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जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को देश-दुनिया के सामने लाने के उद्देश्य से आज जगदलपुर में “कनेक्ट बस्तर” का भव्य शुभारंभ हुआ। यह अनूठी पहल पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उद्घाटन समारोह का शुभारंभ पारंपरिक स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में किरण सिंह देव (विधायक), वेद प्रकाश पाण्डेय (बीजेपी जिला अध्यक्ष), रूप सिंह मंडावी (पूर्व जिला अध्यक्ष) सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
समारोह में समिति द्वारा चयनित वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसके साथ ही विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आधारित विशेष पैकेज और एक ब्राउज़र प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया गया, जिससे पर्यटक बस्तर की खूबसूरती को डिजिटल माध्यम से आसानी से खोज सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान कही गई अहम बातें वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा,
“बस्तर क्षेत्र केरल से बड़ा है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। वर्ष 2026 तक इस क्षेत्र को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य है। पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करके स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।”
विधायक किरण सिंह देव ने कहा,“‘कनेक्ट बस्तर’ बस्तर के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे गाँवों के लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी।”
इस कार्यक्रम के प्रमुख आयोजकों में सीसीएफ सुश्री स्टायलो मंडावी, नवीन कुमार (निदेशक, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान) और उत्तम गुप्ता (डीएफओ बस्तर वनमंडल) रहे। कार्यक्रम का समापन भूषण साहू, डिप्टी एमडी, बस्तर वन मंडल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
‘कनेक्ट बस्तर’ के प्रमुख उद्देश्य
पर्यटन बढ़ावा: बस्तर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना।
सांस्कृतिक संवर्धन: बस्तर की लोकसंस्कृति, लोकनृत्य, संगीत, हस्तशिल्प और त्योहारों को बढ़ावा देना।
स्थानीय रोजगार: होमस्टे, गाइडिंग, हस्तशिल्प और पर्यटन से जुड़े रोजगार के अवसर सृजित करना।
प्रकृति एवं वन्यजीव संरक्षण: पर्यटकों में पारिस्थितिकी और जैव विविधता संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक अनुभव: झरनों, गुफाओं, मंदिरों और बस्तर की पारंपरिक जीवनशैली का अनुभव कराना।
‘कनेक्ट बस्तर’ पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक पहचान और पारिस्थितिक संरक्षण को भी नई ऊँचाई प्रदान करेगी।
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