July 16, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

     लाइफस्टाइल /शौर्यपथ / अक्सर हम दूसरों में कमी निकलते रहते हैं, और जब भी आप ऐसा करते हैं तो आप अपने हैप्पी जोन को खत्म कर देते हैं। ऐसे में फिर लाइफ में निगेटिविटी बढ़ जाती है। इस वजह से कई लोगों को चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस, दूसरों से जलन, जैसी तमाम परेशानियां होने लगती हैं। हालांकि जब आप शांत होते हैं तो आप कई तरह की प्रॉब्लम का सामना हैप्पी रहकर कर सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसी बाते बता रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद को बदल सकते हैं। इसके बाद आप अपनी लाइफ में हैप्पी और पॉजिटिव रहने लगेंगे।
1) खुद से करें सवाल - यह सबसे सरल होने के साथ ही बेहद जरूरी आदतों में से एक है। जब हम नकारात्मक, कठिन या अनिश्चित परिस्थितियों का सामना करते हैं, तो हम दिन पर दिन खुद से जो प्रश्न पूछते हैं, जैसे मेरे साथ ही क्यों, गलत चीजें सिर्फ मेरे साथ वगैराह। ये सवाल हमारे जीवन में सभी बदलाव लाते हैं।  लेकिन एक पॉजिटिव व्यक्ति खुद से ऐसे सवाल पूछता है जो दिमाग को नए दृष्टिकोण और संभावनाओं के लिए खोलते हैं। जैसे इससे कुछ सीख सकते हैं, कैसे में परेशानिया का हम निकाल सकता हूं। तो आज से ही अपने देखने के नजरिए को बदलें।
2) आसपास की चीजों को बनाएं पॉजिटिव- जो लोग आपके साथ कुछ जानकारी शेयर करते हैं या फिर आपको मोटिवेट करते हैं, तो आप इस तरह के लोगों के साथ ज्यादा समय बिता सकते हैं। उन लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं दो आपसे अच्छी बातें करें। इसी के साथ उन लोगों से दूर रहें जो निगेटिव बाते करते हैं।
3 ) उन चीजों के लिए शुक्रमंद रहें जो आपके पास है- लोग दूसरों की चीजों को देखकर अक्सर ये कह देते हैं कि काश ये मेरे पास होता या फिर ये चीज मेरे पास क्यों नहीं है। जबकि आपको उन चीजों के लिए शुक्रिया करना चाहिए जो आपके पास हैं। रोजाना अपना एक मिनट इस चीज के लिए समर्पित करें।
4) खुद को न भूलें- आशावादी होने का मतलब सिर्फ अलग तरीके से सोचना नहीं है। बल्कि खुद की देखभाल करने के बारे में भी है। ऐसे में अपनी फिजिकल हेल्थ पर पूरी तरह से ध्यान दें।
5)  सही दिन की शुरुआत- जिस तरह से आप अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं, वह आपके बाकी दिनों के लिए टोन सेट कर सकता है। जैसे स्ट्रेस फ्री सुबह अक्सर पूरे दिन के दौरान कम तनाव की ओर ले जाती है। ऐसे में नाश्ते के दौरान खुद से एक सवाल पूछें, कुछ पॉजिटिव जानकारी ऑनलाइन या किताब में पढ़ें।

 टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /आज के समय में ज्यादातर पैरेंट्स वर्किंग होने की वजह से अपने बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसकी वजह से उनके बुरी संगत में पड़ने और बिगड़ने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं। शुरूआत में जिन हरकतों को माता-पिता हंसी में टाल देते है वे आगे जाकर भयावह रूप ले लेती हैं और कई बार तो माता-पिता के लिए ही शर्मिंदगी की वजह बनने लगती हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शुरूआत में ही बच्चों की इन आदतों को रोक दिया जाए। आइए जानते हैं बच्चों की ऐसी ही 5 बुरी आदतों के बारे में।  
गंदी भाषा-
अगर आपका बच्चा दूसरे बच्चों से बात करते समय अपशब्दों का इस्तेमाल करता है तो समझ जाएं कि वो बुरी संगत में पड़ रहा है। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि आपके परिवार में ही कोई सदस्य इस तरह की भाषा का प्रयोग करता हो, जिसका असर बच्चे पर भी पड़ रहा हो। ध्यान रखें, बच्चों का पहला स्कूल उनका अपना घर ही होता है। ऐसे में ये जरूरी है कि बच्चे को अच्छे संस्कार देने के लिए घर का माहौल अच्छा बनाए रखे।
लड़ाई-झगड़ा करने की आदत-
अगर आपका बच्चा छोटी-छोटी बातों पर दूसरे बच्चों को मारने लगता है तो उसे शुरूआत में ही ऐसा करने से रोक दें। मारपीट की आदतें बच्चा कहीं से भी सीख सकता है। ऐसे में ये जरूरी है कि उसे सही-गलत का ज्ञान करवाएं। ऐसा करते हुए उससे प्यार से बात करें।
दूसरों को चिढ़ाने की आदत-
एक दूसरे को चिढ़ाने की आदत ज्यादातर बच्चे अपने स्कूल और दोस्तों से सीखते हैं। लेकिन उनकी इस आदत को शुरू में ही रोकना जरूरी है। आपको उसे ये समझाने की जरूरत है कि ये एक बुरी आदत है।
चोरी की आदत-
कई बार ऐसा देखा जाता है कि बच्चे को कोई चीज पसंद आ गई तो वो उसे पैरेंट्स से मांगने की जगह बिना सोचे-समझे अपने पास रख लेता है। ऐसी आदतें बच्चे एक दूसरे से ही सीखते हैं। ऐसे में ये हर पेरेंटस की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों की संगत पर नजर रखें। ताकि आपका बच्चा गलत रास्ते पर ना भटकें।
जिद्द करने की आदत-
बच्चों की जिद्द करने की आदत से आज ज्यादातर पैरेंट्स परेशान हैं। लेकिन कई बार ऐसा करते समय कुछ बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकियां देने लगते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करने लगा है तो उसकी जिद्द के आगे घुटने टेकने की जगह उसे सही और गलत का फर्क समझाएं। अगर आपका बच्चा आपको इमोशनल ब्लैकमेल करें तो उसे प्यार से इस आदत को छोड़ने के लिए समझाएं।

        सेहत /शौर्यपथ / हमारे शरीर को हेल्दी सेल्स बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है लेकिन ज्यादा कोलेस्ट्रॉल आपके दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। अगर आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है तो आपको हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की मुख्य वजह आपका खान-पान और इनऐक्टिव लाइफस्टाइल होती है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डॉक्टर्स की सलाह पर दवाएं ली जा सकती हैं। वहीं आयुर्वेद में योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, आसन के अलावा हर्बल सप्लिमेंट्स भी रिकमेंड किए जाते हैं। यहां आप जान सकते हैं कुछ उपाय।
बिना दवा के भी मैनेज कर सकते हैं कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के साथ लोगों को डायट में कई तरह के रिस्ट्रिक्शंस बताए जाते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर कुछ कोलेस्ट्रॉल मैनेज करने के कुछ टिप्स शेयर किए हैं।
कफ को करें बैलेंस
कोलेस्ट्रॉल मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप अपने कफ को मैनेज करें। ऐसी डायट खाना जरूरी है जो आपके कफ को बैलेंस करे। अगर आपको कोलेस्ट्रॉल है तो ऐक्टिव रहना जरूरी है।
धनिया के बीज
धनिया के बीजों में फॉलिक एसिड, विटामिन एक और विटामिन सी पाया जाता है। ये सभी मिलकर आपकी बॉडी के डिटॉक्स प्रॉसेस को बढ़ाते हैं।
मेथी के बीज
मेथी के बीजों में भी खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा औषधि के रूप में भी यूज किए जाते हैं। ये बीज विटामिन ई रिच होते हैं। इनमें ऐंटी डायबिटिक, ऐंटीऑक्सीडेंट और ऐंटी इनफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होते हैं।

        टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /खाना पकाने की बेसिक स्किल्स न सिर्फ आपका काम आसान कर देती है बल्कि इससे आपका काफी टाइम भी बच जाता है। स्मार्ट कुकिंग टिप्स आने से आपको खाना बनाना बोरिंग नहीं लगता बल्कि आप काफी शॉर्टकट तरीके तलाश लेते हैं, जिससे रोजाना का खाना बनाना बेहद आसान हो जाता है। आइए, जानते हैं कि कुछ ऐसे ही कमाल के स्मार्ट कुकिंग टिप्स-
गरम मसाला कैसे बनाते हैं
गरम मसाला उन मसालों में से एक है जिसका इस्तेमाल हम हर रोज खाना पकाने में करते हैं, लेकिन अगर आप अपने पैक किए हुए गरम मसालों को घर के बने से बदलना चाहते हैं, तो आप इसे कैसे बना सकते हैं? आइए, हम आपको बताते हैं। आपको बस जीरा, धनिया, इलायची, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग और जायफल को पीसकर पाउडर फॉर्म में एक कंटेनर में स्टोर करना है।
दाल में फ्लेवर कैसे डालें
दाल तो लगभग हम रोज ही खाते हैं। उबालने के बाद इसमें तड़का लगाया जाता है। आपकी दाल के स्वाद को बढ़ाने का एक तरीका है। आपको बस अपनी दाल को पकाने से पहले भूनना है और फिर इसे उबालना है। इस तरह आपकी दाल में स्मोकी फ्लेवर आ जाएगा।
उबलते पानी में तेल डालें
कई चीजें हैं जिन्हें हम खाने से पहले उबालते हैं और कभी-कभी उबालने के बाद वे आपस में चिपक जाती हैं। तो पास्ता या नूडल्स जैसी चीजों को अलग करने के लिए आप आलू को उबलते पानी में भी डाल सकते हैं क्योंकि यह आलू को आसानी से छीलने में मदद करता है।
अंडे को आसानी से छिलें
अंडे अगर अच्छी तरह नहीं उबल पाते हैं, तो आपको पानी में दो चम्मच नमक डालकर अंडे उबालने हैं। फिर उबलने के बाद इसमें ठंडा पानी डाल दें। इसके बाद आसानी से अंडे छिल लें।


      रसोई टिप्स /शौर्यपथ/ मजाक के तौर पर कहा जाता है कि दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं, एक जिन्हें बैंगन बिल्कुल पसंद नहीं होता और दूसरे जो बैंगन के दीवाने होते हैं।  बैंगन का भरता या भरवा बैंगन दोनों ही डिश इस सब्जी के चाहने वालों को खूब पसंद होती है। आप भी अगर बैंगन को देखकर मुंह बनाते हैं, तो आपको बैंगन के फायदे जान लेने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि बैंगन गुणों से भरपूर है। हां, कुछ लोगों को बैंगन खाने से कब्ज की शिकायत होती है लेकिन फिर भी बैंगन फायदों के मामले में किसी से कम नहीं है। आपको अगर बैंगन खाने से हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं, तो इसे न खाएं लेकिन अगर आप नापसंद होने के कारण इसे नहीं खाते हैं, तो इसके फायदे जरूर जानें। क्या पता इसके बाद आपका मन इसे खाने का करने लगे।
ब्रेन बूस्टर
बैंगन फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरे हुए होते हैं, जो रसायन मस्तिष्क को कार्य करने में मदद करने के लिए जाना जाता है। अपने आहार में बैंगन को शामिल करने से याददाश्त तेज होती है। मेंटल हेल्थ में सुधार करने के लिए भी बैंगन बहुत फायदेमंद है।
हड्डियों के लिए फायदेमंद

