
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ /
बहुत पतला होना एक अच्छी समस्या की तरह लग सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि कम वजन होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए नेचुरल तरीके से वजन बढ़ाने के तरीके और उपायों की तलाश करके बॉडी को एक अच्छी शेप में रखना जरूरी है.
बहुत पतला होना एक अच्छी समस्या की तरह लग सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि कम वजन होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए नेचुरल तरीके से वजन बढ़ाने के तरीके और उपायों की तलाश करके बॉडी को एक अच्छी शेप में रखना जरूरी है. लोगों को अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त करने के लिए फैची चीजें दोषी हैं. हालांकि, सभी तरह की वसा खराब नहीं हैं. वास्तव में, फैट के रूप में एनर्जी (कैलोरी) को तोड़ना और जमा करना अच्छा है. यह शरीर के कार्य करने, चंगा रखने और बढ़ने के लिए भोजन का उपयोग करने के कई तरीकों में से एक है. यह मस्तिष्क के विकास में और सूजन और रक्त के थक्कों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फैच हेल्दी बालों और त्वचा के लिए भी योगदान देता है. जंक फूड खाने से वजन बढ़ सकता है. हालांकि, यह आपके शरीर की जरूरत के पोषण को पूरा नहीं करेगा. भले ही जंक फूड में फैट, शुगर और नमक एक्स्ट्रा वेट के रूप में न हों, फिर भी यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. हेल्दी तरीके से वजन बढ़ाने के लिए यहां कुछ उपाय दिए गए हैं.
आसानी से वजन बढ़ाने के तरीके |
1. हेल्दी कैलोरी शामिल करें
आपको अपनी डाइट में भारी बदलाव करने की जरूरत नहीं है. आप अखरोट या बीज टॉपिंग, पनीर, और हेल्दी साइड डिश शामिल कर कैलोरी बढ़ा सकते हैं. बादाम, सूरजमुखी के बीज, फल या साबुत अनाज, व्हीट टोस्ट ट्राई करें.
2. पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करें
खाली कैलोरी और जंक फूड खाने के बजाय पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स खाएं. हाई प्रोटीन वाले मीट पर विचार करें, जो आपको मांसपेशियों के निर्माण में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा, पौष्टिक कार्बोहाइड्रेट चुनें, जैसे कि ब्राउन राइस और अन्य साबुत अनाज. यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आपके शरीर को जितना संभव हो उतना पोषण मिल रहा है.
3. स्नैक्स लें
ऐसे स्नैक्स का आनंद लें जिनमें भरपूर प्रोटीन और हेल्दी कार्बोहाइड्रेट हों. ट्रेल मिक्स, प्रोटीन बार या पेय, और हम्मस या पीनट बटर जैसे विकल्पों पर विचार करें. इसके अलावा, ऐसे स्नैक्स का आनंद लें जिनमें "हेल्दी फैट" हो, जो हेल्दी हार्ट के लिए महत्वपूर्ण हैं. उदाहरणों में नट और एवोकाडो शामिल हैं.
4. मिनी मील खाएं
अगर आप खराब भूख से जूझ रहे हैं, तो चिकित्सा या भावनात्मक समस्याओं के कारण बड़ी मात्रा में भोजन करना आकर्षक नहीं लग सकता है. अपने कैलोरी सेवन को बढ़ाने के लिए पूरे दिन छोटे भोजन खाने पर विचार करें.
5. व्यायाम करें
जबकि बहुत अधिक एरोबिक व्यायाम कैलोरी बर्न करेगा और आपके वेट टारगेट के खिलाफ काम करेगा, स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग मदद कर सकता है. इसमें वेट लिफ्टिंग या योग शामिल है. मांसपेशियों के निर्माण से आपका वजन बढ़ता है.
