August 06, 2025
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PANKAJ CHANDRAKAR

PANKAJ CHANDRAKAR

रायपुर /शौर्यपथ/

छत्तीसगढ पर्यटन की दृष्टि से देश में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पर्यटन स्थलों पर बड़े निजी होटलों सहित शासकीय मोटल्स में काम के लिए प्रशिक्षित युवाओं की मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में होटल मैनेजमेंट के पाठ्यक्रमों से युवाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर सृजित हो सकते हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने गरीब और खनन प्रभावित क्षेत्रों के बारहवीं कक्षा पास विद्यार्थियों को राज्य होटल प्रबंधन संस्थान (स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में प्रवेश दिलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की पहल की है। 

राज्य सरकार की मदद से पर्यटन की संभावनाओं से भरे कोरबा जिले के दस युवा अब शासकीय मदद पर होटल मैनेजमेंट के गुर सीखेंगे। युवाओं के शिक्षण शुल्क, हॉस्टल शुल्क और मेस आदि का खर्चा जिला प्रशासन द्वारा जिला खनिज न्यास मद से वहन किया जाएगा। होटल मैनेजमेंट के तीन पाठ्यक्रमों के लिए दस विद्यार्थियों के लिए पूरे कोर्स के दौरान डीएमएफ मद से 29 लाख 64 हजार 200 रूपए खर्च किए जाएंगे।  

कलेक्टर  रानू साहू ने बताया कि चार विद्यार्थी का दाखिला होटल एडमिनिस्ट्रेशन के डिग्री कोर्स में और तीन-तीन विद्यार्थी का दाखिला फूड प्रोडक्शन और फूड एवं वेबरेज सर्विसेज पाठ्यक्रमों में कराया गया है। त्रिवर्षीय डिग्री कोर्स में एक विद्यार्थी पर पांच लाख 24 हजार 900 रूपए का खर्चा होगा। इसमें से तीन लाख 28 हजार 700 रूपए इंस्टीट्यूट की फीस आदि और शेष रूपए आवास तथा मेस पर व्यय होगा। इसी प्रकार डेढ़ साल के फूड प्रोडक्शन डिप्लोमा कोर्स के लिए प्रति छात्र एक लाख 50 हजार 350 रूपए इंस्टीट्यूट और फूड और वेबरेज सर्विसेज के डेढ़ साल के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी पर एक लाख 37 हजार 850 रूपए व्यय किया जाएगा। इस राशि में शिक्षण शुल्क और आवास, खान-पान आदि का व्यय शामिल है।
उल्लेखनीय है कि होटल मैनेजमेंट के डिग्री और डिप्लोमा कोर्सों में शासकीय मदद से प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी से लाईवलीहुड कॉलेज कोरबा में आवेदन मंगाए गए थे। इनमें से जिला स्तरीय समिति द्वारा मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का श्रेणीवार चयन किया गया। चयनित विद्यार्थियों में सात छात्राएं एवं तीन छात्र हैं। अनुसूचित जाति वर्ग से एक, अनुसूचित जनजाति वर्ग से दो, अन्य पिछड़ा वर्ग से छह एवं अनारक्षित वर्ग से एक विद्यार्थी का चयन किया गया है। विद्यार्थियों को त्रिवर्षीय बीएससी हॉस्पिटेलिटी एण्ड होटल एडमिनिस्ट्रेशन और 18-18 महीनों के डिप्लोमा इन फूड प्रोडक्शन तथा डिप्लोमा इन फूड एवं वेबरेज सर्विसेस डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाया गया है।
विद्यार्थियों की सूची - 

बीएससी होटल एडमिनिस्ट्रेशन - योगिता कंवर, देव कुमार साहू, अवंतिका सिंह,आरती साहू।
डिप्लोमा इन फूड एंड वेबरेज सर्विसेज - दिव्यांग कंवर, खुशबु वैष्णव, मानसी बैरागी।
डिप्लोमा इन फूड प्रोडक्शन - रामेश्वर डिक्सेना, महेन्द्र कुमार पात्रे, हिमांशी कश्यप।

भारत सरकार के संयुक्त सचिव खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं संचालक से की मुलाकात

धान खरीदी के लिए केन्द्र से अब तक छत्तीसगढ़ राज्य को मिले मात्र 1.11 लाख गठान बारदाने

