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दुर्ग / शौर्यपथ ख़ास / दुर्ग से लगे अंजोरा पशु चिकित्सालय ( कामधेनु विश्वविद्यालय ) में प्रतिनियुक्ति पर आये सहायक अभियंता पर छत्तीसगढ़ सोशल मिडिया के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन बघेल ने बड़ा आरोप लगाया और इसकी शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति सहित मंत्रालय में की . बता दे कि सहायक अभियंता जलसंसाधन विभाग रायपुर मूल विभाग के अभियंता महेश कुमार शर्मा की प्रतिनियुक्ति कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा में प्रभारी कार्यपालन अभियंता के तौर पर हुई है . जिस पर आरोप है कि उनके द्वारा करोडो की निविदा में हेरफेर कर अपने पंसन्दीदा ठेकेदार को निविदा दिलाने का आरोप लगा है जिसकी लिखित में शिकायत सोशल मिडिया के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन बघेल ने की है . गुलशन बघेल द्वारा की गयी शिकायत पर कुलपति कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा को मय दस्तावेज की गयी .
शौर्यपथ समाचार पत्र द्वारा जब इस विषय में कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति से जानकारी मांगी गयी तो उनके अनुसार शिकायत प्राप्त हुई है जल्द ही समिति गठित कर जाँच की बात कही गयी हफ्ते भर से ज्यादा समय होने के बाद भी जाँच समिति का गठन नहीं हुआ है . अब जबकि प्रशासनिक फेर बदल के चलते कुलपति के स्थानांतरण होने के बाद मामला कितना आगे टलेगा या नए कुलपति द्वारा जल्द जाँच समिति गठित की जायेगी ये भविष्य के गर्त में है .
वही इस बारे में रजिस्ट्रार कामधेनु विश्वविद्यालय का कहना है कि जल्द ही टीम गठित कर जाँच की जायेगी . शासन के आलस्य पूर्ण रवैये के कारण अपनी मनमानी करने वाले और करोडो की निविदा में पक्षपात करने का आरोप झेल रहे कार्यपालन अभियंता को क्या विश्वविद्यालय प्रबंधन जांच पूरी होने तक भी महत्तवपूर्ण पद में आसीन रखेगा या जांच तक प्रभार किसी अन्य अधिकारी को हस्तांतरित करेगा . बिना ठोस कारणों से निविदा रद्द होने से कई ठेकेदार असमंजस की स्थिति में है और प्रबंधन पर जल्द जाँच कर वस्तुस्थिति को स्पष्ट करने की मांग कर रहे है .
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ी प्रशासनिक फेर बदल की . दुर्ग कलेक्टर की जिम्मेदारी के लिए डॉ. भूरे सर्वेश्वर नरेन्द्र, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला मुंगेली को कलेक्टर, जिला दुर्ग के पद पर पदस्थ किया गया है। वही दुर्ग कलेक्टर अंकित आनंद, भा0प्र0से0, कलेक्टर, दुर्ग को प्रबंध संचालक, छ0ग0 राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड), रायपुर के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अटल नगर विकास प्राधिकरण, नवा रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पदस्थापना आदेश जारी किया गया है -
1. श्री अमिताभ जैन, भा0प्र0से0 (1989), अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग एवं अतिरिक्त प्रभार-अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग को केवल अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
2. डाॅ. आलोक शुक्ला, भा0प्र0से0 (1986), प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग एवं अतिरिक्त प्रभार-अध्यक्ष, छ0ग0 माध्यमिक शिक्षा मंडल तथा अध्यक्ष, छ0ग0 व्यावसायिक परीक्षा मंडल को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ प्रमुख सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
3. श्रीमती रेणु पिल्ले, भा0प्र0से0 (1991), अपर मुख्य सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग तथा अतिरिक्त कार्यभार-महानिदेशक, छ0ग0 प्रशासन अकादमी, रायपुर को अपर मुख्य सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के कार्यभार से मुक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के पद पर पदस्थ किया गया है। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
श्रीमती रेणु पिल्ले, भा0प्र0से0 (1991), द्वारा अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग का कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से सुश्री निहारिका बारिक, भा0प्र0से0 (1997) केवल सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यभार से मुक्त होंगी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का प्रभार यथावत् रहेगा।
4. श्री मनोज कुमार पिंगुआ, भा0प्र0से0 (1994), प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग व अतिरिक्त कार्यभार-प्रमुख सचिव, वन विभाग एवं विशेष कत्र्तव्यस्थ अधिकारी सह निवेश आयुक्त, सीएसआईडीसी, मुख्यालय नई दिल्ली को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
श्री मनोज कुमार पिंगुआ, भा0प्र0से0 (1994), द्वारा आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से डाॅ. मनिंदर कौर द्विवेदी, भा0प्र0से0 (1995), केवल आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त होंगी। डाॅ. मनिंदर कौर द्विवेदी का शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
5. श्री प्रसन्ना आर0, भा0प्र0से0, सचिव, सहकारिता विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, समाज कल्याण व सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग तथा आयुक्त, निःशक्तजन को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सचिव, कौशल विकास विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
