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राजनांदगांव /शौर्यपथ /शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों में वाणिज्य विषय के प्रति बच्चों में रूचि बढ़ाने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में वाणिज्य विषय की भूमिका सहित अन्य वाणिज्य से जुड़े विषयों पर जिले के सभी वाणिज्य संकाय के व्याख्याताओं के लिए डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसंतपुर राजनांदगांव के ऑडिटोरियम में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि जिले में बच्चों द्वारा लिया जाने वाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण विषय वाणिज्य संकाय है। राज्य व जिले में प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले ज्यादातर बच्चे कॉमर्स संकाय से होते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूली शिक्षा के बाद बच्चों को आगे की पढ़ाई, वाणिज्य विषय से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाएं एवं वाणिज्य विषय में कैरियर ऑप्शंन के बारे में आवश्यक मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों को वाणिज्य विषय को लेकर रूचि बढ़ाने तथा रूचिकर तरीके से बच्चों को वाणिज्य विषय की जानकारी देने कहा। जिला शिक्षा अधिकारी ने अधिक से अधिक बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ाने, जीवन में वाणिज्य विषय की उपयोगिता के संबंध में जानकारी तथा आवश्यक मार्गदर्शन देने कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चों एवं शिक्षकों में नकारात्मकता हावी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने वाणिज्य विषय के शिक्षकों को विषय से संबंधित नवीन जानकारी से अपडेट रहने के निर्देश दिए, ताकि बच्चों को विषय की बारीकियों की जानकारी दी जा सकें।
कार्यक्रम में काउंसलर्स राकेश ठाकुर एवं राकेश शर्मा द्वारा वाणिज्य विषय के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय क्षेत्र में वाणिज्य संकाय के बच्चे बेहतर और अच्छा भविष्य बना सकते है। उन्होंने बताया कि देश में जीएसटी काउंसिल के रूप में वित्तीय संस्थाएं प्रारंभ की गई है, जिसमें बड़े पैमाने पर कमर्शियल बैकग्राउंड वाले बच्चों की आवश्यकता है। इस दौरान उन्होंने स्टॉक मार्केट के क्षेत्र में बेहतर कैरियर के बारे में बताया। कार्यशाला में व्याख्याताओं ने अपने विचार व्यक्त किए तथा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। कार्यशाला में सहायक संचालक शिक्षा श्री आदित्य खरे, डीएमसी समग्र शिक्षा सतीश ब्योहरे, एपीसी समग्र शिक्षा मनोज मरकाम, बीईओ डोंगरगढ़ श्री विरेंद्र कौर गरचा, बीईओ छुरिया श्री प्रशांत चितवरकर एवं एबीईओ राजनांदगांव शैलेंद्र रूसिया सहित बड़ी संख्या में वाणिज्य संकाय के व्याख्याता उपस्थित थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री एवं डिप्टी सीएम सहित अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल हुए
मुंगेली/शौर्यपथ /पथरिया विकासखण्ड के मदकूदीप स्थित अष्टभुजी गणेश मंदिर परिसर में 36 करोड़ 97 लाख रूपए से अधिक की राशि के विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, भाटापारा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अम्बालिका साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर की गई। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मार्च को क्षेत्र को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। गरीबों के लिए पक्के मकान निर्माण, राशन वितरण और स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय निर्माण जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। नारी सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं सड़कों, रेलवे लाइनों और एयरपोर्टों के विस्तार के जरिए क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मजबूती दी जा रही है। उन्होने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में सभी नागरिकों से सहयोग की अपील भी की।
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है, तब से प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया जा रहा है, विकास के जो काम रूके हुए थे, उसे पूरा किया जा रहा है। मदकूद्वीप मांडूक्य ऋषि का आश्रम है। इसका सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व है। साथ ही यहां की वनस्पतियां कई प्रकार की औषधियों से भरपूर है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास और गौरव को आगे बढ़ाने लगातार प्रयास करेंगे। उन्होंने विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण के लिए क्षेत्रवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। साथ ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मद से क्षेत्र के विकास के लिए 20 लाख रूपए की घोषणा की।
