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टैली प्रमोटर: सार्वजनिक बोलने की कला का अदृश्य सहायक
शौर्यपथ लेख / सार्वजनिक मंच पर बोलते समय आत्मविश्वास और प्रवाह बनाए रखना किसी भी वक्ता के लिए एक चुनौती हो सकता है। चाहे वह कोई राजनेता हो, टेलीविजन एंकर हो, या कोई कॉर्पोरेट लीडर, हर कोई चाहता है कि उसकी बात श्रोताओं तक बिना किसी रुकावट या भटकाव के पहुंचे। यहीं पर टैली प्रमोटर (Teleprompter), जिसे आमतौर पर ऑटोक्यू (Autocue) भी कहा जाता है, एक अमूल्य उपकरण के रूप में सामने आता है। यह एक ऐसा तकनीकी चमत्कार है जो वक्ता को अपनी स्क्रिप्ट को सीधे पढ़ते हुए भी, दर्शकों से सीधा नेत्र संपर्क बनाए रखने में सक्षम बनाता है।
टैली प्रमोटर की कार्यप्रणाली: एक ऑप्टिकल भ्रम
टैली प्रमोटर का संचालन एक साधारण लेकिन प्रभावी ऑप्टिकल सिद्धांत पर आधारित है। इसमें मुख्य रूप से दो प्रमुख घटक होते हैं:
* मॉनिटर या डिस्प्ले स्क्रीन: यह स्क्रीन आमतौर पर वक्ता के सामने, कैमरे के ठीक नीचे या स्टेज पर छिपाकर रखी जाती है। इस पर भाषण या स्क्रिप्ट का टेक्स्ट लगातार स्क्रॉल करता रहता है।
* बीम स्प्लिटर मिरर (Beam Splitter Mirror): यह टैली प्रमोटर का सबसे महत्वपूर्ण और चालाक हिस्सा होता है। यह एक विशेष प्रकार का आधा-परावर्तक (half-reflective) शीशा होता है, जो लगभग 45 डिग्री के कोण पर झुका हुआ होता है। इसे कैमरे के लेंस के ठीक सामने इस तरह से लगाया जाता है कि वक्ता इस शीशे के माध्यम से देख सके।
कैसे काम करता है?
* मॉनिटर पर चल रहा टेक्स्ट इस बीम स्प्लिटर मिरर पर परावर्तित (reflect) होता है। वक्ता जब शीशे की ओर देखता है, तो उसे यह टेक्स्ट हवा में तैरता हुआ या शीशे पर दिखाई देता है।
* यह शीशा जादुई रूप से केवल एक ही दिशा में परावर्तन (reflection) करता है। इसका मतलब है कि वक्ता को शीशे में टेक्स्ट दिखाई देता है, लेकिन शीशे के दूसरी ओर से (यानी कैमरे या दर्शकों की तरफ से) यह टेक्स्ट बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता। दर्शकों को केवल वक्ता का चेहरा और आँखें ही दिखाई देती हैं, जिससे उन्हें लगता है कि वक्ता बिना किसी नोट्स के सीधे उनसे बात कर रहा है।
* एक कुशल ऑपरेटर वक्ता की बोलने की गति के अनुसार टेक्स्ट की स्क्रॉलिंग स्पीड को नियंत्रित करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि वक्ता को कभी भी अगले वाक्य का इंतजार नहीं करना पड़ता या उसे बहुत तेज़ी से नहीं पढ़ना पड़ता।
टैली प्रमोटर के लाभ: क्यों यह सार्वजनिक बोलने वालों की पहली पसंद है
टैली प्रमोटर सिर्फ एक सहायक उपकरण नहीं, बल्कि सार्वजनिक बोलने की कला में क्रांति लाने वाला एक साधन है। इसके कई महत्वपूर्ण फायदे हैं:
* अखंड नेत्र संपर्क (Uninterrupted Eye Contact): यह सबसे बड़ा लाभ है। वक्ता को बार-बार नीचे नोट्स देखने या ऊपर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। वह लगातार कैमरे में या दर्शकों की आँखों में देखकर बात कर पाता है, जिससे एक गहरा जुड़ाव स्थापित होता है।
* आत्मविश्वास और प्राकृतिक प्रवाह (Confidence and Natural Flow): स्क्रिप्ट याद करने का तनाव दूर हो जाता है। वक्ता जानता है कि शब्द उसके सामने हैं, जिससे वह अधिक आत्मविश्वासी होकर बोलता है। यह भाषण को अधिक प्राकृतिक और धाराप्रवाह बनाता है।
* गलतियों में कमी (Reduced Errors): भूलने की संभावना या शब्दों के चुनाव में गलती होने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। यह विशेष रूप से लाइव प्रसारण या महत्वपूर्ण भाषणों के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ कोई गलती स्वीकार्य नहीं होती।
* समय का सटीक प्रबंधन (Precise Time Management): ऑपरेटर के नियंत्रण के कारण, भाषण को निर्धारित समय-सीमा के भीतर आसानी से पूरा किया जा सकता है। यह विशेष रूप से टेलीविजन शो या सम्मेलनों के लिए उपयोगी है जहाँ समय की पाबंदी महत्वपूर्ण होती है।
* पेशेवर प्रस्तुति (Professional Presentation): टैली प्रमोटर का उपयोग एक पॉलिश और पेशेवर छवि प्रस्तुत करता है। यह दर्शाता है कि वक्ता ने अपनी तैयारी पूरी की है और वह अपने दर्शकों के प्रति गंभीर है।
