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संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों में बाढ़ विपदा की आशंका को देखते हुए ओडिसा के मुख्यमंत्री से की चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अनुरोध पर ओडिसा के मुख्यमंत्री ने हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने के दिए निर्देश
ओडिसा के मुख्यमंत्री की बाढ़ रोकने की पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया आभार प्रकट
पहली बार दोनो राज्यों की जनहितैषी सरकारों के मध्य अपूर्व सामंजस्य से लोकहित में लिया गया त्वरित निर्णय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों के अंतर्गत रायगढ़ के गांवों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर त्वरित गति से पहल करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से गत रात्रि चर्चा कर हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का अनुरोध किया जिससे बाढ़ की संभावित आपदा से बचाव हो सके।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर ओडिसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोनों प्रदेशों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का आदेश दिया जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में होने वाली जन-धन की संभावित हानि से ग्रामवासियों का बचाव हो सके ।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की इस संवेदनशील पहल के लिए उन्हें हृदय से आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रतिवर्ष भारी बारिश की वजह से हीराकुड बांध के डुबान क्षेत्र में आने के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों को बाढ़ की विपदा झेलनी पड़ती थी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो राज्यों में जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाली जनहितैषी सरकारों के रहने से पहली बार दोनो राज्यों के मध्य अपूर्व सामंजस्य के साथ त्वरित निर्णय लेकर लोकहित में कार्य किए जा रहे हैं। दोनो राज्यों की सरकारों के मध्य ऐसा सामंजस्य पहली बार देखा जा रहा है जिसका यह सुपरिणाम है की अब दोनो राज्यों में प्रत्येक वर्ष भीषण रूप से बाढ़ग्रस्त रहने वाले क्षेत्र वर्तमान में बाढ़ की विपदा से ग्रस्त नही है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अनुसूचित और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में तैनात डाक्टरों के वेतन में 46 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और स्वास्थ्य विभाग ने उठाया बड़ा कदम उठाया है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।
प्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतन अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया बनी लोगों का आशा का केंद्र
समस्या सुनते ही आधी रात की गई त्वरित निराकरण
मुख्यमंत्री साय का जताया आभार
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर बेहद ही संवेदनशील है, यही वजह है कि लोक कल्याण के कार्यों में तेजी आई है तथा तत्काल समय पर समाधान भी मिल जाता है। आमजनों की समस्याओं के त्वरित निराकरण होने से लोगों में बहुत उत्साह है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी अमला आम आदमी को राहत पहुंचाने पूरी तरह से सक्रिय है। दिन हो या रात समय की परवाह किए बिना समस्या का त्वरित गति से निराकरण किया जाता है। बिजली की समस्या से जूझ रहे पत्थलगांव क्षेत्र के कुछ ग्रामीण इलाकों को आधी रात को भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भेजे एक व्हाट्सऐप मैसेज से राहत मिल गई।
पत्थलगांव के सुरेशपुर, बहनाटांगर, सुसडेगा, मुड़ेकेला ग्रामीण क्षेत्र में बिजली समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों द्वारा गुरुवार की दरमियानी रात को मुख्यमंत्री कार्यालय में व्हाट्सअप मेसेज के जरिये बिजली गुल रहने सम्बन्धी समस्या की जानकारी दी गयी। कैंप कार्यालय के निर्देश पर आधी रात को बिजली कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में बिजली सुधार कार्य करवाकर बिजली को सुचारू रूप से चालु किया गया। बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय के माध्यम से एक व्हाट्सअप मेसेज पर समाधान मिलने पर नागरिकों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया है।
बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय में अब तक जशपुर सहित अन्य जिलों के बिजली व्यवस्था, राशन व्यवस्था, स्वास्थ्य लाभ, दिव्यांग व बुजुर्ग पेंशन संबंधित एव अन्य समस्त समस्याओं के समाधान की आस लेकर पहुंचने वाले हजारों लोगों को अब तक तत्काल राहत पहुंचाई जा चुकी है। गौरतलब है की मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के नागरिकों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है की आम नागरिक अपनी समस्या के समाधान के लिए सीएम कैम्प कार्यालय के टोल फ्री नंबर 07764-250061, 07764-250062, 07764-250068 पर घर बैठे कॉल कर सकते हैं। कॉल करने पर उनकी समस्या का समाधान के लिए तत्काल कार्यवाही की जाती है।
पहाड़ी कोरवा बस्ती में जनमन शिविर का आयोजन
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन परिवारों के लिए आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने के साथ-साथ उनकी स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड के ग्राम पंचायत बालादरपाठ में जनमन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें इन परिवारों की समस्याओं का समाधान किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों के आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हमारी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है और विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को बढ़ाकर उनके स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, आजीविका के नए अवसरों के सृजन के लिए कृषि और अन्य छोटे व्यवसायों के लिए सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे इन परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पहाड़ी कोरवा परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही, इनकी सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर को संजोने और उसे बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
प्रथम चरण में 189.43 किमी की 51 सड़कों का निर्माण शुरू
द्वितीय चरण में केन्द्र सरकार को 40 नवीन सड़कों के निर्माण का भेजा गया प्रस्ताव
रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहुंचविहीन पीवीटीजी बसाहटों को पक्की संपर्क सड़कों के जरिए मुख्य रास्तों से जोड़ा जा रहा है। पीएम जनमन के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से पक्की सड़कों का निर्माण कर विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों वाले बसाहटों के 100 या अधिक की आबादी वाली प्रत्येक बसाहट के लिए सड़क कनेक्टिविटी के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है। इन सड़कों से आवागमन सुलभ होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा, दैनिक कामकाज के लिए गांव से शहर आवागमन की बेहतर सुविधा लोगों को मिलेगी।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से प्रथम चरण में जिला सरगुजा में 189.43 किमी कुल लंबाई की 51 सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें से 47 सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। सड़क निर्माण हेतु की कुल स्वीकृत राशि 157.17 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के द्वारा ये सड़कें जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा की 54 बसाहटों से जुड़ेंगी, जिसकी स्वीकृति छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदान की गई है।
कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई ने बताया कि द्वितीय चरण में 148.99 किमी लंबाई की 40 नवीन सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इसमें प्रमुख रूप से उदयपुर विकासखंड में बकोई से भेलवाडांड 10.15 किमी, टी 01 भकुरमा रोड से बुले केदमा 9.82 किमी की सड़क को प्रस्ताव में शामिल किया गया है। अंबिकापुर में राम नगर से लुकुम घुटरा 4.92 किमी, मोहनपुर से कोरवा पारा 2.81 किमी, पंपापुर से हर्राघाट 3.42 किमी, लुण्ड्रा विकासखंड में डकई से डकई बेवरा 4.33 किमी, जरकेला से चेउरपानी 4.02 किमी, चित्तपुर से चेउरपानी 3.60 किमी, अजिरमाकला से मांझा बेवरा 3.50 किमी सड़क निर्माण किया जाना है।
