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नवागढ़ / शौर्यपथ / नवागढ़ तहसील के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र सहित नदी समीप दर्जनों ग्रामो में इन दिनों सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर मिट्टी कर अवैध लाल ईट का निर्माण किया जा रहा है जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत को होने के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दे रही है ।वही राजस्व विभाग, श्रम विभाग और खनिज विभाग भी अभीतक को कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रही है।
नवागढ़ क्षेत्र के हाथाडाँडू, नांदल, अँधियारखोर, गोपालभैना, टुरासेमरिया, बाघुल, नेवशा, बोइरकचरा, मुंगवाय, कुँआ, भदराली, घठोली, मानपुर, शमेशर जैसे दर्जनों गांव में ईंट भट्टों का संचालन हो रहा है। जबकि गर्मी सामने है और पानी के लिए लोगों को दूर दूर लेने जाना पड़ता है नदी-नाले सूख चुके हैं ऐसी स्थिति में ईट भट्ठा संचालक बोर से पानी लेकर लाखों की तादाद में ईट का निर्माण कर रहा है जिसके प्रति कृषि विभाग अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं बताया जाता है कि ईट भट्ठा संचालक का हौसला बुलंद है और वह पानी का उपयोग ईट भट्ठा निर्माण में कर रहा है।
कृषि योग्य भूमि पर ईट का निर्माण
ज्यादतर कृषि योग्य भूमि पर ईट का निर्माण हो रहा है जिसके चलते आने वाले समय में कृषि का कार्य प्रभावित रहेगा यह जमीन शुरू में काफी उपजाऊ था लेकिन लगातार ईंट निर्माण के चलते आगे बंजर की स्थिति निर्मित ना हो जाए जिससे किसान को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
बाहरी मजदूरों की जानकारी थाने में नही
पुलिस विभाग ने यह निर्देशित किया है कि किसी भी क्षेत्र के यदि किराएदार रहते हैं तो उनकी जानकारी थाने में देना जरूरी है लेकिन इन ईट भट्टो के संचालक के द्वारा बाहर से लेकर आये मजदूरों की जानकारी थाने में नही दी गयी है जिससे कि ये मजदूर किस क्षेत्र के हैं और कहां के हैं तथा उन्हें बंधक बनाकर काम तो नहीं कराया जा रहा है इसकी जानकारी पुलिस को हो सके ।मगर ईट भट्ठा मालिक और ना ही जमीन मालिक इस संबंध में कोई जानकारी थाना को दी है ।
प्रतिवर्ष करते है कारोबार, किराए पर लेते है जमीन
पिछले कई वर्षों से लगातार ईट का निर्माण किया जा रहा है वह भी बिना अनुमति के लेकिन आला अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं अवैध इट कारोबारी सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर ईट का निर्माण डंके की चोट पर कर रहा है। जानकारी के अनुसार इन ईट भट्टो के संचालक प्रदेश के बाहर से जिनका अंदाज उनके भाषा से लगाया जा सकता है।ये अपनी वास्तविक पहचान छुपाते है और अन्य नामों को बतलाते है।जो किसानों की जमीन को किराए पर लेकर संचालन करते है।
बिजली की चोरी, पर्यावरण को नुकसान
भाजपा मण्डल अध्यक्ष चन्द्रपाल साहू ने बताता कि लोड सीडिंग के कारण ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में बिजली घण्टो बन्द रहती है ऐसे में इट बनाने के लिए पानी की पूर्ति बोर से होती है जिसके लिए बिजली की चोरी कर उपयोग किया जाता है।प्रश्न करने पर बिजली विभाग में जुर्माना जमा करने की दलील देते है। अवैध इट भट्टो से ग्रामीण क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है।दूसरी ओर ईंट भट्टों के कारण निकलने वाला जहरीला धुआं लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है।
पुटपुरा में हुआ था हादसा, नजदीक लगे थे दो भट्ठे
कुछ दिनों पहले ग्राम पुटपुरा में ईंट-भट्टा मालिक के 3 साल के बच्चे एवं महिला की भट्टे के आग में जलने से मौत हो गई। हादसे का कारण ईंट-भट्टे की दीवार का अचानक गिरना बताया जा रहा है। बच्चा खेलते हुए भट्टे के नजदीक पहुंच तभी भट्टे की दीवार गिर गई। हादसे के दौरान बच्चे को बचाने में मजदूर महिला भी नीचे दब गई। दीवार के गिरने का मुख्य कारण दो भट्टो का नजदीक होना था।
" प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत एवं सत्ता पक्ष के छत्रछाया में सरकारी रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है। वहीं छोटे - छोटे व्यवसाय से जीविका चलाने वाले ग्रामीणों पर कार्यवाही होती है जबकि अवैध ईंट भट्टो के जरिए बडे पैमाने पर चल रहे कारोबार पर कोई नकेल नही है।"
देवादास चतुर्वेदी
पूर्व उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत नवागढ़।
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