August 03, 2025
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बिलासपुर

बिलासपुर (202)

बिलासपुर / शौर्यपथ / महाधिवक्ता कार्यालय बिलासपुर में सीधी भर्ती के रिक्त 13 पदों पर भरती के लिए 19 मई 2023 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। रिक्त पदों में अंग्रेजी शीघ्रलेखक के 3 पद एवं सहायक वर्ग 3 के 10 पद शामिल हैं। पात्र अभ्यार्थी निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर पंजीकृत डाक, स्पीड पोस्ट, कोरियर अथवा व्यक्तिगत रूप से अंतिम तिथि तक जमा कर सकते हैं। नियमानुसार आरक्षण नियमों का पालन करते हुए भरती की कार्रवाई की जायेगी।

* मुख्यमंत्री बघेल ने मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की*

         रायपुर । शौर्यपथ ।  छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। बंगाली समुदाय शुरू से ही सचेत और जागरूक रहा है। बंगाल की धरती क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों की रही है। इनके बिना देश की आजादी और नवनिर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती है। राजा राममोहन राय और सुभाष चंद्र बोस के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। संत रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद पूरी दुनिया को बंगाल की सर्वश्रेष्ठ देन है। देश के भक्ति आंदोलन में भी बंगाल के संतो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर के कालीबाड़ी मैदान में आयोजित बंगाली नववर्ष एवं बिलासपुर बंगाली एसोसिएशन के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कालीबाड़ी में मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने की।

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बंगाली समुदाय को मोपका और तिफरा में 7 हजार और 5 हजार स्क्वेयर फीट जमीन आबंटित करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि दुर्गा पूजा और गणेश पूजा हमारी सांस्कृतिक पहचान बन गए हैं। बंगाल से छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक संबंध रहें है। लोगों के साथ उनकी संस्कृति भी चलती है। छत्तीसगढ़ ने बंगाल की संस्कृति को आत्मसात किया है। मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद और रविंद्रनाथ टैगोर की छत्तीसगढ़ यात्राओं का भी स्मरण किया। 

 मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने बंगाल के बाद सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया है। उन्होंने पूरे 2 वर्ष तक का समय छत्तीसगढ़ में बिताया। स्वामी विवेकानंद के नाम पर ही छत्तीसगढ़ में एयरपोर्ट का नाम रखा गया है। रविंद्रनाथ टैगोर के द्वारा समाज को दिए गए योगदान को नही भुलाया जा सकता। श्री रविंद्रनाथ टैगोर ने भी छत्तीसगढ़ में समय बिताया है। उन्होंने अविभाजित बिलासपुर में अपनी पत्नी का इलाज करवाया था। कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंगाली एसोसिएशन बिलासपुर के महासचिव देवाशीष लाल्टू घोष ने दिया। 

       समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों को छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। इनमें पद्म विभूषण पंडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई, न्यायमूर्ति श्री किशोर भादुड़ी, नीति आयोग के पूर्व सदस्य और अर्थशास्त्री श्री प्रणव कुमार चट्टोपाध्याय शामिल हैं। शताब्दी समारोह में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, विधायक श्री शैलेश पांडे, नगर निगम बिलासपुर के महापौर श्री रामशरण यादव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री अभय नारायण राय, श्री विजय केशरवानी, श्री विजय पांडे, रामकृष्ण मिशन कोनी के संत श्री सेवाव्रतनंद महाराज, श्री रविघोष, सहित बंगाली समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे। समारोह में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई।

नगोई और गनियारी में दंतेवाड़ा की तर्ज पर खुलेगा गारमेंट फैक्ट्री, साढ़े 10 करोड़ मंजूर

मुख्यमंत्री ने भेंट मुलाकात में महिलाओं की मांग पर की थी घोषणा

दुर्घटना रोकने मुंगेली रोड पर बनेगा फूट ओवर ब्रिज

 