रायपुर  /शौर्यपथ/

छत्तीसगढ़ राज्य को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए भारत सरकार से बारदाने की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आज 8 दिसम्बर को नई दिल्ली में केन्द्रीय संयुक्त सचिव, खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली व उपभोक्ता मामले  सुबोध सिंह एवं संचालक सार्वजनिक वितरण प्रणाली  राजेश मीणा से छत्तीसगढ़ मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुल हक तथा विपणन संघ के प्रबंधक  शशांक पाण्डेय ने मुलाकात की।  मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने संयुक्त सचिव भारत सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन और बारदाने की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जूट कमिश्नर भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को बारदाने न केवल बहुत कम मात्रा में दिए जा रहे हैं, अपितु इसकी स्वीकृत मात्रा की समय पर आपूर्ति भी नहीं की जा रही है। 

मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने संयुक्त सचिव, भारत सरकार को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एक दिसम्बर को शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ को माह नवंबर में 1.38 लाख गठान एवं माह दिसंबर 2021 तक कुल 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने जूट कमिश्नर के माध्यम से प्राप्त होने थे, किन्तु माह नवंबर 2021 में राज्य को मात्र एक लाख गठान एवं माह दिसंबर, 2021 में अब तक कुल 1.11 लाख गठान जूट बारदाने ही प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार छत्तीसगढ़ को आवश्यकता की तुलना में न केवल जूट बारदानों की कम आपूर्ति की जा रही है, अपितु स्वीकृत मात्रा की समयबद्ध आपूर्ति भी नहीं की जा रही है, जबकि समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार नये जूट बारदाने की समयबद्ध आपूर्ति अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने छत्तीसगढ़ राज्य हेतु नये जूट बारदाने की आपूर्ति संख्या में वृद्धि करने एवं इसकी समयबद्ध आपूर्ति हेतु संबंधितों को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध संयुक्त सचिव, भारत सरकार से किया। भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा राज्य को बारदाने आपूर्ति के संबंध में यथा संभव आवश्यक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य को पर्याप्त बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा आयुक्त  मोहम्मद अब्दुल कैसर को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी नियुक्त किया गया है। विपणन संघ के प्रबंधक  शशांक पाण्डेय को बारदाना नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

सैलानियों को आकर्षित करेगा कुदरत का नजारा

रायपुर /शौर्यपथ/ 

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए उत्तर बस्तर कांकेर में दुधावा डेम पर निर्मित इको लर्निंग सेंटर और महासमुंद जिले में कोडार जलाशय पर निर्मित इको पर्यटन स्थल का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संबंधित क्षेत्र की वन प्रबंधन समिति को वन क्षेत्र में जलाशय के पास खुबसूरत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इससे स्थानीय लोगो को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर पर्यटक आकर्षित और कुदरत का नजारा देख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों पर्यटन स्थल जन सामान्य में वन्यजीव और जैव विविधता की जानकारी देने के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने में अवश्य सफल होगा। 

इको पर्यटकों स्थल वन चेतना केन्द्र कोडार में 39 लाख 14 हजार रूपए का कार्य किया जा चुका है और 40 लाख रूपए का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में पहंुच मार्ग उन्नयन, वाटर सप्लाई सिस्टम, मचान, ट्री हाउस, नेचर ट्रेल, बर्ड वाचिंग और मोटर बोट की सुविधा के विकास कार्य प्रगति पर हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां वन परिवेश में रहने और साहसिक शिविर आयोजित करने की सुविधा उपलब्ध है। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल द्वारा पुरातत्व निर्मित सिरपुर में मार्च 2021 में रामवनगमन पथ के अंतर्गत पर्यटन विकास के लिए की गई घोषणा के अंतर्गत वन चेतना केन्द्र कोडार का विकास इको पर्यटन स्थल के रूप में किया गया है। वन चेतना केन्द्र कोडार राजधानी रायपुर के 65 किलोमीटर, महासमुंद मुख्यालय से 17 किलोमीटर और सिरपुर नगरी से 20 मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे क्रमांक 53 पर स्थित है। यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए एडवेंचर, मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, संस्कृति पर्यावरण संचेतना और स्थानीय रोजगार के विकास का अद्भूत समागम प्रस्तुत किया गया है। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए नाईट कैम्पिंग, कैम्प फॉयर एवं स्टार गेजिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मनोरंजन के लिए बॉलीवाल, नेट क्रिकेट, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, निशानेबाजी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नौका विहार, बैम्बू रॉफ्टिंग और पर्यटकों के स्वाल्पाहार के लिए स्थानीय छत्तीसगढ़ी व्यंजन और सुपाच्य भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच से घिरे जलाशय स्थल पर सन्सेट देखने का सुकून भरा अनुभव, सेल्फी जोन एवं फिशिंग का आनंद पर्यटकों द्वारा लिया जा सकेगा। इस केन्द्र में जिले के स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए उत्पादों और संजीवनी के उत्पादों के विक्रय की सुविधा का विकास भी किया जा रहा है। स्थल के समीप खल्लारी माता का मंदिर स्थित है, जहां पर्यटकों द्वारा दर्शन भी किया जा सकता है। 

