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नई दिल्ली / शौर्यपथ / सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक होने वाली है जिसे लेकर सूत्रों के हवाले से महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में वो पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगी. सूत्रों ने बताया है कि सोनिया गांधी ने पार्टी के अन्य नेताओं से नया अध्यक्ष ढूंढने को कहा है. पार्टी के 20 से ज्यादा नेताओं ने चि_ी लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. चि_ी लिखने वालों में आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, विवेक तनखा, पृथ्वीराज च्वहाण, वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, भूपेंद्र हुड्डा, राज बब्बर, मनीष तिवारी, मुकुल वासनिक समेत कई पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हैं.
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कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रही चर्चा के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक सोमवार को सुबह 11 बजे आरंभ होगी.
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक मुद्दों, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोरोना वायरस संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक उस वक्त हो रही है जब अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी एक साल की अवधि पूरा कर चुकी हैं. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उन्हें अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कांग्रेस के कई नेता खुलकर यह मांग कर चुके हैं कि एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपी जाए. हाल ही में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कांग्रेस के 100 फीसदी कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल गांधी फिर से पार्टी का नेतृत्व करें.
हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का कहना है कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का बनना चाहिए. फिलहाल कांग्रेस में इस समय काफी उहापोह की स्थिति है क्योंकि सिर्फ रणदीप सुरजेवाला ही नहीं, शशि थरूर सहित कई नेता इस मुद्दे पर मीडिया में बयान में दे चुके हैं.
कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व की दलीलें पेश करने वाले वर्ग का विरोध भी शुरू हो गया है और पार्टी के सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की मांग की है. टैगोर ने सीडब्ल्यूसी के 2019 के निर्णय का हवाला देते हुए कहा, ''गांधी बलिदान के प्रतीक हैं. कांग्रेस सीडब्ल्यूसी का निर्णय बहुमत का फैसला था, जो एआईसीसी के 1100, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के 8800 सदस्यों, पांच करोड़ कार्यकर्ताओं और 12 करोड़ समर्थकों की इच्छा का परिचायक था और ये लोग राहुल गांधी को अपने नेता के रूप में चाहते हैं.ÓÓ
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले पार्टी के कुछ नेताओं के कदमों का विरोध करते हुए कहा है कि इस तरह का मुद्दा उठाने का यह समय नहीं है. सिंह ने एक बयान में कहा कि देश के संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बर्बाद कर रहे भाजपा नीत राजग के खिलाफ आज मजबूत विपक्ष की जरूरत है.
अध्यक्ष पद के लिये चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस के अंदर से उठती आवाजों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि पार्टी को चुनावों की जगह सर्वसम्मति को एक मौका देना चाहिए. खुर्शीद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का "पूर्ण समर्थन" और "भरोसा" हासिल है और इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनपर अध्यक्ष का ठप्पा है या नहीं.
सीडब्ल्यूसी ने 2019 में सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया था क्योंकि राहुल ने इस पर बने रहने की सीडब्ल्यूसी की सर्वसम्मत अपील मानने से अस्वीकार कर दिया था.
टैगोर के अलावा तेलंगाना के पूर्व सांसद और पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी सचिव चल्ला वामसी चंद रेड्डी ने भी राहुल गांधी को 'अब और बिना किसी देरी केÓ कांग्रेस अध्यक्ष बनाने जाने की मांग की है. रविवार को सीडब्ल्यूसी को भेजे पत्र में रेड्डी ने कहा कि राहुल की पार्टी प्रमुख के रूप में बहाली में देरी की कीमत पार्टी को चुकानी होगी.
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