June 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और उनकी पत्नी उषा नायडू ने अपनी नातिन निहारिका की शादी के उपलक्ष्य में अपने आवास पर रिसेप्शन पार्टी आयोजित की थी, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना भी पहुंचे थे.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

 उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू  के सरकारी आवास पर आयोजित एक पारिवारिक समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत  के साथ एक ही सोफे पर समाजवादी पार्टी  के संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव  के बैठने पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे सपा का संघवाद बताया है.

यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से सोमवार की देर रात दोनों नेताओं के साथ वाली तस्वीर पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी पर तंज कसा गया है. ट्वीट में यूपी कांग्रेस ने लिखा है, "नई सपा" में 'स' का मतलब 'संघवाद' है?

इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पर शिष्टाचार भूलने का आरोप लगाया. समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, "राजनीतिक शिष्टाचार भूल चुकी है कांग्रेस! जिस कार्यक्रम की तस्वीर लगा रही कांग्रेस, उसी कार्यक्रम में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेताओं ने भी लिया नेताजी का आशीर्वाद। इस पर क्या कहेगी कांग्रेस ?"

उधर, यूपी बीजेपी ने भी मोहन भागवत और मुलायम सिंह की तस्वीर क्रॉप कर ट्वीट किया है और लिखा है, "तस्वीर बहुत कुछ बोलती है."

दरअसल, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और उनकी पत्नी उषा नायडू ने अपनी नातिन निहारिका की शादी के उपलक्ष्य में अपने आवास पर रिसेप्शन पार्टी आयोजित की थी, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना भी पहुंचे थे.

इसी समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक सोफे पर बैठे नजर आए थे. यह तस्वीर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने शेयर की थी, जिसमें वह खुद भी नजर आ रहे हैं. मेघवाल संघ प्रमुख से अपने जन्मदिन पर शुभकामनाएं ले रहे हैं.

 

 

 

 

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सहायता समूहों के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित करेंगे, जिससे लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ पहुंचेगा.

लखनऊ /शौर्यपथ/

 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव  से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी में ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को महिलाओं को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मंगलवार को प्रयागराज का दौरा करेंगे और दो लाख से अधिक महिलाओं की मौजूदगी वाले एक अनोखे कार्यक्रम में भाग लेंगे. सरकार ने इस बात की जानकारी दी. पिछले एक महीने में पीएम मोदी उत्तर प्रदेश में 10वां दिन बिताएंगे. चुनाव से पहले पीएम मोदी ने बीजेपी के चुनावी अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली है. उत्तर प्रदेश में दो महीने से कम में चुनाव होने की संभावना है.

समाचार पत्र में दिए गए विज्ञापनों में सरकार ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री स्वयं सहायता समूहों  के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित करेंगे, जिससे लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ पहुंचेगा.

प्रधानमंत्री कार्यालय  ने एक विज्ञप्ति में कहा,"यह ट्रांसफर दीनदयाल उपाध्याय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई) के तहत किया जाएगा, जिसमें 80,000 सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रति एसएचजी 1.10 लाख रुपये का सामुदायिक निवेश कोष (CIF) प्राप्त होगा और 60,000 एसएचजी को प्रति एसएचजी 15,000 रुपये की चक्रीय (रिवॉल्विंग) निधि प्राप्त होगी."

 कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री व्यापार अभिकर्ता-सखियों (बीसी-सखियों) को प्रोत्साहित करने के लिए, उनमें से 20,000 के खाते में पहले महीने के वजीफे के रूप में 4,000 रुपये की राशि भी स्थानांतरित करेंगे. जब बीसी-सखियां जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवाओं के प्रदाता के रूप में अपना काम शुरू करती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिए 4,000 रुपये का वजीफा दिया जाता है, ताकि वे अपने काम में स्थिर हो जाएं और फिर लेन-देन पर कमीशन के माध्यम से कमाई शुरू करें.

इस कार्यक्रम में पीएम मोदी 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 20 करोड़ से रुपये अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे. यह योजना एक बालिका को उसके जीवन के विभिन्न चरणों में सशर्त नकद हस्तांतरण प्रदान करती है. कुल हस्तांतरण 15,000 रुपये प्रति लाभार्थी है.