इसी तरह सीतापुर विकासखंड में रजपुरी से बिजली चट्टान 5.90 किमी, बंशीपुर से अमगोड़हा 3.83 किमी, बतौली में टीरंग से इमलीटीकरा 7.00 किमी, घोघरा से परसाढाब 6.80 किमी, बांसाझाल से कदमहुआ 6.60 किमी, नकना से पहाड़पारा 6.30 किमी, बांसाझाल से आमपानी 5.50 किमी, टीरंग से खूंटापानी 5.30 किमी सड़क निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। इसी प्रकार सरमना से कोईलारढोंढी 4.00 किमी, विकासखंड लखनपुर में बेलदगी से मुड़ापारा 1.22 किमी तथा विकासखंड मैनपाट में कतकालो से लोटापानी 8.13 किमी, सुपलगा से हसियाखार 4.23 किमी, कदनई से सेमिडीह 4.20 किमी, पेंट से डाहुझरिया 3.00 किमी, कोट से गटीकोना 4.00 किमी सहित पूरे जिले में सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है।
रायपुर / शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले के बागतराई गांव के सभी घरों में अब नल के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचने लगा है। इससे गांवों की महिलाओं ने खुशी का माहौल है। पानी की व्यवस्था के लिए न उन्हें अब हैण्डपंप चलाने की झंझट रही, न ही कुंए से पानी निकालने की मशक्कत। बागतराई के ग्रामीण परिवारों को यह सुविधा जल जीवन मिशन के माध्यम से सुलभ हुई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। बागतराई के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए 240 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन एवं 4600 मीटर राइजिंग मेन पाइप लाइन बिछायी गई है। इससे गांव के 242 परिवारों को नल कनेक्शन से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने लगा है।
बागतराई निवासी श्रीमती रश्मि राजपूत अपने घर में नल से जल की आपूर्ति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि सरकार ने हम ग्रामीणों को बहुत बड़ी सुविधा उपलब्ध करा दी है। अब गांव के सभी घरों में नल से पानी आने लगा है। श्रीमती रश्मि ने बताया कि उनके विवाह को 11 वर्ष हो चुका है। उन्होंने यह नहीं सोचा था कि कभी उनके घर में नल लगेगा और पानी आएगा। लेकिन यह आज हकीकत बन गया है। श्रीमती रश्मि ने बताया कि पूर्व में कुएं, हैंडपंप और तालाब से पानी भरना पड़ता था, जिसमें मेहनत और काफी समय लगता था। सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल लगाकर पेय जल की समस्या का स्थायी निदान कर दिया है। उन्होंने गांव के प्रत्येक घर में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग में स्थित भगवान द्वारकाधीश के अवतार श्री बाबा रामदेव मंदिर, गंजपारा, दुर्ग का स्वर्ण जयंती महोत्सव (50वां वर्ष) एवं बाबा रामदेव जी का जन्मोत्सव दिनाँक 4 से 15 सितंबर तक बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है.
स्वर्ण जयंती महोत्सव का शुभारंभ बुधवार दिनाँक 4 सितंबर को दोपहर 3 बजे श्री सीताराम मन्दिर, गाँधी चौक, दुर्ग से भव्य कलश यात्रा के साथ होगा.
सकल समाज की महिलाओं द्वारा कलश यात्रा की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है, कलश यात्रा में सभी समाज की महिलाएं सैकड़ों की संख्या में कलश उठा रही है, कलश यात्रा दोपहर 3 बजे श्री राम मंदिर गांधी चौक से प्रारंभ होगी जोकि सदर बाजार, मोती काम्प्लेक्स, पुराना बस स्टैंड तहसील आफिस चौक, भाजपा कार्यालय के सामने से शनिचरी बाजार से सत्तीचौरा होते हुए श्री बाबा रामदेव मंदिर गंजपारा पहुचेगी. कलश यात्रा के पश्चात संध्या 6.30 बजे ध्वजारोहण एवम बाबा रामदेव जी की महाआरती की जावेगी, ततपश्चात संध्या 6.30 बजे श्री बाबा रामदेव मंदिर के निर्माण के आधार स्तंभो का सम्मान समारोह आयेाजित किया गया है जिसमें मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से लेकर आज तक के मंदिर में सहयोग एवम अपना विशेष समय देने वाले सम्मानित जनों का सम्मान किया जावेगा।
रात्रि 8.30 बजे से श्री बाबा रामदेवजी की संगीत मय अमृत कथा का प्रारंभ गणेश पूजा से प्रारंभ होगा जिसमें बाबा रामदेव जी की कथा में हरजी भाटी का पर्चा का वरण किया जावेगा, बाबा रामदेव जी की संगीतमय अमृत कथा प्रसिद्ध कथा वाचक श्री देव शास्त्री वृन्दावन के श्रीमुख से की जावेगी। जिसमें श्री बाबा रामदेव जी से जुड़ी समस्त कथाओं का वर्णन सुन्दर एवम मधुर भजनों के साथ किया जावेगा ।
