
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
दुर्ग / शौर्यपथ / बघेरा एसटीएफ कालोनी वासियों की बरसों पुरानी मांग आज पूरी हो गई। शहरके महापौर धीरज बाकलीवाल ने कालोनी वासियों को उनके घरों में नल से पानी देने तीन सम्पवेल को भरने कालोनी पहुॅचकर स्वयं वाल्व खोल कर पेयजल समस्या का निराकरण किया। महापौर के साथ दुर्ग विधायक वोरा भी थे . छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्मित एसटीएफ कालोनी को 10 वर्ष पूर्व नगर निगम को हस्तांतरित किया गया था तभी से पूर्ववर्ती शहरी सरकारों की अनदेखी के कारण वहां पेयजल की समस्या बनी हुई थी।
*मिशन अमृत के तहत् पाइप लाईन से जोड़ा गया कनेक्शन*
बता दे कि रेल्वे क्रासिंग के पास मिशन अमृत के पाइप लाईन में कनेक्शन जोडऩे में परेशानी हो रही थी । कालोनी वासियों की समस्या को देखते हुये शहरी सरकार ने अमृत मिशन की इस योजना को क्षेत्र वासियों को लाभ पहुँचाने के लिए रेल्वे प्रशासन से अनुमति ली गई और कनेक्शन जोड़ा गया। आज कालोनी के सम्पवेल को भरा जा रहा है शाम से पानी की सप्लाई प्रारंभ कर दी जाएगी।
*सुबह और शाम दोनों समय मिलेगा पानी, टैंकर से पानी सप्लाई की जाती थी*
इस संबंध महापौर बाकलीवाल ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की अधिक समस्या होती थी। बोर सूख जाते थे । कालोनी में 8 से 10 टैंकर के माध्यम से निवासियों को पानी दिया जा रहा था । आज कालोनी वासियों की पानी की समस्या खत्म हो गई है। यहॉ के तीनों सम्पवेल को भर कर पानी की सप्लाई की जाएगी। पूरे फोर्स के साथ लोगों को अब सुबह और शाम दोनों समय पानी मिलेगा। कालोनी में नाली निकासी की समस्या का भी जल्द निदान किया जाएगा। एक-एक कर कालोनी की समस्याओं को दूर किया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यपालन अभियंता राजेश पाण्डेय, प्रभारी सहा0 अभियंता ए0आर0 राहंगडाले, उपअभियंता राजेन्द्र ढबाले, एवं कालोनी निवासी उपस्थित थे ।
भिलाई / शौर्यपथ / शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने बीएसपी प्रबंधन द्वारा मेसर्स अपिर्तत एसोसिएट्स को पिछले 3 माह से प्रतिदिन घर घर गार्वेज कलेक्शन का काम दिया गया है लेकिन हर दो तीन दिन में ही घरों में कचरा कलेक्शन किया जा रहा हेै। पूर्व में आवास में रहने वालों से समय समय पर हस्ताक्षर लिया जाता था लेकिन अब सब बंद है तथा कोई शिकायत सुनने वाला नही है। भारतीय जनसंघ के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं मीसाबंदी ठा. गौतम सिंह ने उक्ताशय का आरोप लगाते हुए कहा कि अर्पित एसोसिएट्स के विरूद्ध केन्द्रिय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के अतिरिक्त डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बाण दास गुप्ता एवं सेल विजिलेन्स में शिकायत की गई थी जिस पर जांच प्रारंभ किए जाने की जानकारी मिली है।
ठाकुर गौतम सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें नगर सेवा विभाग के अधिकारियों का पूर्ण समर्थन मिल रहा है। ठेकेदार को फर्जी आडिट रिर्पोट के आधार पर अर्पित एसासिएट्स को वर्ष 2014 से 2016 के दौरान करोड़ों का काम वर्षों से जमे नगर सेवा के अधिकारियों ने दिया था। उक्त कंपनी के चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट ने बीएसपी के विजिलेन्स विभाग को शिकायत कि है कि अर्पित एसोसिएट्स के संचालन ने फर्जी बिलों पर स्वयं उनके हस्ताक्षर वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं 2017 में जो बीएसपी में आडिट रिपोर्ट जमा की है वह पूरी तरह फर्जी है। इस शिकायत पर अब तक कार्यवाही नही किए जाने से स्वयं सीए आश्चर्यचकित है तथा शीघ्र कार्यवाही नही होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
