June 18, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

– शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट दुर्ग। प्रदेश सरकार भले ही सुशासन और पारदर्शिता के दावे करती हो, लेकिन दुर्ग जिला खाद्य विभाग की कार्यशैली इन दावों को दिन-दहाड़े ठेंगा दिखा रही…

   रायगढ़ / शौर्यपथ / कापू क्षेत्र में जमीन से जुड़े पुराने विवाद ने रविवार को अचानक तूल पकड़ लिया, जब विवादित भूमि पर पहुंचे एक सरदार व्यक्ति ने दुनाली बंदूक लहराकर दूसरे पक्ष को जान से मारने की धमकी दी। यह घटना दोपहर करीब 1 बजे की है, जब दोनों पक्षों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर तनातनी चल रही थी।
विवादित जमीन पर थी बुवाई की तैयारी
   सूत्रों के अनुसार, विवादित भूमि पर एक पक्ष की ओर से बुवाई की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान दूसरे पक्ष से जुड़े एक सरदार व्यक्ति वहां पहुंचा और तेज आवाज़ में विरोध करते हुए अचानक अपनी डबल बैरल बंदूक निकाल ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसने कुछ लोगों को लक्ष्य कर धमकी भी दी। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पुलिस ने हथियार जब्त किया, एफआईआर दर्ज
 घटना की सूचना मिलते ही कापू पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।  बंदूक जब्त कर ली गई है और लाइसेंस की वैधता की जांच की जा रही है। अगर लाइसेंस अवैध या समाप्त पाया गया, तो आरोपी पर और भी गंभीर धाराएं लग सकती हैं।
क्या है आरोपी की पृष्ठभूमि?
  मिली जानकारी अनुसार आरोपी सरदार व्यक्ति पूर्व में एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल से जुड़ा रहा है और जिला स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा चुका है। हालाँकि वर्तमान में उसकी कोई पदस्थ स्थिति नहीं है, मगर उसके कुछ प्रभावशाली नेताओं से निकट संबंध बताए जा रहे हैं।
  स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि सरदार अक्सर जमीन से जुड़े मामलों में दखल देता है और खुद को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त बताता है। पुलिस इस पूरे मामले में राजनीतिक एंगल की भी जांच कर रही है।
गांव में दहशत, निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
  घटना के बाद कापू गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि इस प्रकार से हथियार लहराकर लोग विवाद सुलझाने लगेंगे तो क्षेत्र में कानून-व्यवस्था का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी के खिलाफ निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई की जाए तथा विवादित भूमि का स्थायी समाधान निकाला जाए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और संबंधित विभाग से हथियार लाइसेंस की जानकारी भी मांगी गई है।

- परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल मॉडल बन रहा पहचान
- आधुनिक तकनीक से भूजल रिचार्ज का देश में पहला प्रयोग
राजनांदगांव/शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले में भूजल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिशन जल रक्षा के अंतर्गत एक अनूठी और तकनीकी दृष्टि से समृद्ध पहल की जा रही है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रही है। जिले में अब तक कुल 1693 परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जा चुका है, जो भूजल रिचार्ज की प्राकृतिक संरचनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन टैंकों के निर्माण के लिए जीआईएस फ्रैक्चर जोन आइडेंटिफिकेशन जैसी वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे जल के प्रवाह और भूजल पुनर्भरण के उपयुक्त स्थलों का चयन किया गया। इन टैंकों में आसपास के क्षेत्रों से वर्षा जल एकत्रित होकर सीधे जमीन में रिसता है और भूजल स्तर को पुन: भरने में सहायक होता है।
नवाचार की नई दिशा-
परकोलेशन टैंक तथा इंजेक्शन वेल का समायोजन जल संरक्षण की इस मुहिम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु राजनांदगांव जिले ने परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल जोडऩे की अभिनव कार्ययोजना तैयार की है। अब तक 200 से अधिक परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा चुका है और आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व इस संख्या को और अधिक बढ़ाने हेतु तेजी से कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि युक्त संरचना की लागत मात्र 37 हजार रूपए है जो कि एक हैंडपंप खोदने की लागत से भी कम है और इसका कार्य सीधे सरफेस में इकट्ठा होने वाले जल को फिल्टर मीडिया से गुजारते हुए सीधे ग्राउंडवाटर टेबल में पहुंचने का है।