जिला खनिज न्यास संस्थान मद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, विधायक निधि और वन विभाग के पर्यावरण वानिकी मद के अभिसरण से पोषित, प्रकृति की गोद में स्थिति इको पर्यटन केन्द्र के इस केन्द्र में न्यूनतम निर्माण कार्य किए गए हैं। वनों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखते हुए जन सामान्य में वन चेतना का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है। 

कांकेर जिले के दुधावा जलाशय में स्थित इको लर्निंग सेंटर का संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा। यह पर्यटन स्थल मुख्यमंत्री की प्रेरणा के गढ़बो नवा कांकेर के रूप में विकसित किया गया है, जहां पर्यटकों के ठहरने, खान-पान के लिए रेस्टोरेंट , एडवेंचर के लिए दो मोटर बोट से शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां पर ट्रेकिंग की व्यवस्था भी की गई है। इस केन्द्र में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस स्थल को इको पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री को केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री देवचंद भास्कर ने बताया कि यहां की सुंदरता को देखकर पर्यटक आकर्षित होंगे। इससे हमें आशा है कि सेंटर खोलने से लोगों को रोजगार मिलेगा। ग्राम पंचायत दुधावा की सरपंच श्रीमती श्याम नेताम ने कहा कि इस क्षेत्र को इतने सुंदर ढ़ंग से विकसित किया है कि ऐसा लगता है कि हम मिनी गोवा आ गए हैं। मुख्यमंत्री को ग्राम पंचायत सुन्ना के  राजेन्द्र यादव ने बताया कि उन्होंने एक लाख 57 हजार रूपए का गोबर बेचकर 85 हजार रूपए की स्कूटी खरीदी है। बचत राशि से वे अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनका एक बच्चा कॉलेज में और दूसरा बच्चा कक्षा 9वीं में पढ़ाई कर रहा है। 

दुधावा में आयोजित कार्यक्रम को संसदीय सचिव  शिशुपाल सिंह सोरी और कोडार में संसदीय सचिव  विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी, संबंधित क्षेत्र वन प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री निवास में वर्चुअल आयोजित इस कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. रेणु जी. पिल्ले, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव  मनोज कुमार पिंगुआ, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव  गौरव द्विवेदी, ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव  मनिन्दर कौर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव  डी.डी. सिंह, वित्त विभाग की सचिव  अलरमेलमंगई डी., कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव  सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख  राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी)  पी. व्ही. नरसिंह राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा  व्ही. श्रीनिवास राव सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैम्पा के शासी निकाय की द्वितीय बैठक सम्पन्न
दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दी सहमति
जंगली हाथियों द्वारा की गई क्षति पर शीघ्र मुआवजा वितरण के निर्देश
रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि गैर वन क्षेत्रों के साथ-साथ वन क्षेत्रों में भी राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘नरवा विकास’’ के अंतर्गत भू-जल संरक्षण के कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन हो। इसके तहत कैम्पा मद से वन क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों से वनवासियों, आदिवासियों तथा वन क्षेत्रों के आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होता है। 