ठाकुर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि पब्लिक सेक्टर में इस तरह की गंभीर शिकायतें बर्दाश्त नही की जा सकती। आशा है बीएसपी के सतर्कता अधिकारी सीवीसी के गाइडलाइन के अनुरूप जांच करेंगे।
रिसाली / शौर्यपथ / कोरोना के बढ़ते सक्रमण को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रत्येक घर को सेनेटाइज करने का सुझाव दिया है। इस सुझाव को अमल करने का बीड़ा छत्तीसगढ़ मूर्तीकार, चित्रकार संघ ने उठाया है। दुर्ग जिले के प्रत्येक घर को सेनेटाइज करने का कार्य गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विधानसभा क्षेत्र से शुरू किया गया। मंगलवार को तालपुरी बी ब्लाक में नगर पालिक निगम के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जितेन्द्र साहू ने औपचारिक उद्घाटन किया।
डब्ल्यू एच ओ के इस कार्य योजना को राजनांदगांव जिला में शुरू करने के बाद दुर्ग जिला में शुरू किया गया है। रिसाली नगर पालिक निगम क्षेत्र के 26000 से अधिक घरों को सेनेटाइजिंग करने के बाद ग्रामीण इलाको के घरों का सेनेटाइजिंग किया जाएगा। गृहमंत्री की मंशा अनुरूप प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित करने टीकाकरण व सेनेटाइज कार्य साथ-साथ चलेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जितेन्द्र साहू ने नारियल तोड़कर औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर नगर पालिक निगम के एल्डरमेन कीर्तिलता वर्मा, पे्रमचंद साहू, अनूप डे, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकुंद भाऊ, समेत नगर पालिक निगम के नोडल अधिकारी रमाकांत साहू, कार्यपालन अभियंता सुशील कुमार बाबर आदि उपस्थित थे।
6 लाख घरों का लक्ष्य -छत्तीसगढ़ के मूर्तिकार, चित्रकार संघ के संरक्षक परम यादव ने बताया कि वे दुर्ग जिला के प्रत्येक गांव तक पहुंचेंगे और घरों को सेनेटाइज करेंगे। इसके लिए वे 6 लाख घरों का सेनेटाइज करने लक्ष्य रखा है।
संवेदनशील क्षेत्र में पहले - संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि टीम सेनेटाइज करने 12 से 13 टीम का गठन किया है। घर के बाहर और भीतर अलग-अलग मशीन से सेनेटाइज किया जाएगा। वे ऐसे क्षेत्र व वार्ड के घरों का पहले सेनेटाइज करेंगे जहां कोविड के मरीज अधिक है।
120 दिन में होगा पूर्ण -संघ ने बताया कि एक वार्ड को सेनेटाइज करने 3 दिन का समय लगता है। आवश्यकता पड़ने पर वे टीम भी बढ़ाते है। अधिक से अधिक घरों को सेनेटाइज कर वे निगम क्षेत्र को 120 दिनों में सेनेटाइज करेंगे।
दुर्ग / शौर्यपथ / डीएमएफ शासी परिषद की आज हुई बैठक में सभी सदस्यों ने कोरोना संक्रमण से निपटने और भविष्य में तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए डीएमएफ के संसाधन का उपयोग करने पर जोर दिया। सदस्यों ने कहा कि तीसरे वेव की आशंका को देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि इससे निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था रखें और कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए डीएमएफ के माध्यम से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाए। कोरोना संक्रमण से अधिकाधिक लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जिस तरह के व्यय की जरूरत होगी, उसके मुताबिक निर्णय लेकर डीएमएफ की राशि इस पर व्यय किये जाने का निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सदस्यों का जिस तरह का मत है और निर्णय है उससे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आधी राशि अर्थात लगभग तीन करोड़ इस मद