July 16, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

लजीज मनभावन बनाना खिचड़ी
खाना खजाना / शौर्यपथ / सामग्री : आधा दर्जन कच्चे केले, 2 चम्मच राजगिरा आटा, मूंगफली दाने 100 ग्राम, जीरा 1 चम्मच, शक्कर 1 चम्मच, काली मिर्च 5-7 बारीक पिसी हुई, हरी मिर्च 4-5 बारीक कटी हुई, हरा धनिया, बड़ा आधा चम्मच घी, नींबू, सेंधा नमक स्वादानुसार।
विधि : सबसे पहले मूंगफली दाने को सेंक कर दरदरा पीस लें। कच्चे केले को हल्के उबाल कर छील लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब कड़ाही में आधा चम्मच घी लेकर जीरा फ्राई करें एवं हरी मिर्च और केले के पीस कर डाल दें। इसे थोड़ी देर पकने दें।
अब इसमें दरदरी पिसी मूंगफली डाल दें और
सारा मसाला डालकर धीमी आंच पर पांच मिनट पकने दें। लीजिए तैयार है कच्चे केले से बनी लजीज फलाहारी खिचड़ी। ऊपर से बारीक कटा हरा धनिया डालें
और पेश करें।
केले की नमकीन चटपटी पूरी
सामग्री :
3 कच्चे केले, 250 ग्राम सिंघाड़ा अथवा राजगिरा आटा, आधा चम्मच लाल मिर्च पावडर, 1 चम्मच सौंफ, सेंधा नमक स्वादानुसार, चुटकी भर शक्कर, पाव चम्मच काली मिर्च पावडर, बारीक कटा हरा धनिया, तलने के लिए घी अथवा तेल।
विधि : सबसे पहले कच्चे केले को उबाल लें। ठंडे होने पर छिलके उतार कर हाथ से मैश कर लें। अब एक थाली में सिंघाड़ा अथवा राजगिरा आटा लेकर छान लें। उसमें उपरोक्त मसाला सामग्री और केले का मिश्रण मिलाएं। तत्पश्चात आटे को गूंथ कर 10-15 मिनट कपड़े से ढंककर रख दें।
अब तैयार आटे की छोटी-छोटी लोई बनाकर पूरियां बेल लें। एक कड़ाही में घी/तेल गरम करके केले की फलाहारी पूरी कुरकुरी होने तक तल लें। गरमा-गरम पूरी को दही के रायते या हरी चटनी के साथ पेश करें।
कच्चे केले की चिप्स
सामग्री : आधा दर्जन कच्चे केले, आधा छोटा चम्मच काली मिर्च पिसी हुई, सेंधा नमक एक छोटा चम्मच, आधा चम्मच भूने जीरे का पावडर, तलने के लिए घी अथवा तेल।
विधि : सबसे पहले कच्चे केले के छिलके उतार लीजिए। अब एक कड़ाही में घी अथवा तेल अच्छा गरम रखें, तेल गरम होने के पश्चात किसनी के माध्यम से तेल में चिप्स घिसती जाएं। चिप्स कुरकुरी होने पर तेल से बाहर निकाल लें। ऊपर से काली मिर्च, जीरा पावडर और सेंधा नमक बुरकाएं।
ठंडी होने पर चिप्स को एयर टाइट डिब्बे में भर कर रख दें। फिर घर में बनी शुद्ध केले की चिप्स से फलाहार करें। आप चाहे तो ऊपर से सूखा या तला हरा धनिया डालकर भी पेश कर सकती हैं।
कच्चे केले की लजीज टिकिया
सामग्री :
5 कच्चे केले, 250 ग्राम उबले आलू, 30 ग्राम कुट्टू का आटा, अदरक, 2-3 हरी मिर्च, लाल मिर्च पावडर एक चम्मच, 2 चम्मच भूना जीरा पावडर, आधा चम्मच अमचूर पावडर, 100 ग्राम पनीर, घी तलने के लिए, सेंधा नमक या नमक स्वादानुसार, हरा धनिया, पाव कटोरी किशमिश।
विधि : पहले कच्चे केले को उबालें, छीले और ठंडा होने के लिए रख दें। अब धनिया, हरी मिर्च व अदरक को बारीक काट लें। उबले केले और आलू का मिश्रण तैयार करके अदरक, हरी मिर्च और हरा धनिया मिला लें।
इसमें कुट्टू का आटा, सेंधा नमक, मिर्च और जीरा पावडर मिलाएं और छोटी-छोटी गोलिया बनाकर रख लें। अब एक दूसरे बर्तन में पनीर को लेकर किशमिश, नमक, अदरक, मिर्च और धनिया मिलाएं। इस मिश्रण को केले के गोले में भरकर टिक्की की तरह हाथ से दबा लें।
