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बेमेतरा / SHOURYAPATH / अप्रैल 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया। विश्व साइकिल दिवस के लिए संकल्प "साइकिल की विशिष्टता, दीर्घायु और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानता है, जो दो सदियों से उपयोग में है, और यह परिवहन का एक सरल, किफायती, भरोसेमंद, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ साधन है।मुख्य संदेश यह दिखाना है कि साइकिल पूरी मानवता की है और उसकी सेवा करती है।विश्व साइकिल दिवस एक वैश्विक अवकाश है जिसका मतलब किसी भी विशेषता की परवाह किए बिना सभी लोगों द्वारा आनंद लेना है। साइकिल आगे "टिकाऊ परिवहन का प्रतीक है और एक सकारात्मक संदेश देती है।
विश्व साइकिल दिवस अब टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ जुड़ा हुआ है। इसीलिए वर्ल्ड बाइसिकल डे आपको साईकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करता है और आप स्वस्थ रहे सके।
साइकिल चलाने के फायदे-
अच्छी नींद - रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाने से रात में अच्छी नींद आती है. अगर आपको रात में नींद न आने की समस्या है तो साइकिलिंग करने से आपकी ये परेशानी हल हो सकती है.
तेज होता है दिमाग - एक रिसर्च के अनुसार जो इंसान रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाता है उसका दिमाग साधारण इंसान के मुकाबले ज्यादा एक्टिव रहता है और ब्रेन पावर बढने के चांसेज भी 15 से 20 प्रतिशत तक बढते है.
ठीक होता है इम्यून सिस्टम - साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन आधा घंटा साइकिल चलाने से इम्यून सेल्स एक्टिव हो जाते हैं और बीमार होने का खतरा कम हो जाता है.
बर्न होती हैं कैलोरीज - साइकिलिंग करना एक्स्ट्रा कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है. साइकिलिंग करके एक्स्ट्रा कैलोरी को बहुत ही आसानी से बर्न किया जा सकता है.
दिन में कितना वक़्त साइकिल चलाये ?
हमें दिनभर में रोजाना करीब आधा घंटा साइकिल जरूर चलानी चाइये जिसे की हमारा पूरा शरीर फिट रह सके।
साइकिलिंग के ज़रिए क्षेत्रीय प्रकृति एवं लोगो से जुड़ने को मिला : राजीव शर्मा
बेमेतरा एसडीओपी राजीव शर्मा ने कहा कि मैं विगत 1 वर्ष से साइकिलिंग कर रहा हूं हालांकि एक्सरसाइज घर में भी किया जा सकता है किंतु सुबह का बाहर का नजारा अलग ही होता है विशेषकर ठंड और बारिश के दिनों में शिवनाथ नदी के आसपास का नजारा देखने लायक रहता है। मैंने अधिकतम 50 किलोमीटर तक साइकिलिंग की है विगत 1 वर्षों से अधिक समय से नियमित प्रातः 4:30 बजे उठकर 4:45 बजे रवाना होकर लगभग सुबह 7:00 बजे तक बेरला कुसमी , खर्रा से जाकर रोज वापस आता हूं।
पिछले लॉकडाउन के दरमियान जब मैं साइकिलिंग करके बेरला कुसमी से लौट रहा था, सरदा जहां अधिकांश लोग पहचानते और जानते हैं । लोग मुझे साइकिलिंग करके देख कर प्रतिस्पर्धा भी करते थे कुल मिलाकर प्रकृति का नजारा और साइकिलिंग के 1.5-2 घंटे के दरमियान बहुत नजदीक से देखने का मौका मिलता है।मेरे पास स्नेल साइकिल है जो जर्मनी में डिजाइन की गई है , हालाकि यह भारत में निर्मित होती है वजन 10 किलो से भी कम है इसे अधिकतम 45 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चला चुका हूँ, औसत स्पीड मेरी 20 किमी प्रतिघंता रहती हैं।
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