शहर के विभिन्न स्थानों को विभन्न समाजों एवम सामाजिक संगठनों द्वारा कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया जावेगा कुछ स्थानों पर फूलों की वर्षा भी की जावेगी. स्वर्ण जयंती महोत्सव के अवसर पर श्री बाबा रामदेव मंदिर, में विशेष एवं आकर्षित साज-सज्जा, विशेष पंडाल एवं पूरे सत्तीचौरा मार्ग पर हर घरों में लाइट लगवाई गयी है, पूरे गंजपारा में स्वर्ण जयंती महोत्सव को लेकर भारी उत्साह है, पूरे गंजपारा वासियों ने मंदिर में आयोजित सभी कार्यक्रमों में अपनी पूरी उपस्थिति में साथ साथ पूरे अयोजन को सफल बनाने में सहयोग कर रहे है, कार्यक्रम में हर घर वाले अपने घरों के सामने पार्किंग स्थल के लिए जगह रखे है, स्वर्ण जयंती महोत्सव को सफल एवं ऐतहासिक बनाने हेतु सकल समाज के हर पदाधिकारी एवं सदस्य कार्य कर रहे है सभी का साथ एवं सहयोग मिल रहा है,
124 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए
आवेदन पर तत्काल निराकरण की कार्यवाही कर रहा है विद्युत विभाग
लोगों ने मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन को दिया धन्यवाद
जशपुरनगर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप जिले में विकास कार्यों की रूपरेखा बना कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्यवन किया जा रहा है। आम लोगों के जीवन से जुड़ी सुविधाएं एवं समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री के गृह निवास बगिया में मुख्यमंत्री कार्यालय कैंप की स्थापना इसी दिशा में उठाया गया कदम हैं। जहां लोगों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाता है।
जशपुर जिला हाथी विचरण क्षेत्र हैं। जिले के दूरस्थ अंचलों में भी बिजली की संचालन निर्बाध रूप से हो इसके लिए विद्युत विभाग दिन हो या रात लगातार कार्य कर रहा है। आम लोगांे के आवेदन पर विभाग का अमला तत्कार संज्ञान लेकर काम में जुट जाता है। विद्युत विभाग बारिश हो या अंधड़, पेड़ का बिजली के तारों या खंभों में गिरने जैसी चुनौतियों का लगातार सामना करते हुए बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है। विभाग के द्वारा पिछले लगभग 9 महीने में जशपुर जिलें में 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और 124 नया ट्रांसफार्मर नया लगाया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा नई लाईन बिछाने, केबल, ग्रिप चेंज आदि कार्य भी सतत रूप से किया जा रहा है।
विद्युत विभाग के द्वारा जिलें के विकासखंडों सहित इसके अंतर्गत आने वाले गांवों में विद्युतिकरण कार्य एवं इसके संचालन में आने वाले बाधाओं को तत्काल निराकरण किया जा रहा है। विभाग के द्वारा बिजली की लोड केपिसिटी के हिसाब से 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। जिनमें बगीचा विकासखंड में 42 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। इसी तरह दुलदुला विकासखंड में 45, जशपुर विकासखंड में 50, कुनकुरी विकासखंड में 106, मनोरा में 29, सन्ना में 42, पत्थलगांव में 144, कांसांबेल में 55 एवं फरसाबहार में 65 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं।
इसी तरह जिले के आठों विकासखंड में 124 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। जिसमें 100 केव्हीए का 16 ट्रांसफार्मर, 63 केव्हीए का 77 ट्रांसफार्मर और 25 केव्हीए का 31 ट्रांसफार्मर लगाया गया है। शहरों के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था के निर्बाध रूप से संचालन से लोगों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।
लाइफस्टाइल/शौर्यपथ / अपनी लाइफ को शानदार बनाना भला कौन नहीं चाहता, लेकिन आमतौर पर सबकी जिंदगी उतनी खूबसूरत नहीं हो पाती. नाकामी और बुरे हालातों के लिए लोग कोई न कोई बहाना जरूर बनाते हैं, जबकि इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी खुद की गलतियां ही होती हैं. राजनीति और अर्थशास्त्र के अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों सालों से लोगों का मार्गदर्शन करने वाले विद्वान आचार्य चाणक्य ने ऐसी गलतियों से बचने को लेकर हिदायत दी हुई है.
आचार्य चाणक्य ने किया नौजवानों को गलतियों से सावधान
भारत के सबसे बुद्धिमान आचार्यों में से एक चाणक्य ने अपनी नीतियों में जवानी में की जाने वाली गलतियों से लोगों को सावधान किया है. उन्होंने कहा है कि अगर लोग जिंदगी की शुरुआत में इन खास गलतियों को करने से बचे तो आगे एक काफी सुखद और समृद्ध लाइफ को इंजॉय कर सकते हैं. आइए, चाणक्य नीति में बताए उन गलतियों के बारे में जानते हैं जिन्हें करने से युवाओं को हर हाल में बचना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर जिंदगी बर्बाद होने की आशंका बढ़ जाती है.