टैली प्रमोटर के प्रकार: विभिन्न आवश्यकताएं, विभिन्न समाधान
आधुनिक समय में टैली प्रमोटर विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं, जो अलग-अलग आवश्यकताओं को पूरा करते हैं:
* ऑन-कैमरा टैली प्रमोटर (On-Camera Teleprompter): यह सबसे आम प्रकार है, जहाँ शीशा सीधे कैमरे के लेंस के सामने लगा होता है। यह टेलीविजन समाचार, इंटरव्यू और फिल्म निर्माण में उपयोग होता है।
* स्टैंड-अलोन या प्रेसिडेंशियल टैली प्रमोटर (Stand-Alone or Presidential Teleprompter): ये आमतौर पर दो पारदर्शी शीशे होते हैं जो स्टेज के दोनों ओर खड़े होते हैं। इनका उपयोग सार्वजनिक भाषणों, सम्मेलनों और बड़ी सभाओं में किया जाता है, जहाँ वक्ता को एक बड़े दर्शक वर्ग को संबोधित करना होता है।
* मोबाइल या टैबलेट टैली प्रमोटर (Mobile or Tablet Teleprompter): छोटे बजट या व्यक्तिगत उपयोग के लिए, आजकल स्मार्टफ़ोन और टैबलेट को भी टैली प्रमोटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इनके लिए विशेष ऐप्स और छोटे स्टैंड उपलब्ध हैं।
* फ्लैट स्क्रीन टैली प्रमोटर (Flat Screen Teleprompter): ये ऐसे मॉनिटर होते हैं जो सीधे डेस्क या पोडियम में एकीकृत होते हैं, और इनका उपयोग अक्सर समाचार डेस्क पर या स्टूडियो सेटिंग्स में किया जाता है।
निष्कर्ष:टैली प्रमोटर एक ऐसा तकनीकी नवाचार है जिसने सार्वजनिक बोलने की दुनिया को बदल दिया है। यह वक्ताओं को उनकी बात को सटीकता, आत्मविश्वास और प्रभावशीलता के साथ प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। यह दर्शकों और वक्ता के बीच एक अदृश्य पुल का काम करता है, जिससे संचार अधिक प्रामाणिक और आकर्षक बन जाता है। चाहे वह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घोषणा हो, एक व्यावसायिक प्रस्तुति हो, या एक दैनिक समाचार बुलेटिन, टैली प्रमोटर यह सुनिश्चित करता है कि संदेश स्पष्ट रूप से और प्रभावी ढंग से वितरित हो, बिना किसी नोट्स की आवश्यकता के।
क्या आप टैली प्रमोटर के किसी अन्य तकनीकी पहलू या इसके उपयोग के उदाहरणों के बारे में जानना चाहेंगे?
? रविवार, 13 जुलाई 2025
✍️ शौर्य ज्योतिष डेस्क
रविवार सूर्य देव को समर्पित होता है, और आज सूर्य की स्थिति कुछ राशियों के लिए चमक का संकेत दे रही है, तो कुछ को सावधानी और संयम से काम लेने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि आपके राशि चक्र में आज ग्रहों की चाल क्या कहती है...
दिन उर्जावान रहेगा। कार्य में सफलता मिलेगी। भाग्य साथ देगा।
? सावधानी: किसी को अपशब्द न कहें।
? उपाय: सूर्य को जल अर्पित करें।
नए अवसर मिलेंगे। आर्थिक दृष्टि से दिन शुभ है। रिश्तों में मिठास बढ़ेगी।
? सावधानी: अहम से बचें।
? उपाय: गाय को रोटी खिलाएं।
मानसिक तनाव कम होगा। पुराने मित्र से मुलाकात लाभदायक होगी।
? सावधानी: वाणी पर नियंत्रण रखें।
? उपाय: तुलसी को जल दें।
परिवार के साथ समय बितेगा। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा।
? सावधानी: अत्यधिक भावुकता से बचें।
? उपाय: शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
सूर्य की कृपा से आत्मबल मजबूत रहेगा। नौकरी में प्रमोशन के संकेत।
? सावधानी: ईर्ष्या करने वालों से दूरी बनाएं।
? उपाय: आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
आज कार्य में गति आएगी। व्यवसाय में लाभ संभावित।
? सावधानी: छोटी बातों को न बढ़ाएं।
? उपाय: श्री सूक्त का पाठ करें।
नए संपर्क लाभदायक सिद्ध होंगे। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।
? सावधानी: खर्चों पर नियंत्रण रखें।
? उपाय: क्रीम रंग के वस्त्र धारण करें।
समय आत्मविश्लेषण का है। पुराने निर्णय पर पुनर्विचार करें।
? सावधानी: जिद और गुस्से से बचें।
? उपाय: जल में लाल पुष्प डालकर सूर्य को अर्पित करें।
यात्रा के योग हैं। धार्मिक कामों में मन लगेगा। भाग्य का साथ मिलेगा।
? सावधानी: खानपान में संयम रखें।
? उपाय: केसर का तिलक करें।
परिवार से सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में सराहना प्राप्त होगी।
? सावधानी: स्वास्थ्य की अनदेखी न करें।
? उपाय: शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं।
