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व्यवस्थित धान उपार्जन के लिए सभी जरूरी सुविधाएं
किसानों ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार
धमतरी /शौर्यपथ /
धमतरी के पोटियाडीह धान उपार्जन केंद्र में तार फेंसिंग, रात में प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा के लिए चौकीदार, 25 हमाल, स्टेकिंग के लिए पर्याप्त बोरियाँ, बारदाने, धान की सुरक्षा के लिए तिरपाल इत्यादि व्यवस्थाओं के साथ एक दिसंबर से चालू खरीफ विपणन वर्ष में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार के निर्णय अनुसार किसानों की सुविधा के लिए जिले में इस साल खोले गए सात नए उपार्जन केंद्रों में से पोटियाडीह भी एक है, जहां समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी सुचारू तरीके से की जा रही है। हटकेशर से लगभग आठ किलोमीटर दूर आमदी धान खरीदी केंद्र की जगह, पास में बने पोटियाडीह धान उपार्जन केन्द्र में अपना 40 किव्वटल धान बेचने पहुंचे 75 वर्षीय जेठूराम साहू काफी खुश नजर आए। उनका कहना है कि एक लंबे अरसे से किसानों को लंबी दूरी तय करते हुए आमदी तक जाना पड़ता था और काफी असुविधाओं को सहकर धान बेचना पड़ता था। मगर राज्य शासन से इस साल पोटियाडीह में नया उपार्जन केंद्र खोलने का आदेश मिलते ही किसानों ने राहत की सांस ली। वे इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी करते हैं।
इसी तरह रत्नाबांधा के 73 वर्षीय किसान मोतीराम साहू कहते हैं कि प्रदेश सरकार का मुख्यमंत्री की अगुवाई में पोटियाडीह में धान उपार्जन केंद्र खोले जाने का फैसला सभी किसानों के लिए खुशियों भरा पैगाम लाया। अब हटकेशर, रत्नाबांधा, मुजगहन और पोटियाडीह के किसानों को आमदी खरीदी केंद्र जाने की जरूरत नहीं। केन्द्र खुलने से ना केवल फासला कम हुआ बल्कि यह केंद्र नया होने के बाद भी, सुव्यवस्थित धान खरीदी होने से किसानों में काफी संतोष है। अपने चार एकड़ के रकबे में उन्होंने फसल उगाई और केन्द्र में 30 किं्वटल धान को बिना किसी दिक्कत के समर्थन मूल्य पर बेचने और गत वर्ष राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत तीन किश्तों में राशि मिलने से भी वे काफी खुश हैं। इसी तरह मुजगहन के किसान अरूण कुमार सेन, जेठू साहू, हेमंत ध्रुव आदि भी उपार्जन केंद्र पोटियाडीह में खोले जाने से काफी प्रसन्न हैं। गौरतलब है कि इस केंद्र से पोटियाडीह के 666, मुजगहन के 642, हटकेशर के 209 और रत्नाबांधा के 36 किसानों के कुल 1149 हेक्टेयर रकबे में उपजे 43 हजार क्विटल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का अनुमान है। इस नए केंद्र के खुलने से क्षेत्र के किसान काफी खुश हैं।
गरियाबंद /शौर्यपथ /
गरियाबंद जिले में कानून व्यवस्था सुव्यवस्थित बनाये रखने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पुलिस अधीक्षक जे.आर. ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, अपर कलेक्टर जे.आर. चौरसिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रेश कुमार ठाकुर और सभी एसडीएम सम्मिलित हुए। कलेक्टर क्षीरसागर ने अधिकारियों को जिले में बेहतर कानून व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने धान खरीदी के दौरान उत्पन्न स्थिति पर विशेष नजर रखने, उपार्जन केन्द्रों में बेहतर व्यवस्था, किसान पंजीयन, धान बिक्री हेतु टोकन वितरण, बैंकों से किसानों को राशि भुगतान आदि के संबंध में किसी प्रकार की कमी होने पर प्रशासन के संज्ञान में लाने की बाते कही। उन्होंने कहा कि कोई भी सहकारी समिति प्रशासन के संज्ञान में लाये बिना धान खरीदी बंद नहीं कर सकती। उन्होंने हर ऐसी घटनाओं पर भी बारीकियों से नजर रखने कहा, जिससे जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है। पुलिस अधीक्षक ठाकुर ने अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए जिले में बेहतर कार्य प्राणाली विकसित करने, निचले स्तर के अधिकारियों के मार्फत ही समस्या का समाधान होने पर बल दिया। बैठक में संयुक्त कलेक्टर ऋषा ठाकुर सहित समस्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /
जल संसाधन विभाग मंत्रालय द्वारा बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड स्थित डोटू नाला पर हड़गांव-केचवई एनीकट कम रपटा निर्माण के लिए 2 करोड़ 38 लाख 44 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता महानदी-गोदावरी कछार रायपुर को प्रदान की गई है। इस एनीकट कम रपटा के निर्माण से भू-जल संवर्धन, पेयजल के साथ-साथ कृषकों को आवगमन एवं स्वयं के साधन से 60 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
रायपुर /शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के गांवों का सामाजिक ताना-बाना आज भी जीवंत है। गांव की सामाजिक संरचना में लोगों में परस्पर आपसी संबंध और भाईचारा अभी भी बना हुआ है। खेती किसानी और इनसे जुड़े काम में एक दूसरे की निर्भरता इन्हें आपस में जोड़े रखती है। गांव में कुम्हारी, बढ़ाईगिरी, लोहारी, चर्मशिल्प, तेलपेराई, धोबी जैसे कई व्यवसाय ग्रामीण जन-जीवन से सीधे जुड़े हैं।
साप्ताहिक बाजार और पौनी पसारी परम्परा छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। वर्तमान परिस्थिति में गांव में पौनी-पसारी की परम्परा भले ही कमजोर हुई हो, लेकिन आज भी यह मौजूद है। गांव में जब तक यह परम्परा सुदृढ रही, लोगों को अपने काम काज के लिए भटकना नहीं पड़ा। बदलती हुई परिस्थतियों में भी गांव के कमजोर तबकों को रोजगार दिलाने में पौनी पसारी व्यवस्था महत्वपूर्ण रही है इसलिए राज्य सरकार इस परम्परा को पुनर्जीवित कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा हाल में ही गांवों में रहने वाले भूमिहीन मजदूरों और शिल्पियों के जीवन में उजियारा लाने के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों और पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को साल में 6 हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े व्यवसायों को मजबूत करने के लिए तेलघानी, चर्मशिल्प, लौहकर्म और रजककार बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इन बोर्डो के गठन की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। इन दोनों योजनाओं का व्यापक असर ग्रामीण जनजीवन पर पड़ेगा। गांव में रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी बढ़ेगे। इससे परम्परागत व्यवसाय से जुड़े लोगों को बड़ा सहारा मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में नई सरकार के गठन के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की पहल से ग्रामीण जन जीवन में नई चेतना आयी है। सुराजी गांव योजना से एक तरफ जहां खेती किसानी की ओर फिर से किसान अग्रसर हुए, वहीं न्याय योजनाओं से उनकी आर्थिक स्थिति और रहन सहन में काफी परिवर्तन आ रहा है। गांवों के गौठानों में गोधन न्याय योजना में खरीदे गए गोबर से महिला समूहों को वर्मीकम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट तैयार करने में रोजगार दिया जा रहा है।
पौनी पसारी योजना में इन कार्यों से जुुड़े लोगों के लिए नगर-निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में नए बाजार बनाए जा रहे हैं, जिससे इन लोगों को अपने काम-काज के लिए सुविधाजनक स्थान मिल सके। उन्हें अपने कारोबार के जरिए नियमित रूप से आमदनी मिल सके। इस योजना में असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसायी एवं स्व-सहायता समूहांे की महिलाओं को सघन शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय के लिए दस रूपए दैनिक शुल्क पर चबूतरा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इस योजना में लगभग 12000 स्थानीय बेरोजगारों व उनके परिवारजनों को उनके निवास के समीप ही स्थाई रोजगार मिल रहा है। योजना के तहत 261 पौनी पसारी बाजार स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 58 पूर्ण कर लिए गए हैं तथा 107 निर्माणाधीन हैं।