इंजेक्शन वेल की विशेषताएं -
वर्षा जल को फिल्टर कर गहराई तक सीधे जलभंडार तक पहुँचाया जाता है। संरचना की न्यूनतम लागत मात्र 37000 आसन एवं सीधे समझ में आने वाली तकनीक है। खाली पड़े ग्राउंडवाटर टेबल का सर्वोत्तम उपयोग, यह प्रणाली तेज वर्षा के समय अधिक जल को तुरंत जमीन में भेजने में सक्षम है। परंपरागत रिसाव विधियों की तुलना में अधिक प्रभावशाली भूजल पुनर्भरण संभव होता है। मिशन जल रक्षा के तहत पारंपरिक तारीख से आगे बढ़ते हुए अब नवीनतम तकनीक के आधार पर संरचनाएं तैयार किया जाना आज के समय की मुख्य जरूरत है। जिले की यह पहल इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसमें परकोलेशन टैंक के निर्माण में जीआईएस मैपिंग, हाईड्रोलॉजिकल, सर्वे तथा रनआफ कैचमेंट एनॉलसिस जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है। इस तकनीकी दृष्टिकोण के कारण संरचनाएं न केवल प्रभावी सिद्ध हो रही हैं, बल्कि उनका दीर्घकालिक जल संरक्षण में योगदान भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला होगा। साथ ही साथ वर्तमान में स्वीकृत किए गए 46 बोरखनन में हैंडपंप के साथ बोरवेल के साथ-साथ इंजेक्शन वेल की भी स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें बोरवेल से 30 फीट की दूरी में ही 100 फिट गहरा इंजेक्शन वेल का निर्माण कर बोरवेल का ओवरफ्लो पानी सीधे इंजेक्शन वेल से जोड़ा जा रहा है जिससे कि पानी का दुरूपयोग कम से कम हो और बोरवेल कभी सूखने की स्थिति में ना आए इन प्रयासों को ग्रामीणों द्वारा बड़े ध्यान पूर्वक देखकर तकनीक को समझते हुए सुझाव भी प्रदान किए जा रहे हैं।
सम्भावित परिणाम और सामाजिक प्रभाव-
इंजेक्शन वेल से वर्षा जल सीधे भूजल स्तर तक पहुँचेगा, जिससे स्थानीय जल स्तर में वृद्धि होगी। कुएं, हैंडपंप, और ट्यूबवेल में जल की उपलब्धता बढ़ेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर पहला प्रयोग -
यह समायोजन मॉडल परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल देश में अपने आप में पहला प्रयास माना जा रहा है, जिसमें भूजल रिचार्ज के लिए अत्याधुनिक तकनीक को समग्र ग्रामीण विकास मॉडल में समाहित किया गया है। यह जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थाओं के लिए भी समय-समय पर  केंद्रीय मंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से अध्ययन और अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जा रही है।
प्रशासनिक नेतृत्व एवं सतत निगरानी -
इस पहल के पीछे जिला प्रशासन की दूरदर्शिता, तकनीकी टीमों का समर्पण और जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की सहभागिता प्रमुख भूमिका निभा रही है। कार्य की नियमित निगरानी, सर्वेक्षण और सामुदायिक भागीदारी ने इसे सफल बनाने में निर्णायक योगदान दिया है।
जिले में परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल युक्त भूजल रिचार्ज मॉडल, जल संकट से जूझते ग्रामीण भारत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह पहल न केवल भूजल स्तर में सुधार लाने वाली है, बल्कि एक सतत, विज्ञान आधारित और सामुदायिक भागीदारी से युक्त जल नीति की मिसाल भी पेश कर रही है।

बालोद/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा नगर सेना अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएँ तथा एसडीआरएफ, मुख्यालय छत्तीसगढ़, नवा रायपुर के अंतर्गत महिला एवं पुरुष नगर सैनिकों की लिखित भर्ती परीक्षा का आयोजन 22 जून 2025 (रविवार) को किया जाएगा। अभ्यर्थी व्यापम की वेबसाइट अलंचंउमह.बहेजंजम.हवअ.पद पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके अपने प्रोफाइल लॉगिन पेज से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त एसएमएस के यू.आर.एल. को क्लिक करके भी सीधे प्रवेश पत्र प्राप्त कर उसका प्रिंट आउट ले सकते हैं।
परीक्षा दिवस को प्रत्येक परीक्षार्थी लगभग एक घंटे पूर्व अपने परीक्षा केन्द्र में उपस्थित रहें, जिससे उनके मूल पहचान पत्र से उनका पहचान किया जा सके एवं परीक्षा केंद्र में जाने हेतु अनुमति दी जा सके। यह उचित होगा कि, परीक्षार्थी परीक्षा दिवस से एक दिन पूर्व ही अपने परीक्षा केन्द्र की भौगोलिक स्थिति से भलीभाँति परिचित हो जावें। प्रवेश पत्र पर अंकित समय के पश्चात किसी को भी परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा ।
