August 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

पंजाब से बिहार जा रही थी शराब, ट्रक चालक गिरफ्तार, बड़े सिंडिकेट की संलिप्तता की आशंका

जशपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस को नशा तस्करी के खिलाफ ‘ऑपरेशन आघात’ के तहत एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 734 कार्टन अंग्रेजी शराब से लदा ट्रक जब्त किया है। जब्त शराब की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 51 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में एक ट्रक चालक को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पुलिस को पूरे तस्करी नेटवर्क में बड़े सिंडिकेट की सक्रियता का संदेह है।
ऐसे हुआ खुलासा:
दिनांक 4 अगस्त को जशपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक संदिग्ध ट्रक (क्रमांक UP12AT1845) भारी मात्रा में अवैध शराब लेकर जशपुर क्षेत्र से गुजरने वाला है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम आगडीह, NH-43 पर पुलिस ने त्वरित नाकाबंदी की। कुछ ही देर में संदिग्ध ट्रक वहां से गुजरता दिखाई दिया, जिसे तुरंत रोका गया।
ट्रॉली से निकली नशे की खेप:
   ट्रक की तलाशी लेने पर ट्रॉली से 734 कार्टन में पैक अंग्रेजी शराब बरामद हुई। बरामद माल को जब्त कर लिया गया है। पूछताछ में ट्रक चालक चिमा राम (उम्र 26 वर्ष) ने बताया कि वह चंडीगढ़ (पंजाब) से ट्रक लेकर रांची (झारखंड) तक जा रहा था, जहां से कोई अन्य व्यक्ति उसे बिहार ले जाने वाला था। उसे इस कार्य के लिए ₹45,000 की रकम दी गई थी।
सिंडिकेट की जांच में जुटी पुलिस:
  पुलिस को शक है कि यह केवल ट्रक चालक का काम नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध सिंडिकेट की सक्रिय तस्करी है, जो विभिन्न राज्यों से होते हुए भारी मात्रा में शराब की अवैध आपूर्ति कर रहे हैं। चूंकि चालक को यह नहीं बताया गया था कि ट्रक में क्या है, पुलिस यह मान रही है कि चालक को मोहरा बनाकर पीछे से पूरी तस्करी नियंत्रित की जा रही है।
ऑपरेशन आघात की तीसरी बड़ी कार्रवाई:
  यह जशपुर पुलिस की तीसरी बड़ी कामयाबी है, इससे पहले भी दो बार शराब से लदे ट्रक पकड़े जा चुके हैं। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि पुलिस ने नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपना रखी है।
 प्रशासन का सख्त संदेश:
  जशपुर पुलिस अधीक्षक ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि “कोई भी नशे का सौदागर अब सुरक्षित नहीं है। हमारी कार्यवाही सिर्फ सप्लाई पर नहीं, पूरे नेटवर्क पर केंद्रित है।” वहीं, स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए ऐसे अभियान को जारी रखने की मांग की है।
    नशे के जाल को तोड़ने के लिए सीमावर्ती जिलों में कड़ी निगरानी और मुखबिर तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। जशपुर की कार्रवाई आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी मिसाल बनेगी।