पद्मिनी कोल्हापुरे ने अपने फेमस सॉन्ग 'ये गलियां ये चौबारा' का रिक्रिएशन किया है. धमाका रिकॉर्ड्स और सारेगामा द्वारा प्रस्तुत इस ट्रैक को पद्मिनी ने खुद गाया है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
पद्मिनी कोल्हापुरे ने अपने फेमस सॉन्ग 'ये गलियां ये चौबारा' का रिक्रिएशन किया है. धमाका रिकॉर्ड्स और सारेगामा द्वारा प्रस्तुत इस ट्रैक को पद्मिनी ने खुद गाया है. धमाका रिकॉर्ड्स के प्रियांक शर्मा ने प्रेम रोग से पद्मिनी कोल्हापुरे का प्रतिष्ठित सॉन्ग 'ये गलियां ये चौबारा' रिलीज किया है.इस सॉन्ग को एक्ट्रेस ने खुद अपनी भावपूर्ण और सुरीली आवाज में गाया है. इससे पहले, धमाका रिकॉर्ड्स ने सभी म्यूजिक चार्ट्स में शीर्ष स्थान हासिल किया था और अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर, श्रद्धा कपूर, आदि सहित 15 दिग्गज कलाकारों द्वारा अभिनीत अपने शानदार सॉन्ग 'हम हिंदुस्तानी' के लिए सुर्खियां बटोरी. अब प्रियांक शर्मा के लेबल ने वर्ष का सबसे बड़ा दिल छू लेने वाला वेडिंग एंथम रिलीज किया है.
सॉन्ग के बारे में बात करते हुए पद्मिनी कोल्हापुरे कहती हैं, "इस सॉन्ग पर काम करना कुछ ऐसा था कि यह मुझे ओरिजिनल सॉन्ग की शूटिंग की यादों में ले गया. उस उत्साह को फिर से महसूस करके मुझे बहुत खुशी हो रही है और मैं इस प्रतिष्ठित सॉन्ग को रिक्रिएट करने में सक्षम होने के लिए बेहद उत्साहित हूं”.
प्रियांक शर्मा और पारस मेहता, जिन्होंने अपना म्यूजिक लेबल धमाका रिकॉर्ड्स लॉन्च किया है, कहते हैं, "मैं लेबल शुरू करने से पहले ही इस सॉन्ग को रिक्रिएट करना चाहता था. यह मेरी मां के लिए सबसे खास सॉन्ग रहा है और इसे रिक्रिएट करने और अपने लेबल पर रिलीज करने का मौका मिलना मेरे लिए विशेष से कहीं अधिक है. सारेगामा को दिल से धन्यवाद, हम आशा करते हैं कि हर कोई इसे उतना ही प्यार देगा, जितना उन्होंने ओरिजिनल को दिया था”.
सारेगामा और धमाका रिकॉर्ड्स द्वारा प्रस्तुत 'ये गलिययां ये चौबारा' प्रियांक शर्मा और पारस मेहता द्वारा निर्मित है. इस सॉन्ग में एमी मिसोबाह और अमायरा भाटिया अभिनय कर रहे हैं और इसे धमाका रिकॉर्ड्स के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया जा चुका है.
सर्दियों में खानपान का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. आप सुबह क्या खाते हैं, ये काफी मायने रखता है. कुछ चीजों को खाली पेट खाने से न सिर्फ बीमारियां कोसों दूर रखा जा सकता है, बल्कि आप पूरे दिन एनर्जी से भरे रह सकते हैं, इसलिए ठंड में नियमित रूप से खाली पेट इन चीजों का सेवन जरूर करें.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
सर्दियों के मौसम में तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है. इस मौसम में कई तरह के पकवान बनते हैं, जिसे खाने का अपना अलग ही मजा है. इस दौरान न चाहकर भी तली-भुनी चीजों का सेवन बढ़ जाता है, जिसके चलते आपका डाइजेशन सिस्टम सुस्त पड़ सकता है. सर्दी के मौसम में अपने खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सर्दियों की डाइट (Winter Diet) में थोड़ी सी भी गलती आपको बीमार बना सकती है. वहीं सर्दियों में इम्यून सिस्टम (Immune System) भी कमजोर होता है, जिसे बूस्ट करने के लिए हेल्दी विटंर डाइट (Healthy Winter Diet) लेना जरूरी है, क्योंकि ठंड के कारण आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, इसलिए कोशिश करें कि दिन की शुरुआत करते हुए ब्रेकफास्ट में आपको कुछ खास Winter Foods को शामिल करना चाहिए, जिनके सेवन से आपकी सेहत अच्छी भी रहेगी, साथ ही आप कई बीमारियों से भी अपना बचाव कर सकते हैं. जानिए सर्दियों में किन चीजों को खाली पेट खाना सेहत के लिए लाभदायक होता है.