में व्यय के लिए सुरक्षित रखे जाएँ। शेष 3 करोड़ 38 लाख रुपए से माननीय सदस्यों के प्रस्तावों पर विचारोपरांत निर्णय लेकर इन पर कार्य आरंभ किया जाए। बैठक में गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से पहले भी स्वास्थ्य ढाँचे में खर्च किये गए हैं। इनका उपयोगी नतीजा आया है। अभी भी कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में यह राशि काफी काम आएगी। शेष राशि में जो अत्यंत आवश्यक प्रकृति के कार्य हैं उन्हें स्वीकृत कर आरंभ कराया जाए। बैठक में संबोधन में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चैबे ने कहा कि दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रशासन ने अच्छा काम किया है। तेजी से निर्णय लेते हुए और अधोसंरचना पर काम करते हुए कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दिशा में प्रभावी कार्रवाई हुई। आगे भी तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमें अपने संसाधनों को लगातार अपडेट करना होगा, इसके लिए डीएमएफ के माध्यम से पूरी मदद देनी होगी।
पीएचई मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने कहा कि विधायक निधि और डीएमएफ के बेहतर उपयोग से पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लड़ने का ढांचा मजबूत हुआ है। हम लोगों ने लगातार इस दिशा में कार्य किया है और आगे भी अग्रिम तैयारी हमारे लिए काफी उपयोगी होगी। दुर्ग विधायक श्री अरुण वोरा ने क्षेत्र की प्रमुख माँगों को बैठक में रखा। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से कुछ ऐसे प्रस्ताव रखे गए हैं जिनसे दुर्ग के नागरिकों को काफी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी महत्व के मुद्दों पर काफी राहत मिलेगी। वैशाली नगर विधायक श्री विद्यारतन भसीन ने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया अभी लंबी चलेगी, टीकाकरण स्थलों पर डीएमएफ मद से शेड आदि के निर्माण कार्य आरंभ किये जा सकते हैं ताकि बरसात में लोगों को दिक्कत न हो।
भिलाई टाउनशिप में पेयजल का मुद्दा, पर्यावरण मंडल के अधिकारियों को भी जाँच के लिए भेजें स्पाट पर- बैठक में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने टाउनशिप में पेयजल का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा तथा जिला प्रशासन द्वारा बार-बार ताकीद दिये जाने के बावजूद भिलाई टाउनशिप की पेयजल व्यवस्था में अपेक्षित सुधार बीएसपी प्रबंधन ने नहीं किया। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन को बताया गया है कि फिल्टर प्लांट की टेक्नालाजी बदलें और तात्कालिक रूप से ऐसे उपाय करें जिनसे अपेक्षित नतीजे सामने आये। आज ही प्रशासन ने पेयजल का पुनः टेस्ट कराया है और पहले से गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित हुआ है। अभी वे गंगरेल से पानी मंगा रहे हैं इसका असर तीन दिनों में दिख सकता है। बीएसपी प्रबंधन को नागरिकों को अविलंब शतप्रतिशत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं। प्रभारी मंत्री ने कहा कि पर्यावरण मंडल के अधिकारियों को भी मौके पर भेजकर रिपोर्ट लें।
