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नई दिल्ली / अमरीकी राजनयिक चीन के दक्षिणी-पश्चिमी शहर चंगडू स्थित अमरीकी महावाणिज्य दूतावास को छोड़कर निकल गए हैं. दरअसल चीन ने इस मिशन को बंद करने का फ़ैसला लिया था और यहां के अमरीकी राजनयिकों को सोमवार सुबह तक जाने की डेडलाइन दी थी. डेडलाइन ख़त्म होने के कुछ घंटों पहले कर्मचारियों को बक्से की फाइलें और कूड़े के बैग ले जाते हुए देखा गया.
इस बीच स्थानीय लोगों की भीड़ बाहर जमा हो गई. कई लोग चीन के झंडे लहरा रहे थे और सेल्फी ले रहे थे. चीन ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर अमरीका का ये महावाणिज्य दूतावास बंद किया है, क्योंकि अमरीका ने पिछले हफ़्ते टेक्सस के ह्यूस्टन स्थित उसके दूतावास को बंद कर दिया था. ह्यूस्टन मिशन को छोड़ने की 72 घंटे की डेडलाइन शुक्रवार को ख़त्म हो गई थी. जिसके बाद पत्रकारों ने अमरीकी अधिकारी लग रहे कई आदमियों को चीनी दूतावास में के दरवाज़े जबरन खुलवाते हुए देखा.
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमरीका ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि चीन "बौद्धिक संपदा" चुरा रहा था.
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता वांग वेनबिन ने जवाब देते हुए कहा कि ये अमरीकी कदम "चीन-विरोधी झूठ के घालमेल" पर आधारित है. इन दो परमाणु शक्तियों के बीच कई मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का प्रशासन व्यापार और कोरोना वायरस महामारी के मुद्दे पर चीन से बार-बार उलझत रहा है.अमरीका ने हॉन्ग कॉन्ग में चीनी की ओर से विवादित नए सुरक्षा क़ानून लागू करने का विरोध भी किया है.
चंगडू में नया क्या हुआ है?
चीन का सरकारी मीडिया अमरीकी महावाणिज्य दूतावास से बाहर निकलती बड़ी गाड़ियों की तस्वीरें दिखा रहा है और इन तस्वीरों में ये भी दिख रहा है कि कर्मचारी इमारत से राजनयिक प्रतीक चिन्ह हटा रहे हैं. बाहर दर्जनों चीनी पुलिसकर्मी हैं, जो वहां खड़े लोगों को हटने की अपील कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह के उकसावे की स्थिति ना बने. हालांकि समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के मुताबिक़, रविवार को जब काली फ़िल्म चढ़ी खिड़कियों वाली बस इमारत से निकली तो हूटिंग की आवाज़ें सुनी गईं. पिछली बार जब चीनी राजनयिक ह्यूस्टन स्थित अपने मिशन से निकले थे तो वहां प्रदर्शनकारियों ने उन्हें चिढ़ाया था. चंगडू का अमरीकी महावाणिज्य दूतावास 1985 में बनाया गया था जिसमें 200 से अधिक लोग काम करते थे और ये रणनीतिक रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह तिब्बत के क़रीब था.
अपने उद्योगों और बढ़ते सर्विस सेक्टर की वजह से चंगडू को अमरीका कृषि उत्पादों, कारों और मशिनरी के निर्यात के अवसर देने वाली जगह के रूप में देखता था. इस महावाणिज्य दूतावास के बंद हो जाने के बाद चीन में अमरीका के चार दूतावास बचेंगे और राजधानी बिजिंग में उसकी एक एम्बेसी है. वहीं हॉन्ग कॉन्ग में भी अमरीका का एक महावाणिज्य दूतावास है. चीन ने पिछले हफ़्ते ह्यूस्टन स्थित अपना दूतावास खो दिया था. हालांकि अभी भी अमरीका में उसके चार अन्य महावाणिज्य दूतावास हैं और राजधानी वॉशिंगटन डीसी में एक एम्बेसी है.
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