श्रद्धा, सेवा और सामाजिक समरसता का संगम बनेगा आयोजन

दुर्ग / शौर्यपथ / श्री गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति, दुर्गा धाम पुरानी गंज मंडी, गंजपारा दुर्ग द्वारा विगत दिनों शारदीय नवरात्र महापर्व की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए समिति की नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसकी औपचारिक घोषणा समिति के अध्यक्ष रवि पिडियार ने की। यह गठन समिति के संरक्षक मंडल के मार्गदर्शन और सामूहिक सहमति से सम्पन्न हुआ।
  संरक्षक मंडल में कमलनारायण रूंगटा, महेन्द्र सेक्सरिया, संतोष रूंगटा, संजय रूंगटा, चतुर्भुज राठी, कृष्णकुमार दुबे, शालिग्राम दुबे, किशोर जैन और विनीत जैन जैसे समाज के वरिष्ठ एवं अनुभवी जन शामिल रहे, जिन्होंने कार्यकारिणी की संरचना को स्वीकृति प्रदान की।
  नवगठित कार्यकारिणी में संयोजक के रूप में नवल अग्रवाल, शैलेष तिवारी, विवेक मिश्रा और मुकेश राठी को दायित्व सौंपा गया है। रवि पिडियार अध्यक्ष पद पर पुनः निर्वाचित हुए हैं, जबकि मनोज शर्मा महासचिव, और विकेश मिश्रा (रिचू) एवं अमित यादव को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी जितेन्द्र (जित्तू) राठी को दी गई है।
  कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद हेतु पंकज रूंगटा, दीपक चोपड़ा, मोनू नामदेव, गणेश अग्रवाल और सतबीर शर्मा को शामिल किया गया है। सचिव मंडल में महेन्द्र गांधी, रणछोड़ भुतड़ा, राजू अग्रवाल, नितिन रूंगटा, अमित बंछोर और आशीष सेक्सरिया जैसे सक्रिय पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सह सचिव के रूप में ऋषि साहू, राहुल साहू, मनोज सिन्हा, पंकज यादव, आदित्य शर्मा, हर्षद पारख एवं आलेख दुबे को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सौरभ पंड्या, जितेन्द्र जैन, विकास गुप्ता, कृष्ण यादव और राकेश चक्रधारी की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
  बैठक में आगामी शारदीय नवरात्र पर्व के अवसर पर माता रानी की प्रतिमा स्थापना, धार्मिक अनुष्ठान, भजन संध्या, महाप्रसादी वितरण, एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना पर चर्चा की गई और आम समिति की सहमति से कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।
  इस अवसर पर खंडेलवाल समाज के वरिष्ठ सदस्य ब्रजमोहन खंडेलवाल एवं संजय खंडेलवाल द्वारा समिति के संरक्षक चतुर्भुज राठी को सम्मानित किया गया।
  बैठक के समापन पूर्व उपस्थित सदस्यों द्वारा पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे सहित समिति के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक का संचालन महासचिव मनोज शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन अध्यक्ष रवि पिडियार ने किया।
    यह आयोजन केवल धार्मिक परंपराओं का निर्वहन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक जागरूकता और सेवा भावना को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति ने नवरात्र को सामाजिक समरसता का पर्व बनाने का संकल्प लिया है।