अब अपनी सुविधानुसार इसे नॉन स्टिक तवे पर या ड्रीप फ्राई कर गरमागरम टिकिया को हरी और मीठी चटनी के साथ पेश करें। आप चाहे तो ऊपर से फलाहारी आलू की सेंव भी बुरका सकती हैं।

 

दुर्ग / शौर्यपथ / वैश्विक महामारी से आज हर कोई जूझ रहा है और कोरोना जैसी घातक वसंक्रमक महामारी को दूर करने जिला स्तर पर अभियान चलाया जा रहा जिसमे नगर निगम के सफाई कर्मी स्वास्थ्य कर्मी पुलिस कर्मियों का विशेष योगदान है इनसब के साथ साथ प्रशाशन ने आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है आपको बता दे कि कोविद 19 की जांच के लिये प्रशाशन ने आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ की ड्यूटी को बढ़ा दिया है और डोर टू डोर मरीजो की जांच के आदेश भी आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ को दिए है और उसके बदले में आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ को मानदेय के रूप में दी जाने वाली राशि काफी अल्प है जिसके चलते महिलाओ को आर्थिक परिस्थितियोंसे जूझना पड़ रहा देखा जाए तो आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ कार्य भी कम नही है और इनकी भी भूमिका महत्वपूर्ण है लेकिन कार्य के बदले में जो राशि महिलाओ को दी जाती है वह ,,ऊंट के मुह में जीरा के समान, है आखिर इनकी समस्या का हल कैसे होगा क्या प्रशाशन आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ के कार्य और उसके बदले में दी जाने वाली राशि को लेकर गंभीर नही है,, क्या इन महिलाओं को दी जाने वाली राशि पर्याप्त है,, ये सभी बाते अभी सोचनीय है , इनकी समस्याओ का निवारण कैसे होगा इस पर प्रशाशन को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है जिस से ये महिलाए भी अपनी जीविका आसानी से चला सके और अपने कार्य को बखूबी अन्जाम दे सके ।

*जांजगीर-चांपा जिले के डभरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बासीन नामक गांव का मामला* *डभरा थाना प्रभारी श्री डी.आर. टंडन की कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन पर हुई त्वरित कार्यवाही* जांजगीर चांपा डभरा । शौर्यपथ । हमारे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शादी का प्रलोभन देते हुए, प्रेम-प्रसंग के जाल में फंसाकर, शारीरिक संबंध बनाकर अनाचार करने वाले आरोपी युवक को डभरा थाना प्रभारी डी आर टंडन की कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन पर पुलिस कर्मियों द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजने की बड़ी कार्यवाही की गई है, पूरा मामला जांजगीर-चांपा जिले के डभरा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम बासीन की है, एवं संबंधित मामले पर गिरफ्तार आरोपी युवक का नाम नंदराम अजगल्ले पिता गणेशाम अजगल्ले उम्र 25 वर्ष साकिन ग्राम बासीन है। संबंधित मामले के संदर्भ में पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 12/3/20 को प्रार्थी द्वारा डभरा थाने में उपस्थित होकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि *✍ वर्ष 2018 के दशक में वह (प्रार्थी) बासीन के नंदराम अजगल्ले पिता गणेशाम अजगल्ले के पास कंप्यूटर सीखने हेतु जाया करती थी, उसी दरमियान उक्त युवक के द्वारा शादी करूंगा संबंधी आश्वासन देकर अपने घर में रखने हेतु प्रलोभन देते हुए कई बार लगातार शारीरिक संबंध बनाया गया, अंत में जब मेरे (प्रार्थी) एवं मेरे परिजनों के द्वारा उक्त युवक को शादी करने हेतु बोला