अभ्यर्थी संपूर्ण प्रवेश पत्र पूर्णतः डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट लेकर परीक्षा केन्द्र में जायें। परीक्षार्थियों को डाकघर के माध्यम से प्रवेश पत्र नहीं भेजा जाएगा। किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र के सम्बंध में कठिनाई होती है तो हेल्पलाइन नंबर 0771-2972780 एवं मोबाइल नंबर 8269801982 पर समय प्रातः 10 से शाम 05.30 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को अपना फोटोयुक्त मूल आई डी. प्रूफ जैस े मतदाता पहचान पत्र, ड्रायविंग लायसेंस, पेन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, विद्यालय का फोटोयुक्त परिचय पत्र, फोटोयुक्त अंकसूची मूलरूप में (फोटो कॉपी मान्य नहीं) परीक्षा दिवस में परीक्षा केन्द्र में लाना अनिवार्य होगा। मूल पहचान पत्र के अभाव में परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

शिविर में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण हुए उपस्थित
शासन की विभिन्न योजनाओं से हितग्राही हुए लाभान्वित
बालोद/शौर्यपथ /धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत आज जिले के डौंडी विकासखण्ड के ग्राम घोटिया में लाभ संतृप्त शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम घोटिया सहित पेण्ड्र, पचेड़ा, पटेली, टेकाढोड़ा, सिंगनवाही, भर्रीटोला-36, धोतिमटोला और ठेमाबुजुर्ग के ग्रामीणों बड़ी संख्या में शामिल हुए। शिविर में पात्र परिवारों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से त्वरित रूप से लाभान्वित किया गया। शिविर में जनपद पंचायत डौण्डी के अध्यक्ष श्री भोलाराम नेताम, सरपंच श्रीमती ममता मंडावी, क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे।
ग्राम घोटिया में आयोजित शिविर शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। शिविर में अनुसूचित जनजाति के 108 आवासहीन परिवारों का चिन्हांकन किया गया । इसी प्रकार 10 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड और 05 का टीकाकरण किया गया। 18 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 04 हितग्राहियों का पेंशन, 32 लोगों का सिकलसेल एनिमिया की जाॅच, अनुसूचित परिवारों के 04 घरों में विद्युत कनेक्शन सहित वन अधिकार पत्र धारी को पशुपालन विभाग की की योजनाओं का लाभ दिलाने 29 हितग्राहियों को चिन्हांकित कर सूची उच्च कार्यालय में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 60 रायपुर नाका में स्थिति मुक्तिधाम का निरीक्षण महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने वार्ड पार्षद सहित लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर के साथ मौके पर उपस्थित ठेकेदार को जल्द ही कार्यो को पूरा करने को कहा गया।उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम क्षेत्र स्थल पर बाउंड्रीवाल के किनारे-किनारे चारो तरफ छायादार पौधे रोपण करने के निर्देश दिए।साथ ही मुक्तिधाम में बेहतर साफ सफ़ाई करने,गाजर घास को काटने के लिए भी निर्देश दिए गए।इस दौरान प्रभारी देवनारायण चंद्राकर, देवनारायण तांडी,अरुण सिंह,शिवेंद्र परिहार,रंजिता पाटिल,निखिल खिचारिया, सहायक अभियंता संजय ठाकुर,उपअभियंता पंकज साहू के अलावा ठेकेदार उपस्थित रहे।
रायपुर नाका मुक्तिधाम में चल रहे उन्नयन व सुंदरीकरण कार्य का निरीक्षण करने महापौर श्रीमती अलका बाघमार टीम के साथ पहुँची।उन्होंने प्रतीक्षा शेड व दाह संस्कार के लिए शेड मरम्मत का निर्माण किया जाना है, यह कार्य प्रगति पर हैं। इस कार्य के लिए 24 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह मुक्तिधाम के भीतर शेड, नल कनेक्शन, पुराने मंच की रिपेयरिंग करते हुए चारों ओर छायादार वृक्ष लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मुक्तिधाम में आने वाले शोकाकुल परिवारों के नहाने के लिए उचित व्यवस्था करते हुए स्नान स्थल, पीने की पानी की व्यवस्था, पाइप लाइन व्यवस्था, भवन मरम्मत सहित  किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है।

18 जून को कस्तुरमेटा में लगाया जाएगा शिविर
