July 22, 2025
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योग /शौर्यपथ / दुनियाभर में 10 अक्टूबर का दिन वर्ल्ड मेंटल हेल्थ के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को दिमागी सेहत के प्रति जागरूक करना है। एक खुशहाल जीवन जीने के लिए व्यक्ति का दिमाग शांत होना बेहद जरूरी है। जिसमें योग अहम भूमिका निभा सकता है। रोजाना महज 15-20 मिनट योग करने से व्यक्ति अपने दिमाग को स्ट्रेस फ्री कर सकता है। आज इस खास मौके पर जानते हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में, जिन्हें रोजाना करने से आप रह सकते हैं फ्री।
भुजंगासन-
भुजंगासन या कोबरा पोज के नियमित अभ्यास से सेहत को काफी फायदा होता है। कमर या पीठ के दर्द से परेशान लोगों को फायदा पहुंचाने के साथ यह आसन शरीर में खून का संचार सही करने, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और कई अन्य तरह की समस्याओं के खतरे को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा शरीर को कई तरीकों से फायदा पहुंचाने वाला यह आसन पेट की चर्बी कम करने के साथ मानसिक शांति प्रदान करने में भी मदद करता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को जमीन पर अपनी छाती के बराबर रखते हुए सांस भरते हुए दोनों हाथों पर अपना वजन डालते हुए शरीर को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहें, ऐसा करते समय कमर से नीचे का हिस्सा जमीन से लगा होना चाहिए। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक खुद को होल्ड करें।
सेतुबंधासन
ब्रिज पोज को सेतुबंधासान के नाम से पहचाना जाता है। इस आसन के अभ्यास से भी न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग भी चुस्त-दुरुस्त रहता है। सुबह इस आसन को करने से व्यक्ति पूरा दिन चार्ज रहता है। सेतुबंधासन (Setu Bandhasana) एक ऐसा आसन है, जिसमें शरीर को “U” की आकृति में मोड़ना पड़ता है। इसमें शरीर एक पुल यानी ब्रिज की तरह लगता है। सेतुबंधासन को खाली पेट करना चाहिए। इसके साथ ही इसे सुबह के समय करना लाभदायक होता है। अगर आप इसे शाम को करने वाले हैं, तो ध्यान रहे कि इसे खाना खाने से 5 या 6 घंटे पहले करें। यह आसन पीठ के निचले हिस्से में दर्द और टखने, कूल्हे, पीठ, जांघों और कंधे की अकड़ को दूर करने में के लिए प्रभावी है। इसे करने के लिए सबसे पहले आपको योगा मैट पर पीठ के बल लेटना है। इसके बाद पैरों को घुटनों से मोड़कर दोनों पैरों पर वजन डालते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं। हाथों से चाहें तो पैर के पिछले हिस्से को पकड़ लें या फिर उंगली को आपस में फंसा लें। इस स्थिति में रहते हुए 15 से 20 बार सांस लें और छोड़ें।
उत्तानासन-
उत्तानासन की मदद से पीठ, हिप्स और टखनों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर अच्छे से स्ट्रेच भी होता है। इसके अलावा इस योगासन को करके आप अपने दिमाग को शांत करके तनाव से दूर रह सकते हैं। उत्तानासन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी गहरी सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से बॉडी को नीचे झुकाएं और हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में कम से कम 50 सेकेंड रुकने का प्रयास करें।


     आस्था /शौर्यपथ /शिव के विभिन्न रूपों में से एक महाकाल तीर्थ नगरी उज्जैन में विराजमान है। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती के समय मंदिर के कपाट दर्शन करने के लिए खोले दिए जाते हैं। महाकाल को उज्जैन का राजा भी कहा जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिव पुराण सहित कई अन्य ग्रंथों में मिलता है।

