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दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने पूरी बिल्डिंग देखी और एमसीएच तथा प्रस्तावित लेआउट प्लान देखा। उन्होंने प्रस्तावित लेआउट प्लान के बारे में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और सिविल सर्जन को मिलकर बैठने तथा बारीकियों पर विचारविमर्श करने कहा। उन्होंने कहा कि हास्पिटल के रिनोवेशन का कार्य अभी हो रहा है। यह ऐसा मौका है जिसमें तकनीकी पक्षों को पूरी तरह दृढता से देखने की जरूरत है ताकि कोई त्रुटि नहीं रह जाए। ऐसा स्ट्रक्चर तैयार हो जो आने वाले कई सालों तक उपयोगी बना रहे।
अस्पताल परिसर देखने में भी अच्छा हो और यहां नागरिक सुविधाएं भी अच्छी हों। अस्पताल के भीतर के पैसेज ऐसे हों जिससे पूरे परिसर में आवागमन में पेशेंट और उनके परिजनों के लिए आसानी हो। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे स्ट्रक्चर जिन्हें डिसमैंटल करने की जरूरत है उन्हें डिस्मैंटल करें। जिन्हें किसी दूसरे उपयोग में लाया जा सकता है उन्हें दूसरी तरह से उपयोग कर लें। जैसाकि प्रपोस्ड लेआउट में सुलभ शौचालय को हटाने का प्लान है क्योंकि यहां से काफी बदबू आसपास बिखरती है। कलेक्टर ने कहा कि यहां पर थो?ा रिनोवेशन कर ड्रग स्टोर बना सकते हैं क्योंकि बिल्डिंग में किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
अस्पताल परिसर की सुंदरता के लिए थोडा सा लैंडस्केपिंग भी जरूरी है। जहां पैबर ब्लाक लगाए जाने हैं। वहां पैबर ब्लाक लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन इमारतों में सीपेज है उसे डिस्मैंटल किया जाए क्योंकि सरिया काफी समय पुराने होने से खराब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इमारत के फ्रंट पर भी थो?ा सा प्लान करें ताकि एन्ट्रेंस अच्छा लगे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित लेआउट प्लान में ऐसी चीजें करनी हैं जिससे काफी कम खर्च में अच्छा लुक आ जाए। जो बचत होगी, उसका इस्तेमाल अस्पताल की अधोसंरचना में और सुविधाएं ब?ाने पर खर्च किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि शौचालय बहुत अच्छे बनाएं। साफसफाई की मुकम्मल व्यवस्था रखें।
उन्होंने कहा कि दीवारों के टाइल्स हटाना जरूरी नहीं है। उन्हें वैसे ही रहने दिया जाए। फर्श की टाइल्स पर काम जरूरी है। ग्रील्स में जहां रंगरोगन की जरूरत है। रंगरोगन करें। अस्पताल का ड्रेनेज बहुत अच्छा होना चाहिए। कलेक्टर ने प्रस्तावित लेआउट में ओटी भी देखा। उन्होंने कहा कि अस्पताल के बेहतरीन फंक्शन के लिए जितनी जरूरत है उस दृष्टि से कार्य करें। कलेक्टर सभी वार्डों में भी घूमे और वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल का रिनोवेशन कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। यह ऐसा हो कि न्यूनतम खर्च में अधिकतम अधोसंरचना उपलब्ध हो जाए। जहां पर गैरजरूरी खर्च लग रहा है उसे घटाया जा सकता है जो जरूरी चीजें हैं वो जो?ी जा सकती हैं। कलेक्टर के दौरे के दौरान सिविल सर्जन डॉ. बालकिशोर तथा पीडब्लूडी ईई अशोक श्रीवास सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले के पुलिस को आज बड़ी कामयाबी मिली। पुलिस से दो शातिर चोरों को पकडकर उनके पास से 14 लाख रूपये नगदी सहित सोने चांदी के जेवरात बरामद की है।मामले में पुलिस ने आरोपी प्रकाश महिलांग व प्रमोद तांडी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। इन दोनो चोरों ने जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से लंबा हाथ मारते हुए 6 जगहों पर चोरी की थी। ये सूने मकानों में चोरी करने में माहिर थे। चोरों ने थाना अमलेश्वर क्षेत्र में तीन, सुपेला थाना क्षेत्र में दो और जामुल थाना क्षेत्र में एक चोरी की है।
इस संंबंध में आज पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर -6 में एसपी अजय यादव ने एएसपी रोहित झा, एएसपी ग्रामीण लखन पटले की उपस्थिति में उक्त चोरी के प्रकरणों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 7 जून को वुड आईलैंड सिटी अमलेश्वर निवासी चंदन गोपलानी ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। चंदन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उनके घर से लगभग 14 लाख रुपए से अधिक नगद व तीन लाख रुपए के सोने चांदी के जेवर चोरी हो गए हैं। इस मामले में थाना अमलेश्वर में अज्ञात के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई। मामले की पतासाजी के दौरान पुलिस ने अमलेश्वर व करीबी जिले रायपुर के आसपास सैकड़ों सीसी टीवी फुटेज खंगाले और 100 से अधिक संदेहियों से की पूछताछ
