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महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्य करने वाले ग्रामीण परिवारों ने पेश की मिसाल
ग्रामीणों की भागीदारी से मोर गांव मोर पानी महा अभियान बन रहा जन आंदोलन
कवर्धा/शौर्यपथ /आगामी वर्षा ऋतु में जल संरक्षण कर भू-जल स्तर में वृद्धि करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करने का कार्य कबीरधाम जिले में जोर-शोर से चल रहा है। इसी कड़ी में आज मोर गांव मोर पानी महा अभियान अंतर्गत जिले के ग्रामीण अंचलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत रोजगार करने वाले 52 हजार 8 सौ से अधिक ग्रामीणों ने एक साथ जल संरक्षण की शपथ लेकर सभी के लिए मिसाल पेश की। तालाब निर्माण कार्य, डबरी निर्माण कार्य, तालाब गहरीकरण कार्य, अमृत सरोवर निर्माण, पशु शेड निर्माण, नाला पुनरूद्धार कार्य एवं प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण जैसे अनेक कार्यों में लगे सदस्यों ने यह शपथ ली। निर्माण कार्य में लगे ग्रामीणों को मैदानी कर्मचारियों तकनीकी सहायक एवं ग्राम रोजगार सहायक द्वारा भू-जल स्तर में वृद्धि करने के विषय में जानकारी दी गई, जल संरक्षण नहीं होने से गांव में इसके दुष्परिणाम पर विस्तार से बात की गई। ग्रामीणों को प्रेरित किया गया कि वह अपने घरों के साथ खेतो में वृक्षारोपण करें। परंपरागत स्रोतों के माध्यम से बरसात के पानी को रोक तथा समाज के सभी वर्गों को जागृत करने के लिए ग्रामीण आगे आकर अपना योगदान दे। ग्रामीणों ने शपथ लेकर संकल्प लिया कि वह मोर गांव मोर पानी महा अभियान का हिस्सा बनकर अपने पृथ्वी को हरा भरा रखने में पूरा योगदान करेंगे।
पानी बचाने एवं सहजने के लिए हो रहे प्रयासों पर एक नजर में..
* कबीरधाम जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत भवन के बाहर गत वर्ष के एवं वर्तमान के भू-जल स्तर को दर्ज किया गया है। इससे अपने गांव के घटते जल स्तर पर ग्रामीणों को सीधे जानकारी मिल रही है।
* जिले के वनांचल क्षेत्र से लेकर मैदानी ग्राम पंचायतो तक बड़ी मात्रा में दीवार लेखन कर पानी के महत्व को बताया जा रहा है।
*पानी रोकने के लिए विभिन्न नारो के साथ गांव के अंदर रैलियां की जा रही है। सभी सार्वजनिक जल स्रोतों के स्थलों पर श्रमदान से स्वच्छता का कार्य हो रहा है।
* बड़ी संख्या में निर्माण कार्य मे लगे ग्रामीणों को घटते जल स्तर से होती परेशानियां एवं जल संरक्षण करने के विभिन्न स्थानीय उपायों पर जानकारी दी जा रही है।
*अनावश्यक एवं व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने के संबंध में विशेष प्रयास करने के लिए ग्रामीणों से आह्वान किया जा रहा है।
कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि इस वर्षा ऋतु जल संरक्षण का अभियान जन आंदोलन का रूप ले सके। समाज के प्रत्येक व्यक्तियों की भागीदारी से ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आगे कहा कि सभी शासकीय कार्यों में लगे लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह स्थानीय उपाय कर जल संरक्षण करें। शासन की योजनाओं से पानी को रोकने वाले विभिन्न संरचनाओं का निर्माण तीव्र गति से कराया जा रहा है जिससे कि वर्षा प्रारंभ होते ही इसमें जल संरक्षण हो सके और भू-जल स्तर में वृद्धि करने में मदद मिल सके।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित आकाक्षी विकासखंड कार्यक्रम के तहत जल संरक्षण के कार्य जिले में हो रहे हैं। मोर गांव मोर पानी महा अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने आज महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 391 ग्राम पंचायतों में चल रहे 3849 कार्यो में लगे 52 हजार 8 सौ से अधिक ग्रामीणों ने एक साथ जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया है।
4 दिवसीय प्रशिक्षण से जल संरक्षण के लिए बनेगी विशेष रणनीति
कबीरधाम जिले के सभी 471 ग्राम पंचायतो के सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आवास मित्र, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की स्व सहायता समूह की दीदीयो ग्राम संगठन के सदस्य जनपद प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के मैदानी कर्मचारियों का प्रशिक्षण आज से प्रारंभ हो रहा है।16 क्लस्टर में आयोजित होने वाले 4 दिवसीय प्रशिक्षण में स्थानीय स्तर पर पानी रोकने के विभिन्न उपायों पर जानकारी दिया जाएगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गांव में रहने वाले स्थानीय व्यक्तियों को भू-जल स्तर एवं जल संरक्षण के महत्व को बताना है। तथा इनके माध्यम से अन्य ग्रामीणों को इस कार्य के लिए प्रेरित कर इस अभियान से जोड़कर इसे सफल बनाना है।
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