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दुर्ग / शौर्यपथ / देश भर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लाखों लोगों ने अपने परिजनों एवं कमाने वाले सदस्यों को खोया है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी राजधानी रायपुर के साथ दुर्ग जिला भी सर्वाधिक संक्रमण का शिकार हुआ था। अब कोरोना की लहर धीमी पडऩे के साथ ही राज्य सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पीडि़त परिवारों के आंसू पोछने का काम किया है। कोविड से घर के कमाने वाला सदस्य खो देने के बाद कई परिवारों के सामने रोजी रोटी के साथ ही बच्चों की शिक्षा का भी बड़ा संकट आ खड़ा हुआ था लेकिन शासन की महतारी दुलार योजना द्वारा अब भूपेश सरकार ना सिर्फ बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करेगी बल्कि पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए 500 रु एवं आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों को 1000 रु प्रतिमाह छात्रवृत्ति दे कर एक बड़ी राहत प्रदान की जाएगी।
इसके लिए दुर्ग शहरी क्षेत्र के 110 बच्चों समेत जिले के 763 बच्चों के आवेदन अब तक आए हैं एवं शासकीय एवं निजी स्कूलों के लिए 1.07 करोड़ की राशि एवं छात्रवृत्ति के लिए 55.45 लाख का बजट आबंटित किया गया है। कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने पटरी पार क्षेत्र एवं शहर के अन्य वार्डों में पीडि़त परिवारों से मुलाकात की एवं योजना का लाभ लेने के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन करने की जानकारी दी। वोरा सबसे पहले वार्ड क्रमांक 19 स्थित भट्ट परिवार के निवास पहुंचे जहां स्व महेश राव भट्ट एक मात्र कमाने वाले सदस्य कोविड का शिकार हुए थे। परिवार के रूप में तीन बच्चों, माँ एवं पत्नी के लिए कमाऊ सदस्य के काल कलवित हो जाने के बाद रोजी रोटी के साथ शिक्षा का भी संकट आ गया था अब महतारी दुलार योजना के द्वारा मुफ्त शिक्षा एवं छात्र वृत्ति मंजूर हो जाने से उन्हें बड़ी राहत मिलने जा रही है। इसके अलावा वोरा ने पचरी पारा में मनोज साहू, विनोद साहू, मनीष तिवारी व मनोज तिवारी के परिजनों से भी मुलाकात की। विधायक वोरा ने कहा कि घर के किसी भी सदस्य को खोने की भरपाई नहीं की जा सकती किन्तु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व शासन ने पालक बनकर बच्चों की शिक्षा दीक्षा का बीड़ा उठाने का सराहनीय फैसला लिया है। सभी पीडि़त परिवारों को योजना का लाभ लेना चाहिए।
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