बैंगन का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ जुड़ा हुआ है। बैंगन का चमकदार बैंगनी रंग न केवल देखने में सुंदर है, बल्कि सुंदर रंग के लिए जिम्मेदार फेनोलिक यौगिक, केवल रंग जोड़ने के अलावा और भी बहुत कुछ करते हैं। बैंगन खाने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों में मदद मिल सकती है। बैंगन आयरन और कैल्शियम से भी भरपूर होते हैं, इसलिए बैंगन खाना आपकी हड्डियों के लिए अच्छा हो सकता है।
एंटी कैंसर गुण
बैंगन एंटीऑक्सिडेंट, खासकर मैंगनीज से भरपूर होते हैं। बैंगन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। आपके शरीर में ऑक्सीडेंट की मात्रा का स्तर यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर के अंग की कोशिकाएं कैंसर से सुरक्षित है।
एनीमिया से बचाव
आयरन से भरपूर होने के कारण बैंगन एनीमिया की रोकथाम में मददगार होता है। बैंगन खाने से एनीमिक लोगों में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ सकता है। एनीमिया अक्सर लोगों को कमजोर और थका हुआ बना देता है। बैंगन से आयरन की कमी पूरी होती है।
वेट लॉस
बैंगन कोलेस्ट्रॉल में कम और फाइबर में उच्च होते हैं। बैंगन की कम वसा वाली सामग्री इसे वजन घटाने के लिए कारगर बनाते हैं। बैंगन में फाइबर होता है इसलिए इसे खाने से आपका पेट लम्बे समय तक भरा रहता है।
दिल की बीमारियों के लिए फायदेमंद
बैंगन दिल की बीमारियों से भी बचाव करता है। रेशेदार, बैंगन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। बैंगन में मौजूद पॉलीफेनोल शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।


नया रायपुर में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शाखा (NIA) कार्यालय भवन का हुआ उद्घाटन
छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर करेंगे वामपंथ उग्रवाद का सफायाः केंद्रीय गृहमंत्री
श्री अमित शाह ने प्रदेश वासियो को दी पोला की बधाई, छत्तीसगढ़ सरकार को दिया धन्यवाद

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश वासियों को पोला पर्व की बधाई देते हुए कहा है कि NIA एक विश्वसनीय संगठन के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चाहे उग्रवाद हो आतंकवाद ये मानवता के दुश्मन है और हमें इनके खिलाफ कार्य करने वाली सभी एजंसियों का समर्थन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शाखा (NIA) के रायपुर कार्यालय भवन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के साथ मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री के सहयोग से छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का बहुत जल्द खात्मा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ ही वामपंथ उग्रवाद हमें विरासत में मिला। इसकी वजह से  जवान शहीद हुए, जनहानि हुई लेकिन आज हम नक्सलवाद को बहुत हद तक पीछे ढकेलने में सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस , केंद्रीय एजेंसियां, राजनीतिक लोग और आम जनता इसके लिए धन्यवाद की पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि लोगों का विश्वास छत्तीसगढ़ सरकार पर है और बहुत जल्द हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने में सफल होंगे।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शाखा (NIA) रायपुर के कार्यालय भवन का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के लोगों को पोला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि परंपरागत त्यौहारों को हमारे पूर्वजो ने बहुत सोच समझ कर बनाया है और पोला पर्व तो अन्न से जुड़ा त्यौहार है जिसमें कृषि से जुड़ी वस्तुओं की पूजा की जाती है। श्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद की लड़ाई केवल केंद्र और राज्य की नही है, बल्कि यह विकास का भी मुद्दा है और जब तक इन्हें खत्म नही किया जाता तब तक किसी भी देश या राज्य का विकास नही हो सकता है। नक्सलवाद पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर वो प्रदेश में वामपंद उग्रवाद का खात्मा करेंगे। अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद भी दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री को छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुसार उन्हें पोला पर्व की बधाई देने के साथ ही एक टुकनी भी भेंट की जिसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक एवं स्थानीय व्यंजन का समावेश था।

