August 06, 2025
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PANKAJ CHANDRAKAR

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शेफाली जरीवाला ने हाल ही में खुलासा किया है कि आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से उन्होंने 'कांटा लगा' के सुपरहिट होने के बावजूद ज्यादा काम नहीं किया.


नई दिल्ली  /शौर्यपथ/

 शेफाली जरीवाला ऐसी एक्ट्रेस हैं जिनके एक सॉन्ग ने उन्हें पूरे देश में लोकप्रियता दिलाई थी. शेफाली जरीवाला का सुपरहिट सॉन्ग 'कांटा लगा' 2002 में रिलीज हुआ था. इस सॉन्ग के बाद शेफाली जरीवाला इसकी जैसी सफलता नहीं दोहरा सकीं. लेकिन हाल ही में शेफाली जरीवाला ने खुलासा किया है कि आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से उन्होंने ज्यादा काम नहीं किया. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शेफाली जरीवाला ने बताया है कि इसकी वजह मिरगी के दौरे थे.

शेफाली जरीवाला ने वेबसाइट को बताया है, 'मुझे 15 साल की उम्र से मिरगी के दौरे पड़ने लगे थे. मुझे याद है उस समय मेरे ऊपर अपनी पढ़ाई में अच्छा करने का बहुत ज्यादा प्रेशर था. तनाव और चिंता की वजह से दौरे पड़ सकते हैं. दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. आपको तनाव की वजह से दौरे आ सकते हैं. मुझे क्लासरूम में, बैकस्टेज और कभी कभार सड़क पर भी दौरे पड़ जाते थे.'

शेफाली जरीवाला ने आगे बताया, 'मैंने कांटा लगा किया तो उसके बाद लोगों ने मुझसे पूछा कि मैंने ज्यादा काम क्यों नहीं किया. मैं अब कह सकती हूं कि यह मिरगी के दौरे ही थे, जिनकी वजह से मैं ज्यादा काम नहीं कर सकी. मैं नहीं जानती थी कि मुझे कब अगला दौरा पड़ जाए...ऐसा 15 साल तक चलता रहा. आज मुझे नौ साल हो चुके हैं कि दौरे नहीं पड़े हैं क्योंकि मैं डिप्रेशन, पैनिक अटैक से मजबूत सपोर्ट सिस्टम के जरिये निबट सकती हूं.'

 

 

 

 

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच पुराना सहयोग रहा है. हालांकि कोरोना काल में दोनों देशों के बीच का सालाना शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया था.

नई दिल्ली /शौर्यपथ /

रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. दोनों देशों के नेताओं के बीच हैदराबाद हाउस में ये मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते अब तक के सबसे मजबूत दौर में हैं. दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच दो साल बाद यह सीधी मुलाकात हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच पुराना सहयोग रहा है. हालांकि कोरोना काल में दोनों देशों के बीच का सालाना शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया था. पीएम मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच बैठक के पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के बीच भी मुलाकात हुई है.

पीएम मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच दो साल बाद यह आमने-सामने की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. इस दौरे में कई अहम रक्षा समझौते हो सकते हैं. दोनों देशों के बीच कुछ वक्त पहले हुआ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता बेहद चर्चा में रहा है. अमेरिका ने इस समझौते को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी. हालांकि भारत इससे पीछे नहीं हटा.

रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली पर दबावों को दरकिनार करते हुए भारत जिस तरह से आगे बढ़ा है, वह दिखाता है कि एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते वो किसी दबाव के आगे न झुकते हुए अपने हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय़ ले सकता है. पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के रिश्तों में लगातार मजबूती आई है. हमारे विशेष रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हुई है.

पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ दशकों में दुनिया में कई बुनियादी बदलाव हुए हैं. साथ ही कई भूराजनीतिक समीकरण उभरे हैं, लेकिन इस बीच भारत और रूस की मित्रता लगातार स्थायी रही है. दोनों देशों के बीच संबंध अद्वितीय और भरोसेमंद रहे हैं और दूसरों के लिए उदाहरण हैं.