राज्य सरकार द्वारा हाल में ही शुरू की गई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में भी भूमिहीन मजदूरों के साथ पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को भी सालाना 6 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। राज्य में इस योजना से 10 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ ही गांव के लोहार, नाई, धोबी, बढ़ई, चर्मशिल्प और पुरोहित का कार्य करने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। आर्थिक सहायता को लेकर गांव-गांव में मजदूर वर्गों में खुशी का माहौल है। उन्हें अब अपने परिवार के भरण पोषण के लिए यह सहायता राशि काम आएगी। मजदूरों को आर्थिक सहायता देने की पहल देश में सबसे पहले छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई है। इस योजना में मिलने वाली राशि से उन्हें नया संबल मिलेगा। जनता से सरकार का रिश्ता और मजबूत होगा।
औद्योगीकरण, शहरीकरण की मार झेल रहे तेलघानी, चर्मशिल्प, रजककार और लौह शिल्प व्यवसायों को बोर्डों के गठन से फिर से पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। इन व्यवसायों से जुडे बोर्डो के माध्यम से शिल्पकारों को स्वरोजगार के लिए सहायता दी जाएगी। साथ ही उनके लिए बाजार की व्यवस्था, व्यवसायों को बढ़ाने और वेल्यूएडिशन के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी। शिल्पियों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। रोजगार और व्यवसाय बढ़ने से इन शिल्पियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। उनके काम काज की कार्यकुशलता में सुधार होगा और इन शिल्पियों के रोजगार को अधिक लाभदायक बनाने में मदद मिलेगी।
जगदलपुर /शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ शासन के आदेशानुसार 18 दिसम्बर को गुरू घासीदास जंयती के अवसर पर अवकाश घोषित करने के उपरांत शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रजत बंसल ने 18 दिसम्बर को ’’गुरू घासीदास जंयती’’ के अवसर पर बस्तर जिले में शुष्क दिवस घोषित किया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने बस्तर जिले में स्थित सभी प्रकार की मदिरा दुकानें एवं लायसेंस अर्थात् देशी मदिरा सी.एस.2 (घघ), विदेशी मदिरा एफ.एल.1 (घघ), एफ.एल. 3 (होटल बार), एफ.एल. 7 (सैनिक कैंटिन) एवं मद्य भण्डारण भण्डागार जगदलपुर कोे गुरू घासीदास जंयती के अवसर पर 17 दिसम्बर को निर्धारित समयावधि के पश्चात 18 दिसम्बर को पूर्णतः बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने धान उपार्जन केन्द्र चरौदा में धान बेचने आए किसानों से चर्चा की
महासमुंद /शौर्यपथ /
कलेक्टर डोमन सिंह ने बागबाहरा विकासखण्ड के धान उपार्जन केन्द्र चरौदा का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने धान उपार्जन केंद्रों में धान बेचने आए किसानों से मुलाकात कर उनसे धान उपार्जन केन्द्र में लाये गये धान की मात्रा, धान का उत्पादन, धान का समर्थन मूल्य इत्यादि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने पुराने बारदाने की कीमत प्रति बारदाने 18 रूपये से बढ़ाकर 25 रूपये प्रति बारदाने कर दी है। किसानों को स्वयं के बारदाने में धान बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संबंधित अधिकारियों एवं धान उपार्जन केंद्र के प्रभारी अधिकारी को निर्देश दिए।
कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्र में आर्द्रता मापी के माध्यम से धान की नमी मापी। उन्होंने शासन के नियमानुसार धान के सूखत होने पर किसानों से धान खरीदने को कहा। धान खरीदी केन्द्र के लिए गठित निगरानी समिति, कैप कव्हर, ड्रेनेज सिस्टम, लाईट, पेयजल, छांव, कम्प्यूटर, इंटरनेट, धान खरीदी केन्द्र में गाड़ी आने-जाने की व्यवस्था एवं बारदानें की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को धान का उठाव (परिवहन) शीघ्र करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राकेश कुमार गोलछा, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर, नेहा भेड़िया सहित जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
जांजगीर-चांपा /शौर्यपथ /
संचालनालय, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सौर जनजाति का फोटो हैण्डबुक तैयार किया जाएगा। इसके लिए जिले यदि इस जनजाति के लोग निवासरत हैं तो उन्हें अपने निवास की जानकारी देने फोन नंबर जारी किया गया है।