नवागढ़ / शौर्यपथ / ग्रामीण अंचल का प्रमुख पर्व पोला नवागढ़ शहर और ग्रामीण क्षेत्र में उत्साह और उमंग से मनाया गया। इस दौरान गांवों में पशुधन की पूजा-अर्चना कर धन धान्य और सुख समृद्धि की कामना की गई। बच्चों ने नांदिया बैल दौड़ाकर और मिट्टी के खिलौने खेलकर खूब आनंद उठाया। घरों में तैयार छत्तीसगढ़ी पकवान ठेठरी, खुरमी सहित अन्य तरह मनभावक पकवानों का लोगों ने लुत्फ उठाया। पोला पर्व के चलते खेतों में काम बंद रहा।

वही गुरुकुल विद्यालय नवागढ़ में भी पोला उत्सव मनाया गया । स्कूल के शिक्षक एवं बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ इस पर्व को मनाया भूपेंद्र सिन्हा ने पोला के महत्व को  बच्चों को बताया कि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पोला में मिष्ठान भरकर उसे तोड़ा जाता है और मान्यता यह है कि अगर पोला नहीं टूटता तो उसे व्यापारी व्यापारी अपने घर में गढा देते हैं जिससे अकाल पड़ता है तथा किसानों को महंगे दामों में सामान खरीदना पड़ता है जिसका फायदा व्यापारियों को होता है  इसीलिए यह प्रयास किया जाता है कि हर हाल में पोला टूटना चाहिए। ऐसी परंपरा की जानकारी पहली बार पहली बार शिक्षक एवं बच्चों को मिला । कार्यक्रम में बच्चे एवं शिक्षकों ने बेहतरीन सुआ नृत्य किया जोकि बहुत ही उत्साहजनक था ।कार्यक्रम प्रभारी रूपेंद्र सिन्हा, मालती यादव, छाया निषाद ने बच्चों के लिए कबड्डी ,खो खो  फुगड़ी आदि प्रतियोगिता आयोजित कीगई कुर्सी दौड़ मे सिमत सिन्हा,क्षमा,फुगढ़ी मे प्रशांत ने बाजी मारी । एविना,आंचल,आरती,प्रियंका के सुआ नृत्य ने सबका मन मोह लिया और उत्साह मे शिक्षिकाओं ने भी उनके साथ नृत्य कर बच्चों का मन जीत लिया।शिक्षिका छाया निषाद ने कर्मा गीत गाकर सबको भाव विभोर कर दिया।  ऐसे आयोजनों से बच्चों में उत्सव ,पर्व ,परंपरा आदि की जानकारी का ज्ञान बढ़ता है विद्यालय संचालक राजेश धर दीवान ने इस आयोजन की सफलता के लिए विद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी की महंगाई से देश का हर वर्ग, हर घर पीड़ित नजर आ रहा है। 2014 के पहले जिस महंगाई को भाजपा डायन बताती थी आज उसी महंगाई डायन को मोदी सरकार पाल पोस रही है। 100 दिनों में महंगाई कम करने का वादा कर देश भर की जनता का वोट बटोरने वाली मोदी सरकार अब महंगाई पर चर्चा करने से भाग रही है और महंगाई को राष्ट्रवाद की संज्ञा दिया जा रहा है। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल, डीजल पर आंशिक मूल्य वृद्धि होने पर भाजपा के नेता और नेत्रियां आलू-प्याज की माला पहन कर महंगाई का दुखड़ा रोते थे और आज महंगाई पर चर्चा करने पर भाजपा की नेत्रियां कहती है प्याज और लहसुन नहीं खाती।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2014 के पहले देश में महंगाई बढ़ने के लिए प्राकृतिक परिस्थितियां जिम्मेदार होती थी लेकिन 2014 में मोदी के शपथ लेने के बाद देश में महंगाई सरकार निर्मित आपदा हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल पर 3 रू. 48 पैसा और 9 रू. 54 पैसा एक्साइज ड्यूटी लिया जाता था, मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगभग 19 रू. 48 पैसा, 15 रू. 54 पैसा के करीब एक्साइज ड्यूटी ले रही है। 1947 के पहले नमक पर फिरंगी टैक्स लेते थे, आजादी के 75 साल बाद मोदी भाजपा की सरकार दूध, चावल, दाल, आटा, नमक पर 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है जिसके चलते देश में महंगाई बढ़ी है। जूता, चप्पल, स्टेशनरी और कपड़ा पर टैक्स नहीं लिया जाता था उस पर भी 8 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। कृषि यंत्रों रसायनिक खाद उर्वरक पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी वसूली जा रही है। देश में कोई ऐसा वस्तु नहीं है जिस पर मोदी ट्रैक्स ना लगा हो। कांग्रेस शासनकाल पर 400 रू. में मिलने वाला रसोई गैस मोदी सरकार 1100 रू. प्रति सिलेंडर बेच रही है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी के विदाई के साथ ही देश की जनता को महंगाई से मुक्ति मिलेगी। केंद्र में भाजपा की सरकार बनना ही देशवासियों के लिए आपदा से कम नहीं है। भाजपा के पास देश की जनता के लिए ना तो नीति है, ना तो नियत है, पूरी भाजपा की केंद्र सरकार 2 लोगों के लिए काम कर रही हैं। बाकी देश के 135 करोड़ जनता मोदी प्रायोजित महंगाई से पीड़ित और प्रताड़ित है। कांग्रेस पार्टी जनता की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक उठा रही है। महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन गति से चल रहा है जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महंगाई में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों का योगदान 2014 तक 2 से 3 प्रतिशत होता था, जो आज बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गया है, उसके पीछे मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की भूख ही जिम्मेदार है। 2014 की तुलना में डीजल पर प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज लगभग आठ गुना अधिक है। 2014 तक 400 रुपए के गैस की सिलेंडर पर सवा सौ से 160 रुपए सब्सिडी भी मिलती थी, अब सिलेंडर 1100 का और सब्सिडी अघोषित रूप से खत्म। आवासीय किराए पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलने का प्रावधान किया गया है यदि जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति, कंपनी या संस्थान के द्वारा घर किराए पर लिया गया हो। यही नहीं प्रतिदिन 1000 रुपए से कम  किराए के होटल के कमरों पर भी अब 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है मोदी सरकार। अस्पताल के कमरे के किराए से लेकर कफन के कपड़े तक, पूजन सामग्री दूध दही से लेकर दाल, चावल, आटा सभी पर निर्ममता पूर्वक कर वसूल रही है मोदी सरकार।