वर्ष 2018 में एस-400 को लेकर डील हुई थी. पीएम मोदी ने कहा कि रूस भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है. अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर 2+2 वार्ता में चर्चा हुई है. चीन को लेकर भारत औऱ रूस के अलग-अलग नजरिये को लेकर भी यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

 

 

 

 

महात्मा गांधी के सपने के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव की हो रही स्थापना”
“छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़िया मिलकर कर रहे गौ-माता की सेवा”
“गाय, गोबर और स्वच्छता को हमने अर्थव्यवस्था से जोड़ा है”
“हमारी नीतियों की वजह से प्रदेश में डीएपी की कमी नहीं होगी”
किसान सम्मेलन और सम्मान समारोह के आयोजन में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा कि परिस्थितियाँ चाहें जैसी भी हों छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों और ग्रामीणों के हित में लिए गए निर्णय पर अडिग रहेगी। छत्तीसगढ़ के किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं सहित सभी वर्गों को खुशहाल और स्वावलंबी बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, बारदाने की आपूर्ति, कस्टम मिलिंग सहित कई अड़चनें केन्द्र सरकार द्वारा जानबूझकर पैदा की जा रही हैं, इसके बावजूद भी हम किसानों के हित पर आंच नहीं आने देंगे और राज्य में धान समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित किसान सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री  रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार  प्रदीप शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आगे कहा कि, अभी कुछ दिन उनकी सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। यह सफर हमने छत्तीसगढ़ के हर वर्ग और समुदाय के लोगों के साथ मिलकर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार ने जनता का विश्वास जीता है। किसानों की ऋणमाफी, सिंचाई कर की माफी के साथ-साथ अपने वायदे के मुताबिक समर्थन मूल्य पर धान की लगातार खरीदी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक रुपए किलो में 65 लाख परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम चावल का वितरण किया जा रहा है। वहीं राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 25 सौ रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा के संग्रहण दर का भुगतान किया जा रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपए तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान किया जा रहा है। हमने लघुवनोपज की खरीदी भी 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है, साथ ही इसका वैल्यू एडिशन भी किया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कृषक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ किया।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने, फसल उत्पादकता बढ़ाने एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना में हमने खरीफ की सभी फसलों के साथ ही उद्यानिकी फसलों एवं वृक्षारोपण को भी शामिल किया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के किसानों को इस योजना के तहत तीन किश्त का भुगतान कर दिया गया है, चौथी किश्त का भुगतान मार्च तक कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दीपावली से ठीक पहले 1 नवंबर को तीसरी किश्त के रूप में किसानों को किए गए भुगतान का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों, ग्रामीणों, मजदूरों के साथ-साथ व्यापारियों की भी दीपावली अच्छी रही। 