सबसे पहले महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। उसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। स्नान के बाद महाकाल का फूल, भस्म और माला से बेहद सुंदर श्रृंगार किया जाता है। शिव के इस अलौकिक स्वरूप का श्रृंगार बेहद मनमोहक होता है। महाकाल को रुद्राक्ष से बनी माला अर्पित की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भस्म आरती होने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिण मुखी है। दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज है इसलिए इस सभी ज्योतिर्लिंगो को विशेष महत्व दिया गया है। यमराज यानी काल का स्वामी इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहा जाता है।

उज्जैन के लोग महाकाल को अपना राजा मानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ काम करने से पहले महाकाल को निमंत्रण दिया जाता है। ऐसा करने से कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है और स्वयं महाकाल अपना आयोजन पर अपना आशीर्वाद देने आते हैं। महाकाल मंदिर में भस्म आरती निर्वाणी अखाड़ा के लोग करते हैं।

    ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / चेहरे से गंदगी हटानी हो या फेशियल हेयर्स को छुपाना हो, ज्यादातर महिलाएं इसके लिए ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं। ब्लीच एक फेमस ब्यूटी प्रोडक्ट है जिसे फेशियल और क्लीनअप से पहले इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। वैसे तो पार्लर में एक्सपर्ट्स इसे अपनी समझ से अच्छे से करते हैं लेकिन इसके दाम काफी ज्यादा होते हैं तो महिलाएं बाजार से किट लेकर आती हैं और घर पर इसे करना पसंद करती हैं। हालांकि, कई बार कुछ गलतियों के कारण चेहरे जल भी जाता है। करवाचौथ आने वाला है और इस खास दिन से पहले अगर आप ब्लीच करने वाली हैं तो यहां जानिए इसे करने का सही तरीका।  
घर पर ब्लीच करने का सही तरीका
1) चेहरा करें तैयार
फेस ब्लीच हो या फिर फेस पैक कुछ भी लगाने से पहले चेहरे को साफ करना बहुत जरुरी है। अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोएं, माइल्ड फेस वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2) ब्लीच क्रीम लगाएं
ब्लीच को अपने पूरे चेहरे पर बालों के बढ़ने की दिशा में लगाएं। अपने माथे, गाल और गर्दन मोटी लेयर,  आंखों के नीचे और नाक के आसपास इसे लगाने से बचें। होठों के ऊपर ब्लीच की एक बहुत पतली लेयर लगाएं और इसे पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धोएं।
3) त्वचा को आराम दें
ब्लीच के बाद अपनी स्किन को आराम देना जरूरी है। इसके लिए किसी सूदिंग फेस पैक का इस्तेमाल करें जो आपके चेहरे की जलन को शांत कर सके। आप घर पर भी फेस पैक बना सकती हैं।


 व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /करवाचौथ का पर्व बेहद नजदीक है। ऐसे में अगर आप इस करवाचौथ पूजा की थाली में पति का मुंह मीठा करवाने के लिए अपने हाथों से बनी कोई मिठाई रखना चाहते हैं तो जरूर ट्राई करें केसर पेड़ा की ये टेस्टी और आसान रेसिपी। केसर पेड़ा एक पारंपरिक मिठाई है जिसका स्वाद बच्चे हों या बड़े काफी पसंद करते हैं। इस रेसिपी की खासियत यह है कि यह किसी खास मौके पर बनाकर खाई जाती है। तो आइए रिश्तों में घोले मिठास और प्यार का रंग इस टेस्टी केसर पेड़ा रेसिपी के साथ।
केसर पेड़ा बनाने के लिए सामग्री-
-खोया – 2 कप