मुख्यमंत्री  बघेल की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के शासी निकाय की द्वितीय बैठक में उक्त आशय के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. रेणु जी. पिल्ले, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव  मनोज कुमार पिंगुआ, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव  गौरव द्विवेदी, ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव  मनिन्दर कौर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव  डी.डी. सिंह, वित्त विभाग की सचिव  अलरमेलमंगई डी., कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख  राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी)  पी. व्ही. नरसिंह राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा  व्ही. श्रीनिवास राव सहित अधिकारीगण उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री  बघेल ने बैठक में राज्य में कैम्पा मद की राशि का बेहतर उपयोग कर स्वीकृत सभी कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। इसके तहत वनों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्यप्राणी सुरक्षा और लघु वनोपजों के विकास तथा इनके संरक्षण व संवर्धन के कार्यों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे वनांचल में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध होगा और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री  बघेल ने राज्य में जंगली हाथियों द्वारा की गई जनहानि, फसल हानि एवं संपत्ति हानि में तत्परता से कार्यवाही कर मुआवजा का वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। 

बैठक में चर्चा करते हुए राज्य में दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति देते हुए यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश दिए। सामान्यतः वाटर शेड क्षेत्रों के विकास हेतु क्षेत्रीय स्तरों में परम्परागत मैनुअल पद्धति से मानचित्रण कर परियोजनाएं तैयार की जाती हैं जिसमें बहुत सीमित पद्धति से कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के जंगलों के सर्वे के लिए अत्याधुनिक रिर्मोट सेंसिंग लिडार तकनीकी का उपयोग बेहतर होगा। इससे वैज्ञानिक पद्धति से मैपिंग का उपयोग कर दूरस्थ तथा सुदूर अंचलों के लिए भी परियोजनाएं तैयार की जा सकती है। लिडार तकनीक से वन क्षेत्रों में वृद्धि, वृक्षों की ऊंचाई और उनका वॉल्यूम, मिट्टी में नमी के संरक्षण की स्थिति, वाटर शेड एनालिसिस, वन क्षेत्रों में अतिक्रमण, खनन गतिविधियों, वन क्षेत्र में अग्नि नियंत्रण, वन्य जीवों की संख्या और उनके मूवमेंट का सटीक आंकलन किया जा सकता है। इससे वन क्षेत्रों के विकास की योजना बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।

 

कवर्धा /शौर्यपथ/

नेहरू युवा केन्द्र, छत्तीसगढ़ युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में चारो ब्लॉक में जल संरक्षण, कैच द रैन जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत पण्डरिया ब्लॉक के ग्राम कुण्डा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जल संरक्षण, कैच द रैन का प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित किया गया और बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिये वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण कैसे करना है और जल का सदुपयोग कैसे करना चाहिए इस जानकारी पर प्रतियोगिता रखी गई। जिसमें प्रथम स्थान चन्द्रमा चन्द्राकर, कक्षा 12 वी द्वितीय स्थान रेशमा चन्द्राकर और तीसरे स्थान पर पुरूषोत्तम चन्द्राकर ने अपने नाम किया और पुरस्कार स्वरूप प्रचार्य के द्वारा स्मृत चिन्ह, मोमेंटो दिया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रचार्य व शिक्षकों व राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक लैनदास मोहले, कुलेश्वर निर्मलकर व स्कूल के प्रतिभागी छात्र व छात्राए उपस्थित थे।

 

 

कलेक्टर  एल्मा और पुलिस अधीक्षक  ठाकुर ने किया आत्मीय स्वागत

धमतरी /शौर्यपथ/

प्रदेश की राज्यपाल  अनुसुइया उइके ने आज बालोद जिले के प्रवास के दौरान कुछ समय के लिए स्थानीय शासकीय पीडब्ल्यूडी विश्रामगृह पहुंचीं। यहां कलेक्टर  पी.एस.एल्मा और पुलिस अधीक्षक  प्रफुल्ल ठाकुर ने उनका आत्मीय स्वागत किया। साथ ही जिला पुलिस बल के महिला विंग के द्वारा उन्हें सलामी देकर ’गॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। महिला गार्ड्स के द्वारा पहली बार दी गई सलामी पर राज्यपाल ने सराहना करते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय पहल की संज्ञा दी।। इस अवसर पर राज्यपाल  उइके ने अधिकारी द्वय से संक्षिप्त चर्चा के दौरान जिले की प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी ली। तदुपरांत उन्होंने बालोद जिले के राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान एडीएम  ऋषिकेश तिवारी, एसडीएम धमतरी  विभोर अग्रवाल सहित अधिकारीगण मौजूद रहे।