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा धान खरीदी के लिए भारत सरकार से 5.25 लाख गठान बारदाने की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक राज्य को एक लाख गठान बारदाने भी नहीं मिल पाए हैं। इसके बावजूद भी हमने धान खरीदी की शुरुआत की और बारदाने का इंतजाम हम किसान भाइयों, राइस मिलर्स एवं पीडीएस दुकानों के माध्यम से कर रहे हैं। मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से इस साल केन्द्र सरकार ने उसना चावल लेने से इनकार कर दिया है। केन्द्र सरकार का यह फैसला छत्तीसगढ़ के किसानों, मिलर्स एवं मजदूरों के हक में सही नहीं है। इससे धान के निस्तारण में व्यवधान आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साल हमने 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी, इस साल एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है जहां कोदो-कुटकी और रागी की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था हमने की है। राज्य सरकार द्वारा इसका समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कहना था कि हिंदुस्तान गांवों में बसता है। उनके ग्राम स्वराज के सपने के अनुरूप हम छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से सुराजी गांव की स्थापना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में गौ-माता की सेवा और जतन के लिए 7777 गौठान स्थापित किए जा चुके हैं। इन गौठानों में 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। अब तक 57 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी कर हमने पशुपालक किसानों और ग्रामीणों को 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। गौठानों में गोबर से हमारी महिला समूह की बहनें वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट बना रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में डीएपी उर्वरक की कमी को लेकर हाहाकार मचा था, छत्तीसगढ़ राज्य को भी केन्द्र सरकार ने पर्याप्त डीएपी की सप्लाई नहीं की, डिमांड के अनुरूप केवल 70 प्रतिशत डीएपी ही छत्तीसगढ़ को मिल पायी, लेकिन इसकी कमी को हमने गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट से पूरा किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएपी की आपूर्ति को लेकर जो वर्तमान परिस्थितियाँ हैं, उसे देखकर यह अनुमान है कि आने वाले समय में इसकी कीमतों में वृद्धि एवं आपूर्ति में कमी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार डीएपी की कमी को लेकर पूरी तरह से चुप्पी साधे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को डीएपी न मिलने से खाद्यान उत्पादन में कमी आएगी और इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में डीएपी की कमी को हम वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट से पूरा करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठानों में पशुधन के चारे के व्यवस्था के लिए पैरा दान की किसानों की गई अपील का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे राज्य में पराली जलाने पर रोक लगी है। गौठानों में पशुधन के लिए पर्याप्त चारा एकत्र होने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने गौ-माता की सेवा के इस अभिनव कार्यक्रम को ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं रोजगार से जोड़ा है। गोबर बेचने से लोगों को अतिरिक्त आय होने लगी है, जिससे ग्रामीण अपनी आवश्यकता की पूर्ति तो कर रहे हैं, साथ ही उनके जीवनस्तर में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है। 

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के उन्नतशील कृषकों एवं कृषि एवं उससे संबद्ध उत्पादन एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले स्व-सहायता समूहों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया। इस अवसर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक कृषि  यशवंत कुमार, जनसंपर्क आयुक्त  दीपांशु काबरा, वरिष्ठ पत्रकार  प्रभु चावला सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसानगण मौजूद थे।

 

अम्बिकापुर /शौर्यपथ/

छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  अमरजीत भगत 7 दिसम्बर को पूर्वान्ह 11 बजे बौरीपारा से घड़ी चौक प्रस्थान करेंगे। वे वहां राजीव भवन में जनदर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनेगे एवं स्वेच्छानुदान हितग्राहियों को चेक वितरित करेंगे।  भगत दोपहर 12ः30 बजे विकासखंड अम्बिकापुर के ग्राम कुम्हरता जाएंगे एवं वहां स्कूल ग्राउंड में आयोजित फुटबॉल मैच का समापन समारोह में शामिल होंगे। तत्पश्चात विभिन्न स्थानों में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद रात्रि 10 बजे रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्थान करेंगे। वे अम्बिकापुर-दुर्ग एक्सप्र्रेस से रायपुर जाएंगे।

14 वें वित्त एवं 15 वें वित्त से किए गए कार्यों का लिया जायजा

धमतरी / शौर्यपथ /

आयुक्त सह संचालक, पंचायत संचालनालय,  अविनाश चम्पावत ने आज कुरूद के ग्राम चर्रा का आकस्मिक दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने पंचायत मद और 14 वें वित्त के अभिसरण से बनाए गए पंचायत भवन का मुआयना किया। मौके पर मौजूद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  प्रियंका महोबिया ने बताया कि 18 लाख रूपए की लागत से यह भवन तैयार किया गया है। इसमें बैठक हॉल, सपरंच-सचिव कक्ष, सुरक्षा एवं निगरानी के लिए सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है। पंचायत भवन में व्यवस्थाओं इत्यादि को देख आयुक्त  चम्पावत ने संतोष जताया। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं तथा प्रशिक्षण इत्यादि के बारे में भी जानकारी ली। बताया गया कि पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण मिल चुका है। इस अवसर पर आयुक्त ने 15 वें वित्त से निर्मित अन्य कार्यों का भी निरीक्षण किया। मौके पर पंचायत विभाग का मैदानी अमला मौजूद रहा।