बिलासपुर । शौर्यपथ । 

जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के अंतर्गत जिले में वर्ष 2023 - 24 में 95. 75 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए जायेंगे। कलेक्टर सौरभकुमार की अध्यक्षता में आयोजित डीएमएफ के शासी निकाय की बैठक में आज उक्त राशि के 239 कार्य प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इनमें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट मुलाकात सहित अन्य अवसरों पर जिले के विकास के लिए की गई घोषणाएं भी शामिल की गई हैं। मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी, श्री शैलेश पांडे, श्री रजनीश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण चौहान, महापौर श्री रामशरण यादव सहित सांसद प्रतिनिधि एवम् जिला स्तरीय अधिकारी शामिल थे।

      शासी परिषद की आज की अहम बैठक में नगोई एवं गनियारी में गारमेंट्स सिलाई फैक्ट्री की स्थापना के लिए लगभग साढ़े 10 करोड़ राशि की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट मुलाकात अभियान में महिलाओं की मांग पर इसकी घोषणा की थी। बिहान की महिला स्व सहायता समूह इसका संचालन करेंगी। दंतेवाड़ा की सफल डेनेक्स ब्रांड की तर्ज पर इनका कारोबार चलेगा। इसके अलावा बैठक में मुंगेली रोड पर कलेक्टोरेट और जिला न्यायालय के बीच फूट ओवर ब्रिज का भी निर्माण किया जायेगा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड बिलासपुर को इस काम के लिए 78 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। इसके निर्माण से लोग सुरक्षित तरीके से कोर्ट और कलेक्टोरेट आ जा सकेंगे। दुर्घटना की आशंका नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप तोरवा छठघाट में टेलरिंग शेड निर्माण के लिए 3 करोड़ 32 लाख दिए गए हैं। बिलासपुर शहर में अंग्रेजी माध्यम की स्वामी आत्मानंद कॉलेज के लिए 5 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। शहर के मध्य पुराने हाईकोर्ट भवन में इसका निर्माण किया जायेगा। बैठक में जिले की सभी विकासखंडों व विधानसभा क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुझाव व आम जनता की मांग के अनुरूप प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कामों को प्राथमिकता दी गई है। बैठक के पूर्व शासी परिषद के सचिव और जिला पंचायत सीईओ आर ए कुरुवंशी ने सदस्यों का स्वागत और डीएमएफ प्रभारी संयुक्त कलेक्टर वैभव क्षेत्रज्ञ ने अंत में आभार व्यक्त किया।

बिलासपुर। शौर्यपथ। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी में 17 मार्च को सवेरे 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक निःशुल्क विशेष रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 20 निजी प्रतिष्ठानों द्वारा सेल्स असिस्टेंट, सेल्स मैनेजर, एकांउटेंट, इंश्योरेस एडवाईजर, नर्सिंग, फार्मेसी आदि जैसे 306 विभिन्न पदों पर भरती की कार्यवाही की जाएगी, जिसमें से 206 पद महिलाओं के लिए है। रोजगार मेला में महिलाओं के लिए पृथक से काउंटर की व्यवस्था रहेगी। रोजगार मेेला में बिल्डर, ऑटोमोबाईल, हास्पिटल, इंश्योरेंश, कृषि एवं शैक्षणिक सेक्टरों पर भर्ती की जाएगी। इन पदों के लिए निर्धारित योग्यता पदों के अनुसार 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, आई.टी.आई., नर्सिंग, एम.बी.ए. आदि निर्धारित की गई है।

बिलासपुर । शौर्यपथ । बिलासपुर संभाग में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा पर्यटन गतिविधियों से जुड़े हुए निजी एवं शासकीय संस्थाओं को पर्यटन से लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा बिलासपुर में क्षेत्रीय कार्यालय सह पर्यटन सूचना केन्द्र का शुभारंभ किया गया। छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव एवं अन्य अतिथियों ने प्रताप चौक स्थित राघवेन्द्र भवन में क्षेत्रीय पर्यटक सूचना केंद्र का शुभारंभ किया। 

