
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
रायपुर/ शौर्यपथ / युक्तियुक्तकरण के अव्यवहारिक निर्णय को रद्द करके तत्काल प्रक्रिया को रोकने की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यह सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने जिद पर अड़ी हुई है। तानाशाही सरकार के द्वारा शिक्षकों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है, आधी रात को पुलिस लगाकर शिक्षकों को डरा धमका कर मजबूर करना अन्याय है, गुरुजनों के प्रति अत्याचार है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है, दुर्भावना पूर्वक अपने चाहतों को उपकृत करने के लिए ही अतिशेष शिक्षकों की सूची प्रकाशित नहीं किया जा रहा है। न अतिशेष शिक्षकों को आधार बताया जा रहा है, न ही प्रभावित शिक्षकों को दावा आपत्ति का अवसर दिया गया। ठेके पर सरकार चल रही है, भ्रष्ट मंत्री और वसूलीबाज़ अधिकारियों के संरक्षण में पूरे प्रदेश में शिक्षा माफिया के एजेंट सक्रिय हैं और शिक्षकों का जमकर भयादोहन किया जा रहा है। दुर्भावनापूर्वक शिक्षकों को डराना बंद कर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोके सरकार।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण का नया फारमेट किसी भी रूप में उचित नहीं है, इसे तत्काल रद्द किया जना चाहिये। हजारों स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं जहां तय मापदंडों और युक्तियुक्तकरण के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। दर्ज संख्या और विषय के आधार पर शिक्षकों के नियमानुसार पदस्थ रहने के अधिकार को बेरहमी से कुचला जा रहा है। कई चहेते जूनियर शिक्षकों को संरक्षण देने, उनसे वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष बताकर जबरिया दूसरे स्कूलों में भेजा जा रहा है। अनेकों स्कूलों में विषय शिक्षक के अनुपात का भी नियमानुसार पालन नहीं किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया दुर्भावनापूर्ण और त्रुटिपूर्ण है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं है। जवाबदेही और पारदर्शिता से इस सरकार का कोई सरोकार नहीं है। शिक्षकों का भयादोहन करके अपनी जेब भरने और अपने चाहतों को उपकृत करने के लिए ही यह सरकार इतनी परदेदारी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार शिक्षा विरोधी है, कर्मचारी विरोधी है, शिक्षक विरोधी है। प्रमोशन के लंबित मांग पर अब तक आंखें मूंदे बैठी है। भाजपा सरकार पहले ही 10463 स्कूलों को बंद करके, स्कूलों में शिक्षको के न्यूनतम पदों में कटौती करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने पर तुली हुई है, अब तथाकथित युक्तियुक्तकरण में भेदभावपूर्ण प्रक्रिया अपनाकर दुर्भावना पूर्वक शिक्षकों को केवल प्रताड़ित कर रही है। सरकार पहले जिलावार अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी करें, अतिशेष होने का आधार बताए, उन्हें दावा आपत्ति करने का अवसर दे, उसके बाद प्रक्रिया पूरी करें।
सेवानिवृत्त कर्मचारी आप अपना शेष सुखमय जीवन पारिवार के साथ व्यतीत करे और अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वाहन करे, इसके लिए आप लोगो को शुभकामनाए:
दुर्ग /शौर्यपथ /नगर पालिक निगम में 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पांच कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद स-सम्मान पूर्वक बिदाई दी गई।
मुख्य कार्यालय सभागार में आज निगम प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह, शॉल और श्रीफल भेंट करते हुए सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना किये। इसके पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों ने दुर्ग निगम में सेवाकाल के दौरान कार्य एवं अनुभव को साझा किए।
उन्होंने कहा हम विभिन्न विभागो में कार्य करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन किए। हम सबको गर्व है अपनी क्षमता के अनुसार कार्य किए।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार,आयुक्त सुमित अग्रवाल व सभापति श्याम शर्मा ने जयप्रकाश राजपूत ,सहायक राजस्व निरीक्षक, द्वारिका साहू, भृत्य उद्यान विभाग,रघुवीर यादव,कर्मशाला वाहन चालक,चंदूलाल यादव भृत्य जलग्रह विभाग, श्रीमती आसामी बाई सफाई कामगार को निगम प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।