पढ़ाई से जी चुराना : चाणक्य नीति के मुताबिक, अगर जवानी के दिनों में आप अच्छी शिक्षा और हुनर नहीं हासिल करते हैं तो आपको आने वाले समय और करियर में तमाम तरह की दिक्कतों और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. शुरुआती लाइफ में की गई आपकी ये गलती आपको आगे जीवनभर परेशान कर सकती है.
कामचोरी या आगे टालने की आदत: आचार्य चाणक्य ने युवाओं को साफ संदेश दिया है कि अगर जवानी के दिनों में कामचोरी की या किसी भी काम को तुरंत खत्म करने की जगह आनाकानी करते हैं या आगे के लिए टाल देते हैं तो यह गलत आदत है. उन्होंने कहा कि जवानी में समय का सही इस्तेमाल नहीं करने पर आगे की लाइफ में आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
पैसों की बचत की जगह बेतहाशा खर्च: चाणक्य नीति के मुताबिक, जो लोग अपने नौजवानी के समय में सोचे समझे बगैर रुपए-पैसे खर्च करते हैं और आगे के लिए कोई प्लानिंग नहीं करते हैं तो उन्हें आगे चलकर आर्थिक तंगी और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
गलत लोगों से संगति: आचार्य चाणक्य ने साफ कहा है कि युवा अवस्था में गलत संगति से सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि ये उम्र बहुत संवेदनशील होती है. इस उम्र में गलत लोगों का असर पड़ना और बुरी आदतों का लगना आगे की लाइफ और होने वाली तरक्की में रुकावट डालती है.
शारीरिक और मानसिक सेहत के मामले में लापरवाही: चाणक्य नीति में साफ कहा गया है कि अगर लोग जवानी में अपने शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान नहीं रखते और लापरवाही करते हैं तो आगे चलकर तमाम तरह की बीमारियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / अक्सर कहा जाता है कि शरीर को मजबूत करने के लिए मेवा खाना चाहिए. खासकर काजू बादाम के बारे में कहा जाता है कि इनको खाने से शरीर को मजबूती मिलती है और खून बढ़ता है. लेकिन कई बार बादाम और काजू खाने के बाद भी कुछ लोगों की सेहत नहीं बन पाती. ऐसे में आपको बादाम पर फोकस करने की बजाय कुछ ऐसी चीज खानी चाहिए जो आपकी सेहतको शानदार बना सके. ऐसे में पाइन नट्स यानी चिलगोजा बहुत काम की चीज साबित होता है. जी हां चिलगोजा भी एक शानदार मेवा है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. कहा जाता है कि ताकत और मजबूती के मामले में चिलगोजा बादाम से भी ज्यादा कारगर साबित होता है. चलिए आज जानते हैं कि चिलगोजा मजबूती और खून बढ़ाने में कैसे मदद करता है और किस तरह खाने में लेना चाहिए जानते हैं एक्सपर्ट इस बारे में क्या कहते हैं.
पोषण की खान है चिलगोजा |
चिलगोजा पोषक तत्वों के मामले में बादाम से कहीं आगे है. इसमें ढेर सारा प्रोटीन, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम. आयरन, फास्फोरस और जिंक होता है. जो लोग शरीर को मजबूत करना चाहते हैं, उनको ढेर सारे प्रोटीन की जरूरत होती है और इस मामले में चिलगोजा बेस्ट है.चिलगोजा आयरन की भी खान है,इसके सेवन से आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स बढ़ेंगे और मसल्स को भी ताकत मिलेगी. चिलगोज़ा हड्डियों को भी मजबूत करता है. इसे खाने से शरीर की स्टेबिलिटी बढ़ती है.