इस मौके पर पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय से बिलासपुर संभाग के मुख्य पर्यटन केंद्रों खूंटाघाट जलाशय, अचानकमार अभ्यारण्य, मल्हार, ताला, रतनपुर, हसदेव बांगों, सतरेंगा, मदकूद्वीप आदि अनेक पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के मूलभूत सुविधाओ के विकास के लिए सम्बन्धित विभागों के समन्वय से जल्द कार्यवाही की जाएगी। 

इस केन्द्र से सभी प्रकार के पर्यटन सम्बन्धी समस्त जानकारियां प्रदान की जाएगी । साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय से बिलासपुर संभाग के भीतर सभी जिलों में पर्यटन गतिविधियों के समन्वय से पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।

    राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के कार्य विस्तार के लिए बिलासपुर क्षेत्रीय कार्यालय सह पर्यटक सूचना केन्द्र से प्रदेश भर के पर्यटन मंडल द्वारा संचालित होटल मोटल रिसोर्ट आरक्षण, पर्यटन संबंधी समस्त जानकारी, छत्तीसगढ़ पर्यटन के प्रचार-प्रसार एवं बिलासपुर संभाग के पर्यटन उत्पादों को शामिल कर पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा।

बुजुर्गों में होने वाली संचारी व गैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार की दी गई जानकारी

    बिलासपुर / शौर्यपथ /  अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वृद्धजनों के स्वास्थ्य की विशेष रूप से जांच की गई। इस दौरान  बुजुर्गों में होने वाले संचारी व गैर-संचारी बीमारियों की जैसे डाइबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, शारीरिक कमजोरी एवं हड्डी रोग संबंधी समस्याओं की जांच की गई। साथ ही इन बीमारियों की रोकथाम और उपचार के बारे में जानकारी भी दी गई।
वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही अक्टूबर माह को वयोवृद्ध माह के रूप में मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर इस विशेष दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगे स्वास्थ्य शिविर में कुल 85 .वयोवृद्धों के स्वास्थ्य की जांच और परामर्श प्रदान किया गया। साथ ही साथ हड्डी संबंधी रोगों से पीड़ित बुजुर्गों को निःशुल्क छड़ी प्रदान की गई। वहीं नेत्रजांच कर मरीजों का निःशुल्क चश्मा बनाया गया और उन्हें निःशुल्क दवाएं भी उपलब्ध कराई गई। साथ ही स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए बुजुर्गों को प्रोत्साहित भी किया गया। इस संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील हंसराज ने बताया: “वयोवृद्धों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बुजुर्गों के स्वास्थ्य परामर्श, जांच एवं उपचार के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। जिसमें विभिन्न जांच और परामर्श के साथ ही जरूरतमंद मरीजों को छड़ी और चश्मा निःशुल्क प्रदान किया गया। साथ ही अक्टूबर माह को वयोवृद्ध माह के रूप में मनाया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आमदिनों में भी वृद्धजनों को स्वास्थ्यलाभ दिए जाने का लगातार प्रयास किया जाता है। वयोवृद्ध माह के दौरान भी केन्द्र में 15 अक्टूबर तक वृद्ध मरीजों के लिए  विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्हें स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए बुजुर्गों को प्रोत्साहित किया जाएगा। “
बताते चलें वृद्धों एवं प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Older Persons) मनाया जाता है। इस वर्ष "रिजिलेंस ऑफ ओल्डर पर्सन इन चेंजिंग वर्ल्ड विद स्पेशल फोकस ऑन ओल्डर विमेन (Resilience Of Older Person in Changing World with special focus on older women)" की थीम पर यह दिवस मनाया जा रहा है।
छड़ी और चश्मा पाकर मिली खुशी- क्षेत्र के 65 वर्षीय सुखदेव साव जो लंबे समय से पैरों और जोड़ों में दर्द से पीड़ित थे। सुखदेव ने बताया: “क्षेत्र के मेडिकल स्टोर से दवाएं और तेल लाकर पैरों में लगाता था। कुछ दिन थोड़ा आराम मिलता मगर फिर दर्द बढ़ जाता जिससे मुझे चलने-फिरने में काफी दिक्कत हो रही थी। मितानिन ने  मुझे स्वास्थ्य शिविर के बारे में बताया तो मैंने यहां आकर जांच कराई। चिकित्सकों ने जांच कर मुझे दवाएं और छड़ी भी दी। साथ ही नियमित व्यायाम करने की सलाह दी है।“ इसी तरह सुखीबाई की आंख से कम दिखता था, उनकी आंखों की जांच कर उन्हें चश्मा दिया गया। चश्मा पाकर सुखीबाई ने बताया: “स्वास्थ्य शिविर में मेरे आंखों के साथ ही रक्तचाप, डाइबिटीज की भी जांच हुई। चिकित्सकों ने वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताया। साथ ही मुझे कुछ दवाएं और चश्मा भी दिया है। जिससे पढ़ने में  अब मुझे परेशानी नहीं होगी। “