गया तो उस युवक के द्वारा शादी से मना करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई✍* प्रार्थी की लिखित रिपोर्ट पर डभरा थाने में अपराध क्रमांक 103/2020 पर धारा 376,506 भादवी के तहत आरोपी युवक के विरुद्ध अपराध पंजीकृत कर मामले को विवेचना में लिया गया। थाने पर महिला से हुए अत्याचार संबंधित प्रकरण दर्ज होने पर डभरा थाना प्रभारी द्वारा उक्त विषय से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया जिस पर उच्च अधिकारियों द्वारा मामले पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी हेतु निर्देश प्राप्त होने पर डभरा थाना प्रभारी डी आर टंडन एवं श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चंद्रपुर बी एस खुटिया की त्वरित मार्गदर्शन पर उक्त मामले की आरोपी नंदराम अजगल्ले पिता गणेशाम अजगल्ले उम्र 25 वर्ष साकिन ग्राम बासीन थाना डभरा जिला जांजगीर चांपा छ.ग. को आज दिनांक 21/10/20 पर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा हेतु भेज दिया गया ।। डभरा थाना प्रभारी श्री डी.आर.टंडन की कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन पर उक्त कार्यवाही में संपूर्ण डभरा थाना स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।।

दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा व्हीआईपी जिला में अगर किसी का नाम आता है तो वह जिला है दुर्ग . दुर्ग जिले से प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल , गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू , ग्रामीण यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरु सहित संसदीय सचिव अरुण वोरा का विधानसभा दुर्ग जिले के अंतर्गत आता है . 15 साल की भाजपा सता के बाद कांग्रेस को छत्तीसगढिय़ा सरकार का सपना दिखाते हुए कांग्रेस की सत्ता आयी और प्रदेश में पहली बार छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री का ताज भूपेश बघेल के सर हुआ . उसी जिले में आज दुर्ग ग्रामीण के विधायक और प्रदेश सरकार में गृह व पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही को लेकर आवेदन जमा ना करने के किसी उपरी आदेश को लेकर एक व्यथित ठेकेदार द्वारा अपनी पीड़ा बताने के लिए विभाग के सामने अधनंगा होना पड़ा .
मामला कुछ इस प्रकार है कि दुर्ग पीडब्ल्यूडी कार्यालय दुर्ग में कल 21 अक्तूबर को निविदा फ़ार्म जमा करने की अंतिम तिथि थी अंतिम तिथि होने और लगभग 70 से ऊपर करोडो के कार्य के लिए निविदा फ़ार्म भरने की अंतिम तारीख होने की वजह से सुबह से ही कार्यालय में ठेकेदारों का जमावड़ा लगा हुआ था . ठेकेदारों द्वारा निविदा फ़ार्म का आवेदन जमा करने की तैयारी को उस समय ग्रहण लगने लगा जब विभाग के कर्मचारियों द्वारा आवेदन में ईई साहब की मार्किंग की बात सामने आयी किन्तु अंतिम दिन होने के बाद भी ईई अशोक श्रीवास अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे ऐसे में ठेकेदारों द्वारा फोन से संपर्क करने की कोशिश की गयी किन्तु ईई श्रीवास द्वारा किसी के फोन का उत्तर नहीं मिलने से और बार बार आवेदन लेने की अपील करने के बाद जब विभाग के बाबु ने आवेदन लेने में असमर्थता दिखाई तब एक ठेकेदार द्वारा अधनंगा होकर आवेदन फ़ार्म लेने के लिए विभाग के कक्ष में ही धरना दे दिया गया जिसकी खबर लगते ही कई ठेकेदार भी कार्यालय भवन पहुँच गए .