नए अवसर मिलेंगे। निवेश लाभदायक रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा।
? सावधानी: समय का सदुपयोग करें।
? उपाय: जल में गुड़ मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
ध्यान और साधना में मन लगेगा। मानसिक शांति प्राप्त होगी।
? सावधानी: भावनात्मक निर्णय से बचें।
? उपाय: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
रविवार को सूर्यदेव को जल अर्पित करना, तांबे के बर्तन में पानी भरकर उसमें रोली मिलाना और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना विशेष फलदायक माना गया है।
? नोट: यह राशिफल सामान्य ज्योतिष गणना पर आधारित है। अधिक व्यक्तिगत और सटीक भविष्यवाणी के लिए जन्म कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है।
? विशेष रिपोर्ट | 12 जुलाई 2025, शनिवार
आज का दिन शनिदेव को समर्पित है, और इस पावन शनिवार पर ग्रह-नक्षत्रों की चाल कुछ राशियों पर विशेष कृपा बरसाने वाली है, तो कुछ के लिए यह चेतावनी का दिन भी है। आइए जानते हैं कि आज का दिन आपके लिए क्या संदेश लेकर आया है।
भाग्य साथ देगा, रुके कार्यों में गति आएगी। नौकरी और कारोबार में उन्नति संभव।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धन हानि से बचें, किसी से वाद-विवाद में न पड़ें। खर्च बढ़ सकता है।
उपाय: शनिदेव को तिल का तेल चढ़ाएं।
पुराने मित्र मिल सकते हैं। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय: तुलसी के पौधे में जल दें।
प्रशंसा प्राप्त होगी। आज आत्मबल मजबूत रहेगा।
उपाय: शिवलिंग पर जल अर्पण करें।
व्यापारियों के लिए अच्छा समय। किसी पुराने प्रयास का फल मिल सकता है।
उपाय: सूर्य को जल दें।
तनाव बना रह सकता है। संयम से काम लें।
उपाय: दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी। व्यापार में वृद्धि संभव।
उपाय: माँ लक्ष्मी को कमल पुष्प चढ़ाएं।
आज धैर्य जरूरी है। वाद-विवाद से बचें।
उपाय: पीपल के नीचे दीप जलाएं।
धन लाभ के योग हैं। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।
उपाय: केले के पेड़ में जल चढ़ाएं।
स्वास्थ्य में गिरावट संभव। चिंताओं से घिरे रह सकते हैं।
उपाय: शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें।
नई जिम्मेदारियां और सम्मान मिलेगा। निवेश में लाभ होगा।
उपाय: गाय को रोटी खिलाएं।
घर में सुख-शांति बनी रहेगी। धार्मिक रुचि बढ़ेगी।
उपाय: सूर्य को कुमकुम मिश्रित जल चढ़ाएं।
?️ ज्योतिषीय सुझाव:
शनिवार को पीपल की पूजा, काले तिल का दान, और शनि मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप विशेष फलदायक माना जाता है। जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें विशेष सावधानी व उपाय करने की सलाह दी जाती है।
? नोट: यह राशिफल सामान्य चंद्र राशि आधारित है। अधिक सटीक जानकारी के लिए कुंडली विश्लेषण आवश्यक है।
शौर्यपथ /? जिंदगी को कैसे जीना चाहिए — कुछ गहरे और सच्चे सूत्र:
1. स्वयं से प्रेम करो:
खुद को समझो, अपनाओ और अपने भीतर की अच्छाइयों को पहचानो।
खुद की तुलना किसी और से मत करो — तुम अनोखे हो।
2. वर्तमान में जियो:
बीते कल का पछतावा और आने वाले कल की चिंता छोड़ो।
आज का हर पल अमूल्य है — उसे मुस्कराकर जियो।
3. आभार प्रकट करो:
जो कुछ तुम्हारे पास है, उसके लिए आभारी बनो।
कृतज्ञता से मन शांत और जीवन सरल होता है।
4. सकारात्मक सोच रखो:
हर कठिनाई में एक अवसर छिपा होता है।
नकारात्मक विचारों को चुनौती दो और उजालों की ओर बढ़ो।
5. सेवा करो और खुशियाँ बाँटो:
दूसरों की मदद करने से जो संतोष मिलता है, वह अमूल्य है।
मुस्कराहट बांटना सबसे सस्ती और सबसे सुंदर सौगात है।
6. सीखते रहो:
हर दिन कुछ नया सीखो — खुद को बेहतर बनाओ।
गलती करना ठीक है, पर उससे कुछ सीखना जरूरी है।
7. स्वास्थ्य और संतुलन:
शरीर, मन और आत्मा — तीनों का ख्याल रखो।
अच्छी नींद, संतुलित आहार और ध्यान जीवन को स्थिर बनाते हैं।
? जिंदगी को खुलकर जीना सीखो...
हर सुबह एक नया अवसर है ✨
? खुद से प्रेम करो
? दूसरों में खुशियाँ बाँटो
? मुश्किलों में मुस्कराओ
? हर पल को गले लगाओ
क्योंकि जिंदगी एक बार मिलती है... उसे शान से जियो! ?