अब तक 133 करोड़ रुपए के कार्य प्रस्तावित हो चुके हैं डीएमएफ से- कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने शासी परिषद की बैठक में डीएमएफ मद से अब तक किये गये कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब तक 133 करोड़ रुपए के कार्य प्रस्तावित हो चुके हैं जिनमें से अधिकांश पर कार्य पूरा हो चुका है। 3475 स्वीकृत कार्यों में 352 कार्य प्रगतिरत हैं। आज हुई बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, नगर निगम आयुक्त भिलाई ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, नगर निगम रिसाली कमिश्नर प्रकाश सर्वे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / चंदूलाल कोविड केयर हास्पिटल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की कड़ी मेहनत के बूते आज एक जिंदगी भी बेहद कठिन परिस्थितियों में बचा ली गई। ये 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला महालक्ष्मी की कहानी है। जब महालक्ष्मी का आक्सीजन लेवल डाउन हुआ तो इनके परिजनों ने उन्हें अस्पताल ले जाने का निर्णय किया। परिजनों ने अस्पताल पहुँचकर बताया कि आक्सीजन लेवल 50 से 60 के बीच आ रहा है। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें तुरंत भर्ती किया गया तथा आक्सीजन सपोर्ट आरंभ कर दिया गया। इसके साथ ही मेडिसीन प्लान की गई। स्थिति में लगातार सुधार हुआ और अंततः आज मरीज के परिजनों के लिए वो बहुप्रतीक्षित दिन आ गया जब 20 दिन के इंतजार के बाद वो घर पहुँची। उनके पोते ने बताया कि हास्पिटल स्टाफ ने दादी का बहुत ध्यान रखा। लगातार स्वास्थ्य की मानिटरिंग करते रहें, दवाइयाँ देते रहें।
हास्पिटल के स्टाफ के प्रोत्साहन ने दादी की हिम्मत बढ़ाई और वे धीरे-धीरे स्वस्थ होती गईं। इतने कम लेवल पर आक्सीजन चले जाने के चलते हम लोग काफी घबरा गए थे लेकिन कोविड केयर सेंटर के डाॅक्टरों ने आश्वस्त किया कि मेडिकल पैरामीटर में लगातार सुधार आ रहा है और दादी रिकवरी की राह पर हैं। इससे हम सबका भी मन बहुत मजबूत हुआ। उन्होंने कहा कि हास्पिटल में खाने-पीने की व्यवस्था और साफ-सफाई भी बढ़िया रही। हास्पिटल के मेडिकल आफिसर डाॅ. अनिल शुक्ला ने बताया कि हम लोग मरीजों के मनोबल पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। डाॅक्टर्स राउंड के समय मरीजों को मोटिवेट करता है। नर्सिंग स्टाफ भी हमेशा मोटिवेशन बनाये रखता है। हर कुछ घंटे में विशेषज्ञ डाॅक्टर्स क्रिटिकल मरीजों के ट्रीटमेंट की रणनीति के संबंध में चर्चा करते हैं और आगे के लिए प्लान तैयार करते हैं इसका अच्छा असर होता है और रिकवरी तेज होती है।
जब आईं थी तो साँस लेने में दिक्कत के साथ डायरिया से भी जूझ रही थीं- सुभाष नगर की 59 वर्षीय शिवानी जब हास्पिटल में आईं तो उन्हें साँस लेने की दिक्कत के साथ ही डायरिया की समस्या भी थीं। उनका आक्सीजन लेवल 80 तक पहुँच गया था। कमजोरी और बुखार भी था। ऐसे में इनकी तकलीफों को देखते हुए अलग-अलग तरह से मेडिसीन प्लान की गई। चूँकि कई पैरामीटर्स पर काम करना था अतएव अस्पताल के विशेषज्ञों ने लगातार चर्चा की और इनका ट्रीटमेंट प्लान किया। आज शिवानी भी डिस्चार्ज हुईं। उनके भतीजे ने बताया कि चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हास्पिटल में बुआ का अच्छे से ध्यान रखा गया। यहाँ खाने-पीने की सुविधा बहुत अच्छी थी। साफ-सफाई की व्यवस्था भी अच्छी रही। आज वो डिस्चार्ज हुईं, अस्पताल का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
भिलाई नगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों एवं भिलाई के नागरिकों से सीधे जुड़े हुए प्रमुख मुद्दों के विषय में समस्त क्षेत्र की जोनवार समीक्षा बैठक निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर उपायुक्त अशोक द्विवेदी एवं अधीक्षण अभियंता यू.के. धलेद्र ने ली! दोपहर 12 बजे से आहूत की गई बैठक में अलग-अलग जोन की बारी-बारी से समीक्षा की गई, बारिश पूर्व निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने कहा गया! लॉकडाउन के दौरान ऐसे कार्य जो प्रारंभ नहीं हो पाए हैं उन्हें शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं!
