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दुर्ग / शौर्यपथ /कृषि विधेयक को किसानों के लिए विनाशकारी बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। राजेंद्र ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार अगर सचमुच किसानों की हितैषी हैं तो पूरे देश में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपए घोषित करे। राजेंद्र ने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य मात्र 50 रुपए बढ़ाने वाले भाजपा नेता किस मुंह से कांग्रेस पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं।
राजेंद्र ने सवाल किया कि 6 साल से केंद्र में भाजपा सत्तारूढ़ है। मोदी सरकार ने 6 साल तक स्वामीनाथन रिपोर्ट क्यों दबाए रखा? सच ये है कि कांग्रेस ने आयोग की रिपोर्ट को कभी अनदेखा नहीं किया, बल्कि किसानों के हित में फैसले लिए हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने आयोग और किसान हित को ध्यान में रखकर 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा, जिसका मोदी सरकार ने खुला विरोध किया।
राजेंद्र ने कहा कि अगर मोदी सरकार में हिम्मत है तो भूपेश सरकार की तरह पूरे देश में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल घोषित करे। किसानों के हितैषी बनने का दावा कर रही मोदी सरकार ने रबी की उपज के समर्थन मूल्य में मात्र 3 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है जो किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। किसान हित में कोई भी फैसला न करने वाले भाजपा नेताओं का स्वामीनाथन आयोग की दुहाई देना हास्यास्पद है। राजेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता देश को बताएं कि कृषि विधेयक से आखिर किसानों को क्या फायदा होगा? वास्तविकता ये है कि देश के किसान समझ चुके हैं कि कृषि विधेयक कार्पोरेट घराने को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। भाजपा सरकार इस विधेयक के माध्यम से किसानों के साथ छल कर रही है।
राजेंद्र ने कहा कि कोरोना संकट काल में अचानक लॉकडाउन से लाखों असंगठित मजदूरों, छोटे उद्योगों, छोटे व्यवसाइयों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कई लोगों की अकाल मौत हो गई। लोगों के सामने जबर्दस्त आर्थिक संकट है। लोगों को राहत देने केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की, लेकिन देश की जनता को पैकेज का लाभ नहीं मिला है। 20 लाख करोड़ का पैकेज शायद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।
राजेंद्र ने कहा कि मोदी सरकार हर मामले में जुमला सरकार साबित हुई है। 2014 के चुनाव में भाजपा ने 2 करोड़ लोगों को हर साल रोजगार देने, महंगाई कम करने, किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। बीते 6 साल में बेरोजगारी, महंगाई लगातार बढ़ी है। किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर देश के अधिकांश राज्यों में किसानों की हालत बदतर है। सारे मुद्दे जुमले साबित हुए।
राजेंद्र ने कहा कि नोटबंदी के समय भाजपा नेताओं ने नोटबंदी के फायदे गिनाए थे, लेकिन नोटबंदी के बाद बेरोजगारी बढ़ी और व्यवसाय चौपट हो गए। जीएसटी लागू करते समय एक देश एक टैक्स की बात कहते हुए महंगाई कम होने का दावा किया गया जो पूरी तरह फ्लाप साबित हुआ। अब कृषि विधेयक के फायदे बताए जा रहे हैं। यह विधेयक भी किसानों के लिए छलावा साबित होगा। यह सरकार पूरी तरह जुमलेबाज सरकार साबित हो चुकी है।
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