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रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ को रेल सेवाओं के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भारत सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सूचित किया है कि रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को 3 अगस्त 2025 को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि भारत सरकार छत्तीसगढ़ में रेलवे सेवाओं और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में ₹44,657 करोड़ की लागत से विभिन्न रेलवे परियोजनाएं प्रगति पर हैं। वर्ष 2025 के बजट में छत्तीसगढ़ को रिकॉर्ड ₹6,925 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है, जिनमें से 5 स्टेशनों का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में दो वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी पहले से जारी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उदाहरण हैं।
रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन न केवल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि इससे व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संपर्क को भी नई गति मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिससे जनता को सुविधाजनक और आधुनिक रेल सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
नई दिल्ली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान राज्य की महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं, विशेषकर बस्तर क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल को अवगत कराया कि बोधघाट परियोजना बस्तर की सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र दशकों से विकास की मुख्यधारा से पीछे रहा है। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र को नक्सल हिंसा से मुक्त कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बस्तर के लिए प्रस्तावित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि बस्तर क्षेत्र में अब नक्सल प्रभाव में उल्लेखनीय कमी आई है और विकास कार्यों के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। ऐसे में बोधघाट जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण संबंधी आवश्यक पहल करने के विषय में विस्तार से चर्चा की।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए परियोजना से संबंधित प्रस्तावों का शीघ्र तकनीकी परीक्षण कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री साय ने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार के सहयोग से बोधघाट परियोजना शीघ्र साकार रूप लेगी और यह बस्तर की आर्थिक उन्नति और सामाजिक बदलाव का प्रमुख आधार बनेगी।
पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशु मालिकों पर होगी कार्रवाई
बालोद/शौर्यपथ /बालोद जिले में सड़क दुर्घटना में कमी लाने, बेहतर आवागमन की व्यवस्था बनाने तथा पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने अपने अनुविभाग स्तर पर आदेश जारी किया है। जिसके तहत पशु मालिकों द्वारा अपने पशुओं को बांधकर रखा जाएगा। पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 03 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत पशु मालिकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा जारी आदेश के अनुसार आवागमन हेतु निर्धारित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यीय राजमार्ग एवं स्थानीय मार्गो में लगातार सड़क दुर्घटना घटित हो रहा है, जिसका एक प्रमुख कारण स्थानीय पशु मालिकों द्वारा लापरवाही व गैर जिम्मेदारीपूर्वक पशुओं को सड़क एवं सार्वजनिक स्थल पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है। इन आवारा पशुओं के कारण न केवल आवागमन बाधित होता है अपितु जनहानि, पशुहानि एवं मालहानि जैसी गंभीर घटना घटित होता है। जिससे कानून एवं लोक शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। इन आवारा पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से अत्यावश्यक सेवा एवं आपातकालीन सेवा देने वाले वाहनों का आवागमन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। यदि इन आवारा पशुओं के मालिकों द्वारा इन पशुओं को सडक अथवा सार्वजनिक स्थलों में न छोड़कर उचित प्रबंधन एवं रख रखाव किया जाता है तो होने वाली मानव जीवन की क्षति, पशु क्षति, संपत्ति की क्षति तथा कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने से बचा जा सकता है। उपरोक्तानुसार पशुओं पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से घटित गंभीर सड़क दुर्घटना का माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी डब्लूपी (पीआईएल) 58/2019 में संज्ञान लिया जाकर राज्य शासन से जवाब चाहा गया है। इस प्रकार सड़क पर एकत्रित आवारा पशु न केवल आमजन के आवागमन में बाधक या सड़क दुर्घटना का कारण है अपितु प्रशासनिक समस्या भी बन चुका है। जिसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार इन आवारा पशुओं के लापरवाह व गैर जिम्मेदार पशु मालिक है। पशु मालिकों का इस प्रकार गैर जिम्मेदाराना एवं लापरवाहीपूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत तथा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11 (1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है।
उपरोक्त वर्णित तथ्यों के प्रकाश में सभी तथ्यों पर विचार करने के उपरांत इस क्षेत्र में मानव, पशु जीवन, लोकहित, लोक सुरक्षा, कानून एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुझे यह समाधान हो गया है कि अनुविभाग डौण्डी के विभिन्न मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों में विभिन्न पशु मालिकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को स्वतंत्र रूप से छोड़े जाने से रोका जाना आवश्यक हो गया है। इनके द्वारा छोड़े गये पशुओं से मार्ग अवरूद्ध न हो एवं जन सामान्य, पशुओं की सुरक्षा तथा सुविधा के साथ-साथ आपातकालीन एवं अत्यावश्यक सेवा के निर्बाध व शांतिपूर्ण ढंग से संचालन तथा कानून व्यस्था की दृष्टि से इस क्षेत्र को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने जारी आदेश में कहा है कि उपरोक्त तथ्यों से संतुष्ट होते हुए आमजन पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु तथा जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 अंतर्गत यह आदेश पारित करता हूँ कि अनुविभाग अंतर्गत सभी पशु मालिक अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे। इन पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से नहीं छोड़ेंगे ना एकत्रित होने देंगे अन्यथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत सजा एवं जुर्माना से दण्डित किया जावेगा साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।