दुर्ग/शौर्यपथ / गणेश पर्व को देखते हुए शहर के क्षेत्र में अलग-अलग हिस्सों में प्रतिमाओं का बेचना शुरू हो गया है।आज शनिवार को  आयुक्त प्रकाश सर्वे के निर्देश पर तत्काल स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली के नेतृत्व स्वास्थ्य विभाग के  सफाई दरोगा राजू सिंह,राजेन्द्र सराठे,सुरेश भारती, मनोहर शिंदे सहित स्वच्छता निरीक्षक एवं उनकी टीम द्वारा आज महिला समृद्धि बाजार,जेआरडी स्कूल के आस पास व इंद्रिरा मार्केट में लगे गणेश मूर्तियों की दुकानों में दबिश लेकर हर एक मूर्तियों की बारीकी से जांच किया गया,जांच के दौरान दुकानों में सभी मूर्ति मिट्टी मूर्तियों पाई गई है। पीओपी का इस्तेमाल होना नहीं पाया गया है।स्वास्थ्य विभाग टीम ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं नही बेचने की हिदायत दी गई।नगर निगम की टीम ने इन स्थलों का निरीक्षण किया। मूर्तिकारों को सिर्फ मिट्टी से ही गणेश प्रतिमा बेचने की सख्त समझाइश दी गई। निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने कहा कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमा बनाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके चलते कोई भी प्रतिमा पीओपी से न बनाएं और न ही दुकानों बिक्री करें। ऐसा करने पर नियम मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त श्री सर्वे ने कहा कि प्रतिमा निर्माण के संबंध में शासन के निर्देशों का सभी मूर्तिकारों और विक्रेता को अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।