द्विवेदी ने समस्त जोन आयुक्तों को निर्देशित करते हुए कहा कि अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करें, शासन स्तर से निगम भिलाई के विकास कार्यों के लिए स्वीकृत हुए निर्माण कार्यों को प्रक्रिया मे लाकर निर्माण कार्य प्रारंभ करावे! छोटे-बड़े महत्वपूर्ण विकास कार्यों मे प्रगति लाने के निर्देश दिए गए हैं तथा ऐसे छोटे कार्य जिन्हें निर्धारित अवधि में किए जा सकते हैं शीघ्र पूर्ण कर अवगत कराने कहा गया है! इसके साथ ही अधूरे कार्य को समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं! बीएसपी से एनओसी वाले प्रकरणों की सूची अनुसार, इन कार्यो की भी समीक्षा की गई!
बारिश पूर्व नाला की सफाई कराने के निर्देश दिए गए! बैठक में जोन आयुक्त सुनील अग्रहरि, पूजा पिल्ले, अमिताभ शर्मा, प्रीति सिंह, कार्यपालन अभियंता बीके देवांगन, डीके वर्मा, संजय बागड़े, संजय शर्मा एवं टीके रणदिवे, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, लेखा अधिकारी जितेंद्र ठाकुर, सहायक अभियंता सुनील दुबे, विनीता वर्मा, शरद चावड़ा, वसीम खान, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली मौजूद रहे!
दुर्ग / शौर्यपथ / बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के द्वारा आज 18/5/2021 को ओम शिव शक्ति विधालय खुर्शीपार में कोरोना महामारी काल में अर्थिक स्थिति जूझ रहे हे,परेशानी मे हे और किसी से कह भी नही पा रहे हे स्कूल बदं हो जाने से मध्यम वर्गीय परिवार कि कमर टुट जाती हे और उस पर भी कोरोना महामारी का घर पर प्रवेश होना,घर कि छोटी पूंजी भी खत्म हो जाना , शिक्षक जो बच्चों को ज्ञान एवं समाज को दिशा देता हे अगर वो कमजोर हो जायेगा तो हमारा आने वाला कल कमजोर हो जायेगा इसलिए बोल बम सिमिती कि टीम ने निर्णय लिया और भिलाई के विभिन्न क्षेत्रों के प्रावेट स्कूल के 30 (तीस) शिक्षकों को 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, 1 किलो दाल, 1किलो मुमफली तेल, 1किलो नमक, हल्दी पावडर, धनिया पावडर , मिर्ची पावडर, (लक्स साबुन ) राशन सामग्रियां शिक्षक रामपाल साहू ,रजनी खोर्बागढे,सरस्वती मिश्रा,निलीमा फिलीक्स ,प्रिती साहनी, संगीता विश्वकर्मा, शिवानी बेहरा,निशा लहरे,गणेशिया सरकार,प्रिती गुप्ता,सविता कुमारी, पूजा चौरसिया, कल्पना सोनी, गायत्री भारती, मंजू मांडले,मनोरमा पांडे, राजेन्द्र मातै,रमाकांत दुबे, यम कोटेश्वरी,कुमारी यादव, किरण वर्मा,प्रियंका विश्वकर्मा,खिलेश्वरी साहू, पुष्पा नागमणी अन्य को दिया गया।सेवा देने वाले विवेक कौशल, विजेंद्र मिश्रा, राकेश प्रशाद,यश बालराजू रहे।
दुर्ग / शौर्यपथ / पचरी पारा क्षेत्र में कोरोना व लॉकडॉउन कि पीड़ा जूझ रहे लोगो को अब पीने कि पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है और लगातार पानी कि संकट को लेकर वार्ड के लोग आक्रोशित होकर अब आंदोलन के मूड बना रहा है इस सम्बन्ध में क्षेत्र के ओम प्रकाश सेन ने निगम महापौर धीरज बाकलीवाल व आयुक्त हरीश मंडावी सहित निगम अधिकारियों को इसकी जानकारी व चेतावनी देते हुए बताया कि लगभग 33 लाख किलो लीटर क्षमता वाले शहर है क्योंकि निगम में सत्तासीन पार्षदों के दबाव मे आवश्यकता से अधिक वार्डो मे मनमाने नल कनेक्शन बाटने के कारण इन क्षेत्रों में पानी सप्लाई का प्रेशर एकदम कम हो गया है जिसके चलते पचरी पारा क्षेत्र के मुख्य मार्ग तथा अंदर उचाई वाले एरिया मे भीषण गर्मी मे एक गुंडी पानी भी नसीब नहीं हो रहा है . वर्तमान में अमृत मिशन का कार्य पूर्ण नहीं होने के बावजूद पुराने पाइप लाइन से भी जल प्रदाय की स्थिति गंभीर बनी हुई है . जल का प्रेशर कम होने की वजह से आम जनता को पानी की पूरी सप्लाई नहीं हो रही है . वार्ड में जगह जगह पाइप लाइन के गड्ढे खुदे महीनो बीत गए किन्तु कार्य की गति धीमी होने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही महापौर और विधायक सिर्फ कड़े निर्देश की बात करते है किन्तु निर्देश क्या सिर्फ दिखाने के लिए ही दिए जा रहे है क्योकि शहर विधायक ये निर्देश महीनो से दे रहे है . महापौर बाकलीवाल की भी यही कहानी है जो विधायक कहते है बसुसी बात की हामी भरते नजर आ रहे है .