बिलासपुर / शौर्यपथ /

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में महादेव नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं के लिए ‘आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला सह परिचर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान और इसके निदान के संबंध में विस्तार से जानकारी दी साथ ही मानसिक अस्वस्थता की वजह से आत्महत्या जैसे विचार के आने और इन विचारों के निदान तथा तनाव प्रबंधन के बारे में भी जानकारी प्रदान की।

नर्सिंग छात्र छात्राओं को गतिविधि के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और भविष्य में आने वाली परेशानियों को बेहतर ढंग से हल करनेके उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से तनाव से दूर रहने, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, आत्महत्या करने के पूर्व के लक्षणों की पहचान करने,तनाव एवं अवसाद होने पर अपनी पसंदीदा कार्य कर ध्यान को भटकाने, मेडिटेशन, योगा द्वारा जीवन प्रबंधन के संबंध में बताया गया। साथ ही जीवन अनमोल है, इसे संवारने के बारे में भी विस्तार से बताया।  मानसिक चिकित्सालय सेंदरी की नर्सिंग ऑफिसर एंजलीना वैभव लाल ने बताया: “लंबे समय तक तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। एक चिकित्सक ही व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और व्यवहार संबंधी संकेतों के आधार पर तनाव का निदान कर सकता है। जैसे किसी व्यक्ति में ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, याददाश्त में कमी या भूलने की बीमारी, चिंतातुर रहना, चिड़चिड़ापन रहना, नींद कम आना और लोगों से दूरी बनाकर रहना आदि लक्षणों को देखकर उसके मानसिक अस्वस्थता और तनाव की पहचान की जा सकती है। चिकित्सक इसको देखकर फौरन उस व्यक्ति को उचित परामर्श देता है।“  इस मौके पर स्पर्श क्लिनिक के प्रशांत पांडेय ने बताया: ”भागमभाग जिंदगी और तमाम तरह की समस्याओं की वजह से आज हर व्यक्ति तनावग्रस्त है। तनाव भी एक तरह की मानसिक समस्या है। इसकी वजह से कई बार व्यक्ति अपनी जिंदगी को समाप्त करने की कोशिश भी करता है। इसलिए तनाव प्रबंधन पर ध्यान देते हुए तनाव से दूर रहना चाहिए।  तनाव के प्रबंधन का पहला चरण तनाव के मूल कारण का पता लगाना है क्योंकि तनाव प्रबंधन के तरीके तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक  मूल कारण की पहचान न हो जाए। तनाव को खत्म करने की कोशिश करना तनाव प्रबंधन का दूसरा कदम है। व्यवहार में बदलाव लाना और कुछ आसान तकनीकों जैसे समय प्रबंधन करना, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, व्यायाम, मेडिटेशन कर, पर्याप्त नींद लेना, नकारात्मकता से बचना तथा  संगीत सुनकर तनाव को खत्म किया जा सकता है।“