समाधान नहीं कर पा रहे मुख्य मंत्री भुपेष बघेल को दे देना चाहिए इस्तीफा-सीपीआई  

    कोण्डागांव / शौर्यपथ / शासन -प्रशासन  के बीच कर्मचारी-अधिकारियों के द्वारा दो मुख्य मांगों केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने को लेकर अनिष्चितकालीन आंदोलन के आयोजन से चल रहे संघर्श के कारण दो पाटों के बीच आमजनों के पिसा रहे होने का आरोप लगाते हुए मामले का एक समय सीमा में समाधान नहीं कर पा रहे मुख्य मंत्री भुपेष बघेल से इस्तीफा दे देने की मांग सीपीआई कोण्डागांव द्वारा की गई है। उक्त सम्बन्ध में सीपीआई जिला परिशद् के जिला सचिव तिलक पाण्ड़े ने सीपीआई की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि कर्मचारी-अधिकारीगण अपनी दो मुख्य मांगों केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने को लेकर 22 अगस्त सोमवार से अनिष्चितकालीन आंदोलन में ड़ट गए हैं और आज उनके आंदोलन को पूरा एक सप्ताह बित चुका है। इस बार किए जा रहे अनिष्चित आंदोलन की खास बात यह है कि सभी षासकीय विभागों के कर्मचारी और अधिकारी एकजुटता दिखाते हुए अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं और इससे सभी षासकीय कार्यालयों में कामकाज ढप्प हो गया है। कर्मचारी-अधिकारीगणों द्वारा किए जा रहे अनिष्चितकालीन आंदोलन से षासन-प्रषासन को कोई हानि नहीं हो रही है, केवल और केवल आम लोगों को ही हानि हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम लोगों को ही कार्यालयों का चक्कर लगाते हुए काफी परेषान होना पड़ रहा है।
जिला सचिव तिलक पाण्डे ने कहा कि देष में चल रहे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत आम जनता द्वारा चुनकर सत्ता में आसीन हुए षासन का सबसे बड़ा और अहम दायित्व होता है कि वह आम जनता को बेहतर सुविधाएं दे, बेहतर प्रषासनिक व्यवस्था देना भी षासन की जिम्मेदारी है, लेकिन छ.ग.राज्य में सत्ताषीन कांग्रेस पार्टी के मुख्य मंत्री के रुप में नेतृत्वकर्ता भुपेष बघेल, उक्त दायित्वों का निर्वहन करने में पूरी तरह असमर्थ नजर आ रहे हैं।
मुख्य मंत्री भुपेष बघेल न ही आंदोलनकारी कर्मचारी-अधिकारीगणों की मांगों को ही पूरा कर पा रहे हैं और न ही विगत सप्ताह भर से अनिष्चितकालीन आंदोलन में डटे कर्मचारी, अधिकारीगणों से सार्थक चर्चाकर आंदोलन को जनहित में समाप्त करा पा रहे हैं, इसे कहते हैं सांप-छछूंदर की स्थिति होना, यानि न उगलते बन रहा, न निगलते बन रहा। यानि न मांग पूरी कर पा रहे और न ही सकारात्मक कार्यवाही कर पा रहे हैं। वहीं आम जनता को बेवजह परेषान होने का मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके कारण ही सीपीआई कोण्डागांव को आम जनता को हो रही परेषानी के मदद्ेनजर मुख्य मंत्री भुपेष बघेल से मांग की जा रही है कि या तो वे कर्मचारी-अधिकारीगणों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें, अथवा सकारात्मक चर्चाकर आंदोलन को खत्म करवाएं अन्यथा तत्काल इस्तीफा दे दें।

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