 

 

बेमेतरा /शौर्यपथ/

हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि उनका खुद का आशियाना हो, प्रधानमंत्री आवास योजना से संतोषी का मकान का सपना साकार हुआ है। बेमेतरा जिले के नगर पंचायत साजा वार्ड क्र. 02 शीतला वार्ड में रहने वाली एक महिला  संतोषी साहू पति स्व.  कुलेश्वर साहू जिनके पति की मृत्यु 15 वर्षों पूर्व हो चुकी हैं, संतोषी विगत 14 वर्षाे से नगर पंचायत साजा अंतर्गत किराये के मकान पर अपनें 02 छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थी, संतोषी साहू ने बताया कि मकान किराया एवं बच्चों के पालन पोषण में ही पैसें नहीं बच पाते थे, जिसके कारण खुद का पक्का मकान भी नही बना पायी। नगर पंचायत साजा के मार्गदर्शन के अनुरूप पूर्ण जब उनका घर निर्माण हेतु स्वीकृत हुआ तो मानों संतोषी साहू का सपना पूरा होने लगा। उक्त महिला को प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की गई आज उक्त महिला का मकान बनकर तैयार है। संतोषी साहू कहती है कि “मेरा भी सपना था कि मैं भी अपनें परिवार के साथ पक्के मकान में रहती मगर पति कें गुजर जाने के बाद मेरा जीवन-यापन करना मुशकिल से हो रहा था और मै इतनी सक्षम नहीं थी कि अपना पक्का मकान बना पाती मगर प्रधानमंत्री आवास योजना के आने से मेरा वो सपना साकार हुआ। मैं शासन एवं नगर पंचायत साजा का बहुत आभार व्यक्त करती हूँ, जिनकी मदद से मेरा सपना साकार हुआ।

विपक्षी दलों का कहना है कि यह सरकारी हैंडल है, निजी नहीं. यह सरकार की भाषा नहीं हो सकती.

नई दिल्ली /शौर्यपथ /

PMO इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से किए गए "लाल टोपी" वाले ट्वीट को लेकर विपक्षी दल हमलावर रुख में आ गए हैं. पीएमओ इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से 7 दिसंबर को पीएम मोदी के समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए बयान के कई ट्वीट किए गए थे. विपक्षी दलों का कहना है कि यह सरकारी हैंडल है, निजी नहीं. यह सरकार की भाषा नहीं हो सकती.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि , 'प्रधानमंत्री के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाना गलत है. खुद मोदी जी काली टोपी लगाते हैं, उनकी पार्टी काली टोपी लगाती है, उनकी मात्री संस्था भी काली टोपी लगाती है. यह काली टोपी लगाने वाले काले दिमाग के साथ काला कानून लाते हैं. मुझे हैरानी नहीं होगी अगर वह लाल किला का नाम बदलकर काला किला कर दें. क्या वह 15 अगस्त को काला किले पर झंडा फहराएंगे?'

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि प्रधानमंत्री घबराए हुए हैं, इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं. साथ ही कहा कि उनके लिए रेड अलर्ट है, यूपी में लाल टोपी आने वाली है.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि PMO के हैंडल से ऐसे ट्वीट कैसे कर सकते हैं. ये जनता के पैसे से चलता है, पार्टी फंड से नहीं. पीएमओ सरकारी दफ्तर है, निजी नहीं. पीएमओ के हैंडल से इस तरह की भाषा वाले ट्वीट करने का कोई तुक ही नहीं बनता. अगर आपको ये ट्वीट करने हैं तो पर्सनल हैंडल से करें

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लाल टोपी' वाले बयान पर पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषा बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए, इसलिए उन्हें भाषा बदलनी पड़ी है. अखिलेश यादव ने कहा, 'ये लाल रंग इमोशन का रंग है, लाल रंग क्रान्ति का प्रतीक है, लाल रंग बदलाव का प्रतीक है. वो जानते हैं इस बार यूपी में बदलाव होने जा रहा है. ये एक रंगी लोग भावनाएं नहीं समझ सकते.'