सर्दियों में खाली पेट खाएं ये फूड्स |
गुनगुने पानी के साथ शहद |
सर्दीयों के मौसम में आप अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी और शहद से करें. मिनरल्स, विटामिन, फ्लेवोनोइड्स और एंजाइम से भरपूर शहद, आपकी आंतों को साफ रखने में मदद करता है. शहद को गर्म पानी के साथ मिलाकर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा ये वजन घटाने में भी बहुत कारगर माना जाता है.
भीगे हुए बादाम | Winter foods
खाली पेट या ब्रेकफास्ट के दौरान भीगे हुए बादाम खाना काफी फायदेमंद माना जाता है. विटामिन ई, फाइबर, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर भीगे हुए बादाम सर्दियों के मौसम में बॉडी को गर्म रखने में सहायक है. बादाम एक ऐसा पौष्टिक आहार है, जो भले ही थोड़ा महंगा है, लेकिन सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसके लिए आप रोजाना रात में 5 से 6 बादाम भिगो दीजिए और सुबह खाली पेट नाश्ते में इसे खाएं.
विपक्षी सांसदों ने कहा कि इस सरकार ने किसान से माफी मांगी है, अब हमसे भी माफी मांगेगी. खुद माफी मांगने के सवाल पर नेताओं ने कहा कि हमने लोगों की आवाज उठाई है तो हम माफी क्यों मांगे?
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों का प्रदर्शन जारी है. संसद भवन परिसर में विपक्ष के तमाम नेताओं ने भी आज इनके समर्थन में गांधी प्रतिमा के सामने 'मोदी हटाओ, देश बचाओ' और 'लोकतंत्र बचाओ मोदी हटाओ' के नारे लगाए. निलंबित सांसद पिछले बुधवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार का लोकतंत्र पर यकीन नहीं है, इसलिए तानाशाही कर रही है. विपक्षी सांसदों ने कहा कि इस सरकार ने किसान से माफी मांगी है, अब हमसे भी माफी मांगेगी. खुद माफी मांगने के सवाल पर नेताओं ने कहा कि हमने लोगों की आवाज उठाई है तो हम माफी क्यों मांगे?
सांसदों ने कहा कि ये कैसी सरकार है जो मॉनसून सेशन के दौरान घटित राजनीतिक कदमों पर विंटर सेशन में दंड दे रही है. विपक्षी सांसदों ने कहा, "ये गूंगी बहरी सरकार है. हमारे अधिकारों का हनन कर रही है. जिन MLA ने हमे चुना है, उसका अपमान है. सब जगह लोग मर रहे हैं. नोटबन्दी , सीएए और किसान के मुद्दे पर लोग मरे, अब इनको माफी मांगनी चाहिए."