बिल्हा विधायक कौशिक ने कहा कि मदकूद्वीप का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व है। यहां मांडूक्य ऋषि का आश्रम है। इसका संरक्षण होना चाहिए। साथ ही गौ संवर्धन के लिए भी विशेष प्रयास होना चाहिए। उन्होंने करोड़ों रूपए के भूमिपूजन और लोकार्पण के लिया उप मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सलफा-चुनचुनिया मार्ग निर्माण के साथ मदकू द्वीप में रेस्ट हाउस के जीर्णाेद्धार की मांग की। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े ने विकास कार्यों के लिए 20 लाख रूपए की घोषणा की। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि इस स्थान को राष्ट्रीय मंच पर स्थान मिले और पर्यटन के रूप में स्थापित हो। उन्होंने समाज में एक व्यापक जनजागृति लाने और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया। संत श्री रामरूपदास महात्यागी ने बताया कि मदकूद्वीप का प्राचीन नाम मांडूक्य द्वीप था, यहीं पर मांडूक्य ऋषि ने मुण्डकोपनिषद की रचना की है। इसी उपनिषद में ‘‘सत्यमेव जयते’’ का उद्घोष हुआ है, जो कि भारत का राष्ट्रीय वाक्य है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने जिले के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और युवाओं को कौशल विकास प्रदान करने के साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को दिलाना अपनी प्राथमिकता में बताया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जिले के विकास के लिए जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, उसके लिए वे सतत प्रयास करेंगे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
36 करोड़ 97 लाख रूपए से अधिक का किया गया भूमिपूजन और लोकार्पण
कार्यक्रम में 36 करोड़ 97 लाख 28 हजार रूपए निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया, इनमें 36 करोड़ 65 लाख 11 हजार रूपए का भूमिपूजन तथा 32 लाख 17 हजार रूपए का लोकार्पण शामिल है। लोक निर्माण विभाग मुंगेली संभाग अंतर्गत 284.84 लाख रूपए की लागत से 03.50 किलोमीटर सरगांव से खपरी सड़क मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 375.23 लाख रूपए की लागत से 03.60 किलोमीटर बैतलपुर मदकू मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 446.32 लाख रूपए की लागत से 4.44 किलोमीटर करही से चुनचुनिया मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 2170.36 लाख रूपए की लागत से 12 किलोमीटर सरगांव से साकेत मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 117.49 लाख रूपए की लागत से 01.40 किलोमीटर परसदा से केवईया मार्ग का निर्माण कार्य, 150.40 लाख रूपए की लागत से 01.75 किलोमीटर लमती से मचहा मार्ग का निर्माण कार्य, 75.23 लाख रूपए की लागत से ग्राम कंचनपुर में हाईस्कूल भवन निर्माण कार्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मुंगेली अंतर्गत 12.66 लाख रूपए व 07.94 लाख रूपए की लागत से मदकूद्वीप में पचरी निर्माण कार्य, 19.64 लाख रूपए की लागत से मदकूद्वीप में रिटेनिंग वॉल एवं पिचिंग कार्य और 05 लाख रूपए की लागत से मदकूद्वीप में सीसी रोड का भूमिपूजन किया गया। इसी तरह मंडी समिति अंतर्गत 32.17 लाख रूपए की लागत से मदकूद्वीप में 01 नग कवर्ट शेड, सीसी रोड निर्माण और इंटरलाकिंग कांक्रीट ब्लाक का लोकार्पण किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ग्राम धीरी में भक्त मां कर्मा जयंती समारोह एवं मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में हुए शामिल
मां कर्मा भवन के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 5 लाख रूपए की घोषणा
शासकीय हाई स्कूल धीरी में 6 लाख 96 हजार रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त कम्प्यूटर कक्ष भवन का किया लोकार्पण
राजनांदगांव /शौर्यपथ /विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम धीरी में आयोजित भक्त मां कर्मा जयंती समारोह एवं मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सबसे पहले मां कर्मा भवन धीरी में भव्य भक्त मां कर्मा की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने सभी को मां कर्मा जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने डॉ. रमन सिंह ने मां कर्मा भवन के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 5 लाख रूपए घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ग्राम धीरी प्रवास के दौरान शासकीय हाई स्कूल धीरी में 6 लाख 96 हजार रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त कम्प्यूटर कक्ष भवन का लोकार्पण किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मां कर्मा की साधना, उपासना और भक्ति देखकर भगवान श्री कृष्ण स्वयं उनके पास पहुंचकर खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। मां कर्मा के आशीर्वाद से साहू समाज तरक्की कर रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सरकार बनते ही किसानों से 31 रूपए में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल धान खरीदी, 70 लाख महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना चल रही है। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी योजना है। इसके साथ-साथ प्रदेश में सड़क, पुलिया, स्कूल जैसे विकास के कार्य किए जा रहे हैं। ग्राम धीरी में बन रहे पुल को शीघ्र शुरू करने की बात कही, इसके साथ ही ग्राम में अवैध कब्जा और अतिक्रमण को हटाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की बात कही।
कार्यक्रम को जिला साहू समाज के अध्यक्ष भागवत साहू और संरक्षक साहू समाज कल्याण साहू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर समाज सेवी कोमल सिंह राजपूत, अध्यक्ष जनपद पंचायत श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, सरपंच जगदीश लहरे, अध्यक्ष साहू समाज घनश्याम साहू, मंडल अध्यक्ष खिलेश्वर साहू, मनोज साहू, डॉ. मोहित साहू एवं साहू समाज के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में इन दोनों ग्रामीण विकास एवं सामाजिक सशक्तिकरण का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार एक अभिनव अभियान मोर दुवार- साय सरकार के माध्यम से गरीब ,वंचित और आवासहीन परिवारों के यहां दस्तक देकर उन्हें सम्मान के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर का अधिकार देने में जुटी है।
मुख्यमंत्री साय ने बीते दिनों जगदलपुर प्रवास के दौरान घाटपदमपुर ग्राम से इस अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री आवास योजना का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इस बात को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के दूसरे दिन ही कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान कर स्पष्ट कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक पात्र परिवार को पक्का आवास देने के अपने संकल्प को पूरा कर रही है।
छत्तीसगढ़ में चल रही ग्रामीण आवास क्रांति का ही यह परिणाम है कि अब गांवों में विशेषकर पिछड़े और गरीब तबके की बस्तियों में मिट्टी के जीर्णशीर्ण घरों और बांस- बल्ली के सहारे टिकी घास-फूंस की झोपड़ी की जगह अब साफ-सुथरे पक्के मकान बने हुए अथवा बनते दिखाई देने लगे हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सुदूर वनांचल का कोई ऐसा गांव अथवा मजरा- टोला नहीं, जहां 8-10 पक्के घर, प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए हाल- फिलहाल में न बने हों। यह योजना न केवल लाखों गरीब परिवारों को छत दे रही है, बल्कि रोजगार, व्यापार और उद्योगों को भी गति प्रदान कर रही है। इससे सीमेंट, ईट, सरिया और निर्माण सामग्री से जुड़े व्यवसाय में तेजी आयी है। यह जनकल्याण और आर्थिक विकास का एक संतुलित मॉडल है।
छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए कुल 11,50,315 ग्रामीण आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया है, जिसमें से अब तक 9,41,595 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा छत्तीसगढ़ प्रवास दौरान राज्य को अतिरिक्त 3 लाख आवासों की स्वीकृति देने से यह प्रयास और भी व्यापक हो गया है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी ग्रामीण आवासीय पहल है।
राज्य सरकार समाज के सभी वर्ग के पात्र परिवारों के साथ-साथ बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध करा रही है। महासमुंद जिले के धनसुली गांव की कमार बस्ती में 15 से अधिक कमार परिवारों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इससे इन जनजातीय परिवारों के जीवन में स्थायित्व आया है और वे शासन की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का मोर दुवार- साय सरकार अभियान 30 अप्रैल तक तीन चरणों में संचालित है, जिसमें पात्र हितग्राहियों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना और ग्राम सभाओं के माध्यम से सूची का वाचन और शत-प्रतिशत पात्र परिवारों का कवरेज सुनिश्चित करने के साथ ही सर्वेक्षण पूर्ण करने वाले कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा गांव में जाकर सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करना और हितग्राहियों से उनके बारे में जानकारी लेना इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और संकल्पित है।