आरजेडी सांसद मनोझ झा ने कहा, 'राजनीति शर्मायी हुई हूं. ना जाने क्या हुआ आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर रहे है. हमने कभी भगवा पर टिप्पणी नहीं की. इस तरह लाल रंग पर टिप्पणी चुनाव को जोड़ना पीएम पद के मर्यादा के अनुरूप नहीं है. पीएम चुनाव के दौरान ज़्यादा ही बदल जाते है. देश को दो पीएम चाहिए एक चुनाव कराए दूसरे सरकार चलाये.

गौरतलब है कि पीएमओ इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से 7 दिसंबर को लड़ीवार ट्वीट किए गए थे जिसमें समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए लिखा गया है, "आज पूरा यूपी भली-भांती जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं. लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए: PM@narendramodi" "लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए. और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी: PM@narendramodi"

 

 

 

 

जी टीवी का मशहूर सीरियल कुमकुम भाग्य अपने 2000 एपिसोड्स पूरे करने जा रहा है. इस उपलब्धि पर शो के लीड एक्टर्स ने अपनी-अपनी खुशी जाहिर की है.

नई दिल्ली /शौर्यपथ /

जी टीवी का लोकप्रिय सीरियल कुमकुम भाग्य, साल 2014 में हुई अपनी शुरुआत से ही दर्शकों का दिल जीत रहा रहा है. टीवी जगत की महारानी एकता कपूर के निर्माण में बने इस शो में शबीर अहलुवालिया (अभि), सृति झा (प्रज्ञा), कृष्णा कौल (रणबीर) और मुग्धा चाफेकर (प्राची) जैसे कलाकार लीड रोल में हैं. यह फैमिली ड्रामा अलग-अलग भावनाओं और रिश्तों की गहराइयों में झांकता है. शो के लीड कलाकार अभि-प्रज्ञा और नई पीढ़ी की जोड़ी प्राची-रणबीर की आकर्षक केमिस्ट्री और अनेक दिलचस्प उतार-चढ़ाव के चलते इस शो ने हर सप्ताह दर्शकों को बांधे रखा है.

हफ्ते दर हफ्ते यह शो व्यूअरशिप चार्ट्स पर जबर्दस्त सफलता हासिल कर रहा है. अब तक इस शो ने 50 से ज्यादा अवार्ड्स अपने नाम कर लिए हैं. इस शो की ताजा उपलब्धि ये है कि यह शो आगामी 8 दिसंबर को अपना 2000वां एपिसोड दिखाने जा रहा है. इस मौके पर शो के प्रमुख कलाकारों ने अपने जज्बात जाहिर किए.

प्रज्ञा का रोल निभा रहीं सृति झा कहती हैं, ‘‘कुमकुम भाग्य मेरे लिए एक करिश्मे की तरह था, जो उस वक्त होने ही वाला था, जब एकता मैम ने सारी खूबियां एक साथ मिलाईं. इसने मुझे भाग्य का असली मतलब समझाया...सबसे बढ़िया लोगों को एक साथ लाने से बढ़िया कोई संयोग नहीं हो सकता. आखिर ये हर दिन तो नहीं होता, जब कोई हिंदी शो 2000 एपिसोड्स का पड़ाव पार कर जाए और यह सब हमारे प्यारे दर्शकों के प्यार और सपोर्ट के बिना मुमकिन नहीं हुआ होता”.

 वहीं अभि का रोल निभा रहे शबीर अहलुवालिया कहते हैं, ‘‘मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि हमने ‘कुमकुम भाग्य' के 2000 एपिसोड्स पूरे कर लिए हैं. अभि-प्रज्ञा एक ऐसे जज़्बात बन गए हैं, जिनसे देश भर के दर्शक बड़े करीब से जुड़ गए हैं. हम सेट पर एक परिवार की तरह हैं और हमने मिलकर जो यादें बनाई हैं, वो ताउम्र हमारे साथ रहेंगी. मैं एकता का जितना शुक्रिया अदा करूं, उतना कम है, इसलिए मैं उन्हें सिर्फ यह कहूंगा कि मैं आपको पसंद करता हूं और आप मुझे प्रेरित करती हो”.

 वैसे इस उपलब्धि पर हमारी तरफ से भी ‘कुमकुम भाग्य' की टीम को बहुत-बहुत बधाइयां! देखिए कुमकुम भाग्य, हर सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर.