चूंकि इस आदेश को पारित करने के पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई का तथा साक्ष्य प्राप्त करने का अवसर दिया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश आज 31 जुलाई 2025 को एकपक्षीय पारित किया जा रहा है, जो आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात
छत्तीसगढ़ में सात हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं को जल्द मिलेगी वित्तीय स्वीकृति
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यों की वित्तीय स्वीकृति को शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।
इसके साथ ही केंद्रीय सड़क निधि के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ होगा।
रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सड़क योजनाएं की प्लानिंग में अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। श्री गडकरी ने रायपुर-आरंग-बिलासपुर-दर्री के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर जल्दी बनाने के लिए आदेशित किया, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, समृद्धि एक्सप्रेसवे का विस्तार रायपुर तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा कुछ ज़रूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियानों व उपलब्धियों की दी जानकारी
नई दिल्ली/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से सौजन्य भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के समग्र विकास, माओवादी चुनौती से निपटने की रणनीति सहित विभिन्न विषयों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री को माओवादी विरोधी अभियानों की उपलब्धि एवं भविष्य की कार्ययोजना से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में पिछले डेढ़ वर्षों में उल्लेखनीय सफलता मिली है। दिसंबर 2023 से अब तक 33 बड़ी मुठभेड़ों में शीर्ष माओवादी नेताओं सहित 445 माओवादी न्यूट्रलाइज़ किए गए हैं। वहीं, 1554 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, एवं 1588 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार की “समन्वित विकास और सुरक्षा” नीति के तहत माओवादी प्रभाव को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन प्रयासों से न केवल माओवादी प्रभाव कम हुआ है, बल्कि स्थानीय समुदायों में प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की माओवाद उन्मूलन हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने माओवादी उन्मूलन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक बताया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का वादा किया।
बैठक में छत्तीसगढ़ के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले अमृत रजत महोत्सव 2025 की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इस आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता, और आर्थिक उपलब्धियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने बस्तर के विकास और सुरक्षा में सहयोग और मार्गदर्शन पर श्री शाह को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ को खेल और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ देने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण पहल हुई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, युवा कार्य एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया से नई दिल्ली में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान बस्तर ओलंपिक को इस वर्ष से "खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स" के रूप में आयोजित करने की सहमति प्रदान की गई। यह निर्णय न केवल जनजातीय युवाओं की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेल संस्कृति को भी वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने रायपुर और बिलासपुर में 220-बेड के मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा, जिससे राज्य को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इस पर केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र ही इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेकर आवश्यक स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारंभ करेगी।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान का क्षेत्रीय केंद्र छत्तीसगढ़ में स्थापित करने तथा राज्य में खेल अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए नए स्टेडियम एवं प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की माँग भी रखी। केंद्रीय मंत्री ने इन विषयों पर भी शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह एवं मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत भी उपस्थित थे।
1 नवंबर को ‘अमृत रजत महोत्सव’ में प्रधानमंत्री मोदी को दिया न्यौता
नई दिल्ली/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर 2025 को रायपुर में आयोजित अमृत रजत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की भावी योजनाओं, विकास की प्राथमिकताओं और जनकल्याण से जुड़े प्रमुख विषयों की जानकारी भी दी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ अमृत रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होगा और प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ‘अंजोर विज़न @2047’ दस्तावेज़ तैयार किया है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह विज़न दस्तावेज़ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, नवाचार और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सुधार और नवाचार-आधारित पहलों पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के “जन विश्वास अधिनियम 2023” से प्रेरणा लेते हुए राज्य में “जन विश्वास विधेयक 2025” पारित किया है, जिससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है और आम नागरिकों की पहुंच अधिक सुलभ एवं सहज बनी है।