श्री प्रसन्ना आर0, भा0प्र0से0, द्वारा सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री परदेशी सिद्धार्थ कोमल, भा0प्र0से0, सचिव, लोक निर्माण विभाग तथा सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, सचिव, खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 स्टेट रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन, रायपुर केवल सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त होंगे। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
6. श्रीमती अलरमेलमंगई डी0, भा0प्र0से0, सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, उच्च शिक्षा विभाग तथा संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
7. श्री अंबलगन पी0, भा0प्र0से0, सचिव, खनिज साधन विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
8. डाॅ. संजय कुमार अलंग, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-बिलासपुर को आयुक्त, बिलासपुर संभाग, बिलासपुर के पद पर पदस्थ करते हुए आयुक्त, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
9. श्री ईमिल लकड़ा, भा0प्र0से0, आयुक्त, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर को सचिव, राजस्व मण्डल, बिलासपुर के पद पर पदस्थ करते हुए सचिव, लोक आयोग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
10. श्री सी0आर0 प्रसन्ना, भा0प्र0से0, संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें तथा विशेष सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को विशेष सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पद पर पदस्थ करते हुए आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
11. श्री भूवनेश यादव, भा0प्र0से0, आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन को विशेष सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के पद पर पदस्थ किया गया है।
श्री भूवनेश यादव, भा0प्र0से0 द्वारा विशेष सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री हेमंत पहारे, (से.नि.आई.ए.एस. संविदा नियुक्ति), केवल सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के कार्यभार से मुक्त होंगे।
12. सुश्री शम्मी आबिदी, भा0प्र0से0, प्रबंध संचालक, छ0ग0 राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड), रायपुर को संचालक, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास के पद पर पदस्थ किया गया है।
13. श्रीमती रानू साहू, भा0प्र0से0, कलेक्टर, बालोद को आयुक्त, वाणिज्यिक कर के पद पर पदस्थ किया गया है।
14. श्री महादेव कावरे, भा0प्र0से0, संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन तथा अतिरिक्त प्रभार-संयुक्त सचिव, खनिज साधन विभाग को कलेक्टर, जिला-जशपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
15. श्री अवनीश कुमार शरण, भा0प्र0से0, कलेक्टर, कबीरधाम को संचालक, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण के पद पर पदस्थ किया गया है।
16. श्री अंकित आनंद, भा0प्र0से0, कलेक्टर, दुर्ग को प्रबंध संचालक, छ0ग0 राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड), रायपुर के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अटल नगर विकास प्राधिकरण, नवा रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
17. श्री नीलम नामदेव एक्का, भा0प्र0से0, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अटल नगर विकास प्राधिकरण, नवा रायपुर को प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
श्री नीलम नामदेव एक्का, भा0प्र0से0 द्वारा प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री हेमंत पहारे, (से.नि.आई.ए.एस. संविदा नियुक्ति), केवल प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के कार्यभार से मुक्त होंगे। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
18. श्री टोपेश्वर वर्मा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-दंतेवाड़ा को कलेक्टर, जिला-राजनांदगांव के पद पर पदस्थ किया गया है।
19. श्री नीलकंठ टीकाम, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-कोण्डागांव को संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन के पद पर पदस्थ किया गया है।
20. श्री डोमन सिंह, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-कोरिया को कलेक्टर, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पद पर पदस्थ किया गया है।
21. श्री हिमशिखर गुप्ता, भा0प्र0से0, पंजीयक, सहकारी संस्थाएं तथा संचालक, प्रशासन अकादमी को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ रजिस्ट्रार, फम्र्स एवं संस्थाएं का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
22. श्री राजेश सिंह राणा, भा0प्र0से0, संयुक्त सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग तथा संयुक्त सचिव, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग के पद पर पदस्थ किया गया है।
23. श्री रणबीर शर्मा, भा0प्र0से0, रजिस्ट्रार फम्र्स एवं संस्थाएं तथा अति0 प्रभार-उप सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग को कलेक्टर, जिला-सूरजपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