.मेष (Aries)
भाग्य साथ देगा, लेकिन जल्दबाज़ी से बचें।
आर्थिक लाभ की संभावना है। कार्यस्थल पर थोड़ी चुनौती आ सकती है, लेकिन धैर्य से काम लें। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा।
उपाय: हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
शुभ रंग: लाल
शुभ अंक: 9
.वृषभ (Taurus)
मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा।
नई योजनाओं की शुरुआत के लिए दिन अच्छा है। व्यापारियों को लाभ होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाएं।
शुभ रंग: सफेद
शुभ अंक: 6
.मिथुन (Gemini)
मिलेजुले परिणाम मिलेंगे।
कर्म क्षेत्र में परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। व्यावसायिक लाभ धीरे-धीरे बढ़ेगा। संतान पक्ष से सुख मिलेगा।
उपाय: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं।
शुभ रंग: हरा
शुभ अंक: 5
.कर्क (Cancer)
धन लाभ के योग हैं, लेकिन खर्चों पर नियंत्रण रखें।
किसी पुराने मित्र से मुलाकात संभव है। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
उपाय: चंद्रमा को कच्चा दूध अर्पित करें।
शुभ रंग: सफेद
शुभ अंक: 2
.सिंह (Leo)
समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
नेतृत्व क्षमता दिखेगी। नौकरी में उन्नति के योग हैं। प्रेम जीवन में प्रगाढ़ता बढ़ेगी।
उपाय: सूर्य को जल अर्पित करें।
शुभ रंग: सुनहरा
शुभ अंक: 1
. कन्या (Virgo)
नौकरी और व्यापार में प्रगति के संकेत।
परिवार का सहयोग मिलेगा। विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
उपाय: श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
शुभ रंग: हरा
शुभ अंक: 7
.तुला (Libra)
मानसिक शांति रहेगी, परंतु आलस्य से बचें।
यात्रा का योग बन सकता है। रिश्तों में सुधार होगा। निवेश सोच-समझकर करें।
उपाय: दुर्गा स्तोत्र का पाठ करें।
शुभ रंग: गुलाबी
शुभ अंक: 6
.वृश्चिक (Scorpio)
पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।
साझेदारी में लाभ होगा। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। सतर्क रहें।
उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
शुभ रंग: लाल
शुभ अंक: 9
.धनु (Sagittarius)
धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
आर्थिक दृष्टि से दिन शुभ है। प्रेम जीवन में स्थिरता आएगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।
उपाय: पीपल के पेड़ को जल दें।
शुभ रंग: पीला
शुभ अंक: 3
.मकर (Capricorn)
कार्यस्थल पर सफलता मिलेगी।
लंबित कार्य पूरे होंगे। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा।
उपाय: शनिदेव को तेल चढ़ाएं।
शुभ रंग: नीला
शुभ अंक: 8
. कुम्भ (Aquarius)
साहसिक निर्णय लाभ देंगे।
नया कार्य शुरू करने के लिए उत्तम समय है। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।
उपाय: किसी निर्धन को काले कपड़े दान करें।
शुभ रंग: काला
शुभ अंक: 4
.मीन (Pisces)
मन भावुक रहेगा, लेकिन निर्णय विवेक से लें।
कलात्मक क्षेत्र के लोगों के लिए दिन शुभ है। मित्रों से लाभ होगा।
उपाय: विष्णु जी को पीले फूल अर्पित करें।
शुभ रंग: हल्का पीला
शुभ अंक: 3
पाटन/शौर्यपथ।
श्रावण मास के पावन अवसर पर भगवान भोलेनाथ के प्रति असीम श्रद्धा और समाजिक समर्पण को समर्पित भव्य बोल बम कांवर यात्रा का आयोजन इस वर्ष 28 जुलाई को पाटन से टोलाघाट तक किया जाएगा। यह यात्रा “सर्वे भवंतु सुखिनः एवं जल संरक्षण” जैसे गहरे आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश को लेकर निकलेगी।
पाटन विश्राम गृह में बोल बम कांवर यात्रा समिति की बैठक समिति संयोजक श्री जितेंद्र वर्मा की गरिमामयी अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में यात्रा को अधिक व्यवस्थित, भव्य और आध्यात्मिक रूप से प्रभावशाली बनाने हेतु विस्तृत योजनाओं पर विचार किया गया।
? भक्ति के साथ प्रकृति संरक्षण का समन्वय
इस बार की यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता का स्वरूप भी धारण करेगी। संयोजक श्री वर्मा ने बताया कि शिवभक्तों द्वारा “एक मुट्ठी चावल भगवान शिव के नाम” संकल्प के अंतर्गत अर्पित अन्न से महाप्रसादी तैयार की जाएगी, जो श्रद्धालुओं को वितरित होगी। यात्रा के समापन पर टोलाघाट में रुद्राभिषेक व जलाभिषेक के आयोजन होंगे।
? पायल साहू की भक्ति प्रस्तुति बनेगी विशेष आकर्षण
कांवर यात्रा की समाप्ति पर टोलाघाट में छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय लोकगायिका पायल साहू अपनी भक्ति-भावनाओं से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगी। उनका लोककला मंच ननकट्ठी इस आयोजन में अध्यात्म और लोकसंस्कृति का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा।
? व्यापक जनभागीदारी और सौहार्द का प्रतीक
बैठक में पाटन, मोखली व आसपास के ग्रामों से सैकड़ों श्रद्धालु, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि धर्म, सेवा और समाज के त्रैविध संगम का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा है।
? श्रद्धा, सेवा और संगठन का अद्भुत स्वरूप
श्री जितेंद्र वर्मा ने बताया कि यात्रा की व्यवस्था के लिए गांव-गांव प्रभारी नियुक्त किए गए हैं जो घर-घर आमंत्रण देकर लोगों को जोड़ेंगे। यात्रा में सहभागिता और सेवा भाव को प्राथमिकता देते हुए सभी समितियों को जिम्मेदारियां दी गई हैं।