इस अभियान को जन अभियान का स्वरूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों, जनसेवियों और स्थानीय कलाकारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पीएम आवास पंचायत एम्बेसडर के रूप में नामित व्यक्तियों द्वारा भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। गृह पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता एवं जानकारी की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त, राज्य में जरूरत मंद परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 47,090 आवासों के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 38,632 आवास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य सरकार की विशष पहल पर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ितों परिवारों के लिए 15,000 विशेष आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनका निर्माण कराया जा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों के लिए 42,326 आवास के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तक 27,778 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 6,482 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। नियद-नेल्ला-नार योजना के अंतर्गत अब तक 477 आवास पूर्ण कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बिलासपुर से 3 लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराना इस योजना की सफलता है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 18 लाख पात्र हितग्राहियों को आवास से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ सरकार अब हर हितग्राही को उसका अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही है। मोर दुवार- साय सरकार महाअभियान शासन की संवेदनशीलता, नीति की पारदर्शिता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अभियान केवल योजना की सफलता नहीं, बल्कि एक मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लेख : नसीम अहमद खान, उपसंचालक जनसंपर्क
अवैध परिवहन और खनन वालों के लिए शनिवार / रविवार बना वरदान,कार्रवाई का नहीं डर ?
दुर्ग। शौर्यपथ।
अवैध खनन/परिवहन करने वालों के लिए शनिवार और रविवार का दिन वरदान साबित हो जाता है शनिवार एवं रविवार के दिन मिट्टी/ मुरुम के अवैध खनन और परिवहन करने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ा अच्छा दिन माना जाने लगा. शनिवार व रविवार के दिन जगह-जगह अवैध खनन का कार्य खुलेआम जारी रहता है .शासकीय अवकाश होने की वजह से शनिवार रविवार के दिन खनिज विभाग के अधिकारी किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करते वही उनसे इन दिनों संपर्क करना भी लगभग असंभव सा हो जाता है .ऐसे में इस दिन खुलकर अवैध खनन का काम है जारी रहता है.
ऐसा ही मामला अंडा के करीब चिंगारी गांव में देखने को मिला जहां किसान के खेत में खेत बनने के नाम पर नियम विरुद्ध खेत को तय मानको से ज्यादा गहरा कर मिट्टी निकाला जा रहा है और इस मिट्टी को व्यवसाय केव लिए खपाया जा रहा है अगर अवैध परिवहन करने वाले डम्पर चालाक की माने तो खेत से निकली हुई मिटटी को पास के ही एन के ईट भट्टे में ईंट बनने हेतु भेजा जा रहा है. डम्पर चालाक के अनुसार किसान की जमीन पर अवैध खनन का यह कार्य राहुल महाजन नामक व्यक्ति द्वारा खुलेआम किया जा रहा है . वहीं जब इस तरह की खुदाई की अनुमति हेतु जेसीबी चालाक से अनुमति सम्बन्धी जानकारी चाहि गई तो उनके कथन अनुसार वह ग्राम सचिव के भाई होने की बात करता नजर आया और सचिव के भाई होने का रौब दिखाकर बात को टालने की/ गुमराह करने की कोशिश की.
ग्राम चिंगरी के सचिव कुलेश्वर साहू से उक्त तथ्यों की जानकारी मांगी गई तो ग्राम सचिव ने जानकारी दी कि ग्राम पंचायत में ऐसी कोई भी अनुमति के लिए दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं वहीं अवैध रूप से खेत की खुदाई करने वालों से उसके कोई भी पारिवारिक संबंध नहीं है ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में शनिवार एवं रविवार की छुट्टी के दिनों में सक्षम अधिकारियों की अनुपस्थिति का लाभ अवैध खनन वाले खुलकर उठाते हैं और खेतों को चंद पैसों की लालच में तालाब बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
खनिज विभाग की शासकीय अवकाश के दिनों में छुट्टी का लाभ आखिर अवैध खनन और परिवहन करने वाले कब तक उठाते रहेंगे क्या शासकीय छुट्टी अवैध खनन के लिए एक अलिखित अनुमति के रूप में समाज में मिसाल पेश करेगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा.
