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Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग प्रदेश के सबसे हॉट स्पॉट जिले मे गिना जाता रहा है .एक समय दुर्ग देश में चर्चा का विषय रहा . मौतों की संख्या और कोरोना मरीजो की बढती संख्या के कारण जिला प्रशासन द्वारा जिले के निजी नर्सिंग होम के भी कोरोना मरीजो को इलाज की अनुमति दे दी थी साथ ही शासन द्वारा तय दर से इलाज की बात कही गई किन्तु जैसा कि पूर्व में शौर्यपथ समाचार ने नवजीवन हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था पर भर्ती मरीजो के परिजनों से बात की तो यह जानकारी सामने आयी कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजो को ना सही समय में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था और ना सही काउंसलिंग की जा रही थी . मरीजो के स्वस्थ होने के बाद भी बिल बढाने के लिए मरीजो को भर्ती रखा जाता था . मरीजो के परिजनों से बात करने पर ज्ञात हुआ कि मरीजो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए साफ़ सफाई की व्यवस्था , शौचालय में पानी की व्यवस्था , यहाँ तक पीने के पानी की भी सही व्यवस्था नहीं रहती थी . मरीजो के परिजनों को भुगतान के लिए प्रतिदिन के हिसाब से देर होने पर अतिरिक्त भुगतान के लिए भी दबाव डाला जाता रहा . बता दे कि यह वही हॉस्पिटल है जिसमे मरीज के कोरोना से मृत्यु होने के बाद दो से ढाई घंटे तक मृत देह बिस्तर पर वार्ड में राखी हुई थी और जब जवाब लेने परिजन पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधक और जिम्मेदार अस्पताल से नदारद रहे . वही कई परिजनों का कहना है कि इलाज के नाम पर महंगी महँगी दवाइयों की मांग की जाने की भी शिकायत की गयी किन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई , चिकितासको द्वारा भी समय समय पर मरीजो को आकर नहीं देखा जाता . वर्तमान में इस कोविद हॉस्पिटल में नान कोरोना मरीजो का भी इलाज किया जा रहा है किन्तु एक ही प्रवेश द्वार होने के कारन नान कोविद मरीजो के परिजनों की ना अलग से ठहरने की व्यवस्था है ना ही कोई एनी सुविधा जिससे नान कोविद मरीजो के परिजन दहशत में रहते है . प्रबंधको को इस बारे में शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की सुनवाई नहीं होती . सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविद और नान कोविद मरीजो को देखने के लिए यहाँ पर प्रयाप्त संख्या में एमबीबीएस चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है जानकारी तो यहाँ तक प्राप्त हुई है कि नर्सिंग स्टाफ के कई लोग नॉन क्वालीफाई है किन्तु शासन की मज़बूरी का फायदा उठाते हुए आपदा के समय नवजीवन हॉस्पिटल , चिखली के द्वारा शासन की आंख में धुल झोंकते हुए संचालित हो रहा है .बता दे नवजीवन हॉस्पिटल पर शासन द्वारा अनुमति प्राप्त नहीं करने के कारण नियम विरिद्ध सञ्चालन पर पिछले वर्ष कार्यवाही हुई थी वर्तमान में भी आपदा में अवसर की तलाश और जेब भरने की पद्दति पर चल रहे इस हॉस्पिटल पर जिला प्रशासन कब निष्पक्ष जाँच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करता है ये देखना है .
व्ही.वाई हॉस्पिटल पद्मनाभपुर पर भी लगते रहा अनियमितता का आरोप ..
शहर के पाश इलाके में संचालित व्हीवाई हॉस्पिटल भी लगातार विवादों में रहा है . कभी क्वालीफाई चिकितासको की अनुपस्थिति तो कभी मेडिकल दूकान में अनियमितता तो कभी लाइसेंस का विवाद ऐसे ना जाने कितने विवादों से लगातार नाता रहा है इस हॉस्पिटल का . वैसे तो हॉस्पिटल के संचालक ह्रदय स्पेशलिस्ट है किन्तु एक साथ कई निजी नर्सिंग होम में सेवाए देने के कारण अपने मुख्य केंद्र में कम ही रहते है ऐसे में यहाँ भी ड्यूटी डाक्टर के रुपमे बीएम्एस के चिकित्सको की ही उपस्थिति रहती है जिनके द्वारा ऐसी ऐसी दवाइयों की भी सलाह दी जाती जिसे सिर्फ एमबीबीएस चिकित्सक ही दे सकते है . वर्तमान समय मे दुर्ग में स्थित यह भी एक ऐसा हॉस्पिटल है जहाँ कोविद का इलाज तो हो रहा है साथ ही सामान्य मरीजो का भी इलाज हो रहा है जबकि सभी का प्रवेश द्वार एक ही है जबकि कोविद और नान कोविद मरीजो के लिए अलग अलग प्रवेश द्वार का नियम शासन द्वारा बनाया गया . ऐसे में शासन क्या ऐसे निजी अस्पताल जो आपदा में अवसर तलाश रहे है उनकी निष्पक्ष जाँच कर त्वरित कार्यवाही करेगा
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