 

 

 

 

राहुल गांधी ने ‘थैंक्यू मोदी जी’ हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब और कुछ अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डालने (लिंचिंग) की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में मंगलवार को आरोप लगाया कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले ‘लिंचिंग' शब्द सुनने में नहीं आता था.

उन्होंने ‘थैंक्यू मोदी जी' हैशटैग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘2014 से पहले ‘लिंचिंग' शब्द सुनने में भी नहीं आता था.'

गौरतलब है कि गत रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब' (ध्वज) का अनादर करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डाला.

इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित बेअदबी को लेकर भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर कथित तौर पर जान ले ली थी.

 

 

 

 

“समस्या के समाधान के लिए साथ बैठकर चर्चा करना जरूरी”

“हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद औद्योगिक नीति 2019-24 बनाई”

“किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल

किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा और श्री राकेश टिकैत ने किसान हितैषी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना की

रायपुर /शौर्यपथ/

“कृषि उत्पादन का बढ़ना देश की ताकत होनी चाहिए, समस्या नहीं”“समस्या के समाधान के लिए साथ बैठकर चर्चा करना जरूरी”“हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद औद्योगिक नीति 2019-24 बनाई”

हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। व्यापार और उद्योग की अर्थव्यवस्था भी कहीं-न-कहीं किसानों से जुड़ी होती है। उद्योग का पहिया तब घूमेगा जब व्यापारी उनसे सामान खरीदेंगे और व्यापारी का सामान तब बिकेगा जब जनता की जेब में पैसा होगा। अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता की जेब में पैसा डालना होगा। यह बातें मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के आयोजन “किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” के मंच से कहीं। किसानों और उद्योगपतियों की ओर से कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  बघेल के साथ कृषि मंत्री  रविन्द्र चौबे, पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता  शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ व  राकेश टिकैत एवं ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के प्रधान संपादक  हिमांशु द्विवेदी ने मंच साझा किया। कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत भी मौजूद थे।

कार्यक्रम में उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने सबसे पहले किसान आंदोलन के दरम्यान शहीद हुए 703 किसानों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कराया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश में अनाज की कमी को तत्कालीन प्रधानमंत्री  इंदिरा गाँधी जी ने चुनौती के तौर पर लिया और देश के किसानों से आह्वान किया कि हमें अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा। इसके बाद ही देश में हरित क्रांति आयी। ये वही दौर था जब 1967 में एमएसपी घोषित हुआ। मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का सबके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ उचित कीमत देना शुरू किया। छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी को समर्थन मूल्य में खरीदने वाला देश का पहला राज्य है। यहां तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीदी की जा रही है। वहीं हमने छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का के साथ ही वनोपजों की खरीदी भी शुरू की, जिसमें 7 से बढ़ाकर 52 प्रकार के लघु वनोपजों को शामिल किया। इसके अलावा हमने वनोपजों का वैल्यू एडिशन भी किया। आज महुआ लड्डू, एनर्जी बार, बस्तर काजू पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है।

मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार से एक फरमान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि कोई भी राज्य सरकार फसल की खरीदी पर किसानों को बोनस देगी तो उसे केन्द्रीय पुल में नहीं लिया जाएगा, लेकिन फिर दो साल की छूट मिली। उसी छूट में हमने किसानों को बोनस मिलाकर धान खरीदी में प्रति क्विंटल 2500 रुपए दे दिया। केन्द्र सरकार ने बोनस देने पर आपत्ति की और राज्य का चावल लेने से मना कर दिया। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद अब हम किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री केन्द्र द्वारा उसना क्वॉलिटी का धान लेने से इंकार करने पर राज्य के किसानों से अरवा क्वॉलिटी के धान उत्पादन की अपील की।

मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि कृषि उत्पादन का बढ़ना किसी देश और प्रदेश के लिए ताकत होनी चाहिए, समस्या नहीं। हम प्रदेश के अतिरिक्त धान से एथेनॉल ईंधन बनाना चाहते हैं, लेकिन केन्द्र से इसकी अनुमति ही नहीं मिल रही है। गन्ना और मक्का से एथेनॉल बनाने के लिए 12 औद्योगिक घरानों से एमओयू भी हो चुका है और उन्हें जमीन भी दे दी गई है। राज्य में कृषि के साथ उद्योग को भी बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद 2019-24 की औद्योगिक नीति बनाई। अब तक 150 एमओयू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बाद सबसे पहले उद्योगों का पहिया घूमा है तो वो छत्तीसगढ़ में घूमा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिए समय-समय पर व्यापारियों से भी चर्चा की गई और उन्हें आवश्यक राहत पहुंचाई गई।

मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि हम किसानों का हित करना चाहते हैं लेकिन किसानों के नाम से किसी को बेजा फायदा उठाने नहीं दिया जाएगा। साथ ही डीएपी की कमी पर मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों व ग्रामीणों से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट अधिक-से-अधिक बनाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रकार की चर्चा में शामिल होना चाहिए। लोगों को सुनना चाहिए। असहमति के बावजूद भी उनका सम्मान करना चाहिए। जब सब साथ बैठेंगे तभी किसी समस्या का समाधान निकलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आज यहां शुरू हुई चर्चा सही दिशा में आगे बढ़ेगी और निष्कर्ष तक पहुंचेगी।

कृषि मंत्री  रविन्द्र चौबे ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा कीमत पर धान खरीदी हम कर रहे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों और गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नई योजना लेकर आ रही है। कृषि मंत्री  चौबे ने कहा कि कोरोना काल में जहां देश और दुनियाभर में मंदी की स्थिति थी, हमारी सरकार ने राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को दिया। किसानों को हमने समृद्ध किया तो व्यापारी वर्ग पर भी मंदी का असर नहीं हुआ।  चौबे ने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते मैं आज अपना सौभाग्य समझता हूं कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा हो रही है।

कार्यक्रम को पूर्व कृषि मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता  शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’,  राकेश टिकैत और उद्योगपति  कमल सारडा ने भी संबोधित किया।  शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ एवं  राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े इस तरह के आयोजन में मुख्यमंत्री का आना यह बताता है कि उनके मन में किसानों के लिए कितनी पीड़ा और आत्मीय भाव है।  शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के उपज की पूरे देश में सर्वाधिक कीमत पर खरीदी की जा रही है। एमएसपी पर चर्चा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है।  टिकैत ने कहा कि  भूपेश बघेल पहले मुख्यमंत्री हैं जो किसानों की समस्या पर उनके साथ बैठकर बात कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में ख़रीफ़ फसलों पर इनपुट सब्सिडी देकर किसानों को समृद्ध करने का काम किया जा रहा है।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष  सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष  गिरीश देवांगन, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  सुभाष धुप्पड़, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष  राजेन्द्र तिवारी, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष  शैलेष नितिन त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार  प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर  एजाज ढेबर, सभापति  प्रमोद दुबे, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त जनसंपर्क  दीपांशु काबरा समेत अनेक किसान, उद्योगपति, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

भिलाई / शौर्यपथ / शिक्षा में क्रांति लाने की बड़ी बड़ी बात करने वाला शिक्षण संस्थानों के संचालको को शिक्षा माफिया बताने वाला भिलाई निवासी नजरुल खान शराब बांटते हुए…

सांसद सुनील सोनी को आधार मामले में पुत्तूस्वामी बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढऩा चाहिये

   रायपुर/शौर्यपथ / रायपुर सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सांसद सुनील सोनी को पुत्तूस्वामी बनाम भारत सरकार के मामले में माननीय न्यायालय द्वारा दी गई आदेशों को पढऩा चाहिए। जब प्रधानमंत्री जी का ट्वीटर हैण्डल सुरक्षित नहीं है। आनलाइन ठगी करने वालो से बैंक खाता में रखी गयी राशि सुरक्षित नहीं हे। ऐसे में वोटर कार्ड और आधार कार्ड लिंक होने से आम लोगो के निजता का हनन नहीं होगा, डाटा सुरक्षित रहेगी इसकी गांरटी कौन देगा? डाटा चोरी होगी तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? देश में अब तक डाटा चोरी रोकने कानून नहीं बना है।
    मोदी भाजपा की सरकार में विपक्षी दलों के सुझाव और आपत्ति खारीज करना एवं माननीय न्यायलय के आदेशों की अवहेलना करना नियति बन गई है। तीन काले कृषि कानून की तरह ही एक बार और मोदी सरकार ने संसद में आंकड़ों के दादागिरी दिखाकर वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने वाला चुनाव संशोधन विधेयक 2021 को जोर जबरदस्ती पास कराने का काम किया है।
   जबकि विपक्षी दल चुनाव संशोधन विधायक को संसद की स्थाई समिति के पास भेजने और आधार मामले में पुत्तूस्वामी बनाम भारत सरकार के मामले में माननीय उच्चतम न्यायलय के आदेश का पालन करने की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने आम लोगों से जुड़ी कई चीजों के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दी है किसी शख्स की पहचान को सत्यापित करने के लिए आधार की अनिवार्यता जरूरी नहीं है। आधार कानून बना तब स्पस्ट कहा गया था कि इस प्रकार से आधार कार्ड को वोटर कार्ड के साथ जोड़ा नहीं जा सकता।आधार कार्ड से वोटर कार्ड को जोडऩा मौलिक अधिकारों का हनन है। आधार आवास का प्रमाण पत्र है यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है इससे आम लोगों की डाटा चोरी होने की संभावनाएं अपार है।