-दूध – 1 टेबलस्पून
-इलायची पाउडर – 1/4 टी स्पून
-चीनी – 1/2 कप
-केसर – 1/4 टी स्पून
केसर पेड़ा बनाने की विधि-
   केसर पेड़ा बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में खोया लेकर उसका अच्छी तरह चूरा कर लें। अब एक दूसरे बर्तन में केसर के धागे और 1 टेबलस्पून दूध डालकर घोल लें। अब कड़ाही को मध्यम आंच पर गर्म करके उसमें खोया डालकर लगभग 10 मिनट तक चलाते हुए पकाएं। जब मावा अच्छी तरह भुन जाए तो गैस बंद करके उसे थाली में फैला दें।
    जब मावा 15-20 मिनट बाद हल्का गर्म रह जाए तो उसमें इलायची पाउडर, केसर वाला दूध और स्वादानुसार चीनी डालकर अच्छी तरह सभी चीजों को एक साथ मिलाकर ढककर आधा घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। मावा को तय समय के बाद फ्रिज से निकालकर आटे जैसा गूंथ लें। अब मिश्रण को बराबर भागों में बांटकर उसे पेड़े का आकार दें। इसके बाद हर पेड़े पर एक-दो केसर के धागे रखकर हल्के हाथ से दबा दें। इसी तरह सारे पेड़े तैयार करके एक बार फिर ढककर फ्रिज में 4-5 घंटे के लिए रख दें ताकि पेड़े अच्छी तरह से जम जाएं। आपके टेस्टी केसर पेड़ा सर्व करने के लिए तैयार हैं।

खाना खजाना /शौर्यपथ / ज्यादातर लोग कच्चे केले की सब्जी बनाने के लिए केले का इस्तेमाल करते हैं और उसके छिलके कूड़ेदान में फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कच्‍चे केले के छिलके में केले से ज्‍यादा आयरन होता है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे में केले का भरपूर फायदा उठाने के लिए आज के बाद जब भी कच्चा केला बाजार से खरीदकर लाएं तो उसके छिलके फेंके नहीं बल्कि इसकी टेस्टी चटनी बना लें। जी हां ये चटनी खाने में इतनी स्वादिष्ट होती है कि आप धनिया-पुदीना की चटनी तक खाना भूल जाएंगे। तो आइए बिना देर किए जानते हैं कैसे बनाई जाती है केले के छिलके की चटनी।
कच्‍चे केले के छिलके की चटनी बनाने के लिए सामग्री-
-कच्‍चे केले के छिलके- 6
-कसा हुआ नारियल- 1/2 कप
-खसखस का पेस्‍ट- 3 टेबल स्‍पून
-हरी मिर्च- 6
-कलौंजी- 1 टेबल स्‍पून
-सरसों का तेल- 2 टेबल स्‍पून
-नमक- स्वादानुसार
कच्‍चे केले के छिलके की चटनी बनाने का तरीका-
     कच्‍चे केले के छिलके की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले कच्‍चे केले के छिलके लेकर उसमें एक चुटकी नमक डालकर तब तक उबालें जब तक यह थोड़ा नर्म न हो जाएं। लेकिन ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे ज्‍यादा नहीं उबालना है वरना इसका स्वाद बनने के बाद अच्छा नहीं होगा। उबालते समय पानी में सरसों की तेल की कुछ बूंदें भी डाल दें, ऐसा करने से बर्तन में दाग नहीं लगता है।
   अब इन उबले हुए छिलको को ठंडा करके इसमें कटी हुई हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल, खसखस का पेस्ट और एक चुटकी नमक डालकर मिक्सी में दो टेबल स्‍पून पानी के साथ ब्लेंड कर लें। अब इस पेस्ट को एक कटोरी में निकालकर हाथों से मसल लें। एक पैन में चटनी का तड़का तैयार करने के लिए कलौंजी डालें और इसमें बनी हुई चटनी को डालकर अच्‍छे से मिला लें। अगर आपको चटनी में तड़का नहीं लगाना है तो आप इस चटनी के ऊपर एक टेबल स्‍पून सरसों का तेल डालकर अच्‍छे से मिला लें। आपकी केले के छिलके से बनी चटनी बनकर तैयार है।

