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नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि गांधी/नेहरू फैमिली पार्टी के लिए वोट दिलाने वाली रही है और देश के निर्माण में इसका अहम योगदान रहा है, ऐसे में उन्हें लगता है कि पार्टी के नेतृत्व को लेकर चर्चाओं के बीच सोनिया गांधी को इस समय कार्यकारी अध्यक्ष बने रहना चाहिए. 'शॉटगन' के नाम से लोकप्रिय बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न ने यह बात विशेष बातचीत में कही. बातचीत के दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर राय रखी. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कांग्रेस के नेतृत्व के जुड़े मसला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और इसका सर्वसम्मत समाधान निकल आएगा.
बीजेपी से कांग्रेस की ओर रुख करने वाले शत्रुघ्न ने कहा, 'मैं इस पार्टी में नवप्रवेशी हूं. मुझे कांग्रेस में आए हुए दो वर्ष भी नहीं हुए हैं. इस लिहाज से मैं टर्निंग नहीं लर्निंग फेस से भी गुजर रहा हूं.' उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जो अपील की, उससे मैं पूरी तरह सहमत हूं कि सोनियाजी को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बने रहना चाहिए.शत्रुघ्न यह कहने से भी नहीं चूके कि राहुल गांधी नेशनल आईकॉन हैं, उन्हें ट्राई किया जा चुका है और पार्टी के लिए जो कुछ करके दिखाया, उससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन अभी यह सोचता हूं कि देश के सबसे विद्वान पीएम में से एक मनमोहन सिंहजी ने जो कहा है और सुझाया है कि सोनिया जी को कार्यकारी अध्यक्ष बने रहना चाहिए.
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस में इस समय बहुत ज्यादा खामोशी नहीं है कि किसे पार्टी संभालना चाहिए, इस पर 'शत्रु' ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इस मसले का समाधान हो जाएगा. कांग्रेस पार्टी को अब अध्यक्ष के रूप में 'नॉन गांधी' के बारे में नहीं सोचना चाहिए, इस सवाल पर सिन्हा ने कहा, 'क्यों नहीं हो सकता. न मैं अध्यक्ष पद की दौड़ में हूं, न बनना है और न ही किसी ने मुझे बनाना है लेकिन पार्टी में ऐसी क्षमता रखने वाले कई काबिल लोग है. पत्र लिखा गया तो मैं कहना चाहता हूं कि यह मीडिया के लिए नहीं बल्कि पार्टी के हित में लिखी गई.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस, इस फैमिली (गांधी/नेहरू) के साथ जुड़े हुए और निर्भर रहे हैं. वे पार्टी को वोट दिलाने वाले और राष्ट्र का निर्माण करने वाले हैं. नेहरू जी के नेतृत्व में देश का बहुत विकास हुआ, इसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल में भी काफी काम हुआ.
कांग्रेस पार्टी में इस समय युवा और बुजुर्ग नेताओं को लेकर चल रही बहस को लेकर उन्होंने कहा कि यह सही है कि बुजुर्गों को युवाओं के लिए जगह छोड़ना चाहिए और यह जितना जल्दी हो बेहतर है. देश को मजबूत कदमों से आगे बढ़ाएं लेकिन इसके साथ भी यह भी कहना चाहूंगा कि यंग जनरेशन के पास जोश और ऊर्जा है लेकिन उनहें अनुभव की भी जरूरत हो. ऐसे में मेरा मानना है कि युवा और बुजुर्गों में समन्वय होना चाहिए.
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