दुर्ग। शौर्यपथ । एक सामान्य इन्सान अगर अपनी निजी जमीन से एक इंच आगे भी निर्माण कर ले या नालियों के ऊपर गार्डन बना दे या फिर निर्माण के दौरान…

-पैरादान के पुण्य कार्य में भी भागीदारी करने की अपील की
-कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किसान भाइयों के नाम जारी किया वीडियो संदेश

दुर्ग / शौर्यपथ / किसानों ने खरीफ में वर्मी कंपोस्ट खेतों में डाला है। उनकी फसल बहुत अच्छी हुई है। उत्पादन भी अधिक हुआ है। फसल में चमक भी अच्छी है। सबसे अच्छी बात यह है कि भूमि की ऊर्वरा शक्ति को सहेजने के लिए यह बहुत अच्छा कार्य है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने रबी फसल के पूर्व यह संदेश किसानों के लिए दिया है। कलेक्टर ने किसान भाइयों के लिए जारी संदेश में कहा है कि गौठानों के अच्छे से संचालन के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी बड़े पैमाने पर पैरादान की जरूरत है। किसान भाइयों ने पिछली बार गौठानों के लिए बड़ी मात्रा में पैरादान किया था, जिससे गौठानों का पोषण अच्छी तरह से हो पाया।
    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों के माध्यम से ग्रामीण विकास की संकल्पना प्रस्तुत की है। इसे पूरा करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गौठान ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। गौठानों में गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन हो रहा है और इसके माध्यम से किसानों का गोबर क्रय किया जा रहा है। इसके द्वारा बनाये गये कंपोस्ट खाद को इस बार किसानों ने उपयोग किया है और इसका अच्छा लाभ हुआ है।
  उल्लेखनीय है कि जिन किसानों ने वर्मी कंपोस्ट अपने खेतों में डाला, उनकी धान की चमक भी बरकरार रही और ऊंचाई भी पर्याप्त रही। कुल मिलाकर संतुलित रूप से आगे बढ़ने के लिए जैविक खाद की भूमिका स्पष्ट हो गई है। कलेक्टर ने किसानों से कहा कि इस बार रबी के सीजन में वर्मी कंपोस्ट जरूर लें। रासायनिक खादों से भूमि की ऊर्वरा शक्ति तेजी से क्षीण होती है। कलेक्टर ने अपनी अपील में किसानों से कहा है कि पैरादान के माध्यम से गौठानों में गायों का ध्यान रखा जाता है। यह बहुत नेक काम है। इस कार्य में जितनी भागीदारी होगी, उतना अच्छा है। उन्होंने कहा कि पैरादान को गौठान तक पहुंचाने के लिए पंचायतों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसान यथासंभव इसके लिए आगे आएं ताकि गौठानों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा उपलब्ध हो सके।
 उल्लेखनीय है कि इस बार कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सबसे ज्यादा पैरादान करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत करने का निर्णय भी किया है।