    ब्यूटी  टिप्स /शौर्यपथ /करवाचौथ पर हर महिला सबसे खूबसूरत दिखना चाहती है। इसके लिए कपड़ों से लेकर मेकअप तक हर चीज की खास तैयारी होती है। बालों आपकी पर्सनैलिटी का अहम हिस्सा होते हैं। इस मौके पर हेयरकेयर को कैसे इग्नोर किया जा सकता है। इसके लिए पार्लर में पैसे बर्बाद करने से बेहतर है आप घर पर स्पा ट्राई करें। होममेड मास्क और स्पा करके आप बेजान बालों को शाइनी और स्मूद बना सकती हैं। होममेड स्पा केमिकल फ्री होता है तो बालों को नुकसान नहीं होगा। ये ट्रीटमेंट आप बिना किसी ओकेजन के भी अपने बालों पर कर सकती हैं।
ऑलिव ऑइल स्पा
ऑलिव ऑइल (जैतून का तेल) अच्छा कंडीशनर होता है। यह बालों को हाइड्रेट करता है। ऑलिव ऑइल से स्पा करने के लिए बालों में अच्छी तरह से ऑलिव ऑइल की मसाज कर लें। अब एक बर्तन में पानी गरम करके बालों को 10 मिनट तक स्टीम दें। इसके बाद गुनगुने पानी में टॉवल भिगाकर निचोड़ लें। इसे बालों पर लपेट लें। ऐसे 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद बालों में शैंपू कर लें।  
ऐलोवेरा जेल स्पा
   फ्रेश ऐलोवेरा जेल लें। अगर आपके यहां पेड़ नहीं है तो बाजार का जेल ले सकती हैं। इसमें ऑलिव ऑइल या नारियल का तेल मिलाकर फेंट लें। बालों की पतली-पतली लट लेकर इससे अच्छी तरह मसाज करें। इसे बालों पर आधे घंटे के लिए लगा छोड़ दें। अब गुनगुने पानी में टॉवल भिगाकर बालों पर 10 मिनट लपेटें, इसके बाद शैंपू कर लें।
दही स्पा
     दही बालों के लिए काफी अच्छे कंडीशनर का काम करता है। दही में ऑलिव ऑइल या नारियल तेल मिलाकर फेंट लें। अगर बहुत गाढ़ा लग रहा हो तो इसमें थोड़ा दूध मिला सकती हैं। अब इसे भी बालों की पतली-पतली लटों पर लगा लें। आधे घंटे लगा रहने दें फिर शैंपू से धो लें।

       लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /क्या आपका बच्चा कुछ दिनों से अजीबो-गरीब हरकतें करने लगा है? अगर आपका जवाब हां है, तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि आपका बच्चा गलत संगत में पड़ गया हो। अक्सर बच्चे जब उम्र से पहले ही बड़े होने की कोशिश करते हैं, तो न सिर्फ उनका व्यक्तित्व और ग्रोथ दोनों ही खराब होती हैं बल्कि इससे बच्चा कई गलत आदतें भी सीख जाता है। ऐसे में आपको ध्यान देने की जरूरत है अगर बच्चे में ये बदलाव देखें, तो तुंरत बच्चों पर एक्सट्रा ध्यान देने की जरूरत है।
बच्चा अगर खुद को बार-बार शीशे में देखता है
बच्चा अगर खुद को शीशे में देखकर अपनी बॉडी, चेहरा या बालों पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहा है, तो इसका सीधा-सा मतलब यह है कि बच्चे के लुक पर किसी ने कमेंट किया है या फिर बच्चे पर किसी का असर पड़ रहा है।
बच्चा बड़ों की तरह बातें करें
बच्चा अगर बड़ों की तरह बात करने लगे या फिर बड़ी-बड़ी बातें करने लग जाए, तो आपको समझना होगा कि बच्चा बड़ों के बीच बैठकर उनकी बातें सुनता है। इस कारण से बच्चे पर ऐसी बातों का असर पड़ा है।
घरवालों की चुगली करना
बच्चे अगर ऐसी हरकत कर रहे हैं, तो आपको बच्चे पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि बच्चा अपने आसपास के माहौल को देखते हुए वैसी हरकतें ही कर रहा है। कई बार पेरेंट बच्चों को परिवार या पड़ोस में किसी की बात सुनने को कहते हैं, यह उसका नतीजा भी हो सकता है।
पैसे चुराना
बच्चों को अगर यह लत लग गई, तो फिर बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह खराब हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप जैसे ही इस बात को नोटिस करें। बच्चों को समझाने की कोशिश करें। आपको बच्चे से सख्ती से पूछना चाहिए कि यह आदत उसने कहां से सीखी है।
पेरेंट या भाई-बहन से बदतमीजी