रायपुर /शौर्यपथ/

छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास तथा वाणिज्यिक कर (पंजीयन एवं मुद्रांक) मंत्री  जयसिंह अग्रवाल 7 दिसम्बर को सबेरे 9.30 बजे कोरबा से कार द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 1 बजे रायपुर आएंगे।

प्रदेशवासियों से सशस्त्र सेना झण्डा दिवस कोष में उदारतापूर्वक दान की अपील

रायपुर /शौर्यपथ /

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस 7 दिसम्बर के अवसर पर सैनिकों के त्याग, समर्पण और बलिदान को नमन किया है।  बघेल ने अपने संदेश में कहा है कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमारे देश के महान सेनानियों और उनके परिवारजनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को महसूस करने और उसमें अपना योगदान जोड़ने की पावन भावना का प्रतीक है। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि झंडा दिवस के अवसर पर प्रतीक स्वरूप जारी किए गए झंडे के माध्यम से हम सम्मानपूर्वक दान की परंपरा से जुड़ते हैं, क्योंकि इससे एकत्र होने वाली धनराशि हमारे जांबाज सैनिकों, पूर्व सैनिकों तथा शहीद परिवारों के कल्याण में अपना योगदान जोड़ती है। इसके माध्यम से हम शौर्य और त्याग की पावन भावना से भी जुड़ते हैं, जो हमारे पराक्रमी साथियों और उनके परिवारजनों को यह दृढ़ विश्वास प्रदान करती है कि हर परिस्थिति में हम सब देशवासी उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि ’सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष’ में उदारतापूर्वक दान देकर, सैनिक परिवारों के प्रति आदर और अपनी एकजुटता प्रदर्शित करें।

 

नगालैंड में फायरिंग की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्‍होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई. 

 

नई दिल्‍ली /शौर्यपथ/

नगालैंड में फायरिंग की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्‍होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई. उन्‍होंने कहा कि मामले में उच्‍चस्‍तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और राज्‍य में शांति व्‍यवस्‍था को बरकरार रखने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.संसद में विपक्ष ने इस मामले को उठाते हुए जांच और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की. पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्‍ठ मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि 14 नागरिकों की मौत पर केंद्र सरकार को अफसोस है. बयान में गृह मंत्री शाह ने केवल वीकेंड पर हुई घटनाओं का ही जिक्र किया. इसके विरोध में विपक्षी सांसद (तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर)सदन से वॉकआउट कर गए.

 गौरतलब है कि शनिवार शाम MON जिले में नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में नगालैंड पुलिस (Nagaland Police) ने भारतीय सेना (Indian Army) के 21 पैरा विशेष बल की टुकड़ी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज की है, जिसमें अब तक कुल 14 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद ग्रामीणों के साथ झड़प में सेना के एक जवान की भी मौत हुई है.FIR में नगालैंड पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पैरा स्पेशल बलों ने स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया था, न ही कोई पुलिस गाइड लिया था, इसलिए सेना का कहना है कि यह 'गलत पहचान' थी. प्राथमिकी में पुलिस ने 'सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या और घायल करना' बताया है.

म्यांमार की सीमा से सटे नगालैंड का MON जिला AFSPA ACT के तहत है, इसलिए जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक सेना पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है किन यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें पुलिस ने नागरिकों पर गोलीबारी के आरोप में सेना के विशेष बलों के खिलाफ स्वत: हत्या के आरोप दायर किए हैं.