जनगणना 2011 के अनुसार जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले में यह जनजाति निवासरत है। स्थानीय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग और मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्राप्त जानकारी में इन जनजाति से संबंधित परिवार के निवासरत् होने संबंधी प्रमाण नही मिले हैं।
सौर जनजाति से संबंध रखने वाले परिवार / व्यक्तियों से अनुरोध किया गया है कि वे कार्यालय, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान क्षेत्रीय इकाई बिलासपुर छत्तीसगढ़ मोबाइल नंबर- 8889729886 और 9993646048 से सम्पर्क करें ताकि उक्त जनजाति की फोटो हैण्डबुक तैयार की जा सके।
महासमुंद /शौर्यपथ /
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन में सोमवार 06 दिसम्बर को सी.जी. स्वान कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये महासमुन्द जिले के बसना नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 09 में पार्षद पद के उप निर्वाचन हेतु तहसील स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। जिला मास्टर ट्रेनर्स तोषण गिरी गोस्वामी ने तहसील स्तर के मास्टर ट्रेनर्स को मतदान तथा मतगणना प्रक्रिया के संबंध में पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा भेड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
धमतरी /शौर्यपथ/
जलजीवन मिशन के तहत जिला जल एवं स्वच्छता समिति की साप्ताहिक समीक्षा बैठक आज सुबह कलेक्टर पी.एस. एल्मा की अध्यक्ष्ता में आहूत की गई, जिसमें उन्होंने रेट्रोफिटिंग जलप्रदाय योजना, सिंगल विलेज योजना, सोलर आधारित पेयजल योजना की कार्य-प्रगति की जानकारी ली। बैठक में कार्यपालन अभियंता एवं सदस्य सचिव ने तकनीकी स्वीकृति प्राप्त 05 सिंगल विलेज योजना के अनुमोदन का प्रस्ताव रखा, जिस पर कलेक्टर ने अपनी सहमति दी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह आयोजित बैठक में कलेक्टर ने गौठानों में पेयजल सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रस्ताव तैयार करने निर्देश कार्यपालन अभियंता को दिए, साथ ही निविदा की समस्त प्रक्रिया पूर्ण हो चुके कार्यों को जल्द से जल्द प्रारम्भ कराने के लिए निर्धारित समय-सीमा में ठेकेदारों से कार्य प्रारम्भ कराने के लिए भी कहा। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि योजना के दायरे में छूटे हुए स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और सामुदायिक भवनों का शत-प्रतिशत कव्हरेज हो। इसके अलावा बैठक में कलेक्टर ने योजना के तहत सभी जलप्रदाय योजनाओं की सिलसिलेवार समीक्षा करते हुए अप्रारम्भ कार्यों को शीघ्रता के साथ शुरू कराने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत की सी.ई.ओ. प्रियंका महोबिया सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सहयोग राशि प्रदान कर गृह मंत्री ने सैनिकों के पराक्रम को किया याद
रायपुर /शौर्यपथ /
सैनिकों के साहस और वीरता से मिलती है देश प्रेम की सीख: गृहमंत्री
सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सेना के पराक्रम को याद किया। अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री साहू ने अपने संदेश में कहा कि भारतीय सैनिकों के साहस और वीरता से हमें देश प्रेम की सीख मिलती है। सेना द्वारा समय-समय पर किए गए महान कार्य और राष्ट्र की रक्षा के लिए दी गई बलिदानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सशस्त्र सेना झंडा दिवस का यह दिन भी हमें सैनिकों और उनकी भावनाओं से जुड़कर राष्ट्र प्रेम के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित करता है। गृहमंत्री साहू ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए सहयोग राशि भेंट करते हुए कहा कि देश की सेवा करने वालों के सहयोग के लिए हम सभी को हमेशा तत्पर रहना चाहिए। इस दौरान उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान भी किया। इस अवसर पर संचालक सैनिक कल्याण छत्तीसगढ़ ब्रिगेडियर विवेक शर्मा, विशिष्ट सेवा मैडल, सूबेदार मेजर वेद प्रकाश साहू, हवलदार बी रवि, सी एल साहू, के एस आर मूर्ति, हवलदार नवल कुमार सहित भूतपूर्व सैनिक आदि उपस्थित थे।