बच्चा अगर पेरेंट या फिर भाई-बहन से बदतमीजी से पेश आ रहा है, तो आपको बच्चे से बात करके उसकी नाराजगी और गुस्से के बारे में जानना चाहिए। हो सकता है भलाई के लिए डांट-डपटने पर बच्चा इस बात को समझने की बजाय आपके लिए नाराजगी लेकर बैठा हो।

        सेहत टिप्स /शौर्यपथ/आप जो भी खाते हैं वह आपके शरीर में कैलोरी की मात्रा को बढ़ाता है। ऐसे में ज्यादा कैलोरी काउंट का मतलब है वजन का बढ़ना। हालांकि, आप किस तरह से खाते हैं यह भी आपके वजन घटाने की यात्रा में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। कुछ आदतें हैं जो हमारे मेटाबॉलिज्म को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं और वजन कम करने में हमारी मदद कर सकती हैं। आपके खाने के समय से लेकर आपके खाने के क्रम तक, छोटी-छोटी चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि आपका वजन बढ़ेगा या नहीं।
न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कुछ न्यूट्रीशन हैक्स शेयर किए हैं जो आपको हमेशा पतला रहने में मदद करेंगे।
खाने के साइज का ध्यान रखें
पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा का कहना है कि आपके भोजन का साइज सूर्योदय से सूर्यास्त तक कम होना चाहिए। आदर्श रूप से नाश्ते का साइज बड़ा, दोपहर का खाना छोटा, और रात का खाना सबसे छोटा होना चाहिए।
खाने के 45 मिनट पहले या बाद में लिक्विड पिएं
पोषण विशेषज्ञ की मानें तो खाने के बाद कभी भी लिक्विड न पिएं। खाने के 45 मिनट पहले या बाद में पिएं। खाने के तुरंत बाद पानी पीने से आपका पाचन एंजाइम और साथ ही आपका रस पतला हो जाएगा। इसी के साथ पाचन में देरी होगी और पोषक तत्वों की भी हानि होगी
खाने का ऑर्डर देखें
जिस क्रम में आप प्लेट से अपने खाने को अपने मुंह में डालते हैं, वह मायने रखता है। कच्ची सब्जियों से शुरू करें, फिर पकी हुई, फिर अपनी प्रोटीन और फैट लें और अंत में कार्ब्स लें, थोड़ा सा  दाल या आपके प्रोटीन और आपकी सब्जियों के साथ। ऐसे में आप अपने शक्कर इंटेक को कम कर सकते हैं।

        शौर्यपथ /मुस्कुराना आसान नहीं हैं। पर जब कोई मुस्कुराता है, तो उसकी मुस्कान आसपास के लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। यानी स्माइल   किसी भी वायरस से ज्यादा तेजी से फैल सकती है और खराब मूड को भी अच्छा कर सकती है। आपके होंठो की खूबसूरत मुस्कान से लेकर सोशल मीडिया की दुनिया में मुस्कुराने वाले इमोजी   तक, आइए जानते हैं मुस्कान की इस यात्रा और सेहत पर होने वाले इसके फायदों के बारे में। वर्ल्ड स्माइल डे  , सिर्फ मनाने का नहीं, असल में मुस्कुराने का दिन है।
कैसे हुई विश्व मुस्कान दिवस की शुरुआत (World Smile Day)
एक छोटा सा पीले रंग का वृत्त और उसमें चमकती काले रंग के बिंदुओं वाली दो आंखें, साथ ही अर्धवृत्ताकार लंबी खिंची मुस्कान। स्माइल का यह सबसे आकर्षक प्रतीक अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुका है। आपकी टीशर्ट, वॉल पेपर, मग और मैसेंजर के कीपैड में बैठे बेशुमार स्माइली मुस्कान की दुनिया का दिनों दिन विस्तार कर रहे हैं।
पर क्या आप जानती हैं कि इस साधारण किंतु अद्भुत प्रतीक को हार्वे बॉल नाम के एक एडवर्टाइजर ने 1943 में बनाया था। हालांकि उनका उद्देश्य प्रतीक से बाहर जाकर दुनिया भर में मुस्कान को फैलाना था। पर उनकी मंशा के विपरीत यह मुस्कान उत्पादों पर जितनी चिपकती गई, चेहरों से उतनी ही उतरती चली गई। अंतत: 1999 में अक्टूबर के पहले शुक्रवार को विश्व मुस्कान दिवस के नाम कर दिया गया। ताकि हम सभी को मुस्कुराने के लिए एक खास दिन और मिल सके।
आपकी सेहत के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है मुस्कान
