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- प्रोटोकॉल के मुताबिक आक्सीजन प्लांट में कुछ बारीक पाउडर दिखने लगे तो आक्सीजन की शुद्धता की कमी की आशंका बनती है तब इसे साफ करना होता है जरूरी ताकि शुद्ध आक्सीजन की आपूर्ति होती रहे
- ट्राली के रूप में बैकअप प्लान मौजूद था इसलिए आसानी से हुआ कार्य, मरीजों को इस माध्यम से दी गई आक्सीजन
-1 मिनट भी आक्सीजन आपूर्ति नहीं हुई बाधित
दुर्ग / शौर्यपथ / आपात स्थिति में हमेशा बैकअप प्लान तैयार रखने से किसी भी संकट का सामना किया जा सकता है यह आज जिला अस्पताल में साबित हुआ। जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में आज अचानक बारीक पाउडर दिखने लगे जिससे शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति में आशंका दिखी, इससे तुरंत ही ऑक्सीजन प्लांट की सफाई के लिए इंजीनियर से बुलाए गए और लगभग 7 घंटे के ऑपरेशन के पश्चात आक्सीजन सप्लाई पूरी तरह से दुरुस्त कर ली गई। अभी 99 प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है जो पूरी तरह से मुकम्मल ऑक्सीजन की सप्लाई है। साथ ही इसके साथ फुल प्रेशर पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है जो मरीजों के लिए काफी उपयोगी है। आज जब यह खराबी आई तो ट्रॉली के माध्यम से बैकअप ऑक्सीजन मरीजों को दिया गया जिससे मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। ऑक्सीजन प्लांट दुरुस्त करने के लिए अधिकारी पूरे समय खड़े रहे लगभग 11 बजे यह काम शुरू हुआ और 7 बजे यह काम पूरा हुआ। काम पूरा होने के पश्चात ट्रॉली से दी जा रही बैकअप व्यवस्था हटाई गई और इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई।
इस प्रकार से आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में की गई व्यवस्था काम आई और ट्राली के माध्यम से बैकअप व्यवस्था सुनिश्चित होने की वजह से मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आई अब जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से बेहतर काम कर रहा है। प्रशासन की किसी भी तरह की गंभीर आशंका से निपटने की पूरी तैयारी की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही है ।
इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर खेमलाल वर्मा ने बताया कि जैसे ही हमें जानकारी मिली कि कुछ पाउडर बाहर आ रहे हैं तो हमने तुरंत ऑक्सीजन प्लांट के मरम्मत के लिए इंजीनियर को बुला लिया, प्रोटोकॉल के मुताबिक जैसे ही कुछ पार्टिकल नजर आने लगते हैं वैसे ही प्लांट के मरम्मत की जरूरत होती है हमने इसके लिए इंजीनियर को तुरंत बुला लिया 15 से 20 मिनट के भीतर इंजीनियर वहां पहुंच गए और इसके निर्माण और इसकी मरम्मत का कार्य शुरू हो गया इसके साथ ही बैकअप प्लान के लिए ट्रॉली के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन दी गई ल। मरीजों को किसी तरह से दिक्कत नहीं आई, इस तरह से पूर्व में की गई तैयारी और किसी भी तरीके की आपात स्थिति से निपटने की जिला प्रशासन की मुकम्मल व्यवस्था के बूते यह काम अच्छी तरह से संपन्न हुआ।
उन्होंने कहा कि इस दौरान हॉस्पिटल कंसलटेंट अरुण पवार भी उपस्थित रहे थे। प्लांट्स के इंजीनियर एवं टेक्नीशियन ने प्रभावी रूप से काम किया। 7 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद ऑक्सीजन की व्यवस्था पूरी तौर पर मुकम्मल हुई। इस दौरान जिला अस्पताल में मरीजों को निर्बाध आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित होती रही। डिप्टी कलेक्टर वर्मा ने बताया कि मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए जिला अस्पताल का प्रबंधन स्थिति पर 24 घंटे नजर रखे हुए है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट से जुड़े सभी उपकरणों पर जिला अस्पताल के प्रबंधन की बारीक नजर है।
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