ठेकेदारों का कहना था कि आखिर किस नियम के तहत आवेदन फ़ार्म नहीं लिया जा रहा और रसीद नहीं काटी जा रही . ठेकेदारों का विचलित होना एक हद तक सही भी था अंतिम दिन अगर ईई को आवेदन में मार्किंग करनी है तो उन्हें कार्यालय में उपस्थित होना था क्योकि मामला विभागीय कार्य का है अगर किसी अन्य विभागीय कार्य में व्यस्त थे तो इसकी सुचना देनी थी या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को नियुक्त करना था किन्तु ईई श्रीवास द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं करने से स्थिति बेकाबू होने लगी . और नौबत कपडे उतार देने तक आ गयी .
पूर्व में भी ऐसी स्थिति निर्मित हुई है - ठेकेदारों ने कहा कि पूर्व में भी आवेदन फ़ार्म जमा करने के अंतिम दिनों में ईई कार्यालय से नदारद रहते है और उनसे संपर्क नहीं हो पाटा पूर्व में भी कई बार कार्यो का आवेदन फ़ार्म जमा नहीं होने से काफी नुक्सान हुआ है वही ठेकेदारों द्वारा ये आरोप लगाया जा रहा है कि ईई अपने मनपसंद ठेकेदारों को कार्य वितरित करने के लिए इस तरह का कार्य कर रहे है ठेकेदारों के आरोप में सच्चाई कितनी है ये तो जाँच का विषय है किन्तु कल की वस्तुस्थिति से यही प्रतीत होता है कि ईई श्रीवास द्वारा कार्य में लापरवाही की गयी और मामला बिगड़ता देख सुचना मिलने पर आखिरकार आवेदन फ़ार्म को लिया गया किन्तु स्थिति अभी भी शंका के घेरे में है क्योकि आवेदन फ़ार्म लेने के साथ रसीद भी कटती है किन्तु रसीद बाद में काटने की बात सामने आयी है जबकी आवेदन फ़ार्म जमा करने की अंतिम थिति 21 अक्तूबर की है .तो क्या ईई या अन्य कर्मचारियों द्वारा बेक डेट में रसीद काटने की प्रथा का आरम्भ हो गया है पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह जिले में ? क्या पीडब्ल्यूडी मंत्री की छवि को खराब करने की कोई साजिश राजी जा रही है या फिर ठेकेदारों द्वारा तथ्यहीन बातो को लेकर इस तरह की घटना हो रही है . कांग्रेस की सरकार भाजपा के शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने और सुशासन की बात पर सत्ता में आयी किन्तु कल की पीडब्ल्यूडी विभाग की घटना ने ये दर्शा दिया कि अभी भी कुछ सही नहीं चल रहा विभाग में . कुछ ठेकेदारों का कहना है कि इस तरह के वाक्य से विभाग की छवि के साथ साथ प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है वही मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है .
ईई श्रीवास से संपर्क की कोशिश हुई असफल ...
पीडब्ल्यूडी विभाग दुर्ग के मुखिया अशोक श्रीवास है कल उनके कार्यालय में इतना बड़ा हंगामा होने के घंटो बाद भी ईई का कार्यालय नहीं पहुँचना फोन से संपर्क नहीं करना , ठेकेदारों की समस्याओ का हल नहीं निकलना निविदा के अंतिम दिनों में अक्सर कार्यालय से अनुपस्थित रहा कई तरह के संदेहों को जन्म तो देता है साथ ही पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू की छवि को उनके कार्यशैली को भी प्रश्नचिन्ह लगता है क्या पीडब्ल्यूडी मंत्री मामले को संज्ञान में लेकर कल की घटना की निष्पक्ष जाँच करवाएंगे क्योकि शब्दों से नवा छत्तीसगढ़ नहीं गढ़ा जा सकता नवा छत्तीसगढ़ गढऩे के लिए जमीनी स्तर पर कार्य भी होना जरुरी है क्या इसी छत्तीसगढ़ में किसी ने सोंचा था कि जो गोबर सडको पर फैला रहता था वह भी विक्रय किया जा सकता है किन्तु आज वही गोबर बेच कर कई परिवारों की जिन्दगी में बदलाव आये है कहने का अर्थ यह है कि जमीनी स्तर पर सुशासन होगा तो नवा छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा .

मुख्यमंत्री ने कहा: शहीद महेन्द्र कर्मा की इच्छानुरूप होगा बस्तर का विकास
दंतेवाड़ा के सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से की सौजन्य मुलाकात
देवगुड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए व्यक्त किया आभार


रायपुर / शौर्यपथ / सरपंच संघ की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर अंचल के विकास और समृद्धि के लिए 4 से 5 बड़े स्टील प्लांट को खोलने की सहमति प्रदान की है ताकि यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। दंतेवाड़ा जिले से आए सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात कर क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद महेन्द्रकर्मा जी की भी इच्छा थी कि दंतेवाड़ा सहित बस्तर अंचल में बड़े उद्योग लगे। उनकी इच्छानुरूप ही बस्तर का विकास किया जाएगा। सरपंच संघ की मांग पर राज्य सरकार द्वारा इस अंचल में 4 से 5 बडे़ स्टील प्लांट खोलने के लिए आवश्यक पहल की जाएगी।
प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से गीदम विकासखण्ड के घोटपाल-हीरानार में उपलब्ध लगभग 500 एकड़ जमीन में उद्योग लगाने के संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि इसके लिए किसानों से जमीन लेने की आवश्यक्ता भी नहीं होगी।
प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से कहा कि बस्तर अंचल से लौह अयस्क बाहर भेजा जाता है। इस अंचल के दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव सहित अन्य स्थानों में बड़े लगने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं इन उद्योगों के लगने से अन्य सहायक उद्योग धंधे भी प्रारंभ होंगे जिनमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग लगने से यहां होटल और परिवहन व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी। इसका फायदा भी स्थानीय लोगों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान सरपचों ने राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज की आस्था के अनुरूप वनांचल क्षेत्रों में देवगुड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और सरपंच संघ की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। सरपंचों ने बताया कि कोरोना संकट के समय गोबर विक्रय से मिली राशि ग्रामीणों के काम आयी। गोबर से पैसा मिलने से ग्रामीण खुश हैं। गोठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम भी किया जा रहा है। गांवों में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सूखा राशन वितरण की जानकारी उन्होंने दी।
सरपंच संघ के अध्यक्ष अनिल कर्मा ने बताया कि जिले के सभी ग्राम पंचायतों में गोठान निर्माण का कार्य चल रहा है साथ ही गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी एवँ वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पुराने भवनों का जीर्णोद्धार कर स्थानीय युवाओं को कपड़ा दुकान, नाई की दुकान, पंचर रिपेयरिंग जैसे छोटे-छोटे रोजगार उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है । इस अवसर पर मोपलनार, बड़े सुरोखी, नांगुल और गोठपाल ग्राम पंचायत के सरपंच भी उपस्थित थे ।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी टोपेश्वर वर्मा ने नगर पालिक निगम राजनांदगांव क्षेत्र के सभी व्यवसायिक संस्थानों के खुलने व बंद करने के निर्देश को आगामी आदेश पर्यन्त तक शिथिल कर दिया है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने व बंद करने के लिए अब कोई समय-सीमा की बाध्यता नहीं होगी। पूर्व में व्यवसायिक संस्थानों को प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक कुछ आवश्यक शर्तों के साथ खोले जाने की छूट दी गई थी।