इस तरह खाइए चिलगोजा, मिलेंगे कई फायदे |
अगर आप एक महीने तक चार से पांच चिलगोजे रात भर भिगोकर सुबह खाएं तो आपको ढेर सारे फायदे मिलेंगे. अगर आप चिलगोजे को भिगोकर नहीं खाते तो इसे कच्चा ही छीलकर खा सकते हैं. आप इसे सलाद में डालकर खा सकते हैं और इसे भूनकर भी खाया जा सकता है. कई लोग चिलगोजे की दाल भी बनकर खाते हैं. इससे आपको दिन भर की एनर्जी तो मिलेगी ही, साथ ही आपको हेल्दी फैट भी मिलेगा. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. चिलगोजा त्वचा और बालों के लिए भी काफी अच्छा होता है.इसे खाने से दिमाग भी एक्टिव रहता है और तनाव में कमी आती है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सनातन परंपरा में अमावस्या तिथि का बेहद महत्व है. अगर यह तिथि सोमवार या शनिवार को पड़े तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. जब किसी भी माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या सोमवती अमावस्या है, जो 2 सितंबर को है. सोमवती अमावस्या की तिथि 2 सितंबर को सुबह 5:21 बजे से 3 सितंबर को सुबह 7:24 बजे तक है. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है. इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.
सोमवती अमावस्या तिथि पर क्या करें और क्या न करें?
अपने पितरों को भोजन, जल और अन्य वस्तुएं अर्पित करें.
मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें.
धर्मग्रंथों का पाठ करें.
इस दिन चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली जैसी चीजों को खाने की मनाही होती है.
पूजा-पाठ पर ज्यादा से ज्यादा जोर दें.
भगवान विष्णु की पूजा करें.
इस तिथि पर क्रोध करने से बचें.
सोमवती अमावस्या व्रत रेसिपी-
सोमवती अमावस्या पर कई महिलाएं व्रत करती हैं. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो आप मखाने की खीर का सेवन कर सकते हैं. इसे आसानी से बनाया जा सकता है. इसे बनाने के लिए आपको दूध, मखाना, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर की आवश्यकता होती है.
सोमवती अमावस्या पूजन विधि-
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें. इसके बाद स्नान करें. अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें. शास्त्रों के अनुसार इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ को स्पर्श करके पूजा अर्चना की जाती है. इसके अलावा धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ पर भी चढ़ाने की मान्यता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / पंचांग के अनुसार, इस साल 2 सितंबर, सोमवार के दिन भाद्रपद की अमावस्या पड़ रही है लेकिन इसका प्रभाव अगले दिन यानी 3 सितंबर, मंगलवार तक माना जा रहा है. वहीं, सोमवार और मंगलवार का शुभ संयोग इस अमावस्या को बेहद खास बना रहा है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार भी दोनों ही दिनों को अमावस्या की तिथि बताया जा रहा है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन पूजा करने पर जीवन में व्याप्त दिक्कतें हट जाती हैं, पितरों का आशीर्वाद मिलता है और भौमवती अमावस्या हो तो मंगल दोष से भी छुटकारा मिल जाता है. जानिए अमावस्या की तिथि का प्रारंभ कब होगा और किन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है.
सोमवती और भौमवती अमावस्या का संयोग |
द्रिक पंचांक के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 सितंबर, सोमवार की सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 सितंबर, मंगलवार को सुबह 7 बजकर 54 मिनट पर होगा. ऐसे में दोनों दिन ही अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है और इस साल भाद्रपद में सोमवती अमावस्या और भौमवती अमावस्या पड़ रही है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है और मंगलवार के दिन जो अमावस्या पड़ रही है उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं.
अमावस्या की पूजा
मान्यतानुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. जो लोग किसी नदी के पास नहीं रहते हैं वे इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. अमास्या के दिन पितरों का तर्पण, पूजा और आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है. अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और पिंडदान भी किया जाता है. धर्म-कर्म के कामों के लिए भी अमावस्या की तिथि शुभ होती है. सोमवती अमावस्या होने के चलते इस अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जा सकती है. मंगलवार के दिन भौमवती अमावस्या है जिस चलते बजरंगबली की उपासना की जाती है.
अमावस्या पर चंद्र दोष और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी पूजा की जाती है. भगवान शिव को सोमवती अमावस्या पर खीर का भोग लगाने पर ये दोष हट सकते हैं. विवाह के योग बनें इसके लिए भोग में पंचामृत, शहद और मालपुए शामिल किए जा सकते हैं. इन चीजों को भगवान के समक्ष अर्पित करना शुभ होता है. सुख और शांति का घर में वास हो इसके लिए सफेद मिठाई को भोग में शामिल किया जा सकता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सेहत के लिए कई व्रत रखती हैं. इन व्रतों में महत्वपूर्ण उपवास है जीवित्पुत्रिका व्रत . इस व्रत को जितियाया जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है.यह उपवास आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है. महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपनी संतान के लिए लंबी उम्र और सेहत का वरदान मांगती है. आइए जानते हैं इस वर्ष कब है जीवित्पुत्रिका व्रत , पूजा मुहूर्त और महाभारत काल से इस व्रत का संबंध.