एसपी अजय यादव ने बताया कि इसी कड़ी में मुखबिर से सूचना मिली कि चोर रायपुर के गोकुल नगर में देखा गया है। पुलिस ने संदेही को प्रकाश महिलांग को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में प्रकाश महिलांग ने अमलेश्वर वुड आईलैंड कॉलोनी 29 मई को विनोद सिंह के सूने मकान से व 4 जून को एक अन्य मकान में चोरी की। इसके अलावा भिलाई टाउनशिप में दो जगह, नेहरूनगर, स्मृति नगर च जामुल में अपने सहयोगी प्रमोद तांडी के साथ मिलकर चोरी करना बताया। प्रकाश के बताए अनुसार प्रमोद तांडी को भी गिरफ्तार किया गया और चोरी का मशरुका बरामद किया गया।
दुर्ग / शौर्यपथ / विधायक अरुण वोरा की पहल पर जिला चिकित्सालय दुर्ग के सर्जिकल वार्ड के जीर्णोद्धार हेतु जिला खनिज संस्थान न्यास निधि से 1.5 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति मिली है। जिला अस्पताल में मरीजों के बढ़ते दबाव को देख कर लंबे समय से जर्जर भवन के संधारण की मांग उठ रही थी जिसके लिए पूर्व में 5.61 करोड की राशि डीएमएफ से स्वीकृत कराई थी जिससे नवीन ओपीडी भवन व सर्जिकल वार्ड के जीर्णोद्धार फेस 1 का कार्य निष्पादित किया गया था, अब और राशि की आवश्यकता बताए जाने पर पिछले माह हुई खनिज न्यास की बैठक में प्रभारी मंत्री व समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर से चर्चा कर अस्पताल के साथ ही साइंस कालेज दुर्ग में नए व पुराने भवन में पेयजल व्यवस्था के लिए भी 22 लाख की स्वीकृति न्यास निधि से स्वीकृत कराई गई है। दुर्ग जिला अस्पताल 500 बिस्तरों के साथ आस पास के क्षेत्रों का सबसे बडा चिकित्सालय है जहां सभी तरह के मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से भी अपना इलाज कराने आते हैं। 100 बिस्तर वाले जच्चा बच्चा अस्पताल व 20 बिस्तरों वाले ट्रॉमा सेंटर के नवीन भवन बनने के बाद पुराने भवन के जीर्णोद्धार की आवश्यकता थी।
भिलाई / शौर्यपथ / बहुत जल्द पब्लिक सेक्टर यूनिट के सबसे बड़े अस्पताल भिलाई के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर-9 की तस्वीर बदलने वाली है। भूपेश सरकार चाहती है कि सेक्टर-9 अस्पताल को फिर से प्रतिष्ठित अस्पताल बनाया जाए। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार ने कैसे सेक्टर-9 अस्पताल की सुध ली है? इसके पीछे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र
यादव है। देवेंद्र ने इसी महीने की 2 तारीख को भूपेश सरकार से सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।
भिलाई। शौर्यपथ । बहुत जल्द पब्लिक सेक्टर यूनिट के सबसे बड़े अस्पताल भिलाई के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर-9 की तस्वीर बदलने वाली है। भूपेश सरकार चाहती है कि सेक्टर-9 अस्पताल को फिर से प्रतिष्ठित अस्पताल बनाया जाए। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार ने कैसे सेक्टर-9 अस्पताल की सुध ली है? इसके पीछे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव है। देवेंद्र ने इसी महीने की 2 तारीख को भूपेश सरकार से सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में हर साल बरसात आने के पहले शहर के नाले / नालियों की सफाई के लिए 40 से 50 लाख की निविदा निकाली जाती थी . दुर्ग निगम में पिछले 20 सालिओ से निगम में भाजपा की सरकार थी और हर साल निगम प्रशासन शहर की नालियों / नालो की सफाई के लिए लाखो की निविदा निकाल कर ये काम करवाती थी . तब दुर्ग की जनता को ऐसा लगता था कि शहर की सत्ता द्वारा ये एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है . किन्तु इस साल निगम ने एक नया प्रयोग किया . निकाय चुनाव के आचार सहिंता लगने के कुछ समय बाद से ही दुर्ग निगम के आयुक्त बर्मन द्वारा एक कार्य का बीड़ा उठाया गया . वो कार्य था शहर की नालियों / नालो को साफ़ करना . इस कार्य के लिए पहली बार निगम ने किसी भी ठेकेदार को ठेका नहीं दिया . निगम के कर्मचारियों से ही ये कार्य को अंजाम दिया गया .