कलेक्टर वर्मा ने सभी प्रतिष्ठानों को कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की जिम्मेदारी व्यवसायी व दुकानदार की होगी। दुकानदार एवं ग्राहकों को मॉस्क का उपयोग करने तथा प्रतिदिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को सेनेटाईज करना अनिवार्य होगा। निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित व्यवसायी के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बालोद / शौर्यपथ / दीपावली का त्यौहार इस वर्ष गोबर से बने ‘‘बालोद दीपक‘‘ से भी रोशन होगा। जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा की संगम स्वसहायता समूह की महिलाएॅ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के मार्गदर्शन में गोबर से रंगबिरंगे आकर्षक दीये बना रही हैं। इसका नाम ‘‘बालोद दीपक‘‘ रखा गया है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने आज जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लोकेश कुमार चन्द्राकर के साथ ग्राम गुजरा पहुॅचकर स्वसहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे गोबर के दीयों का अवलोकन किया। कलेक्टर ने समूह की मेहनत और कला की प्रशंसा कर उनका उत्साहवर्धन किया।
कलेक्टर महोबे ने कहा कि गोबर से बने ‘‘बालोद दीपक‘‘ का विक्रय राजधानी रायपुर सहित अन्य जिलों में भी किया जाएगा। उन्होंने शीघ्र ही ‘‘बालोद दीपक‘‘ का पैकेजिंग के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्थानीय स्तर तथा नगरीय क्षेत्रों में स्टाॅल लगाकर ‘‘बालोद दीपक‘‘ का विक्रय शुरू कराने की बात कही। संगम स्वसहायता समूह की सदस्यों ने कलेक्टर को बताया कि वे लगभग एक माह पूर्व गोबर के दीये बनाना शुरू किए हैं। अब तक पाॅच हजार से भी अधिक दीया बना लिए हैं और विक्रय भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि गोबर के दीया के अतिरिक्त गोबर से स्वास्तिक, शुभ-लाभ व मोमबत्ती दीया भी बनाए हैं। समूह की सदस्यों ने बताया कि अब एक दिन में लगभग एक हजार दिये बना लेते हैं। कलेक्टर ने गोबर से सजावट की सामग्रियाॅ भी निर्मित करने समूह को प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के सहायक परियोजना अधिकारी नितेश साहू ने बताया कि गोबर से दीये और अन्य सामग्रियों के निर्माण हेतु जिले के पाॅचो विकासखण्ड में यह आजीविका गतिविधि संचालित की जा रही है, जिसमें पचास महिलाएॅ शामिल हैं। जिनके द्वारा दीया, नारियल कलश, कछुआ दीया, गुल्लक आदि आकृति भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक पचास हजार दीये, पन्द्रह सौ ओम, पन्द्रह सौ श्री एवं दो हजार शुभ-लाभ तैयार किया जा चुका है तथा सामाग्री निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस अवसर पर समूह की सदस्य आदि उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / इंदिरा मार्केट स्थित अग्रवाल मिष्ठान भंडार द्वारा बरसों से पानी टंकी की सफाई नहीं कराये जाने, बरामदे में अवैध रुप से कब्जा करने तथा गंदगी फैलाने के कारण निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देशानुसार अग्रवाल मिष्ठान भंडार के ऊपर 5000 रु0 जुर्माना लगाया गया। तथा उन्हें चेतावनी दी गई की वे पानी टंकी की सफाई करायें, बरामदे को खाली रखें आस-पास गंदगी न फैलायें अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कार्यवाही के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, स्वच्छता निरीक्षक जसवीर सिंह, तथा सफाई सुपरवाईजर व कर्मचारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 लागू है । जिसके तहत् नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा व्यापक स्तर पर साफ-सफाई करायी जा रही है । नगर निगम द्वारा शहर के नागरिकों से अपील किया गया है कि आपके आस-पास किसी के भी द्वारा गंदगी करने कचरा फैलाने पर तत्काल मोबाइल से फोटो खींच कर भेजे एैसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इसी