 

 

 

 

: भले ही भारतीय आंवला खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन यह सभी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता है. आंवला के साइडइफेक्ट्स भी हैं. किसी विशेष स्थिति से पीड़ित होने पर अपने लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए इस खट्टे फल से बचना सबसे अच्छा है.


हेल्थ टिप्स  /शौर्यपथ /

भारतीय आंवला को आंवला के नाम से भी जाना जाता है जो पोषक तत्वों से भरपूर फल है. यह अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. आंवला के फायदों की लिस्ट काफी लंबी है. आंवला अपने अनगिनत औषधीय गुणों के लिए आयुर्वेदिक औषधियों की दुनिया में बहुत प्रसिद्ध है. इस मौसम में आपको अपनी डाइट में आंवला को शामिल करने के कई कारण हैं. विंटर सुपरफूड विटामिन सी से भरपूर, जिसे अक्सर संभावित एंटीऑक्सीडेंट लाभों के लिए जाना जाता है. कहते हैं कि आंवला में संतरे की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन सी होता है, जो इसे एक हेल्दी और पौष्टिक फल बनाता है जिसे ठंड के मौसम में इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए डाइट में शामिल किया जाना चाहिए. यह भारत में व्यापक रूप से खाना पकाने के उद्देश्यों और औषधीय उपयोग के लिए विभिन्न रूपों में उपयोग किया जाता है.

भले ही भारतीय आंवला खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन यह सभी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता है. आंवला के साइडइफेक्ट्स भी हैं. किसी विशेष स्थिति से पीड़ित होने पर अपने लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए इस खट्टे फल से बचना सबसे अच्छा है. यहां ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिन्हें आंवला नहीं खाना चाहिए.

इन समस्याओं वाले लोग न खाएं आंवला |

1. कब्ज की समस्या वाले लोग

यह कब्ज के लिए एक प्राकृतिक उपचार है. आंवला में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. हालांकि, अगर आप अधिक मात्रा में आंवला का सेवन करते हैं तो यह मल को सख्त कर सकता है. अगर आपके पानी का सेवन कम कर देता है तो स्थिति और खराब हो जाती है. अत: कब्ज से बचाव के लिए फलों को रस या सूखे आंवला पाउडर के रूप में पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ लें.

2. एलर्जी

कुछ लोगों को आंवला से एलर्जी हो सकती है. एक व्यक्ति जिसे इस फल से एलर्जी है, उसे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है जैसे पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, लालिमा, दस्त, पेट में दर्द और आपके मुंह के आसपास सूजन, सांस लेने में बाधा, चेहरे पर खुजली और लालिमा, सिरदर्द और चक्कर आना.

3. अगर आपको अक्सर एसिडिटी होती है

आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, एक पोषक तत्व जो फल की अम्लीय प्रकृति में योगदान देता है. हाइपरएसिडिटी से निपटने वालों के लिए यह लक्षणों को और खराब कर सकता है. हाइपरएसिडिटी वाले लोगों के लिए खाली पेट आंवला खाने से पेट की परत में जलन हो सकती है और एसिडिटी हो सकती है.

4. सर्जरी वाले लोगों को

जिन लोगों की सर्जरी होनी है, या जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई है, उन्हें आंवला से बचना चाहिए. सर्दियों के इस फल का अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्तस्राव का खतरा होता है. अगर रक्तस्राव लगातार और लंबे समय तक रहता है, तो इससे ऊतक हाइपोक्सिमिया, गंभीर एसिडोसिस या मल्टीऑर्गन डिसफंक्शन हो सकता है.

5. लो ब्लड शुगर वाले लोगों को

अध्ययन बताते हैं कि आंवला ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है. हालांकि टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए आंवला फायदेमंद है, लेकिन यह उन लोगों के लिए अच्छा नहीं है जिनके पास अक्सर लो ब्लड शुगर लेवल होता है या जो एंटी डायबिटीज दवाएं ले रहे हैं.

6. गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं

इसके अधिक सेवन से पेट खराब, डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये लक्षण गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए स्थिति को कठिन बना सकते हैं. हालांकि, स्तनपान और गर्भावस्था के दौरान खाना हानिकारक कैसे हो सकता है, इस पर अध्ययन नहीं हुए हैं, लेकिन इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

 

 

 

 

 

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