24. श्री अभिजीत सिंह, भा0प्र0से0, मिशन संचालक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को कलेक्टर, जिला-नारायणपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
25. श्री श्याल लाल धावड़े, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-गरियाबंद को कलेक्टर, जिला बलरामपुर- रामानुजगंज के पद पर पदस्थ किया गया है।
26. श्री संजीव कुमार झा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज को कलेक्टर, जिला-सरगुजा के पद पर पदस्थ किया गया है।
27. श्री सारांश मित्तर, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला सरगुजा को कलेक्टर, जिला-बिलासपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
28. श्री यशवंत कुमार, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला रायगढ़ को कलेक्टर, जिला-जांजगीर-चांपा के पद पर पदस्थ किया गया है।
29. श्री कार्तिकेय गोयल, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा को कलेक्टर, जिला महासमुंद के पद पर पदस्थ किया गया है।
30. श्री भूरे सर्वेश्वर नरेन्द्र, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला मुंगेली को कलेक्टर, जिला दुर्ग के पद पर पदस्थ किया गया है।
31. श्री सुनील कुमार जैन, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला महासमुंद को कलेक्टर, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के पद पर पदस्थ किया गया है।
32. श्री रमेश कुमार शर्मा, भा0प्र0से0, उप सचिव, मुख्य सचिव कार्यालय तथा अति0प्रभार-संचालक, भू-अभिलेख व आयुक्त, वाणिज्यिक कर को कलेक्टर, जिला कबीरधाम के पद पर पदस्थ किया गया है।
33. श्री जनक प्रसाद पाठक, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला जांजगीर-चांपा को संचालक, भू-अभिलेख के पद पर पदस्थ किया गया है।
34. श्री जन्मेजय महोबे, भा0प्र0से0, आयुक्त सह संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग को कलेक्टर, जिला बालोद के पद पर पदस्थ किया गया है।
35. श्री रितेश कुमार अग्रवाल, भा0प्र0से0, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बिलासपुर को कलेक्टर, जिला बीजापुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
36. श्री जयप्रकाश मौर्य, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला राजनांदगांव को कलेक्टर, जिला धमतरी के पद पर पदस्थ किया गया है।
37. सुश्री शिखा राजपूत तिवारी, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को नियत्रंक, नाप-तौल के पद पर पदस्थ किया गया है।
38. श्री दीपक सोनी, भा0प्र0से0, कलेक्टर, सूरजपुर को कलेक्टर, जिला दंतेवाड़ा के पद पर पदस्थ किया गया है।
39. श्री तंबोली अय्याज फकीरभाई, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-बस्तर को आयुक्त, छ0ग0 गृह निर्माण मंडल के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
40. श्री भीम सिंह, भा0प्र0से0, आयुक्त, छ0ग0 गृह निर्माण मंडल तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर को कलेक्टर, जिला-रायगढ़ के पद पर पदस्थ किया गया है।
41. श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा, भा0प्र0से0, संचालक, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य कौशल विकास अभिकरण को कलेक्टर, जिला-कोण्डागांव के पद पर पदस्थ किया गया है।
42. श्री छत्तर सिंह डेहरे, भा0प्र0से0, अपर आयुक्त, संभागायुक्त कार्यालय, बिलासपुर एवं अतिरिक्त प्रभार-सचिव, राजस्व मंडल, बिलासपुर एवं सचिव, लोक आयोग को कलेक्टर, जिला गरियाबंद के पद पर पदस्थ किया गया है।
43. श्री के0डी0 कुंजाम, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बीजापुर को संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर पदस्थ करते हुए संयुक्त सचिव, राजस्व विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
44. श्री रजत बंसल, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला धमतरी को कलेक्टर, जिला बस्तर के पद पर पदस्थ किया गया है।
45. श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जशपुर को नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य कौशल विकास अभिकरण, रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
46. श्री सत्यनारायण राठौर, भा0प्र0से0, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को कलेक्टर, जिला कोरिया के पद पर पदस्थ किया गया है।
47. श्री पदुम सिंह एल्मा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला नारायणपुर को कलेक्टर, जिला-मुंगेली के पद पर पदस्थ किया गया है।
48. श्री जगदीश सोनकर, भा0प्र0से0, अपर कलेक्टर, जिला महासमुंद को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छ0ग0 स्टेट वाटरशेड मैनेजमेंट एजेंसी, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
49. श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, भा0प्र0से0, उप सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संचालक, महिला एवं बाल विकास के पद पर पदस्थ किया गया है।
50. श्री अनिल कुमार साहू, भा0व0से0, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की सेवायें वन विभाग से लेते हुए प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