तारतम्य में शहर के एक जागरुक नागरिक ने जिला कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के मोबाइल पे शिकायत कर बताया कि अग्रवाल मिष्ठान भंडार पूरा गंदगी से भरा हुआ है, ऊपर छत में पानी टंकी है जो कई महिनों से सफाई नहीं किया गया है उसी पानी को वे लोगों को पिला रहे हैं। उसका बोर है उसमें भी गंदा पानी आ रहा है बरामदा में कब्जा किया हुआ है, साइकिल स्टैण्ड में बने दुकान में भी फर्जी तरीके से ताला लगाकर रखा हैं तथा निगम के अधिकारी मिले हुये हैं। शिकायत, निगम आयुक्त बर्मन के संज्ञान में आते ही उन्होनें स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता को जांच कर कार्यवाही करने निर्देश दिये।
आयुक्त के निर्देश पर स्वच्छता निरीक्षक जसवीर सिंह भुपाल व स्वास्थ्य अधिकारी ने शिकायत को सही पाया। आयुक्त के निर्देश पर अग्रवाल मिष्ठान भंडार के ऊपर 5000 रु0 का जुर्माना लगाया गया। तथा अव्यवस्था और गंदगी तथा अतिक्रमण नहीं करने की चेतावनी दी गई । आयुक्त ने शहर के आम नागरिकों से अपील कर कह है कि वे भी अपने आस-पास किसी भी प्रकार की गंदगी, अतिक्रमण आदि की फोटो खींच कर स्वा0 अधिकारी के मोबाइल नं0- 7879065153 में वाट्सएप कर सूचित करें तत्काल कार्यवाही की जाएगी।

दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग सीमा क्षेत्र के समस्त पशुपालकों को उनके पशुओं के स्वास्थ्य का ईलाज कराने की बेहतर सुविधा जल्द मिलेगी । शहर की जनता को बीमार होने वाली पशुओं और दुर्घटनाग्रस्त मवेशियों की ईलाज के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है । नगर पालिक निगम दुर्ग के सभापति राजेश यादव के प्रयास से शहर में महिला समृद्धि बाजार के बाजू निर्मित दाऊ वासुदेव चंद्राकर छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय जल्द प्रारंभ होने जा रहा है । इस संबंध में सभापति यादव ने विश्वविद्यालय के कुलपति एन.पी. दक्षिणकर, विद्यालय के डीन शैलेंद्र कुमार तिवारी, डॉक्टर एस. के. मेथी से चर्चा की है ।
उल्लेखनीय है कि दुर्ग शहर में पशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जिला पशु चिकित्सालय स्थापित है परंतु शहर के पशुपालकों को अस्पताल में पशुओं की स्वास्थ्य चिकित्सा व्यवस्था के अभाव में परेशानी उठानी पड़ती है सभापति श्री यादव ने बताया । दाऊ वासुदेव चंद्राकर छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय के प्रारंभ हो जाने से बीमार होने वाल पशुओं और दुर्घटना के शिकार होने वाली मवेशियों को इस विश्वविद्यालय में सर्व सुविधा युक्त चिकित्सा लाभ प्राप्त होगा ।
उन्होंने बताया दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविद्यालय में बीमार पशुओं के ईलाज के लिए ऑपरेशन थिएटर ओपीडी अनुभवी चिकित्सक एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है जहां पशुओं को इसकी सुविधा मिलेगी वही पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इसका बेहतर लाभ मिल सकेगा । उन्होंने बताया शहर में पशुओं की चिकित्सा सुविधा को ध्यान में रखते हुए दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविद्यालय का उद्घाटन विधिवत किया जाएगा परंतु कार्य की आवश्यकता को देखते हुए इसे लगभग 10 दिनों के अंदर प्रारंभ कर दी जाएगी ।


बता दे कि जुलाई माह के अंत में वेनेत्री हॉस्पिटल के चिकित्सको की महापौर बाकलीवाल से इस बारे में लम्बी चर्चा हुई थी जिसके फलस्वरूप वेनेत्री विभाग के चिकित्सको द्वारा शहर के मध्य पशुओ के लिए सुविधायुक्त वेनेत्री हॉस्पिटल बहुत ही जल्द कार्य करना आरम्भ कर देगा अभी वर्तमान में पशुओ की गंभीर बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में पशु चिकित्सालय अंजोरा ले जाना होता था किन्तु अब शहर के मध्य समृद्धि बाज़ार के करीब यह सब सुविधाए मिलनी शुरू हो जाएँगी .