नया रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का तबादला…

मुख्यमंत्री साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा की 

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति के प्रकरणों में त्वरित, नियमानुसार एवं संवेदनशीलता से क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की जाए। वनांचल में निवासरत लोगों को कई बार वन्यप्राणियों के हमलों से अपनों को खोने की पीड़ा सहनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रभावितों के दुख-दर्द का मानवीय दृष्टिकोण से शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है।
  मुख्यमंत्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व और अन्य हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति की घटनाएं राज्य के वनांचल क्षेत्रों में चुनौती बनकर उभर रही हैं। ऐसी स्थितियों में शासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को शीघ्र एवं न्यायसंगत सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित प्रकरणों का नियमानुसार त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों द्वारा धान जैसी प्रमुख फसल के अतिरिक्त गन्ना, केला, पपीता एवं कटहल जैसी नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रदत्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।
  बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा प्रदत्त सहायता समय पर प्रभावितों तक पहुंचे, इसके लिए विभागीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाए। जनहानि, स्थायी अपंगता, पशुहानि, मकान क्षति तथा फसल हानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया।
बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति के आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा की गई।
  बैठक मे मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी सचिव अंकित आनंद, सचिव (वन) अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    दुर्ग / शौर्यपथ / खेल और खिलाड़ियों को लेकर कार्य करने वाले राष्ट्रव्यापी संगठन क्रीड़ा भारती की आवश्यक बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के साथ-साथ आगामी कार्यक्रमों पर भी विचार विमर्श हुआ।
   इस बैठक में क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कोष प्रमुख मिलिंद डांगे विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में कीड़ा भारती के पदाधिकारीगण के साथ-साथ खिलाड़ी, कोच और खेल संगठनों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
  क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कोष प्रमुख मिलिंद डांगे ने कहा कि क्रीड़ा भारती ऐसा संगठन है जो खेल और खिलाड़ियों के साथ-साथ संपूर्ण समाज की चिंता करता है। देश के हर नागरिक की सेहत अच्छी रहे यही क्रीड़ा भारती का लक्ष्य है क्योंकि अच्छी सेहत वाले नागरिक एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करते हैं और खेलों के माध्यम से ही देश के नागरिकों को अच्छी सेहत और आरोग्य मिल सकता है।
  क्रीड़ा भारती के आगामी कार्यक्रमों के संबंध में मिलिंद डांगे ने बताया कि आगामी 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस को विशेष रूप से मनाया जाना है। क्रीड़ा ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में उन्होंने बताया कि इसका ऑनलाइन पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है, इस परीक्षा का आयोजन खिलाड़ियों, छात्रों अभिभावकों और नागरिकों के बीच खेलों को लेकर अधिक रुचि पैदा करने के उद्देश्य प्रतिवर्ष कराया जाता है, ये ऑनलाइन परीक्षा आगामी 14 सितंबर को होनी है, उसके लिए क्रीड़ा भारती से जुड़े सभी सदस्य स्कूल और कॉलेज में विशेष रूप से संपर्क कर अधिक से अधिक विद्यार्थियों को क्रीड़ा ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि खेल से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न हल कर सबमें खेल के प्रति रुचि जागृत हो।
  वर्ष 2036 के ओलंपिक में कबड्डी को शामिल करने के लिए देशभर में प्रमुखता से कबड्डी का आयोजन क्रीड़ा भारती ने अपने हाथ में लिया है। क्रीड़ा भारती समस्त प्रकार के खेलों के खिलाड़ियों के लिए काम करती है किंतु भारतीय परिवेश के खेलों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। खेल प्रतियोगिताएं बेहतर ढंग से स्वस्थ वातावरण में हो, डोपिंग न हो और खेल के माध्यम से देश आगे बढ़े क्रीड़ा भारती इसी के लिए सक्रिय है।
  क्रीड़ा भारती के प्रांत अध्यक्ष और बॉडी बिल्डिंग के राष्ट्रीय निर्णायक संजय शर्मा ने क्रीड़ा भारती के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1992 से निरंतर संगठन कार्य कर रहा है। क्रीड़ा भारती के माध्यम से जीजा माता सम्मान देने जैसे आयोजन करके खिलाड़ियों की माता का सम्मान करने जैसे कार्यक्रम भी लगातार होते हैं। हमारा लक्ष्य है बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के अधिक से अधिक नागरिक खेलने के लिए मैदान तक पहुंचे। प्रान्त मंत्री सुमित उपाध्याय, प्रान्त संगठन मंत्री कौशलेंद्र पटेल, विभाग संयोजक विनोद नायर मंचस्थ रहे। कार्यक्रम का संचालन बालक दास डाहरे ने किया।
   बैठक में उपस्थित जनों में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी संगीता राजगोपालन असिस्टेंट डायरेक्टर खेल कल्पना स्वामी, विभाग सह संयोजक डॉ सुनील साहू, राजेन्द्र पाध्ये, उपाध्यक्ष आरती शुक्ला, जिला मंत्री महेश यादव, वॉलीबॉल कोच पूनम मिश्रा, पीटीआई संध्या दुबे, किशन कुमार साहू, उत्तम कुमार बौद्ध, हितेश कुमार साहू, एथलेटिक्स महावीर सपहा, सुरेश कुमार कोसरिया, मीना साहू, नितेश सिंह, विशालदीप नायर, प्रमोद वाघ, एम वेणुगोपाल राव, रमेश कुमार दुबे, डोमेन्द्र निषाद, रामगोपाल यादव, दुष्यंत देशलहरे शामिल रहे।

छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है सरकार, कवर्धा के भोरमदेव के विकास हेतु 146 करोड़ स्वीकृत
श्रीराम लला दर्शन योजना और तीर्थ दर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा है आध्यात्मिक लाभ

दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पवित्र श्रावण मास के दौरान भिलाई में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में आज सपत्निक सम्मिलित हुए। श्रावण मास की इस सात दिवसीय शिव महापुराण कथा श्रृंखला का आयोजन 30 जुलाई से 05 अगस्त 2025 तक बोल बम समिति द्वारा किया गया। जिसमें सिहोर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमय कथा से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कथा वाचक पं. श्री मिश्रा और व्यास पीठ से जुड़े संत जनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। उन्होंने आयोजन समिति को तथा समस्त शिव भक्तों व श्रद्धालुओं को पवित्र श्रावण मास की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि इस्पात नगरी भिलाई में विगत सात दिनों से शिव महापुराण कथा की अविरल धारा बह रही है। उन्होंने कहा समापन दिवस पर कथा में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महादेव की कृपा छत्तीसगढ़ वासियों पर बरसती रहे। छत्तीसगढ़ में भगवान महादेव विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नाम से विराजमान है। जहां पर लोग श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते आ रहे है।