इस संबध मे पचरी पारा के पार्षद ओमप्रकाश सेन ने कहा कि बस स्टैंड से लेकर फ़रिश्ता काम्प्लेक्स एवं अन्दर की बस्तियों में गर्मी के इस मौसम में दुर्ग निगम द्वारा प्रयाप्त रूप से जल प्रदाय ना कर पाना शहरी सरकार की विफलता का प्रमाण है शहरी सरकार के मुखिया एक रबर स्टाम्प की तरह कार्य करते नजर आ रहे है अब तो आम जनता को भी समझ नहीं आरहा है कि शहर के महापौर कौन है धीरज बाकलीवाल या फिर अरुण वोरा . विकाश की बात तो र्दु शहर की जनता को चलने के लिए साफ़ सडक और पीने के लिए प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं देने वाली इस सरकार की कार्य प्रणाली से वार्ड की जनता में आक्रोश दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है . वार्ड पार्षद सेन ने कहा है कि अगर जल्द से जल्द वार्ड की जल समस्या का समाधान नहीं होगा तो कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए श्रेय की राजनीती करने वाले विधायक वोरा , महापौर बाकलीवाल व निगम की सरकार के खिलाफ उग्र जन आन्दोलन होगा . भाजपा पार्षदों ने इस समस्या के लिए विधायक अरुण वोरा को पूरी तरह जिम्मेदार बताते हुए कहा है वार्डो मे पानी कि समस्या के स्थाई हल के लिए केंद्र कि मोदी सरकार द्वारा दिए गए अमृत मिशन योजना कि राशि से भाजपा कि पूर्व परिषद से चालू हुए कई पानी टंकी निर्माण पूर्ण हुए 3माह से अधिक हो गए है जिनका प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों टेस्टिंग भी कर लिया किंतु विधायक महोदय कि श्रेय की राजनीति व उद्घाटन के फेर में उक्त टंकी चालू नहीं हुआ है यदि पूर्ण हुए टंकी को चालू कर दिया जाता तो अन्य टंकियो में बढऩे वाले दबाव कम हो जाएगा और सभी क्षेत्रों में भरपूर पानी पहुंच जाएगा किंतु विधायक के वाहवाही लेने के चक्कर में जनता प्यासे है और अधिकारी सत्ता पक्ष के दबाव मे चुप है किंतु जनता चुप नहीं बैठेगी बल्कि पानी कि समस्या दूर नहीं होगी तो उग्र प्रदर्शन करेगी।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में जब से ईई के पद में मोहन पूरी गोस्वामी ने पद संभाला है तब से वर्तमान तक उनके द्वारा किया गया हर कार्य विवादित ही रहा है . जनप्रतिनिधियों के जयादा संपर्क में रहने के आदि मोहन पूरी गोस्वामी प्रधान मंत्री आवास योजना से अपने कार्य की शुरुवात की किन्तु लापरवाही के चलते उन्हें यहाँ से हटा दिया गया . पूर्व के आयुक्त इन्द्रजीत बर्मन के कार्यकाल में प्रथम के एक दो माह निगम के सर्वेसर्वा बनने की कोशिश ईई गोस्वामी द्वारा की गयी किन्तु अधिकतर कार्य में लापरवाही . कार्यो के कार्यादेश देने में देरी , कार्यो को पूर्ण करवाने में देरी , ठेकेदारों को भुगतान के लिए गुमाने जैसे कई कारणों से तात्कालिक आयुक्त बर्मन द्वारा उन्हें नोटिस भी दिया गया एवं कई महत्तवपूर्ण कार्य के प्रभार से हटा दिया गया . दुर्ग विधायक के करीबी होने का शायद ईई मोहन पूरी गोस्वामी को अभी तक फायदा मिलता रहा किन्तु वर्तमान में मोहन पूरी गोस्वामी द्वारा पिछले दिनों महिला कालेज के एक स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने एवं थप्पड़ मारने का मामला सामने आया है .
