August 06, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। विशेष रोजगार कार्यालय, रायपुर द्वारा 18 जून  को प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक विशेष प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह कैम्प विशेष रोजगार कार्यालय, पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, सिविल लाइंस, रायपुर में आयोजित होगा।
 विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की उपसंचालक डॉ. शशी अतुलकर ने बताया कि इस प्लेसमेंट कैम्प में अलर्ट एस.जी.एस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर द्वारा दिव्यांगजनों को घर बैठे एजेंट के रूप में कार्य करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह कार्य पूरी तरह से कमीशन आधारित होगा, जिसमें कार्य की मात्रा के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाएगा।
योग्यता और आवश्यक दस्तावेज
इस कैम्प में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी इच्छुक 12वीं उत्तीर्ण दिव्यांग अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। उन्हें अपने साथ 12वीं की अंकसूची, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, रोजगार कार्यालय पंजीयन प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड दस्तावेजों की फोटोकॉपी एवं दो पासपोर्ट साइज फोटो लाना अनिवार्य होगा।
कैम्प में आने-जाने, भोजन और ठहरने की व्यवस्था अभ्यर्थियों को स्वयं करनी होगी। किसी प्रकार का मार्ग व्यय देय नहीं होगा। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी कार्यालयीन समय में विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर से दूरभाष क्रमांक +91-0771-4044081 पर संपर्क कर सकते हैं।

रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने विभागीय कार्यों एवं जनप्रतिनिधियों की अद्यतन स्थिति से राज्यपाल को अवगत कराया।

सेन समाज के सम्मान समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
रायपुर/शौर्यपथ /समाज के प्रतिभाओ के सम्मानित करना उनके भीतर सकारात्मक प्रेरणा जगाने का उत्कृष्ट प्रयास सेन समाज कर रहा है। जब हम किसी व्यक्ति की मेहनत और उपलब्धियों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करते हैं तो हम सिर्फ उसका मनोबल नही बढ़ाते, बल्कि समाज के अन्य लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज सेन समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में यह विचार व्यक्त किए।
सेन समाज के महिला विंग द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा समाज के सभी जिलों के महिला अध्यक्षों, प्रतिभावान विद्यार्थियों, खिलाड़ियों एवं विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सेन समाज का इतिहास गौरवशाली और प्रेरणादायक है। यह समाज न केवल पारंपरिक बाल केश कला में निपुण रहा है बल्कि समय के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यवसाय के अनेक क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रहा है। यह प्रतिभा सम्मान समारोह समाज की उन्नति और समाज के लोगों की मेहनत का प्रतीक है। राज्यपाल ने सेन समाज की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए महिलाओं ने यह सिद्ध किया है कि सशक्त नारी ही सशक्त समाज की नींव है। महिला विंग ने इस आयोजन के माध्यम से संगठन को मजबूत किया है और आने वाली पीढ़ियों को दिशा देेने का कार्य कर रही है। आज की महिलाएं घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों को भी अच्छी तरह निभा रही हैं। यह परिवर्तन समाज को नई ऊर्जा दे रहा है।
श्री डेका ने कहा कि हमे यह भी याद रखना जरूरी है कि सम्मान केवल पद, डिग्री या पैसे से नहीं मिलता बल्कि हमारे आचरण, सेवा एवं समर्पण से प्राप्त होता है। उन्होंने समाज के हर उस व्यक्ति को नमन किया जो निस्वार्थ भाव से अपने आस-पास के लोगांे के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री डेका ने भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं एक जन नायक थे। श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां जनजातीय, ग्रामीण और शहरी सभी प्रकार की सामाजिक संरचनाएं एक साथ जुड़ी हुई है वहां सामाजिक संगठनों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि सेन समाज आने वाले वर्षों में प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्हांेेने समाज के युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण, उद्यमिता और डिजिटल शिक्षा की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता बताई जिससे वे आत्म निर्भर बन सके, साथ ही अपनी सांस्कृतिक पहचान और परंपरा को भी बनाए रख सके।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रदेशाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व सेन समाज (महिला विंग), एवं छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्प कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने दिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सर्व सेन समाज के पदाधिकारी सहित सेन समाज के सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के कर्मियों को सौंपी वाहनों की चाबी
रायपुर/शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार सड़क परिवहन और यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। परिवहन और यातायात सुरक्षा में लगे उड़नदस्ता दल को 48 नवीन वाहनों की तैनाती से दुर्घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी, यातायात सुग़म होगा और लोगों में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। श्री साय आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर परिवहन विभाग के निरीक्षकों को इन वाहनों की चाबी सौंपी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नवीन शासकीय वाहनों की मदद से परिवहन उड़नदस्ता दल नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उड़नदस्ता दल की कार्यक्षमता में वृद्धि, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, सुरक्षा मानकों का बेहतर क्रियान्वयन और यातायात व्यवस्था में सुधार व अनुशासन बनाए रखने में यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी परिवहन दस्ते की निगरानी और पहुंच सुनिश्चित होगी।
ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील
मुख्यमंत्री साय ने हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने और ट्रैफिक नियमों का पालन कर दूसरों के जीवन की रक्षा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से ही हम एक सुरक्षित, संयमित और संवेदनशील सड़क परिवेश का निर्माण कर सकते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से नशे की हालत में वाहन नहीं चलाने की अपील भी की।
इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, सचिव सह परिवहन आयुक्त श्री एस. प्रकाश, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर सहित परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

