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बिलासपुर / शौर्यपथ / अपनी पसंद का मकान बनाने सिर के ऊपर छत का सपना देखना इन दिनों जोखिम भरा हो गया है। लिंगियाडीह क्षेत्र में दर्जनों ऐसे भूस्वामी घूम रहे हैं जिनके हाथ में रजिस्ट्री के पेपर तो हैं किंतु कई साल के प्रयास के बाद मकान हाथ नहीं आया है यदि समय रहते मसला नहीं सुलझा तो वह दिन भी दूर नहीं जब रजिस्ट्री में उल्लेखित 1000,1500 स्क्वायर फीट की जमीन से भी हाथ धोना पड़ेगा इस पूरे खेल में जमीन दलाल ने बड़े शातिर तरीके से प्लॉट के खरीददारों को उलझाया है जमीन जिसकी रजिस्ट्री हुई उसका भूस्वामी कोई और है । क्रेता अधिकतर रेलवे में काम करते हैं और ठेकेदार ने प्लॉट खरीदने वालों से मकान बनाने का इकरार किया है । पीड़ित के बताए अनुसार पूरी कहानी कुछ इस तरह नजर आती है प्रभात पासवान जो कि रेलवे में नौकरी करते हैं बिलासपुर में ही घर बनाना चाहते थे टिकरापारा निवासी नीतीश गोले एक परिचित के माध्यम से चर्चा में आया और उसने लिंगियाडीह क्षेत्र में अपोलो अस्पताल के पीछे कुछ जमीने दिखाई और कहा कि अंदर प्लॉट खरीदने के लिए कुछ लोग तैयार हैं कुछ को आप ढूंढ ले, 12 से 15 मकानों की एक कॉलोनी जो पूरी तरह से बाउंड्रीवॉल से घिरी होगी बन जाएगी मैं सबके लिए उनकी इच्छा अनुसार निर्माण कार्य करा दूंगा । नक्शा पास कराने, डायवर्सन कराने की जिम्मेदारी भी नीतीश गोले ने ली खसरा नंबर 75 के बटांकन 10, 11, 15, 16 में भूस्वामी नरेश कुमार चेलाराम है। प्रभात पासवान सहित कई लोगों ने गोले के कहने पर जमीन क्रय कर ली भूमि विक्रेता नरेश कुमार और क्रेता भिन्न-भिन्न किंतु सभी का मकान बनाकर देने की जिम्मेदारी नीतीश गोले की थी रजिस्ट्री हो जाने के बाद रिंकू कुमारी पति प्रभात पासवान का नीतीश गोले से अनुबंद हो गया और 21 अक्टूबर 2019 के अनुबंध के मुताबिक 9 महीने में नीतीश गोले 38,00000 रुपए में मकान बनाकर देने को तैयार हो गया। साथ में उसने रिंकू कुमारी से 500000 रुपये चेक के माध्यम से प्राप्त भी किया । अब 2022 है और रिंकू कुमारी को मकान आज तारीख तक बन कर नहीं मिला है। जब कभी भी वे नीतीश गोले से मकान बनाकर देने को कहते हैं वह इधर उधर की बात करता है प्लॉट के धारक ने यहां तक प्रस्ताव किया कि वह अपनी जमीन पर स्वयं की बोरिंग करा लेगा और मकान बना लेगा किंतु यहां एक नया पेंच है पूरी जमीन एक बड़ी बाउंड्रीवॉल से घिरी है और दरवाजे पर हमेशा ताला लगा रहता है इस बड़े बाउंड्रीवॉल के अंदर ही कई के प्लॉट हैं उन्हीं में से एक प्लॉट रिंकू कुमारी का भी है ऐसे में भूमि स्वामी अपने प्लॉट पर ही नहीं जा सकता उल्टे दलाल लोग यह दबाव बनाते हैं कि आप अपनी जमीन हमको वापस भेज दो हमें यहां पर अब किसी का मकान बनाकर नहीं देना है । इस तरह सरकारी नौकरी करने वाले मध्यम वर्गीय जो बैंक से लाखों रुपए लोन लेकर प्लॉट खरीद लेते हैं और उस पर मकान बनाने का ठेका देते हैं बीच में ही फस जाते हैं मकान नहीं मिला किंतु प्लॉट खरीदने के लिए जो लोन लिया था उसकी रिकवरी अब वेतन से हो रही है और प्लॉट पर चाहते हुए भी प्लाट धारक भूस्वामी जा भी नहीं सकता जिस जमीन पर क्रेता पहुंच ही नहीं सकता है उसे वह दुबारा किसी को बेज भी नहीं सकता है । इस तरह बिलासपुर में एक नई तरीके से दबाव बनाने का कहानी बाहर आता है जिसमें कई क्रेता ऐसे हैं जिनके प्लॉट किसी बड़ी जमीन के भीतर बाउंड्रीवॉल बनाकर बंधक बना लिए गए हैं और मकान बनाकर देने का इकरार करने वाला ना तो मकान बना कर देता है ना ही जमीन को बेचने देता है। प्लॉट पर पहुंचने का तो सवाल ही नहीं उठता क्योंकि क्वांडरीवॉल पर ताला किसका है यह किसी को नहीं पता।
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