 

 

 

रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के लगातार प्रयासों और विशेष पहल से आज रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में एनटीपीसी लारा ताप विद्युत परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 9 गांवों के 49 भू विस्थापित लोगों को उनकी पात्रता के अनुसार एनटीपीसी लारा द्वारा स्थायी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री  बघेल भी इस कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। उन्होंने नौकरी प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी प्रभावित 6 भू विस्थापितों को नौकरी दी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शेष बचे पदों पर भर्ती के लिए फिर से विज्ञापन निकालकर परीक्षा आयोजित की गई, जिसके माध्यम से आज 49 लोगो को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस तरह अब तक कुल 55 भू- विस्थापितों को पात्रतानुसार नौकरी दी जा चुकी है। 

एनटीपीसी लारा द्वारा भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। इनमें से 22 आरक्षित पदों पर नियुक्ति होना अभी शेष है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने अभी भी शेष बचे हुए भर्ती के 22 पदों पर पात्र भू-विस्थापित लोगों को उनकी योग्यता अनुसार नियुक्ति प्रदान करने के लिए उचित पहल करने के निर्देश आज कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों और कलेक्टर रायगढ़ को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि एनटीपीसी लारा के लिए अधिग्रहित की गई भूमि से प्रभावित हुए भू-विस्थापितों को पात्रतानुसार प्राथमिकता के आधार पर एनटीपीसी लारा में भविष्य में होने वाली भर्तियों में नौकरी दी जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोगों को भी भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 

कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी लारा के ईडी  आलोक गुप्ता ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रभावित भू-विस्थापितों और छत्तीसगढ़ के लोगों को भविष्य में होने वाली भर्तियों में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। आज आईआईटी इलेक्ट्रीशियन ट्रेड के पद पर 19, आईआईटी फिटर ट्रेड के पद पर 9, लैब असिस्टेंट कैमेस्ट्री के पद पर 5, डिप्लोमा इलेक्ट्रीकल ट्रेड के 4, डिप्लोमा मैकेनिकल ट्रेड के एक और असिस्टेंट जनरल के 11 पदों पर नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। 

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों को पात्रता अनुसार नान एक्जिक्यूटिव पदों पर नौकरी देने के निर्देश 5 मार्च 2019 को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व सचिव और कलेक्टर रायगढ़ की बैठक में दिए थे, जिसके तारतम्य में भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इसके लिए प्रथम चरण में आयोजित लिखित परीक्षा और कौशल परीक्षण के आधार पर 6 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनटीपीसी लारा द्वारा नवम्बर 2020 में 73 पदों पर भर्ती के लिए पुनः विज्ञापन निकाला गया, जिसके लिए परीक्षा के बाद 49 उम्मीदवारों का चयन किया गया, जिन्हें आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। 

कार्यक्रम के दौरान विधायक  प्रकाश नायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों तथा छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए। कलेक्टर रायगढ़  भीम सिंह ने कार्यक्रम में बताया कि एनटीपीसी लारा सुपर क्रिटिकल टेक्नॉलाजी पर आधारित बिजली संयंत्र है, जिसमें 800 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट हैं। इस संयंत्र से बिजली उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलता है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के लिए 9 गांवों आरमुड़ा, बोड़ाझरिया, छपोरा, देवलसुर्रा, झिलगीटार, कांदागढ़, लारा, महलोई एवं रियापाली की 2000 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी। इससे 2449 किसान प्रभावित हुए हैं। एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के रूप में 187 करोड़ रूपए की राशि जमा की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मंे प्रभावित गांवों के 500 लोग तथा छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के 550 लोग कार्यरत है। इसके अतिरिक्त वाहन मालिकों सहित प्रभावित लोगों को टाउन शिप में दुकाने और पीएपी वेण्डर को कार्य प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से प्रभावित 1789 किसानों ने एक मुश्त पुनर्वास राशि 5 लाख प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 25 लाख रूपए तथा 31 प्रभावित किसानों ने 30 वर्ष तक अर्जित भूमि पर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 5 एकड़ तक के लिए दी जाने वाली वार्षिंक वृत्ति का विकल्प दिया था। दोनों विकल्पों के तहत अब तक प्रभावित किसानों को 118 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी है, 688 भू-धारकों की पात्रता का परीक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है। कलेक्टर ने एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद से कराए गए कार्यो की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुसौर के नये भवन के लिए एनटीपीसी द्वारा 2.64 करोड़ रूपए की राशि दी गई है।  

रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में विधायक  प्रकाश नायक, कलेक्टर रायगढ़  भीम सिंह, एनटीपीसी लारा के ईडी  आलोक गुप्ता, एजीएम एचआर  कन्हैया दास सहित नियुक्ति पत्र पाने वाले लोग और उनके परिजन उपस्थित थे।

 

 

 नए साल के आगाज के लिए कई बैंकों ने ट्रांजेक्शन नियमों में बदलाव किया है. बैंकों ने एटीएम के फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट तय की है जिससे ज्यादा लेन-देन करने पर ग्राहकों को चार्ज देना पडे़गा.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

नया साल शुरू होने में अभी कुछ हफ्ते बाकी हैं, लेकिन अभी से कई बदलावों की सुगबुगाहट होने लगी है. नए साल की नई सुबह कई नए नियम भी लेकर आएगी. नए साल के आगाज के लिए कई बैंकों ने ट्रांजैक्शन नियमों में बदलाव किया है. जो 1 जनवरी, 2022 से ही लागू हो जाएंगे. तीन बड़े प्राइवेट बैंकों के अलावा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (India Post Payment Bank) ने भी अपने ट्रांजैक्शन नियमों में बदलाव का फैसला किया है. जिसके बाद इस बैंक से सिर्फ 4 ट्रांजैक्शन ही फ्री किए जा सकेंगे. चार के बाद सभी ट्रांजैक्शन पर फीस अदा करनी होगी. हो सकता है ट्रांजैक्शन करने वाले को 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन जमा करने पड़े.

ऐसे में जब आपकी जेब पर असर डालने वाला इतना बड़ा बदलाव होने जा रहा है, तो एक बार ये जरूर जान लीजिए कि कौन-कौन से बैंक अपने ट्रांजैक्शन नियमों में क्या-क्या बदलाव ला रहे हैं.

 पोस्ट ऑफिस के नए नियम 

स्ट ऑफिस ने बेसिक सेविंग अकाउंट के नियमों को पहले जैसे रखते हुए कैश डिपॉजिट फ्री रखा है. इस अकाउंट के अलावा किसी अन्य सेविंग या करंट अकाउंट से 25 हजार तक रुपये निकालना फ्री है. इसके बाद चार्ज देना होगा. सिर्फ नकद निकालने पर नहीं जमा करने पर भी चार्ज लगेगा. बेसिक सेविंग अकाउंट के अलावा किसी अन्य सेविंग या करंट अकाउंट में दस हजार से ज्यादा रुपये जमा करने पर हर बार 25 रुपये तक लग सकता है.


ICICI, HDFC, Axis Bank के नए नियम 

- तीन प्राइवेट बैंकों ने भी ट्रांजैक्शन के नियमों में बदलाव का फैसला किया है. ICICI बैंक के नए नियमों के मुताबिक पहले पांच ट्रांजैक्शन फ्री होंगे, जबकि इसके बाद के हर ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये फीस ली जाएगी. हर वित्तीय लेनदेन पर फीस 21 रुपये होगी जबकि गैर वित्तीय लेनदेन पर ये फीस हर बार 8 रुपये 50 पैसे होगी.

- HDFC ने शहरों के अनुसार अलग-अलग नियम तय किए हैं. मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए शुरुआती तीन लेन-देन फ्री है. इसके बाद फ्री लिमिट से ज्यादा लेनदेन करने पर प्रति लेनदेन 21 रुपये प्लस टैक्स देना होगा.

- Axis बैंक का नियम भी कुछ ऐसा ही है. एक्सिस बैंक ने फ्री लिमिट के बाद रुपये निकालने पर 20 रुपये प्लस टैक्स का प्रावधान रखा है. वित्तीय लेनदेन पर 5 फ्री लिमिट के बाद ये फीस लागू होगी. गैर वित्तीय लेनदेन के लिए दस रुपये फीस तय की गई है.


ये सभी बैंक 1 जनवरी 2022 से ये नियम लागू कर देंगे.

 

 

 

 

 

 

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