महापौर श्रीमती बाघमार व आयुक्त श्री अग्रवाल ने उपस्थित कर्मचारियों से कहा कि कभी भी कोई जरूरत हो आप बे झिझक आईयेगा। आपके जो भी देय राशि है उसका भुगतान अभी किया जा रहा है। पेंशन का प्रकरण शीघ्र निराकरण करके आपको पेंशन भी मिलने लगेगा।
उन्होंने कहा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के योगदान को सराहा.सेवा में रहे कर्मचारियों ने निगम के लिए हर कठिन परिस्थिति में काम करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
बिदाई समारोह में महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि आज हमारे निगम परिवार के 5 सदस्य अपना सेवाकाल पूर्ण कर शासन नियमो के तहत सेवानिवृत्त हो रहे है। जीवन का बहुमूल्य समय हम सेवा मे देते है, जिसके कारण पारिवारिक कार्य और दायित्वो से भी दूर होना पडता है, आप लोगो ने कुशलता व ईमानदारी से अपने कार्यो को निभाया है।
आयुक्त सुमित अग्रवाल कहा कि आज के समय में सबको संतुष्ट करना कठिन है, फिर भी जनता से सीधे जुडे विभाग मे आपने बेदाग काम किया, जो अनुकरणीय है।
सभापति श्याम शर्मा ने कहा सेवानिवृत्त कर्मचारी आप अपना शेष सुखमय जीवन पारिवार के साथ व्यतीत करे और अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वाहन करे, इसके लिए मैं आप लोगो को शुभकामनाए देता हूॅ। स्वास्थ्य अधिकारी मिश्रा ने सेवानिवृत्त कर्मचारियो के परिवार के सदस्यो का भी बडी संख्या में उपस्थिति पर आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर एमआइसी सदस्य देव नारायण चन्द्राकर, शेखर चन्द्राकर, लीना दिनेश देवांगन, ज्ञानेश्वर ताम्रकर,मनीष साहू,नीलेश अग्रवाल,शिव नायक,हर्षिका संभव जैन,पार्षद गोविंद देवांगन, सविता साहू के अलावा कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,आरके जैन,स्वास्थ अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा,संजय मिश्रा,अनिल सिंह सहित अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहें।
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्पियों को औजार उपकरण योजना अंतर्गत अनुदान राशि का किया वितरण
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत के पदभार ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां की कलाकृतियों की मांग विदेशों तक है। छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने और हस्तशिल्पियों को उनके हुनर की उचित कीमत दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्पियों को औजार उपकरण योजना अंतर्गत पाँच पांच हजार रुपये की अनुदान राशि का वितरण किया।
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ शिल्प विकास बोर्ड की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत को पदभार ग्रहण करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड शिल्पकारों की बेहतरी के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक इलाके में हस्तशिल्पी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। सुशासन तिहार के दौरान मुझे कोंडागांव के शिल्पग्राम जाने का मौका मिला। वहाँ मैंने शिल्पकारों से मुलाकात की और उनकी कला को करीब से देखा। इसी प्रकार रायगढ़ के एकताल में भी शिल्पकार धातु से कलाकृतियाँ बनाते हैं। बस्तर में काष्ठशिल्प से लकड़ी की सुंदर आकृतियाँ बनाई जाती हैं। पूरे प्रदेश में हस्तशिल्पियों का हुनर अद्भुत है। आज इस कार्यक्रम में मुझे जो सुंदर टोपी भेंट की गई, वह छिंद और कांसा से बनाई गई थी। जशपुर में हमारे गाँव के नजदीक कोटामपानी में भी छिंद और कांसा से बहुत सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिल्पकारों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण देने की जरूरत है। यह बहुत महत्वपूर्ण बात है कि हस्तशिल्प का कार्य ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में होता है। इसलिए हस्तशिल्प विकास के द्वारा हम बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। मुझे आशा है कि हस्तशिल्प विकास बोर्ड इस ओर कार्य करेगा और शिल्पकारों को प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें लोन-सब्सिडी भी अधिक से अधिक दिलाकर रोजगार से जोड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव के डोकरा आर्ट की विदेशों में माँग है। यह जरूरी है कि शिल्पकारों को बाजार के साथ उत्पाद की उचित कीमत मिले। बिना बिचौलियों के हस्तशिल्पियों की पहुँच सीधे बाजार तक हो, ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिले।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के गढ़बेंगाल के पंडी राम मांझी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ की कला हमारे देश की शान है, इसे पूरी दुनिया में पहचान मिलनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों के हाथ में चमत्कार है। चाहे वह मिट्टी के खिलौनों की बात हो या बेल मेटल, कसीदाकारी, गोदना और टेराकोटा की, प्रदेश के हस्तशिल्पी अपनी कला के बहुत सुंदर उत्पाद बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों में भागीदारी होनी चाहिए। हमारे शिल्पकारों के पास कुदरती हुनर है। बड़े पैमाने पर हस्तशिल्प उत्पादन के लिए डिज़ाइनरों को भी जोड़ने की जरूरत है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक धरमलाल कौशिक, सुनील सोनी, आशाराम नेताम, गजेंद्र यादव, विभिन्न निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षगण, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंध संचालक जेपी मौर्य सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सहकारी समितियों के भवनों और चबूतरा निर्माण की घोषणा की
रायपुर/शौर्यपथ / कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के ग्राम बरगढ़ा में विकसित कृषि संकल्प अभियान में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान तीन सहकारी समितियों में भवन और सात समितियों में चबूतरा निर्माण की घोषणा की। विधायक ईश्वर साहू भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने, वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर 29 मई से 12 जून तक पूरे देश में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार के कृषि वैज्ञानिक किसानों से संवाद कर रहे हैं। वे उन्नत और संतुलित कृषि की जानकारी किसानों को दे रहे हैं। यह अभियान किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कृषि मंत्री नेताम ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस अभियान का पूरा लाभ उठाएं, वैज्ञानिकों से संवाद करें और उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपनी आय दोगुनी करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। श्री नेताम ने कार्यक्रम में सात सेवा सहकारी समितियों सैगोना, खाती, कन्हेरा, भरदाकला, अकलवारा, घोटवानी और केहका में चबूतरा निर्माण और तीन समितियों नवागांवकला, कोंगियाखुर्द और गाड़ाडीह में भवन निर्माण की घोषणा की। उन्होंने किसानों को कृषि सामग्री का वितरण भी किया। श्री नेताम ने कार्यक्रम में किसानों को जल के सरक्षण-संवर्धन के लिए शपथ भी दिलाई ।
विधायक ईश्वर साहू ने विकसित कृषि संकल्प अभियान को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस अभियान से किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी मिल रही है। हमारे क्षेत्र के किसानों के लिए यह सुनहरा अवसर है। बेमेतरा के कलेक्टर रणबीर शर्मा, कृषि विभाग के उप संचालक मोरध्वज, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना और जनपद पंचायत के अध्यक्ष जितेंद्र साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक और किसान बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने चावल उत्सव का किया शुभारंभ
रायपुर/शौर्यपथ /खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल ने बेमेतरा के ग्राम भंसुली में चावल उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प है कि कोई भी नागरिक भूखा न सोए। चावल वितरण का यह कार्यक्रम इस संकल्प की दिशा में सशक्त कदम है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जून, जुलाई और अगस्त माह का चावल एक साथ आबंटित किया जा रहा है। नागरिक अपनी सुविधा के अनुसार एक माह या तीन माह का चावल एक साथ ले सकते हैं। तीन माह का चावल एकमुश्त उठाने की बाध्यता नहीं है। अन्य राशन सामग्रियों जैसे शक्कर, नमक, चना एवं गुड़ का वितरण नागरिक आपूर्ति निगम के उपलब्ध स्टॉक के आधार पर प्रत्येक माह पृथक-पृथक किया जाएगा।
खाद्य मंत्री बघेल ने बताया कि चावल उत्सव के दिन ही तीन माह के चावल का वितरण सुनिश्चित किया गया है। इस कार्य के लिए परिवहन और सुरक्षित भंडारण की व्यापक व्यवस्था की गई है। प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर समय-सीमा के भीतर राशन सामग्री के भंडारण और वितरण के बाद सत्यापन की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती हेमा दिवाकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, खाद्य विभाग के अधिकारी और ग्रामीण बड़ी संख्या में चावल उत्सव में मौजूद थे।
उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्रामीणों को मिल रहा ज्ञान, हर ग्राम पंचायतें की जनभागीदारी से जागरूकता बढ़ी
रायपुर/शौर्यपथ/छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार कांकेर जिले में “मोर गांव, मोर पानी” महा अभियान पूरे उत्साह के साथ चलाया जा रहा है। जिला कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य वर्षा जल का संरक्षण कर उसे जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। इसी क्रम में जिले की सभी 454 ग्राम पंचायतों में 5 जून तक चार दिवसीय उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस जल संरक्षण महा अभियान प्रशिक्षण में ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, बिहान समूह की महिलाएं एवं जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी भाग ले रहे हैं। उन्हें जल संचयन की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जा रही है।
तकनीकी आधार पर पारदर्शी योजना
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मंडावी ने बताया कि इस महाअभियान की सफलता के लिए आधुनिक तकनीकों, विशेषकर जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। इससे जल संरक्षण कार्यों की सटीक योजना और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि जनभागीदारी से आगामी तीन वर्षों के लिए मजबूत और तकनीकी दृष्टि से सक्षम जल संरक्षण योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसके तहत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित संकुल संगठनों के माध्यम से प्रत्येक ब्लॉक को चार क्लस्टरों में विभाजित किया गया है, जिससे प्रशिक्षण अधिक प्रभावी और व्यवस्थित हो रहा है।
योजनाओं में समाहित होंगे प्रमुख जल संरक्षण कार्य
इस अभियान के अंतर्गत चेक डेम निर्माण, फार्म पॉन्ड (खेत तालाब), कंटूर ट्रेंचिंग, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण, आजीविका वृक्ष, सोक पिट, जल संग्रहण तालाबों का गहरीकरण तथा नाला उपचार जैसे कार्य किए जाएंगे। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि सभी कार्यों की गुणवत्ता सर्वाेच्च स्तर की होनी चाहिए।
जन-जागरूकता और सहभागिता से जागरूक गांव
अभियान के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में विगत वर्ष व वर्तमान भूजल स्तर का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को जल स्तर में हो रहे परिवर्तनों की जानकारी मिलेगी। गांवों में दीवार लेखन के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। साथ ही, प्रशिक्षणों के माध्यम से जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे न केवल जल की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका और पर्यावरणीय संतुलन भी सशक्त होगा। गांवों में रैली, शपथ ग्रहण और श्रमदान के जरिए जल स्रोतों की सफाई कर जल बचाने के प्रयासों को मजबूती दी जा रही है।
सबसे तेज और सटीक समाचार देना आज की सबसे बड़ी चुनौती – केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
आईबीसी 24 के नए स्टूडियो के शुभारंभ समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर स्थित आईबीसी 24 के नए स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लंबे समय तक विश्वसनीयता के साथ खबरें देना किसी भी मीडिया संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को इस हाईटेक स्टूडियो से मीडिया जगत में नई पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर राज्य एवं केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक अधिक से अधिक पहुंचाने का आग्रह किया। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने कहा कि सबसे तेज और सटीक समाचार देना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपने उद्योग, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अब मीडिया क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर अंकित होगा।
