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नई दिल्ली/शौर्यपथ / संसद में गतिरोध को लेकर गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों से आठ सवाल पूछने के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने आज 13 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट किया, इसमें इन मंत्रियों के 'बॉस' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा गया गया. ओ'ब्रायन ने ऐलान किया,'योर टाइस स्टार्ट्स नाउ (आपका समय अब शुरू होता है.)' टीएमसी सांसद ने राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्र को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की अपनी सूची बनाने की इजाजत देने के लिए संवैधानिक विधेयक पारित किए जाने के दौरान राज्यसभा से गैरमौजूदगी को लेकर पीएम से सवाल पूछा है.
ओ'ब्रायन ने कहा कि संसद गतिरोध के मामले में केंद्रीय मंत्रियों से सवाल पूछने के 24 घंटों के बाद भी जवाब नहीं मिला है. टीएमसी नेता ने कहा, 'उन्होंने (केंद्रीय मंत्रियों ने) मेरे आठ में से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. मुझे हैरानी नहीं हुई है क्योंकि उनके पास इन आठ सवालों के जवाब नहीं हैं. अब उनके 'बॉस' को आजमाते हैं. आइए इसे आसान बनाने के लिए कुछ चित्रमय क्लू देते हैं. ' पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए टीएमसी सांसद ने कहा, 'आपसे एकसीधा सवाल यह है ' 'पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा संविधान संशोधन बिल पर वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद थे. संवैधानिक बिल, ओबीसी बिल को लेकर छह राउंड की वोटिंग हुई, यह बेहद महत्वपूर्ण थी.' ओ'ब्रायन ने कहा, 'श्रीमान प्रधानमंत्री (मिस्टर प्राइम मिनिस्टर) आप संसद से नदारद क्यों थे? आप संसद की अनदेखी क्यों कर रहे हैं? आप कहां थे मिस्टर प्राइम मिनिस्टर? आप संसद का मजाक बना रहे हैं. आप और आपकी सरकार लोगों के लिए जवाबदेह है, लोगों के प्रतिनिधियों के प्रति जवाबदेह है, संसद के प्रति जवाबदेह है. हमें जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है. आठ मंत्री जवाब नहीं दे सके, प्राइम मिनिस्टर योर टाइम स्टार्ट्स नाउ.'
गौरतलब है कि विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही समय से पहले खत्म करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के सात मंत्रियों ने गुरुवार को मोर्चा संभाला था. इन मंत्रियों ने कहा था कि विपक्ष को अपने विघटनकारी और धमकीभरे व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए, इसके कारण संसद के मॉनसून सत्र को तय तिथि के दो दिन पहले ही खत्म करने पर मजबूर होना पड़ा.' केंद्र सरकार के सात मंत्रियों ने पक्ष रखते हुए विपक्षी पार्टियों के इन आरोपों को सिरे से नकारा कि आउटसाइडर्स, जो संसद सुरक्षा का हिस्सा नहीं थे, को महिला संसदों सहित विपक्षी नेताओं के साथ 'हाथापाई' करने के लिए लाया गया.उन्होंने अराजकता को विपक्ष का एजेंडा बताया था. सरकार की ओर से कहा गया था कि हंगामे के साथ साथ मंत्रियों के बयान को फाड़ा तक गया.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़कों से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था. जो कुछ भी हुआ, वह शर्मसार करने वाला था. उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने सरकार को एक ड्यूटी दी है यह है उनकी समस्याओं के समाधान की लेकिन हम सबने देखा कि किस तरह विपक्ष ने संसद में कामकाज नहीं होने दिया. घडि़याली आंसू बहाने के बजाय विपक्ष को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए और देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है:
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