यह यात्रा जहां शिवभक्तों के लिए आस्था का मार्ग है, वहीं समाज के लिए प्रेरणा और संगठन का प्रतीक भी बन रही है। जल संरक्षण, सद्भाव और धर्म की चेतना को लेकर यह यात्रा आगामी 28 जुलाई को पाटन से टोलाघाट तक, भक्ति और सेवा का अनोखा अनुभव प्रदान करेगी।
✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
? शौर्यपथ न्यूज़ – आस्था, समाज और संस्कृति की आवाज़
शौर्यपथ 05 जुलाई 2025 — भारतीय इतिहास में 05 जुलाई एक ऐसी तारीख है, जिसने राजनीति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और सामाजिक आंदोलन जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मोड़ दिए हैं। यह दिन न केवल भारत की लोकतांत्रिक जड़ों की गहराई को दर्शाता है, बल्कि देश के आर्थिक उदारीकरण की दिशा में उठाए गए क्रांतिकारी कदमों की भी याद दिलाता है।
इस दिन भारत की तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में नई आर्थिक नीति (LPG Reforms: Liberalisation, Privatisation, Globalisation) की ऐतिहासिक घोषणा की थी।
यह वही दिन था जब भारत ने आर्थिक उदारीकरण की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया और विदेशी निवेश के लिए अपने द्वार खोले।
➡️ यह घटना भारत के आर्थिक इतिहास में "आर्थिक स्वतंत्रता दिवस" के रूप में जानी जाती है।
आपातकाल के बाद जनसंघर्ष के परिणामस्वरूप 05 जुलाई 1977 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
➡️ यह घटना लोकतंत्र के पुनः जागरण और राजनीतिक जवाबदेही का प्रतीक बनी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस दिन INSAT-1C सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिससे भारत के दूरसंचार और मौसम विज्ञान में क्रांतिकारी बदलाव आया।
फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ में अद्भुत अभिनय के लिए अजय देवगन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से 05 जुलाई को नवाज़ा गया।
1946 – बिकिनी पहनावे का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन पेरिस में हुआ।
1975 – केप वर्डे को पुर्तगाल से स्वतंत्रता मिली।
05 जुलाई भारतीय इतिहास का वह पन्ना है जिसमें एक ओर आर्थिक आत्मनिर्भरता की शुरुआत है तो दूसरी ओर लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठे जनसामान्य के स्वर हैं।
शौर्यपथ /05 जुलाई 2025 — आज का दिन कुछ राशियों के लिए तरक्की, लाभ और मान-सम्मान लेकर आया है, वहीं कुछ राशियों को संयम और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चंद्रमा का संचार आज मकर राशि में हो रहा है, जिससे कर्म क्षेत्र में तेजी और जिम्मेदारियों का विस्तार देखा जा सकता है।
नीचे पढ़िए आज का संक्षिप्त राशिफल —
स्वास्थ्य में सुधार होगा, करियर में नए अवसर मिल सकते हैं। पुराने दोस्तों से मुलाकात संभव।
? शुभ रंग: लाल | शुभ अंक: 9
खर्चों पर नियंत्रण रखें, मानसिक तनाव से दूर रहें। निवेश में जल्दबाज़ी न करें।
? शुभ रंग: सफेद | शुभ अंक: 6
कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत की सराहना होगी। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।
? शुभ रंग: हरा | शुभ अंक: 5
परिवार में कोई शुभ कार्य तय हो सकता है। मानसिक शांति बनी रहेगी।
? शुभ रंग: सिल्वर | शुभ अंक: 2
साहस और नेतृत्व क्षमता का लाभ मिलेगा। नौकरी और व्यापार दोनों में प्रगति के योग हैं।
? शुभ रंग: सुनहरा | शुभ अंक: 1
आज का दिन आर्थिक दृष्टि से लाभकारी रहेगा। कानूनी मामलों में सफलता मिलेगी।
? शुभ रंग: आसमानी | शुभ अंक: 4
समझदारी से काम लें, अनावश्यक बहस से बचें। रिश्तों में मधुरता बनाए रखें।
? शुभ रंग: गुलाबी | शुभ अंक: 7
भावनात्मक अस्थिरता रह सकती है। यात्रा में सावधानी रखें। स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ न करें।
? शुभ रंग: नीला | शुभ अंक: 8
नया निवेश लाभकारी हो सकता है। कार्यों में सफलता मिलेगी, मान-सम्मान बढ़ेगा।
? शुभ रंग: बैंगनी | शुभ अंक: 3
प्रभावशाली व्यक्तियों से संपर्क बढ़ेगा। कार्यस्थल पर स्थिति अनुकूल होगी।
? शुभ रंग: ग्रे | शुभ अंक: 10
रुके हुए काम पूरे होंगे, लेकिन भावनाओं में बहने से बचें। मित्रों से सहयोग मिलेगा।
? शुभ रंग: नारंगी | शुभ अंक: 11
ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक शांति मिलेगी। विद्यार्थियों के लिए दिन उत्तम।
? शुभ रंग: पीला | शुभ अंक: 12
? विशेष सुझाव:
आज के दिन “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें और नीले वस्त्र पहनें, सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /फिजिकल एक्टिविटी मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है, जिसमें सोने से पहले किए जाने वाले कुछ व्यायाम शामिल हैं. मेटाबोलिज्म उस प्रक्रिया को दर्शाता है जिसके द्वारा आपका शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना इस प्रक्रिया को कुशल बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. सोने से पहले हल्की एक्सरसाइज करने से न केवल आपके शरीर को आराम मिलता है बल्कि आप नींद के लिए तैयार होते हैं और यह आपके मेटाबोलिज्म रेट को थोड़ा बढ़ा सकता है, बेहतर पाचन में सहायता कर सकता है और रात में होने वाली अकड़न को रोक सकता है, ये सभी मेटाबोलिज्म हेल्थ में योगदान करते हैं. यहां हम बेहतर मेटाबोलिज्म के लिए सोने से पहले किए जाने वाले व्यायामों के बारे में बता रहे हैं.