घबराएं नहीं, खुलकर करें बात - कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण, पहचान और उपचार के संबंध में बताया। उन्होंने बताया,"मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नहीं बल्किऐसी स्थिति में जिला अस्पताल के स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगी निशुल्क परामर्श एवं उपचार प्राप्त कर सकता है। काउंसिलिंग के माध्यम से लोगों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान होता है। इसलिए मानसिक बीमारियों या समस्याओं को छिपाएं नहीं बल्कि इस पर खुलकर बात करें। चिकित्सकों, परिवार के लोगों या दोस्तों से इस संबंध में बातें करें। ताकि मानसिक समस्या का समाधान खोजा जा सके।"

गंभीर बीमारी से जुझ रहे जिले के 113 मरीजों के लिए योजना बनी संजीवनी

बिलासपुर / शौर्यपथ /

राज्य शासन द्वारा प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना जरूरतमंद लोगों के लिए उम्मीद की नयी किरण लेकर आई है। इस योजना में गंभीर एवं दुर्लभ बीमारियों के उपचार के लिए 20 लाख रूपए तक विशेष उपचार सहायता लोगों को दी जाती है। छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है जहां इलाज हेतु इतनी बड़ी राशि लोगों को दी जा रही है। जरूरतमंद लोगों के लिए यह योजना संजीवनी साबित हो रही है। जिले में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत वर्ष 2021 में 77 लोग लाभान्वित हुए है एवं इस वर्ष माह जनवरी से अब तक 36 लोग लाभान्वित हो चुके है।

मोपका के 6 वर्षीय बालक सात्विक राय के लिए भी यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। सात्विक एक गंभीर त्वचा रोग एपिडर्माेलिसिस बुलोसा से ग्रसित है। यह एक दुर्लभ बीमारी है। जिसके इलाज में काफी पैसों की जरूरत पड़ती है। सात्विक के पिता श्री प्रदीप कुमार ने बताया कि उन्हें इस योजना के बारेे में उनके मित्र से जानकारी मिली। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में आवेदन करने के दो माह के भीतर ही 15 लाख रूपए राज्य शासन द्वारा सात्विक के इलाज के लिए स्वीकृत हो गया। उन्होंने सात्विक का इलाज क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में करवाया। इलाज के बाद सात्विक की स्थिति अभी ठीक है। श्री प्रदीप कुमार राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि जरूरतमंद लोगों को लिए यह योजना काफी मददगार साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बड़े तबके के स्वास्थ्य की सुध ली है। सात्विक के इलाज के लिए इतनी बड़ी राशि एकत्र कर पाना उनके लिए कतई संभव नहीं था। शासन द्वारा दी गई मदद से आज उनके बच्चे का इलाज हो पाया है। प्रदेश के नागरिकों को दुर्लभ एवं गंभीर बीमारियों के लिए नगद रहित उपचार का लाभ दिलाने की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात से पहले माता नागेश्वरी देवी मंदिर पहुँचकर किए दर्शन

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात के क्रम में आज से बिलासपुर संभाग में कार्यक्रम का आग़ाज़ किया। बिलासपुर संभाग में भेंट-मुलाक़ात की शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सबसे पहले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले को चुना है। मरवाही पहुँचने पर मुख्यमंत्री का स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आम जनता ने गमछा व चरखे से काते गए सुत धागा पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज मरवाही में भेंट-मुलाक़ात से पहले माता नागेश्वरी देवी मंदिर पहुंचे और पारंपरिक विधि-विधान से देवी मां की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने माता नागेश्वरी देवी से छत्तीसगढ़वासियों के सुख, समृद्धि एवं ख़ुशहाली की कामना की। स्थानीय लोगों के मुताबिक़ यहाँ नागेश्वरी देवी की प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई हैं। वहीं पुरातात्विक दृष्टि से लगभग 10वीं शताब्दी की बतायी जाती हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देवी मां के दर्शन व पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में कदम्ब, नीम और पीपल का पौधा रोपा और उस पर पानी सींचते हुए हरियाली व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर विधायक डॉ के.के. धु्रव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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