दो हफ्ते पहले भी इसी तरह का मामला आया जब बिरेझर गाँव के किसान की जमीन को तय मानको से ज्यादा गहरीकरण किया जा रहा था तब अवैध खनन करने वालो का कहना था कि खेत बना रहे है और उक्त मिटटी मुरुम को भारत माला परियोजना स्थल में ले जा रहे है तब उनके द्वारा जिस रायल्टी को दर्शाया गया था वह रायल्टी उक्त खेत से काफी दूर शासकीय भूमि (खसरा न. 1829 ) थी और रायल्टी में मुरुम परिवहन के नाम पर खेत की मिटटी को खोदकर भारत माला परियोजना में डंप किया जा रहा था . उक्त बात की जानकारी खनिज विभाग के अधिकारियो को दी गई तब देर शाम अधिकारियो ने कार्यवाही की बात तो कही किन्तु किन वाहनों पर किस स्थान पर कार्यवाही हुई यह जानकारी समय पर नहीं मिली .
भारतमाला परियोजना में मिटटी का क्या काम ..
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश के लिए समर्पित बड़ी योजना में भारत्माला का नाम है ऐसे में खेत से मिटटी ले जाकर भारत माला परियोजना में मुरुम की रायल्टी के नाम से डंप करना कही ना कही भारत माला परियोजना में भी किसी बड़े घोटाले और स्तरहीन कार्य को दर्शा रहा है . हाल ही के दिनों में ऐसी कई शिकायत आई कि भारत्माला परियोजना में अवैध रूप से मुरुम मिटटी खनन कर डंप किया जा रहा है ऐसे में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के इस अति महत्तवपूर्ण योजना में स्तरहीम कार्य करने वाले ठेकेदार के कार्यो का निष्पक्ष जाँच एवं उचित निरिक्षण की मांग भी उठाने लगी है ऐसे में देखना यह है कि क्या कई शिकायतों और लगातार समाचार के माध्यम से कई बार अनियमितता का मामला उठाने के बाद भी सम्बंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद में रहेगा या फिर निष्पक्ष जाँच एवं कड़ी कार्यवाही की दिशा में आगे बढेगा .
अंजोरा क्षेत्र में बन रहे भारतमाला परियोजना के ठेकेदार का पूर्व में भी अवैध खनन के मामले में आया था नाम
भारतमाला परियोजना में कई हिस्सों में विभाजित कार्यों का ठेका कई ठेकेदारों को दिया गया है अंजोरा क्षेत्र में बन रहे भारतमाला परियोजना के ठेकेदार का पूर्व में भी दुर्ग के ठगडा बांध में अवैध खनन मामले में नाम सामने आ चुका है जहां मुरुम सहित मिट्टी का अवैध खनन /परिवहन कर भारतमाला परियोजना में उपयोग में ले जाने की बात भी हुई थी उक्त मामले में ठगडा बांध में अवैध खनन का कार्य बंद हुआ ऐसे में लगातार अंजोरा क्षेत्र में बन है भारतमाला परियोजना के ठेकेदारों के कार्यों में विवाद की स्तरहीनता और अनियमित की बात सामने आने के बाद और बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर संबंधित ठेकेदारों के कार्यों की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.हाल ही में भारत माला परियोजना के तहत बन रहे अंडरब्रिज का मामला भी विवाद का कारण बना हुआ है जिसके बारे में समाचार पत्र जल्द ही संपूर्ण जानकारी के साथ सम्मानित पाठकों के सामने आएगा .
