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नई दिल्ली/शौर्यपथ / NDA में महिलाओं को प्रवेश का मामले में नया अपडेट सामने आया है. नेशनल डिफेंस अकादमी मई 2022 में महिलाओं को प्रवेश परीक्षा में बैठने की इजाजत देगी. इस तरह जनवरी 2023 में महिला कैडेटों के अपने पहले बैच की ट्रैनिंग के लिए तैयार होगी. महिलाओं को NDA की परीक्षा में शामिल किए जाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर ये जानकारी दी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र से भविष्य में उठाए जाने वाले कदम को लेकर जानकारी मांगी थी. हलफनामे में सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि रक्षा सेवाओं द्वारा एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों के संयुक्त रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान और अधिकारियों के एक बोर्ड (वरिष्ठ लोगों की एक टीम) और विशेषज्ञ शामिल हैं, जो महिला कैडेटों के लिए व्यापक पाठ्यक्रम तैयार करेंगे. अधिकारियों को NDA में महिला कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए एक समग्र और भविष्य का प्रस्ताव देने के लिए बुलाया गया है.
हलफनामे में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पहले बैच में कितनी महिला कैडेटों को प्रशिक्षित किया जाएगा, लेकिन बताया गया है कि ये भर्ती कैडर अनुपात और वांछित कैडर संरचना, विशिष्ट सेवा अकादमी में कैडर रखने की क्षमता, रोजगार आदि सहित कई कारणों पर निर्भर करेगी. हलफनामे में कहा गया है कि पुरुषों के लिए तो पहले ही NDA के लिए शारीरिक मानदंड बनाए गए हैं. अब महिला अफसरों के लिए भी उपयुक्त चिकित्सा मानक तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. अकादमी में शामिल होने से पहले उन्हें ऐसा करने की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशालय और विशेषज्ञों का निकाय तीनों रक्षा सेवाओं के लिए आवश्यक अभ्यास करेगा और उनकी उम्र, प्रशिक्षण की प्रकृति जैसे विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा मानकों का निर्धारण और निर्माण करेगा. थल सेना, नौसेना और वायु सेना की कार्यात्मक और परिचालन संबंधी आवश्यकताएं भी देखी जाएंगी.
हलफनामे में आगे कहा गया है कि आवास, प्रशिक्षण क्षमता, सुरक्षा और निजता, रहने के क्वार्टरों , संबंधित भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपायो, लिंग विशिष्ट सहायक आवश्यकताओं आदि के संदर्भ में अतिरिक्त प्रशासनिक और विविध आवश्यकताओं आदि से संबंधित विभिन्न सुविधाओं का काम किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि महिला उम्मीदवारों के आवास के प्रमुख पहलुओं में से एक पुरुष और महिला आवासीय क्षेत्रों के बीच एक मजबूत दूरी रखना है. दरअसल, 18 अगस्त को अदालत ने निर्देश दिया था कि महिलाएं आगामी NDA परीक्षा में भी बैठ सकती हैं. इस अंतरिम निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने 8 सितंबर को स्वीकार किया कि उसने महिला कैडेटों के लिए एनडीए के दरवाजे खोलने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है, लेकिन वो इस साल के प्रवेश के लिए छूट चाहती है, जिसके लिए नवंबर नें परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं. मामले की सुनवाई 22 सितंबर को तय की है.
NDA के मौजूदा निदेशक भारतीय नौसेना के कैप्टन शांतनु शर्मा की ओर से दाखिल हलफनामे के मुताबिक- यहां महिला कैडेट्स को सेना के तीनों अंगों में अफसर बनाने के लिए समग्र ट्रेनिंग के इंतजाम और उनके मानक तय किए जा रहे हैं. महिला कैडेट्स के लिए स्क्वाड्रन बिल्डिंग में रहने के केबिन आदि के इंतजाम के अलावा अर्दली, ड्यूटी अफसर और ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स के अलावा प्रशासनिक और अन्य प्रकार की ट्रेनिंग के मानदंड भी बनाए जा रहे हैं. इनके अलावा अकादमी और खडकवासला के मिलिट्री अस्पताल में गायनिकोलोजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स मेडिसिन एक्सपर्ट्स, काउंसलर, नर्सिंग स्टाफ और लेडी एटेंडेंट्स की भी आवश्यकता के मुताबिक भर्ती की जा रही है. एएसजी ऐश्वर्या भाटी के जज्बे की तारीफ करते हुए हलफनामे में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि अब इस कदम के बाद कोर्ट इस मामले का निपटारा कर दे क्योंकि याचिका का मकसद पूरा हो गया है. दरअसल कुश कालरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महिलाओं को भी NDA में प्रवेश के निर्देश देने की मांग की थी.
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