
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
सरकार ने सेना में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा तो कर दी लेकिन ये योजना सरकार की परेशानी का सबब बन गई. देशभर में अग्निपथ योजना को लेकर हिंसका प्रदर्शन शुरू हो चुका है. ऐसे में सरकार ने हाल ही में युवाओं का आक्रोश शांत करने के लिए कुछ नए फैसले लिए हैं. 'सरकार की नई घोषणा के मुताबिक रक्षा मंत्रालय में नौकरी के लिए अग्निवीरों' को 10% आरक्षण मिलेगा.
रक्षा मंत्रालय ने अपने मंत्रालय के तहत होने वाली भर्तियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से भी इस फैसले को मंजूरी मिल गई है. इससे पहले 'अग्निवीरों' को CAPF और असम राइफल्स में 10% आरक्षण देने का फैसला किया गया है. इसी के साथ अभ्यर्थियों को आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया गया. गृहमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है.
गृहमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकांउट से लिखा कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी.
थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष ‘अग्निपथ' योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर' सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की थी. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ' योजना की मंगलवार को घोषणा की थी.
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.