मुस्कान सबसे प्यारा और सबसे सुलभ टॉनिक है। जब आपसे कोई मुस्कुरा कर मिलता है, तो आपका चेहरा भी अपने आप खिल उठता है। यही स्माइल की पॉवर है और इसे हम अपने साथ लेकर पैदा होते हैं। ये बात और है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारा मुस्कुराना कम होता जाता है।
विभिन्न अध्ययनों में यह सामने आया है कि एक नन्हा शिशु जहां दिन भर में चार सौ बार मुस्कुराता है, वहीं वयस्क होते-हाेते यह संख्या इतनी ज्यादा घट जाती है कि हम केवल चालीस या पचास बार ही दिन भर में मुस्कुरा पाते हैं। इनमें भी ज्यादातर मुस्कान बस यांत्रिक होती है। पर ऐसा नहीं है कि यह निरर्थरक हो। इसका भी आपकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है।
एक प्यारी सी स्माइल फील गुड हार्मोन का स्राव करती है, जिससे आपका हैप्पीनेस लेवल बढ़ता है। आइए जानते है स्माइल के बारे में कुछ वैज्ञानिक तथ्य, जो बताते हैं कि आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है ये ढाई इंची मुस्कान।
पुणे स्थित सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ के अनुसार मुस्कुराना आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इसके कुछ फायदे गिनाते हैं –
यहां जानिए सिर्फ मुस्कुराने के 5 स्वास्थ्य लाभ
1 ये हैप्पीनेस की डोज है
खुश रहने के लिए आपके भीतर एंडोर्फिन यानी हैप्पी हार्मोन का स्राव जरूरी है। यह हार्मोन हमें भीतर से खुशी की अनुभूति करवाता है। जिससे हमारा मूड बेहतर होता है। किसी खराब दिन के बाद जब आप कोई चुटकुला सुनते हैं और खुल कर ठहाका लगाते हैं, तो वह आपकी दिन भर की थकान और तनाव को छू मंतर कर देता है। इसके पी्छे जो चुपके से काम कर रहा होता है, वह एंडोर्फिन ही है। जिससे हमारा शरीर रिलैक्स महसूस करने लगता है।
2 हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छा है मुस्कुराना
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार हमारे हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक तनाव है। तनाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और गुड काेलेस्ट्रॉल घट जाता है। जिसका हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हृदय स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि आप अपने तनाव को नियंत्रण में रखें।
मुस्कुराना और तनाव मुक्त होना दोनों एक-दूसरे के पूूरक हैं। जब आप मुस्कुराती हैं, तो शरीर में जारी होने वाले फील गुड हॉर्मोन ब्लड प्रेशर को बढ़ने और गुड कोलेस्ट्रॉल को घटने से बचाता है।
3 आपकी इम्युनिटी होती है बूस्ट
अमेरिका के माइलस्टोन ऑर्थोडॉन्टिक्स के अनुसार मुस्कुरान के लिए आपके चेहरे की 43 मांसपेशियां आपको सहयोग देती हैं। ये सभी मांसपेशियां आपके एक कान के पास गाल की हड्डी से शुरू होकर दूसरे कान के पास गाल की हड्डी तक फैली हैं। पर इनमें भी जाइगोमैटिकस मूलत: आपकी मुस्कान को गालों तक खींच लाती है।
जाइगोमैटिकस के दबने का अर्थ है कि आप तनाव में हैं। जबकि आपके चेहरे पर उभरी यह मांसपेशी खुशी का संकेत देती है। यही सूचना जब आपके मस्तिष्क तक पहुंचती है, तो वहां आपके खुश होने पर शरीर के लिए एक्स्ट्रा ईंधन भेजा जाता है, जिससे आपकी इम्युनिटी मजबूत हो जाती है।
तो अगर आप इन दिनों हर मौसम में, हर प्रोजेक्ट और हर थकाने वाली मीटिंग के बाद बीमार हो जाती हैं, तो आपको अपने मुस्कुराने पर ध्यान देना होगा। बहुत जटिल प्रकृति के लोग दिन भर में सिर्फ 10 से 20 बार मुस्कुरा पाते हैं। यह खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संकेत है।
