं तथा 5.5 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम 28 जिलों में विशेष रूप से चलाया जा रहा है।
भोपाल / शौर्यपथ / मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक चूड़ी विक्रेता से जुड़ी घटना में जो प्रदर्शन हुए थे, उसमें गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान के साथ संबंध के सबूत मध्य प्रदेश सरकार मिले हैं. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को यह बात कही. मिश्रा ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तार किए गए शख्स की पहचान एहतेशाम खान के रूप में हुई है और वह हैदराबाद के सांसद असदुद्दीअ ओवैसी के संगठन आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद अल मुसलमीन से जुड़ा है.
पुलिस ने शनिवार को एहतेशाम सहित चार लोगों को सोशल मीडिया पर भड़काने वाले संदेश फैसलाने और इंदौर में दंगा भड़काने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्ताार किया था. गृह मंत्री मिश्रा ने कहा, 'जांच के दौरान मिले सबूतों के अनुसार,गिरफ्तार लोगों में से एक, एहतेशानम के व्हाइट्सएप और फेसबुक के जरिये पाकिस्तान के साथ संबंध मिले हैं. चूड़ी विक्रेता वाली घटना के बाद एहतेशाम ने इंदौर में पुलिस स्टेशन के समक्ष प्रदर्शन किया था.' उन्होंने बताया कि एहतेशाम मे पास सेआपत्तिजनक वीडियो और ऑडियो मटेरियल मिला है जिसे बाद में धीरे धीरे जारी करने की योजना थी. गृह मंत्री ने बताया 'एहतेशाम के AIMIM के साथ संबंध सामने आए हैं. उसके पास से बरामद आपत्तिजनक सामग्री मध्य प्रदेश की शांति व्यवस्था को भंग करने के लिहाज से पर्याप्त थी. गिरफ्तार किए गए चारों लोगों से पूछताछ की जा रही है. '
पुलिस ने कहा है कि अरेस्ट किए गए चारों शख्स एहतेशाम खान, मोहम्मद इमरान अंसारी, जावेद खान और सैयद इरफान अली, सभी 20 से 30 वर्ष के आयुवर्ग के हैं और कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित हैं.इन सभी के खिलाफ सेक्शन 153-A और भारतीय दंड सहिता के अन्य सेक्शन के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है.
लखनऊ / शौर्यपथ / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेंगू बुखार के कहर से जूझ रहे फिरोजाबाद का सोमवार को दौरा किया और अधिकारियों को समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी है. योगी आदित्यनाथ सोमवार को दोपहर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वहां पहुंचने के बाद स्वशासी राजकीय महाविद्यालय के सौ शैय्या स्थित वार्ड में डेंगू से प्रभावित बच्चों से मिलने गये. फिरोजाबाद जिले में डेंगू बुखार का कहर लगातार जारी है और पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान रविवार तक इस बुखार से 41 लोगों की मौत की सूचना थी. सदर विधायक मनीष असीजा ने रविवार को बताया कि उनके पास अब तक 41 लोगों की डेंगू से मौत की सूचना आ चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर स्थिति में हैं. उनका कहना था कि मौत का आंकड़ा 50 तक भी पहुंच सकता है तथा मरने वालों में से ज्यादातर एक से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे हैं.
सोमवार को सौ शय्या अस्पताल में पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने डेंगू से प्रभावित बच्चों का हाल जाना और चिकित्सकीय सुविधाओं के बारे में भी गहनता से जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने सभागार में जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर निदेशक स्वास्थ्य व जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर डेंगू से प्रभावित बच्चों की समुचित व्यवस्था एवं उसके बचाव के बारे में आवश्यक निर्देश दिए.
लगभग एक घंटा रुकने के बाद अपराह्न करीब ढाई बजे मुख्यमंत्री कार द्वारा प्रभावित क्षेत्र सुदामा नगर के लिए रवाना हुए. इस दौरान सदर विधायक मनीष असीजा, शिकोहाबाद विधायक मुकेश वर्मा, महापौर नूतन राठौर एवं टूंडला विधायक प्रेमपाल शंखवार भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. इससे पूर्व सौ शैय्या अस्पताल आते समय रास्ते में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया. काले झंडे दिखाने से पूर्व ही पुलिस अधिकारियों ने कांग्रेस से युवा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
मुंबई / शौर्यपथ / महाराष्ट्र के ठाणे में कृष्ण जन्माष्टमीa पर दही हांडी मनाने के लिए एकत्रित हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कई कार्यकताओं को हिरासत में लिया गया है. दरअसल,महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने ऐलान किया था कि वह ठाणे में दही हांडी मनाएगी. पार्टी ने इसके लिए अपने कार्यकर्ताओं को एकत्रित होने को कहा था. लेकिन दही हांडी कार्यक्रम शुरू हो पाता इसके पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई औरकार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. इन सभी कार्यकर्ताओं को बाद में पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
गौरतलब है कि कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर राजधानी मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में दही हांडी समारोपूर्वक मनाया जाता है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष इसे कैंसल कर दिया गया है. पिछले वर्ष भी महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव, कोराना की प्रकोप की भेंट चढ़ गया था.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इतिहास रचा जाएगा. कई चीजें ऐसी होंगी, जो पहली बार होंगी. देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार की सुबह 10.30 बजे न्यायपालिका का एक नया इतिहास रचा जाएगा. पहली कोर्ट में पहली बार एक साथ नौ जज शपथ लेंगे. इससे पहले इतनी संख्या में एक साथ जजों की नियुक्ति नहीं हुई है. पहली बार जज कोर्टरूम में नहीं बल्कि ऑडिटॉरियम में शपथ लेंगे. कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. इसके अलावा पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों के शपथग्रहण का लाइव टेलीकास्ट होगा.
वहीं, पहली बार सुप्रीम कोर्ट में एक साथ तीन महिला जज शपथ लेंगी. पहली बार सुप्रीम कोर्ट में चार महिला जज काम करेंगी. पहली बार ऐसा होगा कि जस्टिस बी वी नागरत्ना के शपथ लेते ही देश को 2027 में पहली महिला CJI मिलेगी. मंगलवार को शपथ लेते ही कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट की जज बनते ही जस्टिस बी वी नागरत्ना एक साथ कई इतिहास रचेंगी
- वो वरिष्ठता के क्रम में 2027 में देश की पहली महिला CJI बनेंगी
- हालांकि, उनका कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा
- इसके साथ ही ये पहली बार होगा कि पिता-पुत्री सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे
साथ ही न्यायपालिका के इतिहास में ये भी पहली बार होगा कि पिता और पुत्री CJI बने हों. जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ई एस वेंकेटरमैया पहले CJI रह चुके हैं. वो कर्नाटक में बार से पदोन्नत होने वाली प्रथम महिला हैं. कर्नाटक में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला न्यायाधीश हैं. कर्नाटक की प्रथम महिला हैं जो सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.