 "झूठे निराकरण से जनता गुमराह, महापौर अलका वाघमारे की निष्क्रियता से बढ़ा जनता का आक्रोश"
 "मुख्यमंत्री की पहल को पलीता, दुर्ग में सुशासन तिहार पर महापौर की चुप्पी भारी"

दुर्ग। शौर्यपथ।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी को मजबूती देने के उद्देश्य से “सुशासन तिहार” का आयोजन किया गया था, लेकिन दुर्ग नगर निगम ने इस नेक पहल को मजाक बना दिया। सुशासन के नाम पर जनसमस्याओं का समाधान तो दूर, आवेदनकर्ताओं को बिना निराकरण के ही संतुष्ट दिखा कर फर्जी आँकड़े तैयार कर प्रदेश सरकार को गुमराह करने की साजिश रची गई।
  जांच में सामने आया है कि दर्जनों ऐसे आवेदन हैं जिन्हें "निराकृत" दिखा दिया गया, जबकि आवेदकों से बात करने पर स्पष्ट हुआ कि उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। कहीं जलनिकासी की व्यवस्था जस की तस है, तो कहीं अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई। ऐसे कई आवेदन फील्ड विजिट के बिना, प्रत्यक्ष कार्रवाई के बिना और बिना संवाद के ही निपटाए दिखा दिए गए।

मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने का प्रयास

  जहां एक ओर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुशासन तिहार को जनता की आवाज़ और समस्याओं के स्थायी समाधान का माध्यम मानते हैं, वहीं दुर्ग निगम के कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री की मंशा पर सवाल खड़े करती है। ये अधिकारी न केवल जनसमस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि फर्जी समाधान दिखाकर प्रदेश सरकार को आंकड़ों के खेल में उलझा रहे हैं। यदि अब भी समय रहते वस्तुस्थिति की स्वतंत्र जांच नहीं हुई, तो यह संपूर्ण योजना केवल कागज़ों में ही सफल बताई जाती रहेगी, और वास्तविक समस्याएं जस की तस बनी रहेंगी।

महापौर अलका वाघमार की भी चुप्पी सवालों के घेरे में

  शहर की प्रथम नागरिक और महापौर अलका वाघमार की जिम्मेदारी बनती थी कि वे सुशासन तिहार के अंतर्गत आए आवेदनों की प्रगति की समीक्षा करतीं और सुनिश्चित करतीं कि हर आवेदन का समाधान जमीनी स्तर पर हो। मगर नगर निगम की लापरवाही और झूठे आंकड़े प्रस्तुत करने की साज़िश पर महापौर की चुप्पी ने यह संदेश दिया है कि शहरी सरकार सत्ता के सुख में जनता की आवाज को अनसुना कर रही है।

केवल दुर्ग ही नहीं, अन्य शहरों में भी ऐसी ही स्थिति!