निगम आयुक्त द्वारा इस कार्य के लिए 40 लोगो की एक टीम गठित की गयी और शहर की सडको से सर्वप्रथम धुल मिटटी को हटाने का कार्य किया गया . धुल मिटटी हटाने के उपरान्त छोटी छोटी नालियों की सफाई तलहटी तक की गयी . गली मोहल्लो की नालियों की सफाई की निगरानी स्वास्थ्य अधिकारी और सीधे आयुक्त बर्मन द्वारा की गयी . छोटी छोटी नालियों के बाद निगम प्रशासन के द्वारा शहर के नालो को क्रमबद्ध तरीके से तलहटी तक मलबा और मिटटी निकाल कर साफ़ किया गया . स्वास्थ्य विभाग और कर्मशाला से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम के तीन डम्पर का दो महीनो तक कार्य सिर्फ नाले की मिट्टियों को ढोने का ही था . दो महीनो में लगभग 700 से 800 ट्रिप मिट्टिया नालो से निकाल कर डंपिंग स्थान में डाला गया . ऐसा नहीं है कि ये बात किसी से छुपी है . शहर के हर वार्ड की जनता जिनका नालो के करीब निवास है इस बात की गवाही दे सकता है .
शहर वासियों के अनुसार इस बार जिस तरह से नालियों की सफाई हुई है वैसी सफाई सालो से देखने को नहीं मिली . निगम आयुक्त बर्मन ने जिस तरह कार्य किया और ये साबित किया कि ऐसे कई कार्य जो ठेके से होते थे उसे निगम कर्मचारियों से भी कराया जा सकता है साबित कर दिया . अभी तक निगम प्रशासन पूर्व में करोडो रूपये नालियों / नालो की सफाई में खर्च कर चूका है किन्तु ये निश्चित है कि भविष्य में अब नालो / नालियों की सफाई निगम के कर्मचारियों द्वारा ही होता रहेगा जिससे भविष्य में भी निगम के लाखो करोडो रूपये बचेंगे . नालो की सफाई का सफल प्रयोग कर आयुक्त बर्मन ने एक मिसाल पेश की जो दुर्ग की जनता को वर्षो तक याद रहेगा .
महापौर का भी रहा पूर्ण सहयोग ...
शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा निगमआयुक्त के कार्य में किसी तरह का हस्तक्षेप ना करना ये साबित करता है कि महापौर बाकलीवाल भी यही मंशा रखते है कि शहर के ऐसे कार्य जो निगम कर्मचारियों द्वारा कराये जा सकते है उसे निगम कर्मचारियों द्वारा ही कराया जायेगा और निगम के राजस्व की बचत होगी जो निगम क्षेत्र के अन्य विकास कार्यो में ही खर्च होगी . आज जो भी नालो की सफाई का विरोध कर रहे है वो पूर्व के सालो में सफाई और बाद में जलभराव के गवाह है . निगम प्रशासन का कार्य कितना सफल रहा इसका परिणाम तो बरसात में ही चलेगा उसके लिए अभी से शंका करना वर्तमान स्थिति में क्या सही होगा क्योकि जैसी सफाई वर्तमान में हुई ऐसी सफाई पूर्व के सालो में देखने को नहीं मिली तो अब फैसला आम जनता को ही करना है कि बरसात में कैसी स्थिति निर्मित होती है और फैसला बरसात के बाद ही हो सकता है अभी से कयास लगा कर उन 40 लोगो की टीम को हतोत्साहित नहीं किया जा सकता जिन्होंने पिछले 2-3 महीनो से इस कार्य के लिए अपना योगदान दिया है .
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के वार्डों के कामकाज का सुचारू रूप से संचालन नियंत्रण, देखरेख एवं उचित क्रियान्वयन हेतु नगरीय प्रशासन से दो इंजिनियर की नियुक्ति उपरांत उपअभियंताओं के बीच कार्यों का विभाजन किया गया है। उक्ताशय के आदेश अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने एक आदेश जारी कर उपअभियंताओं को निगम वार्डों की सम्पूर्ण कार्य की देखरेख एवं निरीक्षण की भी जवाबदेही तय की गई है। निगम आयुक्त श्री सर्वे के आदेशानुसार उपअभियंता अखिलेश कुमार गुप्ता को वार्ड 39 पुरैना, वार्ड 40 जोरातराई, वार्ड 41 डुण्डेरा, वार्ड 42 नेवई और हिमांशु कावड़े वार्ड 60 रिसाली, वार्ड 61 प्रगति नगर, वार्ड 62 रूआबांधा सेक्टर, वार्ड 63 रूआबांधा बस्ती एवं वार्ड 45 मरोदा सेक्टर तथा श्रीमती उमयन्ती कोमर्रा वार्ड 43 स्टेशन मरोदा, वार्ड 44 टंकी मरोदा, वार्ड 58 रिसाली सेक्टर उत्तर एवं वार्ड 59 रिसाली सेक्टर दक्षिण की जवाबदारी दी गई है, जहां पर वार्डों की पेयजल समस्या, प्रकाश व्यवस्था अवैध कब्जा, अवैध निर्माण, स?क बाधा, पुल पुलिया संधारण, स?क सफाई, नहर नाली की सफाई एवं कब्जा, नाली जाम, विकास कार्य, संधारण कार्य की प्रगति, नल कनेक्शन, वाटर हार्वेस्टिंग, केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रवर्तित योजनाओं का निरीक्षण के साथ साथ विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर निगम आयुक्त के समक्ष पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।