मुंगेली / गुरू घांसीदास जयंती धर्म नगरी खैरा-सेतगंगा में अत्यंत धूमधाम आखाड़े, गाजे,बाजे,धुमाल के साथ हर्षोल्लाससे सतनामी समाज के अनुयायियों के द्वारा भव्य जोड़ा जैतखाम का आरती उतार कर श्वेत पालो को चढ़ाकर मनाई गई। प्रात काल 10 बजे से गुरु पूजा की हुई।गुरु पूजन के पश्चात दोपहर 3 बजे से कलश यात्रा एवं शोभायात्रा निकली।शोभायात्रा खैरा-सेतगंगा स्थित जैतखाम से निकाली गई खैरा-सेतगंगा,तालम,फॉस्टरपुर मुख्य मार्ग होते हुए बाबा गुरू घांसी दास मंदिर में पहुँची।शोभायात्रा में ध्वज व कलश को लेकर समाज के प्रतिष्ठित लोग आगे बढते रहे। सामाजिक कन्याओं और महिलाओंकी कलश यात्रा आकर्षकव श्रद्धा का केंद्र रहा।वही युवा वर्ग सामाजिक गीतों पर पंथी नृत्य करते हुए शौर्य प्रदर्शन भी किये।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले रहे।अध्यक्षता पूर्व विधायक मुंगेली चंद्रभान बारमते ने की।विशिष्ट अतिथि अनुसूचित जाति प्राधिकरण सदस्य रत्नावली कौशल, जिला पंचायत सदस्य रजनी सोनवानी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मानिक सोनवानी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जैत राम खांडे,जनपद पंचायत सदस्य जितेंद्र भास्कर,भुवन ओगरे, राजेंद्र भास्कर, फागुराम धृतलहरे,भगत राम दिवाकर, विष्णु जायसवाल, जय देवांगन, केशव सिंह परिहार, नरेंद्र जायसवाल, उत्तरा अंचल, भरत नवरंग, श्याम लाल मोहले, कुंजन सतनामी, भागवत कुर्रे, परमेश्वर कुर्रे, कलीम कंवर,जलेश्वर यादव, निरंजन तोडर रहे।समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री मोहले ने कहा कि बाबा गुरु घांसी दास सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।बाबा के विचारों को आत्म सात कर हम अपना जीवन धन्य कर सकते हैं उन्होंने सत्य की आराधना कर लोगों को सात्विक जीवन जीने का संदेश दिया।अध्यक्षता के आसंदी पर बैठे श्री बारमते नेकहा कि बाबा गुरु घांसी दास कुरूतियों के विरोधी थे और सत्य के पुजारी थे उन्होंने मनखे मनखे एक समान का सूत्र देकर सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया।विशिष्ट अतिथि श्री मति कौशल ने कहा कि बाबा का संदेश आज भी प्रासंगिक है।जब जब समाज में विकृति फैली है तब तब समाज को शिक्षा देने संत अवतरित हुए हैं जिन्होंने समाज को सनदेश देकर विकृतियों और कुरीतियों का नाश किया है।श्री मानिक सोनवानी ने कहा कि बाबा गुरु घांसी दास जी का जन्म ऐसे समय में हुआ जब समाज में छुआछूत, ऊंचनीच, झूठ कपट का बोलबाला था।बाबा ने ऐसे समय में समाज को एकता, भाईचारा, दया, करुणा, परोपकारव समरसता का संदेश दिया बाबा जी सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार किये जिसका लोगों में गहरा प्रभाव पड़ा बाबा जी ने लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी । और रात मे सतनाम भजन,सतनाम लीला, पंथी नृत्य का आयोजन हुआ जिसमे पंथी नृत्य मे प्रथम स्थान विचारपुर पंथी पाट्री रहा जिसे 11000 रुपये नगद मोहले के द्वारा दिया गया दिवतीय पंथी पाट्री मुडिया रहा जिसे 7000 नगद इनाम सोनवानी के द्वारा दिया तृतीय इनाम लालपुर पंथी पाट्री जिसे 5000 भास्कर के द्वारा दिया गया बाकी सभी पाट्री को संतवना इनाम दिया गया । कार्यक्रम को सफल आयोजन बनाने के लिये अखिलटोन्डर,शत्रुहन,पुनाराम,जितेंद्र भास्कर,सीताराम, निरजंन टोन्डर, हीरादास, बाबूदास, बालक,ओमप्रकाश, पुष्पाराज,अनंत, धमैन्द्र जांगड़े, सुखचंद, रहे

हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/ माइग्रेन विश्व की सबसे सामान्य बीमारियों में से एक है। साथ ही, यह दुनिया में सबसे ज्यादा होने वाला न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी…

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