सोने से पहले 7 हल्के व्यायाम जो मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देंगे
1. लेग राइज
लेग राइज पेट की निचली मांसपेशियों को टारगेट करता है और आपके कोर को टोन करने में मदद करते है. यह एक्टिविटी आपके कोर को हल्का सक्रिय करती है और आपकी मसल्स को भी एक्टिव करती है, कोर स्थिरता को बढ़ावा देते हुए आपकी मेटाबोलिक एक्टिविटी को धीरे-धीरे बढ़ाती है.
2. वॉल सिट्स
अपनी पीठ को दीवार से सटाकर खड़े हो जाएं और तब तक नीचे खिसकें जब तक कि आपके घुटने 90 डिग्री के कोण पर न आ जाएं, जैसे कि आप किसी अदृश्य कुर्सी पर बैठे हों. 30-60 सेकंड तक रुकें. यह आइसोमेट्रिक व्यायाम मांसपेशियों में तनाव बनाए रखता है, जो कैलोरी बर्न करता है और सोने से पहले अतिउत्तेजना पैदा किए बिना मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है.
3. कैट-काउ स्ट्रेच
यह योग-प्रेरित स्ट्रेच लचीलेपन को बेहतर बनाने और रीढ़ को आराम देने में मदद करता है. यह कोमल गति सर्कुलेशन को बढ़ाती है और पाचन को प्रोत्साहित करती है, जो नींद के दौरान ज्यादा एक्टिव मेटाबॉलिज्म में योगदान दे सकती है.
4. ग्लूट ब्रिज
ग्लूट ब्रिज आपके ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करते हैं. अपनी पीठ के बल लेटें, घुटने मोड़ें और पैर जमीन पर सपाट रखें. अपने ग्लूट्स को निचोड़ते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, फिर धीरे-धीरे नीचे करें. यह बड़े मसल्स ग्रुप्स को सक्रिय करता है, जो आपके शरीर को आराम से ज्यादा एनर्जी बर्न करने में मदद करता है और फैट बर्न वाले हार्मोन को सपोर्ट करता है.
5. खड़े होकर पिंडली उठाना
अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई पर रखकर खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे अपने पंजों पर खड़े हो जाएं, फिर वापस नीचे आ जाएं. यह कम प्रभाव वाला मूवमेंट ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और आपकी मसल्स को धीरे-धीरे उत्तेजित करता है, जिससे आपका मेटाबॉलिज्म हल्का-फुल्का बना रहता है.
6. सीटेड स्पाइनल ट्विस्ट
क्रॉस-लेग्ड या पैरों को फैलाकर बैठें, अपने ऊपरी शरीर को एक तरफ मोड़ें, और कुछ सांसों के लिए रुकें, फिर दूसरी तरफ दोहराएं. यह योग मुद्रा पाचन में सहायता करती है और सूजन को कम करती है, जो दोनों एक हेल्दी मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं और नींद को ज्यादा आरामदायक बनाते हैं.
7. चाइल्ड पोज
इस आरामदायक योग मुद्रा में घुटनों के बल बैठना और अपने धड़ को अपनी जांघों पर नीचे करना शामिल है, जबकि आपकी आर्म्स आगे की ओर फैली हुई हैं. यह गहरी सांस लेने, तनाव से राहत और लिम्पैथिक ड्रेनेज को बढ़ावा देता है. यह कोर्टिसोल को कम करने में मदद करता है, जो मेटाबॉलिक एफिशिएंसी में बाधा डाल सकता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व होता है. हर महीने पड़ने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर रखा जाता है. इस दिन देवों के देव महादेव के लिए व्रत रखा जाता है और महादेव की पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है. इस दिन पूजा में भोलेनाथ को कुछ चीजों का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है. जानिए कौनसी हैं ये भोग की चीजें जो भगवान शिव को मासिक शिवरात्रि के दिन अर्पित की जा सकती हैं.
अप्रैल में कब है मासिक शिवरात्रि |
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगी. ऐसे में 26 अप्रैल, शनिवार के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा और भोलेनाथ की पूजा की जाएगी.
बन रहे हैं शुभ योग
मासिक शिवरात्रि पर कई शुभ योग बनने जा रहे हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है. इस दिन भद्रावास योग भी बन रहा है. भद्रावास योग का समय सुबह 8 बजकर 27 मिनट है.
मासिक शिवरात्रि पर लगाएं इन चीजों का भोग
भगवान शिव की मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा की जाती है. पूजा को बिना भोग के संपन्न नहीं माना जाता है. ऐसे में भगवान शिव की प्रिय चीजों को भोग में प्रभु के समक्ष अर्पित किया जाता है. भगवान शिव की पूजा में खीर, मालपुआ, फल, ठंडाई और लस्सी को शामिल किया जा सकता है. भोग की ये चीजें भोलेनाथ की मनपसंद मानी जाती हैं.
करें इन मंत्रों का जाप
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
ॐ नमो भगवते रुद्राय
ॐ सांब सदाशिव नमो नमः
ऊं पषुप्ताय नमः
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि अत्यधिक महत्व रखती है. अमावस्या पर पितरों की पूजा का खास विधान होता है. इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से माना जाता है कि पितृ दोष हटता है. इसके साथ ही, अमावस्या पर स्नान और दान किया जाता है. माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और खुशहाली बनी रहती है. अप्रैल में पड़ने वाली अमावस्या वैशाख अमावस्या होने जा रही है. इसे दर्श अमावस्या भी कहा जाता है. कहते हैं यदि पितृ नाराज हो जाते हैं तो घर-परिवार पर संकट मंडराने लगते हैं और पितृ दोष लग जाता है. ऐसे में पितरों की नाराजगी को दूर करने के लिए खासतौर से अमावस्या पर पितरों की पूजा संपन्न की जाती है. जानिए इस माह कब है अमावस्या और अमावस्या पर कौनसे काम करने शुभ माने जाते हैं.
