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दुर्ग/ शौर्य पथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा तंज कसा है। राजेंद्र ने सवाल किया है कि क्या यह राशि किसानों को राहत दे पाएगी। क्या इससे किसानों की आय दोगुनी हो पाएगी। यह राशि किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। मोदी सरकार के कार्यकाल में खाद, बीज, कीटनाशक दवा, कृषि उपकरण, डीजल के दाम में 60 से 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है, जो किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से कई गुना ज्यादा है। इससे स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार किसानों से प्रोत्साहन राशि के नाम पर छलावा कर रही है।
राजेंद्र ने कहा कि खाद, बीज, कीटनाशक दवा, कृषि उपकरण के दाम में बेतहाशा वृद्धि कर मोदी सरकार कार्पोरेट घरानों को भरपूर लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने बहुत से सफल किसानों से चर्चा की है। बेहतर होता कि प्रधानमंत्री उन किसानों से भी चर्चा कर लेते जिनको असमय वर्षा, अल्प वर्षा, अति वर्षा से फसल का नुकसान हो रहा है। उन किसानों के परिवारजनों से हाल-पूछ लेते जो कर्ज के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। पीएम उन किसानों से चर्चा कर लेते जो कृषि कानून के विरोध में कई माह से आंदोलन कर रहे हैं। उन किसानों के परिवारजनों से भी चर्चा कर लेते जो किसानों के आंदोलन में शहीद हुए हैं। राजेंद्र ने कहा कि इनसे चर्चा करना तो दूर इन किसानों को आंदोलनजीवी कहा जा रहा है। इन किसानों का नाम देशद्रोहियों के साथ जोड़ा गया। यह देश के अन्नदाताओं का अपमान है।
राजेंद्र ने कहा कि यदि वास्तव में किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं और किसानों को राहत देना चाहते हैं तो मोदी सरकार खाद के दाम में की गई वृद्धि को वापस ले और किसानों के हित में डीजल के दाम कम करे। इसके अलावा किसानों द्वारा उत्पादित फसल के समर्थन मूल्य में मात्र 3 या 4 प्रतिशत की वृद्धि करने की बजाय लगभग 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि करे। राजेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को केवल 2 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर खुद की पीठ थपथपा रही है। खाद बीज के दाम बढ़ाने की मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति को किसान भी समझ रहे हैं और किसानों के साथ पूरे देशवासी भी समझ रहे हैं।
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