51. श्री माथेश्वरन वी0, भा0व0से0, की सेवायें वन विभाग से लेते हुए संचालक, उद्यानिकी के पद पर पदस्थ करते हुए संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
सेहत /शौर्यपथ / गुलाब की ताजी पंखुड़ियों और मिश्री से मिलाकर बनाया जाने वाला गुलकंद स्वाद में तो बेहद स्वादिष्ट होता ही है, स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है। इन फायदों को जानने के बाद आप आज से ही शुरू कर देंगे गुलकंद का सेवन-
1. गुलकंद शरीर के अंगों को ठंडक प्रदान करता है। शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर गुलकंद का सेवन बेहद लाभदायक होता है और गर्मी से पैदा हुईं समस्याओं से निजात दिलाता है।
2. गुलकंद का नियमित सेवन दिमाग के लिए भी बेहद लाभकारी है। बस 1 चम्मच गुलकंद सुबह और शाम के वक्त खाने से न केवल आपके दिमाग को तरावट मिलेगी, दिमाग शांत भी रहेगा और गुस्सा भी नहीं आएगा।
3. कब्ज या अपच की समस्या होने पर यह रामबाण उपाय है। रोजाना गुलकंद का सेवन कब्ज से निजात दिलाएगा और भूख बढ़ाने के साथ ही पाचन तंत्र को भी सुचारु करने में सहायक होगा। गर्भावस्था में यह विशेष लाभकारी और सुरक्षित है।
4. आंखों की रोशनी बढ़ाने और ठंडक प्रदान करने के लिए गुलकंद का उपयोग करना बेहतर तरीका है। यह आंखों में जलन एवं कंजक्टिवाइटिस की समस्या से भी आपको निजात दिलाएगा।
5. मुंह के छालों एवं त्वचा समस्याओं के लिए भी गुलकंद का प्रयोग बेहद फायदेमंद है, वहीं थकान और ऊर्जा में कमी होने पर भी गुलकंद लाभदायक साबित होगा।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / मई महीने के आखिरी दिनों में सूरज, धरती के बहुत करीब आ जाता है, जिससे भीषण गर्मी पड़ती है। इन दिनों को ही नौतपा कहा जाता है। इस दौरान धूप में बाहर निकलने से बचने के अलावा आपको खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए वरना बीमार होते जरा देर नहीं लगेगी।
आइए, जानते हैं कि नौतपा में कैसा हो आपका खानपान और किन चीजों का करें परहेज -
1/ गर्मियों में आने वाले फलों में पानी की मात्रा काफी होती है, इसलिए इनका सेवन जरूर करें।
2/ तरबूज, खरबूज, खीरा आदि को नियमित रूप से खाने से शरीर में पानी के साथ खनिज-लवणों की भी पूर्ति होती है।
3/ इन दिनों सामान्य खाना जैसे दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि खाना ठीक रहता है। तीखी गर्मी में भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए। इससे आपका हाजमा भी ठीक रहेगा और फुर्ती भी बनी रहेगी। इसके साथ तली हुई चीजों को ज्यादा न खाएं, यह आपका हाजमा बिगाड़ सकते हैं।
4/नौतपा की भीषण गर्मी में शरीर का अधिकांश पानी पसीने के रूप में निकल जाता है। इसलिए दिन में कम से कम 4 लीटर पानी जरूर पिएं।
5/ इन दिनों की भीषण गर्मी में नारियल पानी, छाछ और लस्सी पीने से भी जल का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। गर्मी के मौसम में तली और मसालेदार चीजें खाने की इच्छा ज्यादा होती है। लेकिन इस मौसम में इन चीजों से बचा जाना ही बेहतर होता है।
6/ खाने में बहुत ज्यादा नमक भी न लें। नमकीन, मूंगफली, तले हुए पापड़-चिप्स और तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ न ही खाएं तो बेहतर होगा।
7/नौतपा की भीषण गर्मी में मछली, चिकन, मांस, समुद्री भोजन और अत्यधिक ग्रेवी वाले व्यंजन भी न ही खाएं तो बेहतर है। वास्तव में इससे व्यक्ति को और अधिक पसीना आता है और पाचन की समस्याएं भी हो जाती हैं।
8/ जंक फूड जैसे बर्गर, पिज्जा आदि भी नौतपा में खाने से बचें।
9/ चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से निश्चित रूप से इन दिनों परहेज करना चाहिए। कैफीन और अन्य पेय पदार्थ वास्तव में आपके शरीर में गर्मी बढ़ाने के साथ शरीर का निर्जलीकरण यानि डिहाइड्रेशन पैदा करते हैं।
10/ सॉस भी खाने से बचें, दरअसल सॉस में तकरीबन 350 कैलोरी होती है, जो आपको सुस्त बना सकती है। कुछ सॉस में बहुत ज्यादा नमक और MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेंट) होता है, जो आपके लिए हानिकारक है।
इसके बजाए गर्मी में पौष्टिक और प्राकृतिक भोजन के साथ छाछ, लस्सी, नींबू-पानी, शिकंजी और आम पना जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें।
सेहत / शौर्यपथ / मौसम और सेहत से जुड़ी समस्या लोगों को परेशान कर रही है। वक्त है लॉकडाउन का और ऐसे समय में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का दुरुस्त रहना बहुत जरूरी है। यदि आप अपने घर से ही काम कर रहे हैं यानी 'वर्क फ्रॉम होम' हैं तो कुछ बातों का आपको विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए।
साथ ही अपनी स्कीन केयर रूटीन पर भी ध्यान दें, क्योंकि इस वक्त 'वर्क फ्रॉम होम' होने पर आप लगातार लैपटॉप व डेस्कटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं जिससे आंखों पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही आपकी स्कीन पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। काम की टेंशन आपकी त्वचा पर भी साफ नजर आ सकती है इसलिए अपनी स्कीन केयर रूटीन पर भी ध्यान दें।
कुछ खास टिप्स को अपनाकर आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रह सकते हैं इसलिए कुछ छोटे-छोटे बदलाव अपनी दिनचर्या में जरूर करें। आइए जानते हैं कुछ सुपर क्वारंटाइन टिप्स...