  सूत्रों के अनुसार, दुर्ग ही नहीं बल्कि राजनांदगांव, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे कई जिलों में भी सुशासन तिहार के तहत बिना किसी कार्यवाही के आवेदनों को 'निराकृत' दर्शा देने की शिकायतें मिल रही हैं। कई जगहों पर सफाई, पानी, सड़कों की मरम्मत, अवैध कब्जे, राशन कार्ड जैसी समस्याओं को या तो नजरअंदाज कर दिया गया या कागजों पर हल कर दिखा दिया गया।

अब कार्रवाई जरूरी — नहीं तो मजाक बनकर रह जाएगा "सुशासन तिहार"

  अब समय आ गया है कि नगरीय प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय खुद हर नगर निगम से प्राप्त आवेदन और उसके समाधान की स्वतंत्र जांच कराएं। जो अधिकारी सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रहे हैं और जनसेवा की बजाय अपनी छवि चमकाने में लगे हैं, उन पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।जब तक ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक जनता को इस योजना का वास्तविक लाभ नहीं मिल सकेगा और "सुशासन तिहार" भी सिर्फ एक दिखावटी आयोजन बन कर रह जाएगा।

विशेष अनुरोध: यदि आपके पास ऐसे आवेदनों की सूची है जो निराकृत बताए गए हैं, लेकिन वास्तव में उनका कोई समाधान नहीं हुआ, तो आप इसकी जानकारी हमें भेज सकते हैं। "शौर्यपथ" इसे शासन स्तर तक पहुंचाने में मदद करेगा।
सम्मानित पाठको से निवेदन ऐसे जाँच करे अपने आवेदन की स्थिति
लिंक पर जाए -  https://sushasantihar.cg.nic.in/

आवेदन क्रमांक टाइप करे या फिर आवेदन में दिए मोबाइल नम्बर टाइप करे OTP आने पर फिल करे एवं अपने आवेदन की स्थिति देखे

"97 लाख रुपये के निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण हुआ बड़ा नुकसान, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग"

   दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में बमनीन तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 97 लाख रुपये की लागत से चल रहा निर्माण कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही की शर्मनाक मिसाल बन गया है। वार्ड क्रमांक 9 स्थित शीतला पारा में बमनीन तालाब की दीवार, जो हाल ही में बनाई गई थी, महज आधे घंटे की बारिश में ढह गई। यह घटना निगम क्षेत्र में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों की गुणवत्ता पर गहरा सवाल उठाती है।

दीवार के गिरने से हुआ बड़ा नुकसान
यह हादसा रविवार शाम को अचानक आई तेज बारिश के कारण हुआ। बारिश में भारी पानी गिरने से तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए बनाई गई दीवार ढह गई, जिससे लगभग 100 फीट तक दीवार बिखर गई। बताया जा रहा है कि दीवार की नींव कमजोर थी, जिसके कारण यह दीवार बारिश का दबाव सहन नहीं कर पाई। दीवार के नीचे पेवल ब्लॉक लगाए गए थे, जो अब बिखर गए हैं और यह पूरी घटना निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाती है।

निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप
तालाब सौंदर्यीकरण में इस तरह की बड़ी लापरवाही को लेकर स्थानीय नागरिकों, पार्षद सुषमा चंद्राकर और सांसद प्रतिनिधि विपिन चंद्राकर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम में चल रहे निर्माण कार्यों में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। ठेकेदार ने काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा और केवल "कमीशन" को प्राथमिकता दी। स्थानीय नेताओं का कहना है कि कई बार निगम के अधिकारियों को निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने की मांग की गई, लेकिन अधिकारियों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।

कमीशन खोरी का आरोप
स्थानीय नेताओं ने यह भी कहा कि निगम में बढ़ी हुई कमीशन खोरी के कारण निर्माण एजेंसी को गुणवत्ता पर ध्यान देने की कोई चिंता नहीं रही। इससे यह साफ़ हो गया है कि अधिकारियों ने जानबूझकर निर्माण कार्य की निगरानी में लापरवाही बरती, जिससे सार्वजनिक धन की बर्बादी हुई और जनता को नुकसान उठाना पड़ा।

पार्षद और सांसद प्रतिनिधि की तीखी प्रतिक्रिया
स्थानीय पार्षद सुषमा चंद्राकर और सांसद प्रतिनिधि विपिन चंद्राकर ने आरोप लगाया है कि कई बार निगम में काम की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए थे, लेकिन प्रशासन ने हमेशा इसे नजरअंदाज किया। चंद्राकर ने कहा, "हमने अधिकारियों से बार-बार निर्माण कार्य का निरीक्षण करने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कभी कोई कार्रवाई नहीं की। अब एक और घटिया काम सामने आ गया है। यह साफ दिखाता है कि निगम में भ्रष्टाचार बढ़ चुका है और ठेकेदारों को गुणवत्ता पर ध्यान देने की कोई परवाह नहीं है।"