गौरतलब है कि 12 विपक्षी सांसदों को अगस्त में आयोजित पिछले मॉनसून सत्र के दौरान उनके खराब आचरण के कारण सोमवार को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. इनमें कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो, और भाकपा तथा माकपा के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम ने कहा कि सदन में सभी सांसदों को रहना चाहिए. चाहे कोई बिल हो या ना हो. पीएम ने सख़्ती से कहा कि सांसद अपने में परिवर्तन लाएं नहीं तो परिवर्तन अपने आप हो जाएगा.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र के दौरान सांसदों की गैरहाजिरी पर सख्त रुख अख्तियार किया है. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा कि सदन में सभी सांसदों को रहना चाहिए. चाहे कोई बिल हो या ना हो. पीएम ने सख़्ती से कहा कि सांसद अपने में परिवर्तन लाएं नहीं तो परिवर्तन अपने आप हो जाएगा. पीएम ने बीजेपी सांसदों से कहा, 'कृपया संसद और बैठकों में नियमित रूप से उपस्थित रहे. बच्चों की तरह इस बारे में लगातार जोर देना मेरे लिए अच्छा नहीं है. अगर आप खुद को नहीं बदलते हैं तो आने वाले समय में बदलाव होंगे. '
पीएम का यह सख्त रुख ऐसे समय सामने आया है जब संसद के शीत सत्र में विपक्ष एकजुटता दिखाते हुए सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. विपक्ष की ओर से नगालैंड फायरिंग और सांसदों के निलंबन सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले, संसद के मॉनसून सेशन के दौरान भी राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की गैरहाजिरी के मसले पर पीएम ने नाराजगी जताई थी. सूत्रों ने यह जानकारी दी थी. मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन में बिल पारित होते समय कई सांसद मौजूद नहीं थे, इसे लेकर पीएम ने सख्त रुख अपनाया था. यही नहीं, उन्होंनेसंसदीय दल की बैठक में राज्यसभा से गैरमौजूद रहे सांसदों के नाम भी मांगे थे.
मुख्यमंत्री राइस मिलर्स एसोसिएशन सम्मान सम्मारोह में हुए शामिल
राज्य में कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रूपए से बढ़कर अब 120 रूपए प्रति क्विंटल
रायपुर /शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी स्थित एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। समारोह में मुख्यमंत्री बघेल को राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा राज्य में कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए किए जाने पर अभिनंदन करते हुए स्मृति चिन्ह सौंपा गया।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चन्द्राकर, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, प्रमोद अग्रवाल, रोशन चन्द्राकर सहित प्रदेशभर से एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में किसानों के साथ-साथ राइस मिलर्स का भी अहम स्थान है। इसकी मजबूती के लिए हमारी सरकार द्वारा किसानों के साथ-साथ राइस मिलरों को भी मजबूत करने के लिए हरसंभव पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के चौतरफा विकास के लिए कृत-संकल्पित है। इसका आशय हम केवल किसानों की उत्पादकता और आय में बढ़ोत्तरी के लिए ही काम नहीं कर रहे है, बल्कि कृषि क्षेत्र से जुड़े हर उद्योग और उद्यम के विकास के लिए भी काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल धान का उत्पादन बढ़ रहा है। वर्ष 2018 में हम लोगों ने 80 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की थी, 2019 में हमने 83 लाख मीटरिक टन धान खरीदा, 2021 में 92 लाख मीटरिक टन धान की रिकार्ड खरीदी हुई। इस साल हमारा अनुमान 01 करोड़ 05 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का है। उन्होंने बताया कि हर बार की तरह कठिन चुनौतियों के बावजूद राज्य में रिकार्ड धान खरीदी का कार्य निरंतर जारी है। प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर सुचारू रूप से धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार सवा पांच लाख गठान जूट बारदाने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक केवल 86 हजार गठान जूट बारदाने की आपूर्ति की गई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राइस मिलों का सीधा संबंध हमारे खेतों से हैं। राइस मिलों की समस्याएं भी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई समस्याएं ही हैं। इसीलिए हमने वादा किया था कि राइस मिलों से जुड़ी हर समस्या का निराकरण पूरी संवेदना और प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। हमने अपने वादे को पूरा करते हुए कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रुपए से बढ़ाकर अब 120 रुपए कर दी है। इसी तरह बारदानों की कीमत भी 18 रुपए से बढ़ाकर 25 रुपए कर दी है। समारोह को सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष अग्रवाल, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष देवांगन ने भी सम्बोधित किया।
कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर सहित डॉ. सक्सेना एवं वैज्ञानिक कौशिक हुए सम्मानित
रायपुर /शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित किसान समिट एवं अवार्ड समारोह में ऑनलाईन कृषि बाजार ई-हाट एप विकसित करने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर सहित डॉ. आर. आर. सक्सेना एवं वैज्ञानिक अभिजीत कौशिक को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि का चेक भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिवार को बधाई और शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित ई-हाट एप छोटे एवं भूमिहीन किसानों के लिए एक ऑनलाइन कृषि बाजार है, जहां यह फलों सब्जियों अन्य कृषि उत्पादों को खरीद सकते हैं या दे सकते हैं या विज्ञापन कर सकते हैं। यह ऐप कृषि उत्पादों रचनात्मक वस्तुओं और छोटे घरेलू उत्पादों को खरीदने के लिए एक बड़ा ऑनलाइन बाजार का अवसर उपलब्ध कराता है।
यह किसानों को अपने छोटे कृषि उत्पादों को बेचने के लिए प्रोत्साहित करता है और अपनी आप के साथ-साथ गैर-किसान उपयोगकर्ताओं को अपने कौशन को बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि बाजार की समस्या के बारे में सोचे बिना बहुत छोटे प्रयासों के साथ पैसे कमा सके। इस ऐप की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि युवाओं को ऑनलाइन बाजार और रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं के बीच संचार भी प्रदान करता है। इस एप्लिकेशन का मुख्य उद्देश्य किसानों को व्यापार के लिए प्रोत्साहित करना है और उन्हें अपने उत्पादों के लिए कीमत निर्धारित करने का प्लेटफार्म देता है। एप्लिकेशन में लेनदेन की पूरी प्रक्रिया में बिचौलिया को पूरी तरह से बाहर करता है।
रायपुर /शौर्यपथ /
कृषि के क्षेत्र में नवीनत्म तकनीक का समावेश कर कृषक लीलाराम साहू ने बैंगन की नई किस्म ईजाद की है। इसे निरंजन बैंगन का नाम दिया गया है। इसकी खासियत यह है कि देश मे उत्पादित विभिन्न प्रजातियों के बैंगन में से इसकी लंबाई सर्वाधिक हैं। इसकी लंबाई अधिकत्म दो फीट तक हो सकती है। धमतरी जिले के कुरूद निवासी लीलाराम को उसकी इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा साहू को उनके ‘निरंजन‘ बैंगन के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
लीलाराम ने उत्कृष्ट सब्जीवर्गीय उत्पादन के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, इनमें से एक निरंजन बैंगन है। इसमें बीज की मात्रा कम और पल्प अधिक होता है, जिसके कारण यह बेहद स्वादिष्ट होता है। सब्जी उत्पादक कृषक श्री लीलाराम साहू ने बताया कि इसे तैयार करने के लिए उन्होंने पारम्परिक रूप से देशी सिंघी भटा के बीज तैयार करने के लिए शुद्ध घी 100 ग्राम, शहद 200 ग्राम, बरगद के पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी 500 ग्राम, गोमूत्र 2400 ग्राम, गोबर 1200 ग्राम में आवश्यक पोषक तत्व मिलाया जाता है। उपचारित बीज का प्रसंस्करण किया गया। इसके बाद बीजों में अंकुरण ज्यादा लाने, निरोग बनाए रखने, फल की लम्बाई में वृद्धि करने व गुदा की मात्रा बढ़ाने और स्वाद में बढ़ोतरी करने का कार्य भी किया गया। परिणामस्वरूप नवाचारी गुण से परिपूर्ण बैंगन की नई किस्म विकसित हुई। उन्होंने बताया कि इस बैंगन का नाम निरंजन उन्होंने अपने-अपने पिताजी के नाम पर किया है।
उक्त नवाचारी बैंगन के बीज को उनके द्वारा धमतरी सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों को हर साल निःशुल्क वितरण किया जाता है। आज निरंजन बैंगन की खेती छत्तीसगढ़ के अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र सहित केरल राज्य में भी की जाती है। बैंगन की उक्त प्रजाति के लिए राष्ट्रीय नवप्रवर्तक संस्थान अहमदाबाद के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन के उपरांत साल-2017 में पेटेंट भी किया गया था।
