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नई दिल्ली / शौर्यपथ /कर्नाटक में एक बार फिर से भाजपा के नेता अपनी ही सरकार से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। बलात्कार के आरोपी लिंगायत महंत के खिलाफ पॉक्सो मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एच विश्वनाथ ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वह इस मामले में पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे।
कर्नाटक के एमएलसी ने बुधवार को कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र से भी मुलाकात की और उन्होंने आरोपी महंत मुरुघा शिवमूर्ति शरणारू के साथ-साथ जिला प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करने को कहा था। भाजपा नेता ने कहा, "यदि गृह मंत्री ज्ञानेंद्र को कोई शर्म है तो वह आरोपी साधु के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। जिला प्रशासन और चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।"
कर्नाटक भाजपा नेता ने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे। एमएलसी ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा के लिए सभी इनपुट के साथ एक विस्तृत पत्र लिखूंगा।" विश्वनाथ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी राजनीतिक नेता इस घटना के बारे में बात नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा, "कोई भी राजनेता, विपक्षी नेता, सामाजिक वैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक अपना मुंह नहीं खोल रहा है। सब कुछ राजनीतिक रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि उन्हें वोट खोने का डर है। आप सिर्फ वोट के लिए नाबालिगों से बलात्कार के आरोपी का समर्थन कर रहे हैं। सिद्धारमैया, एक प्रमुख विपक्षी दल के नेता हैं लेकिन वे चुप हैं, पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा आरोपी का बचाव कर रहे हैं, वर्तमान सीएम मुद्दे को ठीक से नहीं संभाल रहे हैं, गृह मंत्री समर्थक की तरह बयान दे रहे हैं, क्या हो रहा है।"
कर्नाटक एमएलसी ने आगे दावा किया कि यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, "पॉक्सो अधिनियम एक मजबूत कानून है, और इसे 2012 में नाबालिग लड़कियों को यौन उल्लंघन से बचाने के लिए लाया गया था। इसके तहत, 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन, यहां शिकायत दर्ज होने के चार दिनों के बाद भी, कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके बजाय उन्हें सम्मानपूर्वक उनके मठ में वापस लाया गया।"
विश्वनाथ ने यह भी कहा कि आरोपी महंत को पद छोड़ देना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, "आरोपी महंत को मठ महंत के पद से अस्थायी रूप से इस्तीफा देना चाहिए और नाबालिग लड़कियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के हित में कानूनी कार्रवाई के लिए सहयोग करना चाहिए। मैं आरोपी महंत को जानता हूं, और अगर वह साफ निकलते हैं, तो समाज उनका और अधिक सम्मान करेगा।”
इससे पहले मंगलवार को चित्रदुर्ग में जिला सत्र न्यायालय ने मुरुघा मठ के मुख्य महंत की अग्रिम जमानत याचिका को एक सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था। नाबालिग लड़कियों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद चित्रदुर्ग में प्रभावशाली मुरुगा मठ के महंत के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। चित्रदुर्ग में मुरुघा मठ के शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के अनुसार, लड़कियों के साथ दो साल से अधिक समय तक दुर्व्यवहार किया गया।
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