महापौर की प्रतिक्रिया
महापौर निर्मल कोसरे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे सुबह ही इस घटना की जानकारी मिली है और मैं अधिकारियों से पूरी जानकारी प्राप्त कर रहा हूं। हम इस मामले की गहरी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।" महापौर ने यह भी कहा कि निगम क्षेत्र में कुछ अन्य तालाबों का सौंदर्यीकरण कार्य भी चल रहा है और इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे।

स्थानीय नागरिकों का गुस्सा और सरकार से अपील
इस घटना ने स्थानीय नागरिकों को भी आक्रोशित कर दिया है। उन्होंने सरकार और निगम से अपील की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठेकेदारों और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो यह भ्रष्टाचार की सड़ी-गली स्थिति को और बढ़ावा देगा।

समाज का ध्यान और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना इस बात का संकेत है कि जब तक सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसे भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले सामने आते रहेंगे। इस तरह के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी, निरीक्षण और मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। सार्वजनिक धन का सही उपयोग सुनिश्चित करना सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की जिम्मेदारी है।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
सभी स्थानीय नेताओं और नागरिकों का यह स्पष्ट मत है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ठेकेदार, निगम अधिकारी और उन सभी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जिन्होंने निर्माण कार्य में लापरवाही बरती और सार्वजनिक धन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी सरकार या प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि सार्वजनिक धन का सही तरीके से उपयोग हो और आम नागरिक को इसका लाभ मिल सके।

निष्कर्ष:
तालाब सौंदर्यीकरण में इस तरह की घटना यह साफ दिखाती है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की पूरी जांच करके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

 राजनांदगांव/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक कार्यालय में पदस्थ सहायक प्रकाशन अधिकारी श्री धर्मेन्द्र शाह मंडावी को पब्लिसिटी ऑफिसर के पद पर पदोन्नति दी गई है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी रायपुर के मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) कार्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत श्री मंडावी को राजनांदगांव क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रशासनिक कार्यालय में पदस्थ किया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में श्री मंडावी के सेवाकाल की शुरूवात वर्ष 2015 से प्रारंभ हुआ। इस दौरान वे रायपुर क्षेत्र, मुख्यमंत्री सचिवालय, अंबिकापुर क्षेत्र में पदस्थ रहे। अविभाजित राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर वनांचल क्षेत्र औंधी जैसे सुदुर अंचल से गरीबी और अपर्याप्त संसाधनों के बीच श्री मंडावी ने बीएससी (औद्यो0 मात्स्यिकी), पत्रकारिता में स्नातक एवं स्नातकोत्तर, फोटो एवं विडियोग्राफी में डिप्लोमा, एमबीए की शिक्षा हासिल की। विद्युत मंडल में प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से सहायक प्रकाशन अधिकारी के पद पर वर्ष 2015 में सिलेक्ट हुए थे। इस अवसर पर राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक श्री शिरीष सेलट, अधीक्षण अभियंता राजनांदगांव वृत्त श्री शंकेश्वर कंवर, अधीक्षण अभियंता कवर्धा वृत्त श्री रंजीत घोष सहित सभी कार्यपालन अभियंताओं ने श्री मंडावी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 हाट बजारों में सूखी मछली बिक्री पर नजर
रिसाली /शौर्यपथ /निचली बस्ती हो या फिर पाॅश कालोनी मच्छर का प्रकोप हर जगह होता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया समेत फाइलेरिया और जल जनित बीमारी से बचाव हम खुद कर सकते है। सोमवार को नगर पालिक निगम रिसाली आयुक्त मोनिका वर्मा और जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सी.बी.सी. बंजारे ने कार्यशाला में जल जनित रोग और मच्छर से बचाव के तरीकों को विस्तार से बताया।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने कहा कि कर्मचारी प्रत्येक बुधवार को अपने कार्य स्थल पर सफाई करे और रविवार को सार्वजनिक और रिहायशी इलाकों में कूलर की जांच करे। प्रत्येक घर में दस्तक दे। वहीं जिला मलेरिया अधिकारी ने बचाव के तरीके को विस्तार से बताया। आयुक्त मोनिका ने साप्ताहिक बाजारों में सूखी समुद्री मछली बिक्री पर नजर रखने का भी निर्देश दी है। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर, आजीविका विभाग के सिटी मिशन प्रबंधक, कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में यह बताया
- सबसे पहले कूलर को साफ करना है। अगर कूलर के टैंक में लार्वा या फिर कूलर में कीड़े नजर आए तो टेमीफाॅस डाले और 1 घंटे तक कूलर में लगे टूल्लू पंप को चालू रखे। इसके बाद पानी को खाली कर दे।
- घर के आंगन, किचन गार्डन और छत को अच्छे से देखे कि ऐसा कोई बर्तन, खिलौना का टुकड़ा या फिर ऐसा कोई चीज तो नहीं पड़ा है, जिसमें बारिश का पानी जमा हो।
- घर के परिसर में खुले में डस्टबीन रखा है तो उसे ढक कर रखे।
- घर के आस पास पानी ठहराव न होने दे।
होगी अब कार्रवाई
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निगम के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि घरों में टेमीफाॅस दवा उपलब्ध कराए। साथ ही बीमारी से बचने के तरीके को बताए। अगर लापरवाही होती है तो महामारी एक्ट के तहत पहली बार 500 दूसरी बार 1000 तीसरी बार 2000 जुर्माना वसूल करे।
जन स्वास्थ्य विभाग इस पर करेगा फोकस
- बंद आवास में पानी तो नहीं बह रहा।
- गली मुहल्ले में पानी जमा तो नहीं हो रहा।
- ठेले व गुमटी संचालक दुकान के पीछे खुले में पानी स्टोर कर तो नहीं रहे है।
- टायर खुले या दुकानों में जमा कर रखा तो नहीं गया है।
- बाजार में कही सब्जी व फल के अवशेष तो खुले में नहीं फेका गया है।
सूखी मछली की बिक्री पर नजर
निगम के कर्मचारी खासकर रूआबांधा बाजार में सूखी मछली की बिक्री पर नजर रखेंगे। अगर समुद्री सूखी मछली बेचते मिलने पर मछली को जब्त किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण में खुलासा किया है कि बारिश के समय समुद्री सूखी मछली में नमक की मात्रा होने की वजह से कीड़े लग जाते है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।

