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▶️ निगम में 15 सब इंजीनियर,6 सहायक अभियंता व 2 ई पर काम कुछ नहीं
राजनांदगांव। शौर्यपथ/ जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने कहा कि निगम मे काम कौड़ी का नहीं निगम की चिंता न महापौर को है, और न ही निगम आयुक्त को है। उनको शासन से बात करनी चाहिए कि यह छोटा सा शहर है, इतने अधिक अधिकारियों की जरूरत इस निगम को नहीं है, ताकि निगम का बोझ कुछ हल्का हो सके अभी वर्तमान में निगम में प्रति महीने 60 लाख वेतन देना होता है, जिसके कारण कर्मचारियों को 2 या 3 महीने में वेतन प्राप्त होते हैं। वहीं दूसरी ओर महापौर ने अपनी शपथ भाषण में कहा था कि कर्मचारियों को प्रति माह 10 तारीख के पहले वेतन प्राप्त होगा आज वह सपना साबित हो रहा है। कैसे करें शहर की जनता विकास और महापौर पर विश्वास यह तो पूरी तरह झूठ साबित हो रहा है। विगत डेढ़ साल में इस शहर के विकास के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा 1 रुपये भी विकास के नाम से प्राप्त नहीं हुआ है, बल्कि वार्ड में विकास कार्यों के प्रस्ताव बने 8 माह हो चुका है, परंतु अभी तक इस पर कोई भी अमल नहीं हुआ है। कैसे करें सरकार पर विश्वास और विकास की बात कहीं ऐसा तो नहीं की डॉक्टर रमन सिंह जी के विधानसभा होने के कारण कांग्रेस की सरकार निगम को पैसा ना दे, इसी कारण प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री इस प्रदेश सरकार को बदलापुर की सरकार कहते हैं, उन्होंने भी कहा कि नगर निगम क्षेत्र में प्रदेश सरकार के एकमात्र योजना पौनी पसारी योजना वह भी दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। अभी तक नगर निगम मे निगम कर्मचारी के हितों के लिए न महापौर चिंता कर रहे हैं, और ना निगम आयुक्त कर्मचारियों को प्रति महीने एक निश्चित टाइम में वेतन कैसे प्राप्त होगा इसके लिए राज्य सरकार से अग्रिम राशि उपलब्ध करवाएं निगम की आय में बढ़ोतरी क्या करने से होगी इस पर भी चिंतन मनन करें वर्मा ने कहा कि निगम आयुक्त ने सब इंजीनियर को वाडो के बंटवारे में भी भेदभाव किया गया। जबकि एक सब इंजीनियर को 3 या 4 वाडं ही देखना होगा तथा आदेशित होना चाहिए कि उस वार्ड की संपूर्ण जिम्मेदारी देखरेख प्रतिदिन एक चक्कर लगाकर वहां की समस्या से अवगत रहे। वर्मा ने कहा कि निगम प्रशासन अपने मूल काम से भटक गए हैं, निगम का जो मूल काम है शहर की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना, शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करना, शहर की लाइट व्यवस्था ठीक रहे। पूर्व में संचालित योजना को गति प्रदान करना इस कार्य से भी निगम प्रशासन अनभिज्ञ है श्री वर्मा ने कहा की पूर्व में स्वीकृत विकास कार्य एवं विधायक निधि एवं महापौर निधि कि कार्य को अति शीघ्र प्रारंभ करने अधिकारियों को आदेशित करें।
राजनांदगांव। शौर्यपथ/स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2018 में हर विकासखंड में एक प्रायमरी और एक मिडिल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल आरंभ किया गया था और पूरे प्रदेश में 153 प्रायमरी और 153 मिडिल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल आरंभ किए गए थे। इस वर्ष इन 153 मिडिल स्कूल से लगभग 6 हजार बच्चें कक्षा आठवी उत्तीर्ण कर कक्षा नवमीं पंहुच गए है और अब इन 6 हजार बच्चों को किस अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कक्षा नवमी में प्रवेश दिलाया जाएगा, इसकी कोई ठोस योजना स्कूल शिक्षा विभाग के पास नहीं था, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पेरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर इन 6 हजार बच्चों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के कक्षा नवमी में प्रवेश दिलाने की समुचित व्यवस्था करने की मांग किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासन स्तर पर पैरेंट्स एसोसियेशन की मांग पर मोहर लगा दिया गया है और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दे दिया गया है, यानि अब इन सरकारी अंग्रेजी माध्यम मिडिल स्कूलों के बच्चों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के कक्षा नवमीं में प्रवेश मिल जाएगा। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने स्कूल शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला का अभार व्यक्त किया गया है और कहा कि, उनकी तत्परता से ही बच्चों को बड़ी राहत मिला है, इसका सारा श्रेय आलोक शुक्ला को जाता है, लेकिन अभी भी लगभग 20 हजार आरटीई के बच्चों को किसी ना किसी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाना है, जो प्रायवेट स्कूलों से कक्षा आठवीं उत्तीर्ण कर कक्षा नवमीं पहंुचे है और जो प्रायवेट स्कूल कोरोना काल में बंद हुए है इन स्कूलों में प्रवेशित आरटीई के बच्चों के लिए भी शासन स्तर पर जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए। ----------------------
राजनांदगांव / शौर्यपथ / राज्य सरकार हर जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन सरकार को खूद याद नही है कि वर्ष 2018 से लगभग 9 विकासखण्ड़ों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जा रहे है, जहां अब लगभग 500 बच्चे इस वर्ष 2021 में कक्षा नवमी कहां पढ़ेंगे इसकी जानकारी कोई नही दे रहा है क्योकि सरकार ने सिर्फ मिडिल स्कूल यानि कक्षा छटवी से लेकर आठवी तक ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्वीकृति दी है और इस वर्ष लगभग पांच सौ बच्चे इस वर्ष कक्षा आठवी उत्तीर्ण कर कक्षा नवमी प्रवेश कर चूके है और अब इन बच्चों को किस सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास कोई योजना नही है। इतना ही नही जिले में लगभग 25 प्रायवेट स्कूल ऐसे संचालित हो रहे है जहां सिर्फ कक्षा आठवी तक ही स्कूल संचालित हो रही है और इन स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी ने लगभग 500 आरटीई के बच्चों को प्रवेश दिलाया है और अब सभी बच्चों को कक्षा नवमी मे किस अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा इसकी जानकारी भी जिला शिक्षा अधिकारी के पास नही है क्योकि आरटीई के बच्चों को कक्षा बारहवी तक की शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी की है। वैसे भी बीत वर्ष कोरोना काल मे जो प्रायवेट स्कूल बंद हो गए थे उनके स्कूलों में प्रवेशित आरटीई के बच्चों को आज तक किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया है वे बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित है और उनका एक साल बर्बाद हो चूका है जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ही जिम्मेदार है जिसको लेकर कई पालको ने पुलिस थाने में जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसियेशन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इन एक हजार बच्चों को तत्काल शासकीय और प्रायवेट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग किया गया है।