4 यह आपका नेचुरल पेन किलर है
क्या कभी आपने महसूस किया है कि बहुत दर्द में या बहुत बीमार होने पर भी, जब आपका कोई प्रियजन आपका हालचाल पूछता है, तो दर्द में होने के बावजूद आपके चेहरे पर मुस्कान खिल आती है। इसके बाद कुछ देर तक आपको यह अहसास ही नहीं होता कि वाकई आप तकलीफ में हैं भी या नहीं। यह असल में आपके प्रियजन से मिलकर खिल आई मुस्कान का असर है। विशेषज्ञ स्माइल को नेचुरल पेन किलर मानते हैं। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वही आपका हैप्पी हॉर्मोन एंडोर्फिन।
5 बॉन्डिंग मजबूत करता है
स्माइलिंग फेस सभी को अच्छे लगते हैं। उन्हें भी जो बहुत मुश्किल से मुस्कुराते हैं। जर्नल ऑफ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी के एक शोध के अनुसार स्माइल आपको पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
मुस्कुराहट के साथ की गई रिश्तों की शुरुआत ज्यादा फ्रूटफुल साबित होती है। जबकि तनाव में रहने वाले और मुस्कुराने में कंजूसी बरतने वाले लोगों से आसपास के लोग कटना शुरू कर देते हैं। इसलिए अच्छे रिश्ते और व्यवासयगत सफलता के लिए भी आपको मुस्कुराने की आदत डाल लेनी चाहिए।
स्माइल को अपने डेली रुटीन में शामिल करने के लिए आप क्या कर सकते हैं
उन लोगों को अपने आसपास रखिए जिनसे मिलकर आपको खुशी होती है।
खुद के लिए खुश रहने और मुस्कुराने का अपने आप से वादा करें और इसे हर रोज़ सुबह उठते ही दोहराएं।
 जब भी खुश होने की वजह मिले, तो उसे तुरंत लपक लें। सिर्फ इसलिए पीछे न हटें कि आपकी इमेज इसकी इजाजत नहीं दे रही।
 शोध यह मानते हैं कि विजुअल्स का आपके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए अपने कमरे में और अपनी वर्किंग टेबल पर कुछ ऐसी चीजें रखें, जिनमें स्माइल शामिल हो।
चालाकियां सफलता बाद में देती हैं और मुस्कुराहट पहले छीन लेती हैं। इसलिए इनसे बचें और मुस्कुराहट से खजाना भरा रखें।

    खाना खजाना /शौर्यपथ /सोया चाप लवर्स को चाप की डिफरेंट डिशेज खाने का शौक होता है। मलाई चाप, मसाला चाप, कड़ाही चाप, अफगानी चाप और हरियाली चाप कुछ ऐसी डिशेज हैं, जिनकी डिमांड बहुत ज्यादा होती है। आज हम आपको इंस्टेंट हरियाली चाप बनाने की रेसिपी बता रहे हैं, जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। यह रेसिपी 40-45 मिनट में तैयार हो जाती है।आइए, जानते हैं हरियाली चाप की रेसिपी।
हरियाली चाप बनाने की सामग्री
सोया चाप
लहसुन-अदरक पेस्ट
पुदीना
धनिया
दही
मलाई/क्रीम
हरी मिर्च
नमक
तेल
कसूरी मेथी
प्याज
हरियाली चाप बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले चाप को 10 मिनट के लिए उबाल लें। अब इसे पानी से निकाल रख दें। चाप सूख जाए, तो इसे स्टिक से निकालकर गोल-गोल काट लें। अब इन पीस को नॉन स्टिक पैन में भून लें। भूनने के बाद अलग रख दें। अब एक बाउल में प्याज काट लें। इसमें दही, अदरक लहसुन पेस्ट, नमक, मिर्च, पिसा पुदीना और धनिया डालकर अच्छी तरह फेंट लें। एक कड़ाही में इस मिक्सचर को डाल दें और इसे अच्छी तरह भून लें। जरूरत लगे, तो पानी के छींटे भी दे सकते हैं। अब आखिर में भूने हुए चाप डाल दें। अच्छी तरह मिक्स करें। फिर मलाई या क्रीम डाल दें। कसूरी मेथी डालकर 30 सेकंड तक पकाएं। गरमा-गरम चाप तैयार है। आप इसे थोड़ा और टेस्टी और स्पाइसी बनाने के लिए इसमें शिमला मिर्च भी डाल सकते हैं। यह पूरी तरह से ऑप्शनल है। चटनी और प्याज के साथ इसे सर्व करें।

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