खुद को स्वस्थ रखने के लिए अब आपको अपनी दिनचर्या में हाथ धोने की आदत को जरूर शामिल करना है इसलिए बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। साथ ही साफ-सफाई का पूरा ध्यान दें।
मानसिक रूप से खुद को मजबूत रखने के लिए योग और हल्के-फुल्के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
'वर्क फ्रॉम होम' हैं तो बीच में ब्रेक जरूर लें और स्ट्रेचिंग करें जिससे कि गर्दन और पीठ में होने वाले दर्द से आप बच पाएं।
अंकुरित अनाज को करें सुबह के नाश्ते में शामिल। दूध वाली चाय पीने की जगह हर्बल टी पीने की आदत डालें।
मानसिक तनाव महसूस कर रहे हैं तो अच्छी किताबें पढ़ें, साथ ही आप म्यूजिक भी सुन सकते हैं।
खुद के लिए समय निकालना जरूर सीखें और Me Time में अपनी स्कीन व अपने बालों की देखभाल करें। जो आपको खुशी दे, वो काम करें जैसे कुकिंग पसंद है तो वो करें। डांस करना पसंद करती हैं या पेंटिंग पसंद है तो वो करें जिससे कि आप खुद को तरोताजा महसूस कर पाएं।
रात में सोने से पहले दूध में बादाम का पेस्ट, शहद और चुटकीभर हल्दी डालें। इसे सोने से पहले पीकर सो जाएं। इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी, साथ ही आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
खाने में हल्दी, जीरा, अदरक और लहसुन को जरूर शामिल करें। ये आपको रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें नजरअंदाज न करें।
खाना खजाना / शौर्यपथ / कच्चे आम का पना गर्मियों के मौसम में सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला पारंपरिक भारतीय पेय हैं। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है। जब गर्मियां अपने चरम पर हों तब आप 'पना' बनाकर पी सकते हैं। यह आपके शरीर को शीतलता व तरावट देता है और आपको गर्मी व लू से भी बचाता है। इसे बनाना ना केवल बेहद आसान है, बल्कि यह बहुत जल्दी भी बन जाता है। तो आइए हम बनाते हैं आम का पना और जानते हैं सेहत के फायदे-
सामग्री :
300 ग्राम कच्चे आम (2-3 मीडियम आकार के), 2 छोटे चम्मच भुना जीरा पावडर, स्वादानुसार काला नमक, एक चौथाई छोटी चम्मच काली मिर्च, 100-150 ग्राम (1/2 - 3/4 कप) चीनी, 20-30 पुदीना की पत्तियां, सादा नमक आवश्यकतानुसार।
विधि :
पुराने समय में जब खाना चूल्हे पर बनाया जाता था, तब लोग कच्चे आम को चूल्हे की राख में दबा कर भून लिया करते थे और फिर इन भूने हुए कच्चे आमों से आम का पना बनाते थे।
आजकल हम कच्चे आम को उबाल कर पीस लेते हैं और फिर इससे आम का पना बना लेते हैं। लेकिन उबले हुए आमों को छील कर उनका गूदा निकालने की जगह कच्चे आमों को उबालने से पहले ही छील लेना ज्यादा सुविधाजनक होता है। आज हम आम का पना इसी तरीके से बनाएंगे।
इसके लिए सबसे पहले कच्चे आमों को धोकर उन्हें छील लीजिए और फिर उनकी गुठलियों से गूदे को अलग करके एक-दो कप पानी में डालकर उबाल लीजिए। अब मिक्सी में यह उबला हुआ गूदा, चीनी, काला नमक और पुदीने की पत्तियां डालकर अच्छी तरह से पीस लीजिए और फिर इसमें एक लीटर ठंडा पानी मिला कर इसे छलनी में छान लीजिए।
आम का पना तैयार है। अब इसमें काली मिर्च व भूना हुआ जीरा पावडर डालकर अच्छे से मिलाइए और फिर बर्फ के टुकड़े डालकर ठंडा-ठंडा परोसिए। यदि आप चाहें तो इस आम के पने को पुदीने की पत्तियों से सजा कर भी परोस सकते हैं।
कैरी का पना पीने के फायदे