नारायणपुर/शौर्यपथ /कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं के निर्देशानुसार जिले में 30 जून 2025 तक धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अंतिम व्यक्ति को पात्रता अनुसार व्यक्तिगत हक एवं लाभों से संतृप्त किया जाना है, जिसके तहत् 17 जून को धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत जिले के ग्राम पंचायत एड़का में जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत देवगांव, दुग्गाबेंगाल, एड़का, गरांजी, गढ़बेंगाल, बोरपाल, आमासरा एवं ताड़ोपाल के ग्रामीणजन सम्मिलित हुए। इसी प्रकार 18 जून को ओरछा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कोडोली उर्फ कस्तुरमेटा में जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन किया जाएगा।
इसी प्रकार जिले के विकासखंड नारायणपुर अंतर्गत 20 जून को ग्राम पंचायत बड़ेजम्हरी में, 21 जून को बेनूर में, 23 को रेमावण्ड, 27 को धौड़ाई, 30 को पालकी में तथा विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत 24 जून को ग्राम पंचायत सोनपुर, 25 को ओरछा और 28 जून को कोहकामेटा में जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान में आधार, आयुष्मान, पीएम जनमन खाता, पीएम किसान सम्मान निधि जैसे 25 चिन्हांकित योजनाओं हेतु शिविर लगाया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य शिविर, सिकल सेल जांच और हितग्राहियों का पंजीयन सुनिश्चित किया जाएगा।
जनपद पंचायत अध्यक्ष पिंकी उसेण्डी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान में ग्राम स्तर पर शिविरों के माध्यम से आप आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, सिकल सेल स्क्रीनिंग, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, किसान केडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, पी एम जनधन खाता, फसल बीमा, पी एम जीवन ज्योति बीमा योजना, पी एम सुरक्षा बीमा योजाना, पेंशन योजना (वृद्धा पेंशन, विधवा पेशन, दिव्यांग पेंशन), मनरेगा, जौब कार्ड, पी एम विश्वकर्मा, मुद्रा लोन, महिला एवं बालविकास विभाग की विभिन्न योजना सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, श्रम कार्ड, ई-श्रम कार्ड, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (एल.पी. जी.), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, बाड़ी विकास, जल जीवन मिशन अन्तर्गत नल कनेक्शन, सामुदायिक नल जल, जन्म प्रमाण पत्र, प्रत्येक घरों में विद्युत उपलब्धता, पोषण वाटिका, प्रधानमंत्री आवास योजना, व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालय निर्माण तथा कौशल प्रशिक्षण सेवाओं के प्रदाय हेतु आवेदन दे सकते है।
जिला पंचायत सदस्य संतनाथ उसेण्डी ने कहा कि धरती आबा योजना के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों से गरीबी, अशिक्षा और असमानता को समाप्त किया जाएगा। यह अभियान ग्रामीणों को योजनाओं के प्रति जागरूक करने और उनका सीधा लाभ दिलाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। योजनाएं तभी सफल होंगी जब जनता स्वयं जागरूक होकर उनमें भागीदारी निभाएं। सरकार केवल योजनाएं बना सकती है, लेकिन उनकी सफलता जनता की सक्रियता पर निर्भर है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे यह अभियान ग्रामीणों को योजनाओं से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। इस शिविर में आधार, आयुष्मान, पीएम जनमन खाता, पीएम किसान सम्मान निधि जैसे 25 चिन्हांकित योजनाओं हेतु शिविर लगाया गया साथ ही स्वास्थ्य शिविर, सिकल सेल जांच और हितग्राहियों का पंजीयन सुनिश्चित किया गया।
शिविर में एसडीएम गौतमचन्द पाटिल, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग राजेन्द्र सिंह, डीपीएम राजीव बघेल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एलएन पटेल, सभी पंचायत के सरपंचगण एवं विभागीय अधिकारी कर्मचारी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। विशेष रोजगार कार्यालय, रायपुर द्वारा 18 जून  को प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक विशेष प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह कैम्प विशेष रोजगार कार्यालय, पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, सिविल लाइंस, रायपुर में आयोजित होगा।
 विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की उपसंचालक डॉ. शशी अतुलकर ने बताया कि इस प्लेसमेंट कैम्प में अलर्ट एस.जी.एस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर द्वारा दिव्यांगजनों को घर बैठे एजेंट के रूप में कार्य करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह कार्य पूरी तरह से कमीशन आधारित होगा, जिसमें कार्य की मात्रा के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाएगा।