रायपुर /शौर्यपथ /
बालिकाओं को शिक्षा के साथ आत्मरक्षा और विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने की जानकारी भी होनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार बालिकाओं को समय-समय पर आत्मरक्षा और खुद के बचाव के तरीके सिखाने के लिए कार्यक्रम और प्रशिक्षण का आयोजन करती रहती हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने भी बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण और जानकारी देनेे के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कोरबा जिले में संचालित बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों को आपातकालीन परिस्थितियों में आग लगने पर बचाव के तरीके सिखाने मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉकड्रिल में बालिकाओं को आग लगने पर परिस्थितियों का धैर्यपूर्वक सामना करने और उसके समाधान के बारे में पूरी जानकारी दी गई।
बालिका गृह सुमति सामुदायिक विकास संस्था कोरबा में रहने वाली बालिकाओं ने इस मॉकड्रिल से आग से खुद को और दूसरों को बचाने के तरीके को प्रयोगात्मक प्रदर्शन में शामिल होकर सीखा। इस दौरान अग्निशामक टीम के प्रमुख जिला नगर सेनानी कमांडेंट श्री पी. वी. सिदार ने बालिकाओं को आग लगने के कारण, आग लगने के प्रकार-तरीके, आग बुझाने के लिए उपयोग किए जाने वाले तरीकों और अग्निशमन यंत्रों तथा किए जाने वाली रोकथाम और उपायों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में इस मॉकड्रिल में बालिकाओं के समक्ष विभिन्न प्रकार के अग्निशमन यंत्रों का प्रदर्शन भी किया गया।
अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि महाराष्ट्र में अभी तक एक भी व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया है. यह हास्यास्पद है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हम महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं. सरकार को तुरंत मुआवजा भुगतान करना शुरू करना चाहिए. राजस्थान सरकार से कहा कि अपनी सरकार को मानवीय बनने के लिए कहो.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
कोरोना से मौतों पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा (Covid Deaths Compensation) न देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों को फटकार लगाई है. कोविड से हुई मौत पर 50,000 रुपये का मुआवजा ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को मानवीय रुख अपनाने को कहा. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि महाराष्ट्र में अभी तक एक भी व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया है. यह हास्यास्पद है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हम महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा कि सरकार को तुरंत मुआवजा भुगतान करना शुरू करना चाहिए. राजस्थान सरकार से कहा कि अपनी सरकार को मानवीय बनने के लिए कहो. अदालतों द्वारा काम करने के लिए मजबूर करने के बाद ही राज्य सरकारें जागीं और ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किए. SC ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी. जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सख्ती करेंगे.
महाराष्ट्र सरकार के वकील सचिन पाटिल ने कहा कि हम जल्द ही अनुपालन पर एक हलफनामा दाखिल करेंगे. जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि आप इसे अपनी जेब में रखें और अपने सीएम को दें. महाराष्ट्र में 1 लाख से अधिक मौतें हुईं. लेकिन केवल 37,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं. लेकिन अभी तक एक भी व्यक्ति ने मुआवजा नहीं दिया गया है.
पश्चिम बंगाल में 19,000 से अधिक मौतें, लेकिन केवल 467 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अभी तक 110 लोगों ने मुआवजा दिया है. राजस्थान में लगभग 9,000 मौतें, लेकिन अब तक केवल 595 आवेदन प्राप्त हुए. अभी तक किसी को नहीं मुआवजा नहीं दिया गया है. उत्तर प्रदेश में 22,000 मौतें हुई हैं. 16,518 आवेदन प्राप्त हुए और 9,372 को मुआवजा मिला है. अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.