1. गर्मी के दिनों में इसका रोजाना इस्तेमाल पेट की समस्याओं से दूर रखेगा और पाचनक्रिया को दुरुस्त रखने में भी सहायक होगा। यह एक बढ़िया पाचक पेय है।
2. कैरी का पना गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने में बेहद फायदेमंद है। यह आपको लू की चपेट में आने से बचाएगा और शरीर में तरलता बनाए रखने में मददगार होगा।
3. पेट की गर्मी को खत्म करने के साथ ही यह पाचक रसों के निर्माण में मदद करता है।
4. विटामिन सी से भरपूर हेने के कारण यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से आपकी रक्षा करता है।
5. टीबी, एनिमिया, हैजा जैसी बीमारियों के लिए भी यह टॉनिक की तरह काम करता है। साथ ही पसीने में शरीर से निकलने वाले सोडियम और जिंक का स्तर भी बनाए रखता है।
धर्म संसार / शौर्यपथ / हिंदू धर्म ग्रंथों में स्कंदपुराण को महापुराण कहा जाता है। पुराणों के क्रम में इसका तेरहवां स्थान है इसके खंडात्मक और संहितात्मक उपलब्ध दो रूपों में से प्रत्येक में 81 हजार श्लोक हैं। इस पुराण का नाम भगवान शंकर के बड़े पुत्र कार्तिकेय के नाम पर है। कार्तिकेय का ही नाम स्कन्द है। यह शैव संप्रदाय का पुराण है जिसमें स्कन्द द्वारा तारकासुर के वध की कथा का वर्णन मिलेगा।
इस पुराण में काशीखंड, महेश्वर खंड, रेवाखंड, अवन्तिका खण्ड, प्रभास खण्ड, ब्रह्म खण्ड और वैष्णव खण्ड आदि कुल सात खंड है। कुछ विद्वान छह खंड बताते हैं। इसमें सती दाह, समुद्र मंथन, तारकासुर वध, शक्तिपीठ, 27 नक्षत्रों, 18 नदियों, भारत के 12 ज्योर्तिलिंगों, गंगा अवतरण सहित पर्वत श्रृंखलाओं के उल्लेख के साथ ही सोमदेव, तारा, उनके पुत्र बुध की उत्पत्ति की कथा का वर्णन भी मिलती है। इसके अलावा स्कंद पुराण में धर्म ज्ञान और नीतियों से संबंधित कई बातें बताई गई हैं। आओ जानते हैं स्कंद पुराण की 5 खास बातें।
1. शंकरजी होते हैं प्रसन्न : स्कंद पुराण का पाठ करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। स्कंद पुराण की महाकाल कथा में इसका वर्णन मिलता है। इसमें 12 ज्योर्तिलिंगों की उत्पत्ति का वर्णन भी है।
2. प्रदोष व्रत का महत्व : स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत के महामात्य का वर्णन मिलता है। इस व्रत को करने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। इसमें एक विधवा ब्राह्मणी और शांडिल्य ऋषि की कथा के माध्यम से इस व्रत की महिमा का वर्णन मिलेगा।
3. गृहस्थ जीवन :
जीवितं च धनं दारा पुत्राः क्षेत्र गृहाणि च। याति येषां धर्माकृते त भुवि मानवाः॥ [स्कंदपुराण:]
अर्थात- मनुष्य जीवन में धन, स्त्री, पुत्र, घर-धर्म के काम, और खेत– ये 5 चीजें जिस मनुष्य के पास होती हैं, उसी मनुष्य का जीवन इस धरती पर सफल माना जाता है।
4. वैशाख मास का महत्व : स्कंद पुराण के वैष्णव खंड अध्याय 4 में वैशाख मास के महामात्य का विस्तार से वर्णन मिलता है। इसके श्लोक 34 के अनुसार इस मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है। वैशाख के माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नाम के राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इस माह में पंखा, खरबूजा, अन्य फल, अनाज, जलदान, प्रदोष व्रत, स्कंद पुराण का पाठ करने का महत्व है।
वैशाखे मेषगे भानौ प्रातःस्नानपरायणः ।।
अर्घ्यं तेऽहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन ।। 34 ।।