राजधानी नवा रायपुर के सुनियोजित और तीव्र विकास हेतु गठित छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्राधिकरण के माध्यम से राजधानी क्षेत्र को एक आधुनिक, स्मार्ट एवं तेज़ी से विकसित शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को राज्य में औद्योगिक निवेश और रोज़गार सृजन के क्षेत्र में हो रही उल्लेखनीय प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लागू की गई नई औद्योगिक नीति 2024-30 के परिणामस्वरूप राज्य में निवेशकों की रुचि निरंतर बढ़ रही है। नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे उद्योगों की स्थापना सरल, त्वरित और पारदर्शी बनी है। 1000 से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने वाले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि नवंबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच अब तक 84 कंपनियों से कुल 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की नींव रखी जा चुकी है, और एआई डेटा सेंटर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इसी प्रकार, टेक्सटाइल, फार्मा, रेडीमेड गारमेंट और आईटी सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए छत्तीसगढ़ को तकनीकी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार मेडिसिटी और एडु सिटी जैसी दो नई महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं पर तेज़ी से कार्य कर रही है। रायपुर में विकसित की जा रही मेडिसिटी एक आधुनिक और उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब के रूप में पहचान प्राप्त होगी और व्यापक स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही पुनर्वास और विश्वास बहाली की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन की ओर लौटे हैं। इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का तीव्र विस्तार किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों में शासन के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात
छत्तीसगढ़ में सात हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं को जल्द मिलेगी वित्तीय स्वीकृति
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यों की वित्तीय स्वीकृति को शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।
इसके साथ ही केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ होगा।
रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सड़क योजनाएं की प्लानिंग में अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। श्री गडकरी ने रायपुर-आरंग-बिलासपुर-दर्री के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर जल्दी बनाने के लिए आदेशित किया, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, समृद्धि एक्सप्रेसवे का विस्तार रायपुर तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा कुछ ज़रूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बना छत्तीसगढ़ का पहला विशेष आवास
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार से प्राप्त 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति के अंतर्गत सुकमा जिले के ग्राम ओईरास, ग्राम पंचायत गादीरास की एक नक्सल पीड़ित परिवार की मुखिया श्रीमती सोडी हुंगी पत्नी स्वर्गीय मासा सोडी को पक्का मकान मिल गया है। यह राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों एवं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत तैयार होने वाला पहला मकान है, जो न केवल सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि पीड़ित परिवार के पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर भी है।
श्रीमती सोडी हुंगी, वर्ष 2005 में नक्सलियों के हिंसा की शिकार हुईं, जब उनके पति मासा सोडी की मुखबिरी के संदेह में धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। अत्यंत गरीब यह परिवार वर्षों तक कच्चे घर में रहने को मजबूर था, जहां बरसात में टपकती छत और जहरीले कीड़े-मकोड़ों से जान का खतरा बना रहता था।
ग्राम पंचायत गादीरास द्वारा वर्ष 2024-25 में विशेष परियोजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पात्र पाए जाने पर श्रीमती सोडी हुंगी का नाम प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर हितग्राही के खाते में चरणबद्ध रूप से तीन किश्तों में कुल 1 लाख 35 हजार की राशि जारी की गई। शासन की पारदर्शी प्रक्रिया, तकनीकी मार्गदर्शन और समय-समय पर की गई निगरानी के चलते 8 जुलाई 2025 को आवास निर्माण कार्य पूरा हुआ, जिसमें श्रीमती सोडी हुंगी अब अपने परिवार के साथ रहने लगी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ श्रीमती सोडी हुंगी को अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हुआ है, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति, मनरेगा के तहत 90 दिवस की मानव मजदूरी का भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शामिल है।
श्रीमती सोडी हुंगी के बेटों ने कहा कि हमारा परिवार आज सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी पा रहा है। यह सब जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत संभव हुआ है। हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं केंद्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास हेतु इतनी संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में आवास निर्माण की यह विशेष परियोजना एक ठोस कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा नक्सल पीड़ित एवं आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति प्रदान की गई है। पीड़ित परिवारों के लिए आवासों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। सुकमा जिले में कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिले में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य तेजी से जारी है।