योग्यता और आवश्यक दस्तावेज
इस कैम्प में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी इच्छुक 12वीं उत्तीर्ण दिव्यांग अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। उन्हें अपने साथ 12वीं की अंकसूची, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, रोजगार कार्यालय पंजीयन प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड दस्तावेजों की फोटोकॉपी एवं दो पासपोर्ट साइज फोटो लाना अनिवार्य होगा।
कैम्प में आने-जाने, भोजन और ठहरने की व्यवस्था अभ्यर्थियों को स्वयं करनी होगी। किसी प्रकार का मार्ग व्यय देय नहीं होगा। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी कार्यालयीन समय में विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर से दूरभाष क्रमांक +91-0771-4044081 पर संपर्क कर सकते हैं।

रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने विभागीय कार्यों एवं जनप्रतिनिधियों की अद्यतन स्थिति से राज्यपाल को अवगत कराया।

सेन समाज के सम्मान समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
रायपुर/शौर्यपथ /समाज के प्रतिभाओ के सम्मानित करना उनके भीतर सकारात्मक प्रेरणा जगाने का उत्कृष्ट प्रयास सेन समाज कर रहा है। जब हम किसी व्यक्ति की मेहनत और उपलब्धियों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करते हैं तो हम सिर्फ उसका मनोबल नही बढ़ाते, बल्कि समाज के अन्य लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज सेन समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में यह विचार व्यक्त किए।
सेन समाज के महिला विंग द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा समाज के सभी जिलों के महिला अध्यक्षों, प्रतिभावान विद्यार्थियों, खिलाड़ियों एवं विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सेन समाज का इतिहास गौरवशाली और प्रेरणादायक है। यह समाज न केवल पारंपरिक बाल केश कला में निपुण रहा है बल्कि समय के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यवसाय के अनेक क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रहा है। यह प्रतिभा सम्मान समारोह समाज की उन्नति और समाज के लोगों की मेहनत का प्रतीक है। राज्यपाल ने सेन समाज की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए महिलाओं ने यह सिद्ध किया है कि सशक्त नारी ही सशक्त समाज की नींव है। महिला विंग ने इस आयोजन के माध्यम से संगठन को मजबूत किया है और आने वाली पीढ़ियों को दिशा देेने का कार्य कर रही है। आज की महिलाएं घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों को भी अच्छी तरह निभा रही हैं। यह परिवर्तन समाज को नई ऊर्जा दे रहा है।
श्री डेका ने कहा कि हमे यह भी याद रखना जरूरी है कि सम्मान केवल पद, डिग्री या पैसे से नहीं मिलता बल्कि हमारे आचरण, सेवा एवं समर्पण से प्राप्त होता है। उन्होंने समाज के हर उस व्यक्ति को नमन किया जो निस्वार्थ भाव से अपने आस-पास के लोगांे के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री डेका ने भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं एक जन नायक थे। श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां जनजातीय, ग्रामीण और शहरी सभी प्रकार की सामाजिक संरचनाएं एक साथ जुड़ी हुई है वहां सामाजिक संगठनों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि सेन समाज आने वाले वर्षों में प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्हांेेने समाज के युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण, उद्यमिता और डिजिटल शिक्षा की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता बताई जिससे वे आत्म निर्भर बन सके, साथ ही अपनी सांस्कृतिक पहचान और परंपरा को भी बनाए रख सके।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रदेशाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व सेन समाज (महिला विंग), एवं छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्प कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने दिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सर्व सेन समाज के पदाधिकारी सहित सेन समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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