कब है दर्श अमावस्या |
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 28 अप्रैल की मध्यरात्रि 1 बजे हो जाएगा. उदयातिथि के अनुसार अमावस्या 27 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी.
जरूर करें ये 3 काम
दर्श अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. जिन लोगों के घर के आस-पास पवित्र नदी ना हो वे घर में ही बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. इस तरह स्नान करना शुभ होता है.
वैशाख माह की अमावस्या पर पितरों का तर्पण करना बेहद शुभ होता है. इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जा सकता है. पिंड निर्माण के लिए गाय का गोबर. तिल, कुशा और जौ के आटे का पिंड बनाया जाता है और इसमें चावल के आटे का भी उपयोग किया जा सकता है.
दान करने की अमावस्या पर विशेष मान्यता होती है. इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है. स्नान और दान तड़के किया जा सकता है. इसके अलावा, पितरों के तर्पण के पश्चात पशु-पक्षियों को भोजन खिलाया जा सकता है. इस दिन कौवों को दाना डालना खासतौर से शुभ माना जाता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी का बेहद महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी कब है, किन लोगों को इस दिन व्रत रखना चाहिए, साथ ही जानेंगे मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने की सही विधि और शुभ मुहूर्त.
कब है मोहिनी एकादशी?
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 7 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगी. इसका समापन अगले दिन 8 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा. ऐसे में इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को किया जाएगा.
अप्रैल में किस दिन रखा जाएगा मासिक शिवरात्रि का व्रत, जानिए भोग में क्या पसंद करते हैं भोलेनाथ
मोहिनी एकादशी का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत और विष निकला था, तब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध होने लगा. इस युद्ध को शांत करने और असुरों से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था. इसी कारण इस एकादशी को 'मोहिनी एकादशी' कहा जाता है. यह तिथि मोह, अज्ञान और पाप से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है.
किन लोगों को रखना चाहिए मोहिनी एकादशी का व्रत?
मान्यताओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. ऐसे में जो लोग अपने जीवन में मानसिक शांति की तलाश में हैं, उनके लिए मोहिनी एकादशी का व्रत रखना विशेष फलदायी हो सकता है.
दांपत्य जीवन में कलह या असंतुलन से जूझ रहे लोगों के लिए यह व्रत विशेष लाभकारी माना गया है.
इन सब से अलग विद्यार्थी, नौकरीपेशा और व्यापारी वर्ग के लोग भी इस व्रत को रखकर सफलता के मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं.
व्रत और पूजा की विधि
मोहिनी एकादशी से एक दिन पहले दशमी तिथि को सात्विक भोजन कर ब्रह्मचर्य का पालन करें.
एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें.
पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं और नारायण को चंदन, तुलसी दल, फूल, धूप और भोग अर्पित करें.
इसके बाद ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, गीता पाठ करना विशेष फलदायक माना जाता है.
आखिर में भगवान की आरती करें.
पारण का समय और शुभ मुहूर्त
मोहनी एकादशी के दिन दोपहर 02 बजकर 32 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. ये समय बेहद शुभ माना जा रहा है. वहीं, व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाएगा. आप सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 16 मिनट तक पारण कर सकते हैं. पारण के समय ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देना शुभ माना गया है.
मुंबई/शौर्यपथ /देशभक्ति वाली फिल्में ,मतलब मनोज कुमार. 15 अगस्त और 26 जनवरी पर बजने वाले देशभक्ति गीतों को याद करेंगे तो ज्यादातर में मनोज कुमार मिलेंगे. बॉलिवुड में वह 'भारत कुमार' के नाम से मशहूर हो गए. चेहरे पर हाथ फेरती उनकी अदा की दीवानी एक पूरी पीढ़ी रही. शुक्रवार सुबह मनोज कुमार हमेशा के लिए खामोश हो गए. बॉलिवुड सदमे हैं और उनके चाहने वाले उनके गीतों को गुनगुना रहे हैं. जानिए मनोज कुमार को किस तरह याद कर रहा है जमाना...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर अभिनेता एवं फिल्म निर्माता मनोज कुमार को शुक्रवार को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारतीय सिनेमा का आदर्श बताया. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘दिग्गज अभिनेता एवं फिल्म निर्माता मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुखी हूं. वह भारतीय सिनेमा के आदर्श थे जिन्हें देशभक्ति की उनकी भावना के लिए विशेष रूप से याद किया जाता था और यह उनकी फिल्मों में भी झलकता था.'' पीएम मोदी ने कहा कि कुमार की फिल्मों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को जगाया और ये पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी.
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित कुमार का शुक्रवार तड़के मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 87 वर्ष के थे. उन्हें ‘शहीद', ‘उपकार' एवं ‘पूरब और पश्चिम' जैसी देशभक्ति की लोकप्रिय फिल्मों के लिए ‘भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता था.