कब है जीवित्पुत्रिका व्रत
इस वर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होकर 25 सितंबर बुधवार को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक है. जीवित्पुत्रिका व्रत 25 सितंबर बुधवार को रखा जाएगा. तीज की तरह यह व्रत भी निर्जला किया जाता है. बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस व्रत का ज्यादा प्रचलन है.
जीवित्पुत्रिका व्रत महत्व
पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली माताओं को कभी अपनी संतान के वियोग का सामना नहीं करना पड़ता है. साथ ही संतान को लंबी उम्र और जीवन भर के दुःख और तकलीफ से सुरक्षा प्राप्त होती है.
महाभारत काल से संबंध
महाभारत के दौरन द्रोर्णाचार्य की मृत्यु से आहत उनके पुत्र अश्वत्थामा ने पांडवों के पांचों पुत्र का वध कर दिया था. ये सभी द्रौपदी की संताने थी. इसके बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्यमणि छीन ली. इससे अश्वत्थामा और अधिक नाराज हो गए अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे को उसके गर्भ में ही नष्ट कर दिया. भगवान कृष्ण ने उत्तरा की संतान की रक्षा के लिए अपने सभी पुण्य का फल उसे देकर फिर जीवित कर दिया. पुनः जीवित होने की वजह से उस बच्चे का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया और जीवित्पुत्रिका की तरह मृत्यु के अभय प्राप्त करने के लिए यह व्रत रखा जाने लगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी ऐसी बीमारी है जिसमें हर वक्त ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का डर बना रहता है. डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना होता है, लेकिन इसके बाद भी कई बार शुगर लेवल हाई होने का रिस्क बना रहता है. ऐसे में चाय के शौकीन लोग अपने इस शौक को मजबूरी में मार देते हैं. लेकिन अब डायबिटीज के रोगियों को चाय के शौक को मारने की जरूरत नहीं है. एक खास तरह की हर्बल टी रोज भी पिएंगे तो शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा. आज आपको इस चाय के बारे में बताते हैं.
दालचीनी की चाय से कंट्रोल में रहेगा शुगर लेवल :
शुगर लेवल बढ़ने के डर से मधुमेह रोगी कई चीजों का त्याग कर देते हैं. इसमें दूध वाली चाय भी शामिल है. लेकिन दालचीनी की चाय से आप चाय की तलब पूरी कर सकते हैं. दालचीनी ऐसा आयुर्वेदिक मसाला है जिसकी चाय शुगर रोगियों के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती है. यूं तो दालचीनी सब्जी और दूसरे व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए कारगर है, लेकिन इसकी चाय बनाकर पीने से शुगर कंट्रोल करने में काफी फायदा होता है. ये चाय डायबिटीज रोगियों के लिए किसी दवा की तरह काम करती है. दालचीनी की चाय में कई तरह के गुण पाए जाते हैं. इसमें एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है. इसके साथ-साथ ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स भी मौजूद होते हैं. दालचीनी की चाय पीने से ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है. इसके साथ दालचीनी की चाय शरीर में कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है. यानी दालचीनी की चाय पीने से बढ़ा हुआ वजन भी कंट्रोल में आने लगता है. इसके साथ साथ दालचीनी की चाय दिल के लिए भी अच्छी कही जाती है.
कैसे बनाएं दालचीनी की चाय :
दालचीनी की चाय बनाना बहुत ही आसान है और ये चंद मिनटों में बन जाती है. एक पैन में पानी गर्म कीजिए. इसमें आधा टुकड़ा दालचीनी का और थोड़ा सा दालचीनी का पाउडर डालें. पानी उबलने के बाद गैस बंद कर दें. गैस बंद होने के बाद इस पानी में एक ग्रीन टी का सैशे डालें और अच्छे से मिक्स कर लें. अब चाय को छान कर कप में डालें और गर्मागर्म चाय का आनंद लें.