समारोह को उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा तथा वन मंत्री केदार कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, विधायक सर्वश्री अजय चंद्राकर, पुरंदर मिश्रा, संपत अग्रवाल, गोयल ग्रुप के चेयरमैन सुरेश गोयल, डायरेक्टर राजेंद्र गोयल और आईबीसी मीडिया एडिटर रविकांत मित्तल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
अब बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
रायपुर/शौर्यपथ / राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शालाओं के युक्तियुक्तकरण की दिशा में एक सार्थक पहल की जा रही है। इस पहल के तहत बस्तर संभाग के सात जिलों में कुल 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे विद्यालयों की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और शैक्षणिक वातावरण में व्यापक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग के बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा जिलों में ऐसी शालाओं को चिन्हित किया गया, जहाँ या तो छात्र संख्या बहुत कम थी या एक ही परिसर में अथवा निकट में दो से अधिक शालाएं संचालित हो रही हैं, इन शालाओं को एकीकृत कर उन्हें बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। संयुक्त संचालक शिक्षा ने बताया कि बस्तर संभाग के बस्तर जिले में 274, बीजापुर जिले की 65, कोण्डागांव जिले की 394, नारायणपुर की 80, दंतेवाड़ा जिले की 76, कांकेर जिले की 584 तथा सुकमा जिले की 138 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शिक्षक विहीन एकल शिक्षकीय एवं आवश्यकता वाली अन्य शालाओं मेें अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना हो सकेगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। साथ ही बच्चों को बेहतर शैक्षणिक संसाधन जैसे पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब और खेल सामग्री भी उपलब्ध हो सकेंगी।
संयुक्त संचालक, शिक्षा, बस्तर संभाग, जगदलपुर ने बताया कि एकीकृत शालाओं में एक ही परिसर में पढ़ाई होने से बच्चों को नियमित स्कूल आना आसान होगा, जिससे छात्रों की उपस्थिति दर में वृद्धि और ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। इसके अलावा, प्रशासनिक खर्च में भी कमी आएगी और बचत को शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने में उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया नियोजित और चरणबद्ध रूप से संपन्न की जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और विद्यालय परिसरों को संसाधनयुक्त बनाना है। इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जिससे बस्तर संभाग के हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा और छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना सकेगा।
रायपुर /शौर्यपथ / मेसर्स अरिहंत स्टील नारायणपुर जिला नारायणपुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग जगदलपुर द्वारा 31 मई को जांच की कार्यवाही की गई है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जबकि जीएसटी के प्रावधानों के अनुरूप व्यवसाय स्थल पर समस्त लेखा पुस्तकें रखा जाना अनिवार्य है। व्यवसायी ने बताया कि समस्त बिल, कर सलाहकार द्वारा जारी किया जाता है। इस कारण कर अपवंचन की संभावना और भी प्रबल हो गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग 16 करोड़ रुपये से अधिक किन्तु उस पर कर का नगद भुगतान मात्र 43 हजार रुपये का वर्तमान अवधि तक किया गया है।
साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक माल की खरीदी 8.21 करोड़ रुपये की गई किंतु माल की सप्लाई के लिए कोई ई-वे बिल जारी नही किया गया। जिससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है किन्तु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है। जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से 10
लाख रुपये का कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की, किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने व्यवसाय स्थल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा (अनुमानित कीमत 90 लाख रुपये ) के समर्थन में व्यवसायी से लेखा पुस्तकें एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। व्यवसायी की ओर से कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। व्यवसायी द्वारा अपने परिचित कुछ मीडियाकर्मियों एवं व्यवसायियों को एकत्रित कर जांच टीम पर दबाव डालने का प्रयास किया गया। व्यवसायी के असहयोगात्मक रवैये एवं कर अपवंचन की विस्तृत जांच हेतु स्थानीय पुलिस की उपस्थिति में आगामी कार्यवाही तक व्यवसाय स्थल सील बंद किया गया है।
- सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान
- योजना से लाभान्वित होने ऑनलाईन कर सकते हैं आवेदन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अपने घर के छत पर ही 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उत्पादन किया जा सकता हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध किया जा रहा है। इसके साथ ही अधिकतम 78 हजार रूपए का अनुदान भी किया जाता है। हमारे सौर मंडल में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य है। सौर ऊर्जा को ग्रीन एनर्जी भी कहते हैं, क्योंकि इससे बिजली उत्पादन में प्रदूषण नहीं होता। यदि लोगों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाए तो यह बिजली आम जनता को नि:शुल्क मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। जिसके तहत मार्च 2027 तक देश के एक करोड़ घरों में रूफ टॉप सोलर प्लांट लगवाने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में 5 लाख रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। एक से तीन किलोवॉट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान दे रही है। तकनीकी रूप से तीन किलोवॉट के सोलर प्लांट में हर माह औसतन 300 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। छत पर उत्पादित पूरी बिजली, यदि आपके घर में उसी माह उपयोग नहीं होती तो वह सीएसपीडीसीएल के ग्रिड में संरक्षित कर आगामी माह के उपयोग हेतु उपलब्ध रहेगी। जिसका फायदा लाभार्थी घरेलू उपभोक्ता को निरंतर प्राप्त होता रहेगा। उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना के पोर्टल या मोबाइल ऐप में जाकर पंजीयन कराएं और इस योजना के सभी लाभ ले सकते हैं। यह योजना बिजली बिल हाफ नहीं बल्कि बिजली बिल समाप्त कर देगी। यानी आपको 3 किलोवॉट के सोलर प्लांट पर 300 यूनिट बिजली हर माह मुफ्त मिलेगी। आप खुद बिजली के उत्पादक भी हैं और उपभोक्ता भी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत लाभार्थियों को 78 हजार रूपए तक अनुदान सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इस योजना से बिजली बिल कम और नवीन रोजगार सृजन होगा तथा अक्षय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। योजनांतर्गत औसत मासिक विद्युत खपत 0-105 यूनिट के लिए 1-2 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 30 हजार रूपए से 60 हजार रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। औसत मासिक विद्युत खपत 150-300 यूनिट के लिए 2-3 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 60 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक का अनुदान। औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान। ग्रुप हाऊसिंग सोयायटी एवं निवासी कल्याण संघ के लिए 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट अनुदान का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होने आवेदन करने की प्रक्रिया -
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया 5 स्टेप में की जा सकती है। पहले स्टेप में सबसे पहले पोर्टल 222.श्चद्वह्यह्वह्म्4ड्डद्दद्धड्डह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ पर रजिस्टर व पंजीयन कराना होगा। अपने राज्य का चुनाव कर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर नंबर का चुनाव करना होगा। अपना मोबाईल नंबर और मेल आईडी प्रविष्ट करना होगा। स्टेप-2 में कन्ज्यूमर नंबर और मोबाईल नंबर से लाग-इन कर रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्टेप-3 में अब अपू्रवल के लिए इंतजार करना होगा एवं विद्युत विभाग में पंजीकृत वेंडर से ही सौर संयंत्र लगवायें। स्टेप-4 में एक बार इंस्टालेशन पूरा हो जाने पर प्लांट का विवरण जमा करना होगा और नेट मीटर के लिए ओवदन करना होगा। स्टेप 5 में नेट मीटर की स्थापना और डिस्कॉम द्वारा निरीक्षण के बाद पोर्टल से प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। स्टेप-6 में कमिशनिंग रिपोर्ट प्राप्त कर, अपना बैंक खाता विवरण तथा निरस्त चेक पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा। इसके बाद तीन दिनों के भीतर आपको सब्सिडी प्राप्त हो जायेगी।