कलेक्टर ने सुपोषण प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
मोहला /शौर्यपथ / आदिवासी समुदायों के समग्र विकास और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने के उद्देश्य से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत जिले में 16 जून से 30 जून तक ग्राम स्तर पर विशेष जागरूकता एवं लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने कलेक्ट्रेट परिसर से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियान 2.0 सुपोषण प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ जिले के चिन्हांकित 35 जनजातीय ग्रामों में जाकर आमजन को पोषण, स्वास्थ्य एवं शासन की विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक करेगा।
इन शिविरों का उद्देश्य विशेष रूप से जनजातीय समुदायों तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कर उन्हें सशक्त बनाना है।
प्रत्येक चयनित ग्राम में ग्राम स्तरीय शिविरों के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं और प्रमाण पत्र सांकेतिक रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें पहचान व सामाजिक सुरक्षा के लिए हितग्राहियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनाया जाएगा। कृषि व वित्तीय सहायता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा ऋण, पीएम-किसान पंजीयन व जन धन खाता खोला जाएगा, बीमा योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा किया जाएगा और वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन के लिए पात्र हितग्राहियों का चयन कर लाभान्वित किया जाएगा। आंगनबाड़ी लाभ, टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी इसी प्रकार रोजगार व आजीविका से जोड़ने के लिए मनरेगा, पीएम-विश्वकर्मा योजना में पंजीकृत किया जाएगा व गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ व टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी। इन शिविरों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, पटवारी, मनरेगा अधिकारी, कृषि विभाग के कर्मचारी, छात्रावास अधीक्षक, महिला व बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक, पेंशन विभाग प्रतिनिधि, ग्राम सचिव, आधार ऑपरेटर आदि मौजूद रहेंगे। इस दौरान आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त श्री प्रकाश लहरे, महिला बाल विकास अधिकारी श्री चंद्र शेखर मिश्रा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