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े रहीं मुख्य अतिथि
रायपुर/शौर्यपथ / रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में आज महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला-सह-परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती राजवाड़े ने कहा, बच्चों के अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। बाल संरक्षण से जुड़े प्रत्येक मामले में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई बेहद आवश्यक है। संबंधित विभाग समन्वय के साथ लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सभी मामलों को गंभीरता से लें ताकि जो बच्चे बाल सुधार गृह तथा अन्य स्थानों पर हैं वह पुनः अपराध न करें। श्रीमती राजवाड़े ने सभी को बाल विवाह रोकने शपथ भी दिलाई और बताया कि छत्तीसगढ़ में लगातार बाल विवाह में गिरावट आ रही है जिसे सबके सहयोग से हमें शून्य तक ले जाना है।
कार्यशाला की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि हम कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव मजबूत करें। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को बाल संरक्षण कानूनों, नियमों एवं संवेदनशील मामलों के कुशल प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी देना और उन्हें बाल अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाना था। तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षकों श्री विपीन ठाकुर एवं श्री शरवत हुसैन नकवी ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए कानूनों के व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी और संयुक्त संचालक श्री नंदलाल चौधरी ने विभागीय योजनाओं एवं बाल संरक्षण संस्थाओं के कार्यों की जानकारी साझा की।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय कर्मचारी तथा बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लगभग 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत विधि से संघर्षरत बच्चों एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास और उनके सर्वाेत्तम हितों की रक्षा संबंधी प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत बालकों के प्रति अपराधों की रोकथाम और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बाल शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम जैसे विषयों पर भी अपने विचार साझा किए। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने बाल विवाह की रोकथाम, बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने तथा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
राजस्व विभाग के कार्यों से निखरती है शासन की छवि:आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ नागरिकों को मिले - मुख्यमंत्री
राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप करने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की: राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के दिए निर्देश
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समय सीमा में नामांतरण न होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही में विलंब न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना न पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है, अतः मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने और सभी आवेदनों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो। अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए।
मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।
राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने विभागीय कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, पंजीयन का डिजिटलीकरण तथा मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।
चंपावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री साय के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद,राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
"राजस्व विभाग का कार्य सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ मिले, इसके लिए सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। फौती–नामांतरण सहित सभी राजस्व प्रकरणों में अनावश्यक विलंब न हो, पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिले, और राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन नियमित रूप से किया जाए। मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि को प्रभावित करती है, इसलिए अविवादित नामांतरण, बंटवारे सहित अन्य राजस्व मामलों के निराकरण में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।"
—मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
"शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए। राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान करें। आम नागरिकों को न्याय और सुविधा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
— राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा
13 सेवाएं अब पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के दायरे में
रायपुर/शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सुधार लागू किया है। राज्य के प्रमुख विभागों की 13 सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाया गया है, ताकि नागरिकों और व्यवसायियों को समय पर सेवाएं मिलें। इन विभागों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईसीबी, वाणिज्य और उद्योग, विधिक माप विज्ञान, नगर तथा ग्राम निवेश और जल संसाधन विभाग शामिल हैं। इस कदम से मंजूरी और अनुमति की प्रक्रिया तय समयसीमा में पूरी होगी, जिससे पारदर्शिता, कार्यक्षमता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
नई व्यवस्था के तहत, इन 13 सेवाओं के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन अनिवार्य होगा। यदि कोई विभाग समय पर सेवा प्रदान करने में विफल रहता है, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह प्रणाली न केवल सरकारी कामकाज को गति देगी, बल्कि नागरिकों और व्यवसायियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में हर नागरिक और व्यवसायी को सरकारी सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से मिलें। पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत 13 महत्वपूर्ण सेवाओं को शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुधार न केवल जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य में निवेश और विकास को भी नई गति देगा।