भारत का रहने वाला हूं... केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की श्रद्धांजलि
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मनोज कुमार जी एक बहुमुखी अभिनेता थे, जिन्हें हमेशा देशभक्ति से भरपूर फिल्में बनाने के लिए याद किया जाएगा. ‘भारत कुमार' के नाम से मशहूर, ‘उपकार', ‘पूरब और पश्चिम' जैसी फिल्मों में उनके अविस्मरणीय अभिनय ने हमारी संस्कृति को समृद्ध किया है और उन्हें पीढ़ियों से लोगों का प्रिय बनाया है. उनकी सिनेमाई विरासत उनके कामों के जरिए जिंदा रहेगी. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति."
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "चार दशकों के करियर में, प्रखर अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार जी ने देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव पर बनी अपनी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता. पद्मश्री से सम्मानित मनोज कुमार को 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था और उनकी 'शहीद' और 'उपकार' जैसी फिल्मों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का ध्यान आकर्षित किया था. हम उनके निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और लाखों प्रशंसकों के साथ हैं.
"हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे"
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "बॉलीवुड में भारतीयता का दूसरा नाम रहे मनोज कुमार जी के निधन पर मन व्यथित है. अपने अभिनय से उन्होंने दशकों तक हमारा दिल जीता था और आगे भी वो हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. मैं प्रभु श्रीराम से उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना करता हूं."
"निधन का समाचार अत्यंत दुखद"
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. लिखा, “भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं. जैसे अमर गीत और देशभक्ति से भरी फ़िल्मों के माध्यम से हर भारतीय के दिल में देश प्रेम जगाने वाले मनोज कुमार जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. देश को ‘भारत' के रूप में जीने वाले इस महान कलाकार को विनम्र श्रद्धांजलि."
पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी: अशोक पंडित
मनोज कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, "महान दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता, हमारे प्रेरणास्रोत और भारतीय फिल्म उद्योग के 'शेर' मनोज कुमार जी अब हमारे बीच नहीं रहे. यह उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी.
1. मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी था, इनका जन्म 24 जुलाई, 1937 को एबटाबाद में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है.
2. विभाजन के कारण उनका परिवार दिल्ली आ गया था और इस दौरान उन्हें शरणार्थी शिविर में रहना पड़ा था. तब उनकी उम्र 10 साल थी.
3. बाद में गोस्वामी परिवार राजधानी के पटेल नगर इलाके में बस गया.
४. अभिनेता मनोज कुनार ने हिंदू कॉलेज से डिग्री हासिल की है.
5. साल 1949 में उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रखा लिया था. दरअसल उनके पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार ने फिल्म शबनम में इसी नाम का किरदार निभाया था.
६.साल 1960 में आई कांच की गुड़िया उनकी पहली मुख्य भूमिका वाली फिल्म थी.
मनोज कुमार और उनकी पत्नी शशि के दो बेटे हैं, विशाल और कुणाल.
दुर्ग / शौर्यपथ / शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बोड़ेगांव में संचालित सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे एवं चौथे दिन क्रमशः हार्टफुलनेस शिविर और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया । तीसरे दिन के बौद्धिक सत्र में आमंत्रित शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के भूगर्भशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ श्रीनिवास देशमुख , उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुंदरी देशमुख, उनके सुपुत्र श्री ऋषिकेश देशमुख ट्रेनर के रूप में उपस्थित थे । डॉ देशमुख द्वारा ध्यान क्या है, कैसे किया जाता है,हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? इस बारे में बड़े ही विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई । इनके अतिरिक्त डॉ देशमुख ने आगामी तीन दिवस प्रातः कालीन योग एवं व्यायाम सत्र आयोजित करने की बात भी कही। शिविर के चौथे दिन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ग्राम में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं खून जांच शिविर का आयोजन किया गया। तत्पश्चात बौद्धिक सत्र में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर .पी. अग्रवाल ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से हम सभी अपने व्यक्तित्व के प्रत्यक्ष विकास के साथ- साथ ही समाज का अप्रत्यक्ष विकास भी करते हैं। यही इस शिविर का उद्देश्य भी है। डॉ अग्रवाल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के अपने 37 वर्षों के अनुभव को स्वयंसेवकों के सम्मुख साझा किए। साथ ही कार्यक्रम समन्वयक प्रो जनेंद्र दीवान दोनों दिवस उपस्थित रहे। उनके साथ साइंस कॉलेज दुर्ग के अध्यापक डॉ रजनीश उमरे भी शामिल थे। इन सबके साथ स्वयंसेवकों ने अपने परियोजना कार्य के दौरान वृक्षारोपण, चबूतरा निर्माण , गार्डन निर्माण हेतु मुरूम बिछाने का कार्य बड़े ही उत्साह और ऊर्जा के साथ किया, इससे ग्रामवासी काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे। प्रत्येक शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होने से ग्रामवासियों में हर्ष का माहौल है। ग्राम प्रमुख श्रीमती पप्पी भूपेंद्र टंडन ने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया और उन्हें इसी ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रेरित भी किया।यह सभी कार्यक्रम कार्यक्रम अधिकारी तरुण कुमार साहू के नेतृत्व में सहयोगी अधिकारी सुदेश साहू, डॉ कुंदन जांगड़े एवं निखिल देशलहरा के सहयोग से संचालित हो रहे हैं जबकि सभी गतिविधियां वरिष्ठ स्वयंसेवक मोरध्वज, ऋतिक, सतएक , हरीश, द्रविन, मिनेश, पोखराज, दीपांकर आदि के नेतृत्व में आयोजित हो रहे हैं। स्वयंसेवक हरीश ने अपने व्यक्तिव विकास से संबंधित अनुभव साझा किया। वहीं आदिल ने देशभक्ति गीत पर गिटार वादन कर ग्रामवासियों का मनोरंजन किया।