5. श्रद्धा एवं मेधा का महत्व : संक्षिप्त स्कन्दपुराण के वैष्णवखण्ड-कार्तिकमास-माहात्म्य के अनुसार ब्रम्हाजी कहते हैं कि इस पृथ्वी पर श्रद्धा एवं मेधा ये दो वस्तुएं ऐसी हैं जो काम, क्रोध आदि का नाश करती हैं।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / ना बीबी न भैया “सबसे बड़ा रुपइया” सभी ने सुना होगा। यह पैसा जो सिक्के में या नोटों में भले ही अलग-अलग आकार, रंग-रूप, वजन लिए हुए हो पर जिसकी जेब में ये बसते हैं वो ही इस दुनिया में सबसे रुतबेदार है। इसी के आस-पास सारी दुनिया घूमती है। फिर भी पैसा या धन बहुत कुछ हो सकता है लेकिन सबकुछ नहीं।
“न वित्तेन तर्पणीयोमनुष्यः” -
धन से मनुष्य की तृप्ति नहीं हो सकती।
जिस धन की महिमा इतनी अपरम्पार है उसके बारे में कभी जानने की कोशिश की ? तो आइए जानते हैं कि पैसे,
भारतीय मुद्रा कितनी ऐतिहासिक है?
क्या आप जानते हैं कि पंच-चिन्हित सिक्के ईसा से पहले भी मौजूद थे? भारत में सबसे प्रारंभिक सभ्यताओं में, सिक्कों को 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के रूप में देखा जा सकता है। भारतीय मुद्रा/पैसों /रुपयों के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:
1.प्राचीन, मध्ययुगीन और मुगल काल, सभी में सिक्के के रूप में मुद्रा का उपयोग किया जाता था। सबसे उल्लेखनीय शेरशाह सूरी का रूपिया था, जो आधुनिक रुपए का अग्रदूत बन गया।
2.कागज का पैसा पहली बार अठारहवीं शताब्दी के अंत में जारी किया गया था। बैंक ऑफ हिंदोस्तान, बंगाल में जनरल बैंक और बंगाल बैंक ऐसे पहले बैंक हैं जिन्होंने कागजी मुद्रा जारी की है।
3. भारत सरकार के नोटों का पहला सेट विक्टोरिया पोर्ट्रेट श्रृंखला था। सुरक्षा कारणों से, इस श्रृंखला के नोट आधे में काट दिए गए थे; एक आधा डाक द्वारा भेजा गया था, और प्राप्ति की पुष्टि होने पर, दूसरा आधा भेजा गया था। उन्हें 1867 में 'अंडरप्रिंट' श्रृंखला द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था।
4.भारतीय रिजर्व बैंक का औपचारिक रूप से 1935 में उद्घाटन किया गया था और भारत सरकार के नोट जारी करने का अधिकार दिया गया था। RBI द्वारा जारी किया गया पहला नोट किंग जॉर्ज VI के चित्र पर आधारित पांच रुपए का नोट था।
5. दृष्टिहीन लोगों के लिए उठाए गए प्रिंट (इंटैग्लियो) के रूप में प्रत्एक नोट के बाएं हाथ पर एक पहचान चिह्न (अलग-अलग ज्यामितीय आकार) है - 1000 रुपए में एक हीरा, 500 रुपए के लिए चक्र, 100 के लिए त्रिकोण , रुपए के लिए वर्ग, 20 रुपए के लिए आयत और 10 रुपए के लिए कोई चिह्न नहीं था।
6.क्या आपने कभी साल के नीचे अलग-अलग प्रतीकों पर ध्यान दिया है। ए प्रतीक वास्तव में निर्दिष्ट कर रहे हैं जहां उत्पत्ति हुई। निम्नलिखित जानकारी मान ली गई है और उन्हें आवंटित किया गया है ।।।
खेल / शौर्यपथ / अनुभवी भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना का अधिकतर करियर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में बीता है। कठिन समय के दौरान भी रैना का धोनी का भरपूर समर्थन मिला और रैना ने यह भी सुनिश्चित किया कि वह शायद ही कभी अपने कप्तान को निराश करें। कुछ वक्त पहले धोनी और रैना पर कमेंट करते हुए युवराज सिंह ने कहा था कि जब धोनी कप्तान थे, तब सुरेश रैना उनके पसंदीदा खिलाड़ी थे। युवराज सिंह के इस कमेंट का अब सुरेश रैना ने जवाब दिया है।
