August 05, 2025
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भूमि विवाद माना जा रहा पत्रकार रतन की हत्‍या की वजह, तीन साल पहले बड़े भाई का भी हुआ था कत्‍ल

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लखनऊ / शौर्यपथ / यूपी के बलिया जिले में एक निजी न्‍यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई. पत्रकार को गांव के प्रधान के घर बुलाकर लाठी-डंडों से जमकर पीटया और फिर गोली मार दी गई. मामले में नामजद 10 आरोपियों में से 6 पकड़े गए हैं, इलाके के थाना इंचार्ज को सस्‍पेंड कर दिया गया है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पत्रकार के परिवार के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है.बेटे की मौत पर पिता विनोद सिंह कहते हैं, 'हमारे दो लड़के थे, दोनों तीन वर्ष के अंतराल में गुजर गए.' उन्‍होंने कहा कि एक बूढ़े बाप के लिए इससे बड़ा सदमा क्‍या होगा कि उसके दो जवान बेटे दो साल के अंदर कत्‍ल कर दिए जाएं.कत्‍ल की वजह बनी सड़क के किनारे की उनकी जमीन.
आरोप है कि गांव के प्रधान के भाई सोनू सिंह बुलाकर रतन सिंह को घर ले गए, वहां पहले लाठी-डंडों से पीटा फिर तीन गोली मारी गईं. पिता विनोद सिंह कहते हैं, उस लड़कों को 10 आदमी घेर करके लाठियों से पीटने लगे. उसने तुरंत थाना इंचार्ज शशिमौली को फोन किया. शशिमौली वहां गए और फिर तुरंत गाड़ी बैक करके थाने चले गए. अगर वे वहां रुक गए होते तो घटना नहीं होती. हमारा लड़का बच जाता. गौरतलब है कि बलिया के एक मुख्‍य मार्ग पर रतन सिंह के परिवार की जमीन के लिए आरोपियों से उनका 4-5 साल से विवाद चल रहा था लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि इसके लिए रतन सिंह की हत्‍या हो सकती है. तीन साल पहले रतन के बड़े भाई की भी हत्‍या हो गई थी.

रतन सिंह के चाचा कौशल कुमार कहते हैं, 'कम से कम चार-पांच साल से पहले से विवाद चल रहा था, जमीन मेन रोड पर थाने के बगल में है. उसी जगह हम लोगों की जमीन महर्षि अरविंद इंटर कॉलेज के नाम से कब्‍जा कर लिए थे. उसी जमीन के लिए बड़े भाई को मरवा दिया गया. पत्रकार की हत्‍या की यूपी में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, लोगों ने रास्‍ता जाम करके प्रदर्शन किया. यूपी कांग्रेस अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू लखनऊ से फौरन बलिया रवाना हुए उन्‍हें रायबरेली में पुलिस ने रोक दिया.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, '19 जून - शुभममणि त्रिपाठी की हत्या,20 जुलाई - विक्रम जोशी की हत्या, 24 अगस्त- श्री रतन सिंह की हत्या, बलिया, पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या, 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते FIR. यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतन्त्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.'मामले को लेकर बलिया के एडीशनल एसपी संजय यादव ने कहा कि घटना के संबंध में रात में अभियोग पंजीकृत किया गया है, जिसमें 10 नामजद अभियुक्‍त है, इसमें से पुलिस ने दबिश देकर छह को गिरफ्तार किया है. शेष की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं. शेष बचे आरोपियो भी जल्‍द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

 

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