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भिलाई / शौर्यपथ / सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सी एंड आईटी विभाग द्वारा विकसित मैन्युफैक्चरिंग एक्जीक्यूशन सिस्टम (एमईएस) को बीएसपी के मर्चेंट मिल (एमएम), वायर रॉड मिल (डब्ल्यूआरएम) और बार एंड रॉड मिल (बीआरएम) में प्रारम्भ किया गया है। इस प्रणाली का उद्घाटन हाल ही में ईडी (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, द्वारा किया गया। ईडी (वर्क्स) सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में सीजीएम इंचार्ज (सेवाएं) एस एन आबिदी, सीजीएम (सी एंड आईटी), पी के झा, विभिन्न विभागों के एचओडी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वेब आधारित प्रणाली को सी एंड आईटी की एमईएस टीम द्वारा विकसित किया गया है। यह महत्वपूर्ण कार्य को श्रीमती नीना जायसवाल जीएम (सी एंड आईटी) के नेतृत्व में डीजीएम (सी एंड आईटी), चंदू टेम्भुर्ने, एजीएम (सी एंड आईटी), टी बुहरिल, सीनियर मैनेजर (सी एंड आईटी) तेजकरण सिंह हंस, और डिप्टी मैनेजर (सी एंड आईटी) सुश्री शादमा खान ने अंजाम दिया। ईआरपी संबंधित विन्यास को जीएम (सी एंड आईटी) जेपीएस चैहान के नेतृत्व में ईआरपी टीम द्वारा पूर्ण किया गया। प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के दौरान सीजीएम (मर्चेन्ट मिल व वायर राड मिल), अजय बेदी, सीजीएम (बीआरएम), एम के गुप्ता, जीएम (आरसीएल), के वी शंकर, जीएम (इनकास) श्रीमती समिधा गुप्ता और उनकी टीम से निरन्तर सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सम्पूर्ण परियोजना को सीजीएम (सी एंड आईटी), पी के झा के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया गया।
भिलाई इस्पात संयंत्र, सेल की एकमात्र इकाई है जहां एमईएस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। मर्चेंट मिल, वायर रॉड मिल और बार एंड रॉड मिल में एमईएस प्रणाली का कार्यान्वयन, शॉप फ्लोर स्तर पर प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को बढ़ाने के लिए सेल प्रबंधन की व्यापक पहल का हिस्सा है। यह सही उत्पादन डेटा को समय पर दर्ज करने में मदद करेगा ताकि निर्णय लेने के लिए उच्च प्रबंधन को सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके।
एमईएस को पहली बार 2012 में 4 मिलियन टन क्षेत्र की शाप्स यानी प्लेट मिल, रेल मिल और स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) के साथ-साथ उनके संबद्ध क्षेत्रों- पीपीसी, आरसीएल और मार्केटिंग में प्रारंभ किया गया था। बाद में इसे 2016 में यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) और 2018 में एसएमएस-3 तक बढ़ा दिया गया। एमईएस का प्रारंभिक कार्यान्वयन मेसर्स पॉस्को आईसीटी, दक्षिण कोरिया के सहयोग से किया गया था, लेकिन वर्तमान परियोजना सहित इसकी सभी पूर्व परियोजनाओं का कार्यान्वयन पूरी तरह से सी एंड आईटी विभाग द्वारा इन-हाउस किया गया है।
नई एमईएस प्रणाली मौजूदा एचएमएमएस (हीट मूवमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम) की जगह लेगी जो वर्तमान में 3 शाप्स में उपयोग की जा रही है। यह एक समान रूप से भरोसेमंद हार्डवेयर संरचना के साथ एक मजबूत जावा आधारित सॉफ्टवेयर ढांचे पर आधारित है और यह प्रणाली ईआरपी के साथ मिलकर संयंत्र को विभिन्न क्षेत्रों में लाभान्वित करेगा, जैसे मौजूदा सिस्टम के लागू होने से दस्तावेजीकरण में होने वाली देरी को कम करने में मदद करेगा, इसी प्रकार एसएमएस-3, एमईएस सिस्टम के साथ जुड़कर सभी प्रकार की उत्पादन टनेज की रिपोर्टिंग सिस्टम को बेहतर बनाने में सहयोग करेगा। इसके माध्यम से सिस्टम पर किए गए सभी लेनदेन की यूजर आईडी आधारित ट्रैकिंग आदि को संभव बनायेगा।
इस अवसर पर सीनियर मैनेजर (सी एंड आईटी), तेजकरण सिंह हंस द्वारा नई प्रणाली की एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई, जिन्होंने नई प्रणाली की विशेषताओं को सदन के सामने रखा। इसी क्रम में ईआरपी से संबंधित परिवर्तनों को जीएम (सी एंड आईटी) जेपीएस चैहान द्वारा समझाया गया।
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