युवराज सिंह के कमेंट पर जवाब देते हुए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि धोनी ने हमेशा उनका सपोर्ट किया, क्योंकि वह जानते थे कि कि मुझमें टैलेंट है। सुरेश रैना ने यह भी याद किया कि धोनी उनके खराब फॉर्म के दौरान उन्हें कैसे सावधान करते थे। इसके बाद रैना भी यह सुनिश्चित करते थे कि वह आने वाले मैचों में पुरानी गलती को ना दोहराएं और अपने परफॉर्मेंस में सुधार करें।
महेंद्र सिंह धोनी ने निश्चित रूप से मेरा समर्थन किया
सुरेश रैना फैनकोड से बात करते हुए कहा, ''मैं कहूंगा कि महेंद्र सिंह धोनी ने निश्चित रूप से मेरा समर्थन किया। उन्होंने मेरा समर्थन किया, क्योंकि उन्हें पता था कि मेरे पास प्रतिभा है। मैंने उनके लिए करके भी दिखाया है चाहे वह चेन्नई सुपर किंग्स हो या टीम इंडिया। जब भी उन्होंने मेरा सपोर्ट किया।''
उन्होंने आगे कहा, ''धोनी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वह आपको दो गेम के बाद बताएंगे। फिर वह कहते थे- यदि आप स्कोर नहीं करते हैं तो मुझे बड़ा कदम उठाना होगा। मैंने उनसे कहा था कि बस मुझे एक या दो गेम दीजिए, मैं विश्वास दिलाता हूं कि गलती नहीं दोहराऊंगा।''
मध्य क्रम के बल्लेबाजों के सामने काफी चुनौतियां
सुरेश रैना ने इस दौरान मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी के चैलेंज के बारे में भी बात की। उनका कहना है कि मध्य क्रम के बल्लेबाजों के सामने काफी चुनौतियां होती हैं, क्योंकि उन्हें लगभग हर खेल में अलग-अलग परिस्थितियों में बल्लेबाजी करनी होती है। रैना ने ज्यादातर भारत के लिए पांच या छह में बल्लेबाजी की और एक बार चौथे नंबर पर जाने की कोशिश की। वर्ल्ड कप के बाद श्रेयस अय्यर के टीम में आने तक नंबर 4 की समस्या एक ज्वलंत मुद्दा बनी हुई थी।
मिडिल ऑर्डर मेरे लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा
उन्होंने कहा, ''आप जानते हैं कि मिडिल ऑर्डर आसान नहीं है। हर मैच में आपको खेलना होता है। कई बार आपको 10-15 ओवर बल्लेबाजी करनी होती है और कई बार यह 30 ओवर तक भी होती है। हमारी स्थिति भिन्न है। हमें गेंदबाजी भी करनी होती है। हमें 2-3 विकेट भी लेने होते हैं और 15-20 रनों का बचाव भी करना होता है। मिडिल ऑर्डर मेरे लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन मैंने मैं हमेशा हर चीज को सकारात्मकता के साथ लेता हूं।''
रैना ने धोनी को कहा- शुक्रिया
सुरेश रैना ने महेंद्र सिंह धोनी को उन्हें सपोर्ट करने के लिए शुक्रिया कहा। रैना ने सौरव गांगुली के बाद धोनी को महानतम कप्तान बताया। सुरेश रैना इस बात से भी संतुष्ट हैं कि धोनी ने जब भी उनका समर्थन किया, वह हमेशा आगे बढ़े। वह इस बात से खुश हैं कि वह 2011 में विश्व कप टीम का हिस्सा थे, जिसे भारत ने जीता था।
वह हमेशा से जानते थे कि मेरे पास किस तरह की प्रतिभा है
उन्होंने कहा, ''मैं एमएस का शुक्रगुजार हूं, क्योंकि वह हमेशा मेरे बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं और वह हमेशा से जानते थे कि मेरे पास किस तरह की प्रतिभा है। मुझे लगता है कि यह सब किस्मत है। दादा के बाद धोनी महानतम कप्तान हैं। इसलिए मुझे लगता है कि विश्व कप खेलने के दौरान हमने चीजों का आनंद लिया।''
रैना ने कहा, ''ईश्वर सभी कठिन परिस्थितियों में मेरे साथ रहा है। अब यह कहना मुश्किल है कि मुझे कम या ज्यादा मौके मिले। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं वर्ल्ड कप का हिस्सा था। उन्होंने मुझे सपोर्ट किया। मैंने भी परफॉर्म किया। इसलिए मुझे लगता है कि मैं ज्यादा कुछ मांग सकता हूं।''