दो तीन दिनों से ऐसी सुगबुगाहट थी की ईई गोस्वामी ने किसी कर्मचारी को थप्पड़ मारा है किन्तु अपने पद की ताकत के आगे मामले को दबाने की कोशिश भी की गयी .
शौर्यपथ समाचार ने जब मामले की बारीकी से जाँच की तो ज्ञात हुआ कि १२ तारीख को वेक्सिनेशन के एक दिन पहले महिला कालेज के एक कर्मचारी को ईई गोस्वामी ने थप्पड़ मार दिया था . उस कर्मचारी का कुसूर इतना था कि उसने सिर्फ ये पूछा आप कौन है इतनी सी बात पर ईई गोस्वामी द्वारा थप्पड़ मरना आखिर संविधान के किस किताब में लिखा है . एक अनजान व्यक्ति जब कर्मचारी के कार्यालय में प्रवेश कर रहा है तो कर्मचारी ने अगर परिचय पूछ लिया तो कौन सा गुनाह कर दिया जिसमे उसे थप्पड़ मारने की नौबत आ गयी .
पीड़ित कर्मचारी से जब इस मामले में बात की गयी तो उसके द्वारा बताया गया कि ११ तारीख को एक व्यक्ति कार्यालय के अन्दर आया जो हमारे स्टाफ का नहीं था इसलिए मैंने सविनय परिचय जानना चाहा इतने में अधिकारी द्वारा मुझे जानते नहीं मई कौन हूँ कहकर थप्पड़ मार दिया गया . इस बात की शिकायत जब पीड़ित द्वारा शहर के विधायक को की गयी तो विधायक द्वारा अधिकारी को समझा देने की बात कह कर बात खत्म करने की बात कही गयी .
शहर विधायक द्वारा इस तरह आश्वासन के बाद ये उम्मीद जगी कि अधिकारी को अपनी गलती का अहसास होगा किन्तु दुसरे दिन सिर्फ यही पता चला कि अधिकारी ने माफ़ी मांगी किन्तु यह जमीनी सच्चाई नहीं अधिकारी द्वारा इस बारे में कोई बात पीड़ित से नहीं की गयी ऐसा पीड़ित का कहना है .
पीड़ित से जब शौर्यपथ समाचार पत्र ने बात की तो पीड़ित द्वारा इस बात की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से करने की बात कही किन्तु चंद घंटो में ऐसा क्या हुआ कि पीड़ित के सुर कुछ घबराहट से भरे हुए थे और वो डरे हुए शब्दों में अपरोक्ष रूप से यह कहने की कोशिश कर रहा था कि अगर शिकायत करूँगा तो सब बड़े अधिकारी और ऊँची पहुँच वाले लोग मिलकर मुझे नौकरी से निकाल देंगे जिससे मेरा भविष्य खराब हो जाएगा .
बड़ा सवाल यह है कि आखिर किस अधिकार से पीड़ित को एक अधिकारी थप्पड़ मार सकता है .
विधायक वोरा को जानकारी होने के बाद भी उनके द्वारा मामले को आयुक्त दुर्ग निगम के संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया .
क्या दुर्ग निगम आयुक्त अपने अधिकारी के इस तरह के व्यवहार पर कोई कड़ी कार्यवाही करेंगे या मौन समर्थन देंगे .
क्या मामले को जिलाधीश संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जाँच कर एक चतुर्थ ग्रेड के कर्मचारी को न्याय दिलाएंगे ?