भिलाई नगर / शौर्यपथ / महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के प्रयासों से अब शहर के विभिन्न स्थानों पर महापौर निधि के 70 लाख की लागत से ओपन जिम स्थापित किया जाएगा! महापौर ने लोगों की स्वास्थ्य गत भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ओपन जिम लगाने का निर्णय लिया है!
शहर में ओपन जिम की स्थापना होने से अन्य जिम या व्यामशाला में खर्च होने वाली राशि से राहत मिलेगा तथा नजदीकी वार्ड क्षेत्र में सुविधा मिलने से लोगों को अनावश्यक इधर-उधर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी! बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग ओपन जिम का उपयोग कर सकेंगे! ओपन जिम का पहला कांसेप्ट जीइ रोड स्थित उद्यान से प्रारंभ हुआ है! जिसे ओपन जिम उद्यान का नाम दिया गया है! क्षेत्रवासी यहां पर अपना फिटनेस बरकरार रखने के लिए पहुंचते हैं! धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों में इसकी मांग को देखते हुए अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार की सुविधा लोगों को देने की योजना महापौर ने बनाई है! और अब शहर के कई स्थानों पर ओपन जिम स्थापित किया जाएगा! इसके लिए जोन स्तर से विभागीय प्रक्रिया की जा रही है! आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने जल्द ही विभागीय प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश जोन आयुक्तों को दिए हैं!
निगम क्षेत्रों में ओपन जिम की होगी स्थापना निगम के सभी जोन क्षेत्र में ओपन जिम की स्थापना की जाएगी, इसके लिए महापौर ने अपनी निधि के राशि का उपयोग किया है! जोन क्रमांक एक में महापौर ने अपनी निधि के 10 लाख रुपए जिम सामग्री खरीदने के लिए दिए हैं! जोन क्रमांक एक में तीन पार्षद ने पार्षद निधि का उपयोग ओपन जिम के लिए किया है जिसमें से वार्ड क्रमांक 4, वार्ड क्रमांक 69 एवं वार्ड 70 शामिल है! इसके साथ ही विधायक निधि से भी नेहरू नगर भेलवा तालाब में जिम की स्थापना की जाएगी! जोन क्रमांक दो में महापौर ने अपनी निधि के 10 लाख रुपए ओपन जिम सामग्री स्थापित करने के लिए दिए हैं!
वार्ड क्रमांक 10 शांति नगर एवं वार्ड क्रमांक 14 रामनगर में ओपन जिम की स्थापना निगम द्वारा की जा चुकी है! जोन क्रमांक 3 में महापौर ने अपनी निधि के 10 लाख रुपए, ओपन जिम सामग्री क्रय कर स्थापना के लिए दिए हैं! यहां वार्ड क्रमांक 22 टाटा लाइन में ओपन जिम की स्थापना की जा चुकी है! जोन क्रमांक चार में महापौर ने अपनी निधि से 20 लाख रुपए ओपन जिम स्थापित करने के लिए दिए हैं, जोन 4 के सात स्थलों पर ओपन जिम लगाया जाएगा! यहां निगम ने पूर्व में बापू नगर वार्ड क्रमांक 37 में ओपन जिम लगाया है! जोन क्रमांक 5 में महापौर ने अपनी निधि से 20 लाख से रुपए ओपन जिम के लिए दिए हैं! यहां के 7 स्थलों में ओपन जिम की स्थापना बहुत जल्द की जाएगी!

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