किन सेवाओं को मिलेगा लाभ
इस नई व्यवस्था में पर्यावरण मंजूरी, औद्योगिक लाइसेंस, माप-तौल प्रमाणन, टाउन प्लानिंग अनुमोदन और जल संसाधन से संबंधित अनुमतियां जैसी सेवाएं शामिल हैं। पहले इन सेवाओं में देरी के कारण व्यवसायियों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब तय समयसीमा के साथ यह सुनिश्चित होगा कि आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द हो।
रायपुर अवन्ति बाई चौक के युवा व्यवसायी श्री नान्हू अग्रवाल ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, पहले मंजूरी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब समयसीमा तय होने से हमारे कारोबार को गति मिलेगी। यह व्यवसायियों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाई गई यह व्यवस्था सरकारी कामकाज में जवाबदेही को बढ़ावा देगी। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनेगा। यह कदम छोटे और मझोले उद्यमों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जो समयबद्ध सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह सुधार डिजिटलीकरण और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक और मील का पत्थर है। सरकार की योजना है कि भविष्य में और सेवाओं को इस एक्ट के दायरे में लाया जाए, ताकि राज्य में हर क्षेत्र में विकास को गति मिले। इस पहल से निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ नए भारत के निर्माण में अपनी मजबूत भूमिका निभाएगा।
अस्पताल के ओपीडी एवं वार्डों का अवलोकन कर स्वास्थ्य सुविधाओं की ली जानकारी
रायपुर /शौर्यपथ /आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर, रेडियो डायग्नोसिस (एक्स-रे) विभाग, डीएसए ब्लॉक, स्त्री एवं प्रसूति रोग वार्ड, नियोनेटल केयर यूनिट (नर्सरी), एचडीयू वार्ड, कैंसर ओपीडी, कीमोथेरेपी कक्ष सहित प्रस्तावित एकीकृत 700 बिस्तरों वाले अस्पताल स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों में स्थापित चिकित्सा उपकरणों की स्थिति और उनकी कार्यक्षमता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं तथा भोजन व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल के किचन का निरीक्षण कर किचन की स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता का जायजा लिया। साथ ही अस्पताल के विभिन्न विभागों में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियनों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरे एवं रिक्त पदों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय के ऐसे विभाग, जहां मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संविदा नियुक्ति के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ चर्चा की।
आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि चिकित्सा एक अत्यंत आवश्यक सेवा है, और अस्पताल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सहित अस्पताल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन, पीएचई और पीडब्ल्यूडी के कार्यों की समीक्षा की
सभी लोगों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था के दिए निर्देश, निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में गुणवत्ता के साथ पूरा करने कहा
रायपुर/शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने एक दिवसीय बालोद प्रवास के दौरान जिले में नगरीय प्रशासन एवं विकास, लोक निर्माण तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बालोद कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मौजूदा ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल एवं निस्तारी के लिए पानी की समस्या से जूझना न पडे़, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के पुख्ता उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता को इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पेयजल समस्या के निराकरण के लिए पूर्वानुमान लगाकर समय पूर्व समस्या के निराकरण की व्यवस्था करने को कहा। सांसद भोजराज नाग भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में बालोद जिले के विभिन्न नगरीय निकायों तथा लोक निर्माण एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्वीकृत एवं प्रगतिरत् निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में अच्छी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों में पेयजल की व्यवस्था, 15वें वित्त आयोग के कार्यों, नगरीय क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति और अटल परिसरों के निर्माण की प्रगति की सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से बारी-बारी से जानकारी ली। साव ने बालोद नगर पालिका के व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बालोद शहर में जिला मुख्यालय के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने तथा शहरवासियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान सिटी डेव्हलपमेंट प्लान की भी जानकारी ली। उन्होंने सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शहरवासियों की अपेक्षाओं के अनुरूप सिटी डेव्हलपमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री साव ने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों एवं उनके निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सुबह नगर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा। साव ने अधिकारियों को गंभीरता और सक्रियता से काम करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यों में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्यों का संपादन करने को कहा।
साव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान लोगों को पेयजल संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए समय पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिन गांवों में हैण्डपंप खराब हैं वहां पानी की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में बताया कि बालोद जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए 70 नए ट्यूबवेल की स्वीकृति दी गई है।
उप मुख्यमंत्री साव ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने तथा शत-प्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए शासन-प्रशासन की अच्छी छवि बनाने तथा नागरिकों में विश्वास का भाव जागृत करने को कहा। कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा और पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल सहित बालोद जिला प्रशासन, के वरिष्ठ अधिकारी, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।