
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
नई दिल्ली / शौर्यपथ /तेलंगाना में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। एक महीने पहले राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में तेलंगाना विधानसभा की ओर से पारित सात विधेयक को राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है। सातों विधेयक राज्यपाल के पास लंबित हैं। ऐसा यह पहला मौका नहीं है जब गैर बीजेपी शासित राज्य विधेयकों के पास होने पर राज्यपाल पर देरी करने का आरोप लगा चुके हैं। इससे पहले केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी राज्यपाल पर बिल को मंजूरी नहीं देना का आरोप लगा चुके हैं।
दरअसल, 14 सितंबर को, तेलंगाना विधानसभा ने राज्य के 15 विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों के लिए एक सामान्य भर्ती बोर्ड के गठन सहित आठ विधेयकों को पारित किया, जिसके लिए राज्यपाल चांसलर हैं। इन आठ विधेयकों में से, तमिलिसाई ने केवल एक विधेयक - तेलंगाना माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दी, जो केंद्रीय वित्त मंत्री की जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कुछ और वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की बात कहता है।
शामिल हैं कई अहम विधेयक
मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया है कि बाकी सात विधेयक अभी भी राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए लंबित हैं। सात विधेयकों में विश्वविद्यालय तेलंगाना विधेयक 2022, आजमाबाद औद्योगिक क्षेत्र (पट्टे की समाप्ति और विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2022, तेलंगाना नगर कानून (संशोधन) विधेयक-2022, तेलंगाना सार्वजनिक रोजगार (अधिवर्षिता की आयु का विनियमन) ( संशोधन) विधेयक 2022, तेलंगाना मोटर वाहन कराधान (संशोधन) विधेयक 2022 और तेलंगाना राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) संशोधन विधेयक भी शामिल है।
विधानसभा में पारित होने के अगले ही दिन राजभवन भेज दिया गया था
उन्होंने बताया कि विधानसभा में पारित होने के अगले ही दिन राज्यपाल की मंजूरी के लिए इन बिलों को राजभवन भेज दिया गया था। आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर राज्यपाल बिलों पर हस्ताक्षर कर देते हैं और राजभवन से फाइल वापस भेज दी जाती है। यह एक नियमित प्रथा है, लेकिन इस बार राज्यपाल ने केवल एक विधेयक को मंजूरी दी है और बचे सात विधेयकों को अभी तक लंबित रखा गया है।
आरोपों पर क्या बोला राजभवन?
विधेयक लंबित पड़े होने के आरोपों के बारे में जानने के लिए जब राजभवन से संपर्क किया गया तो एक सीनियर अधिकारी ने मंजूरी में देरी पर अनभिज्ञता जाहिर की। हालांकि, उन्हें कहा कि राज्यपाल उचित निर्णय लेने से हर फाइल को देखेंगी। अधिकारी ने आगे कहा, विधेयकों को पारित करने में विधायी क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन उन्हें विधेयक को मंजूरी देने से पहले पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई कानूनी अड़चने न आएं।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.