ठेकवाडीह, भिरई एवं कोलिहामार स्कूल में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में शामिल होकर शिक्षक, विद्यार्थी एवं पालकों को दिया प्रेरणास्पद संदेश
शिक्षा सत्र के पहले दिन आज हुआ शाला प्रवेशोत्सव का आगाज, नव प्रवेशी विद्यार्थियों का किया गया स्वागत एवं आत्मीय अभिनंदन
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि विकास का दरवाजा शिक्षा से प्रारंभ होता है और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा शिक्षा सत्र के पहले दिन आज जिले के गुरूर विकासखण्ड के ग्राम ठेकवाडीह, भिरई एवं कोलिहामार स्कूल में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा के महत्व के संबंध में विस्तार से प्रकाश डालते हुए शिक्षक, विद्यार्थी एवं पालकों को सारगर्भित, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणास्पद संदेश दिया। इस अवसर पर नगर पंचायत गुरूर के अध्यक्ष श्री प्रदीप साहू, एसडीएम श्री आर के सोनकर, तहसीलदार श्री हनुमंत श्याम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि, शिक्षक-शिक्षिका, विद्यार्थी एवं पालकों सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि शिक्षा सत्र के पहले दिन आज जिले के प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूलों में आयोजित शाला प्रवेशोत्सव के दौरान कक्षा पहली, कक्षा छठवीं एवं कक्षा नवमीं के नव प्रवेशित विद्यार्थियों का विद्यालय में पहुँचने पर आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती मिश्रा एवं अन्य अतिथियों के द्वारा नव प्रवेशित विद्यार्थियों को तिलक लगाकर एवं उनका मुँह मीठा करा कर तथा उन्हें गणवेश एवं पाठ्य पुस्तक प्रदान कर शाला में प्रवेश के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन तथा शिक्षा के महत्व एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कालखंड होता है। उन्होंने विद्यार्थियांे को इस बहुमूल्य कालखण्ड के प्रत्येक क्षणों का सदुपयोग करते हुए जीवन में असीम उपलब्धि हासिल कर राष्ट्र व समाज के विकास में अपनी बहुमूल्य भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि दुनिया में कोई काम असंभव नही है बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छा शक्ति एवं लक्ष्य के प्रति समर्पण की। श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम एवं पूरे मनोयोग के साथ विद्या अध्ययन करते समय सदैव लक्ष्य के ऊपर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को नशापान के दुष्प्रभावों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्हें नशापान से आजीवन दूर रहने की समझाईश दी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में मादक पदार्थों की बिक्री एवं उपलब्धता पर पूर्णतः प्रतिबंध सुनिश्चित कराने जरूरी उपाय करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने वर्तमान में तेजी से घटते भूजल स्तर एवं पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पेड़-पौधों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जिले के सभी नागरिकों के अलावा विद्यार्थियों को भी ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत अनिवार्य रूप से पौधरोपण करने को कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी को अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण कर उनके सुरक्षा के भी पुख्ता उपाय सुनिश्चित करना चाहिए।
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आज आयोजित शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की उपस्थिति पर भी सराहना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आप लोगों की उपस्थिति शिक्षा के प्रति जागरूकता, लगाव एवं समर्पण को प्रदर्शित करता है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को समझाईश देते हुए कहा कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हो आदमी को हिम्मत नही हारना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थी एवं शाला के विकास के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराने की बात भी कही। इस अवसर पर कलेक्टर ने अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजकर अपने बच्चों को शैक्षणिक क्रियाकलाप एवं विद्यालय के प्रत्येक गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पे्ररित करने वाली सर्वश्रेष्ठ माता श्रीमती यामिनी साहू को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के प्रत्येक बैठकों में उपस्थित होने वाली महिला सदस्य श्रीमती दुर्गेश्वरी कंुजाम को मेडल भेंटकर एवं प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों की माँग पर प्राथमिक शाला भिरई में एक शिक्षक की पदस्थापना करने का आश्वासन भी दिया। श्रीमती मिश्रा ने संस्था प्रमुखों एवं शिक्षकों को विद्यालय परिसर को साफ-सूथरा एवं व्यवस्थित तथा पौधरोपण कर हरा-भरा रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मौके पर उपस्थित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कोलिहामार स्कूल में प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थी, शिक्षकों, पालकों तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को आजीवन नशापान से दूर रहने की शपथ भी दिलाई। इस दौरान श्रीमती मिश्रा एवं अतिथियों के द्वारा शाला परिसर भिरई में स्थित भारत माता एवं शहीद भगत सिंह के प्रतीमा पर माल्यार्पण भी किया गया।

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