    मुख्यमंत्री साय ने बताया कि जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान है, जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है। कर्वधा में बाबा भोरमदेव, रायपुर में महेश्वर महादेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव तथा खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान महादेव श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके गृह ग्राम बगिया में भी फलेेश्वर महादेव विराजमान है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महादेव के साथ आदिशक्ति देवी माता की भी कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बम्बलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया और चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी, सूरजपुर में सूरजगढ़ी माता विराजमान है।
   उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 5 प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरीडोर योजना प्रारम्भ की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के समय 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए है। इस दौरान उन्होंने भक्त माता शबरी के जूठे बेर भी खाए थे। छत्तीसगढ़ प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। मुख्यमंत्री ने श्रीराम लला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके है। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है। इस वर्ष भी विगत दिवस रायपुर से तीर्थयात्रियों के दल को रवाना किया गया। ट्रेन में 850 श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई।


   मुख्यमंत्री ने डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारम्भ तीर्थ दर्शन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि विगत 5 वर्षों से बंद यह योजना पुनः प्रारम्भ की गई। इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे है। जिससे उन्हे जीवन में आध्यात्मिक आस्था का अनुभव हो रहा है। इस योजना में परित्यक्तता और विधवा महिलाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है। इसी कड़ी में कर्वधा स्थित भोरमदेव के विकास के लिए 146 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय सपत्निक आरती में शामिल हुए और उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि भोले बाबा महादेव की कृपा सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे।
   इस अवसर पर विधायक अहिवारा डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, महापौर भिलाई नीरज पाल, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल एवं अन्य अधिकारीगण तथा आयोजन समिति के दयासिंह सहित अन्य पदाधिकारी, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।

- बुनकरों द्वारा किये जा रहे गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्र उत्पादों का किया अवलोकन
-  लगभग 250 बुनकर गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्रों के बुनाई का कर रहे कार्य
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम रेवाडीह में संचालित श्री सांई बुनकर सहकारी समिति मर्यादित का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बुनकर कर्मशाला भवन में समिति के बुनकरों द्वारा किये जा रहे गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्र उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने बुनकरों से बुनाई संबंधी गतिविधियों का जायजा लिया। कलेक्टर ने बुनकरों से चर्चा कर प्रतिदिन किए जाने वाले उत्पादन तथा मासिक आय सहित अन्य विषयों के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे को बुनकरों ने बताया कि कर्मशाला भवन में लगभग 50 महिलाएं कार्यरत हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर के शासकीय वस्त्र प्रदाय योजनांतर्गत श्री सांई बुनकर सहकारी समिति मर्यादित रेवाडीह के लगभग 250 बुनकर गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्रों के बुनाई का कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा धागा प्रदाय कर तैयार वस्त्रों के अनुसार बुनकरों को बुनाई पारिश्रमिक एवं बुनकर समितियों को सेवा प्रभार प्रदान किया जाता है। बुनकरों ने बताया कि गांव में ही रोजगार मिलने एवं बुनाई कार्य से खुश है। इस कार्य से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। कलेक्टर ने बुनकरों के कार्यों की सराहना की और इसी प्रकार मन लगाकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान उप संचालक हाथकरघा श्री राजू कोल्हे, श्री सांई बुनकर समिति के अध्यक्ष श्री चूड़ामणि देवांगन सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी एवं बुनकर उपस्थित थे।

राजनांदगांव /शौर्यपथ / महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नवीन पात्र हितग्राहियों के लिए 15 अगस्त 2025 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत योजना का लाभ लेने से वंचित पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार एवं मजदूरी के क्षति के एवज में नकद राशि के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिले की हजारों महिलाएं लाभान्वित हो रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 7293 एवं वर्ष 2025-26 में 2000 से अधिक गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को संबल मिला है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म पर 2 किस्तों में गर्भावस्था के पंजीयन पर एवं 6 महीने के भीतर एक बार प्रसव पूर्व जांच कराएं जाने पर पहली किस्त के रूप में 3000 रूपए एवं दूसरी किस्त के रूप में 2000 रूपए बच्चे के जन्म के पंजीकरण तथा बीसीजी, पोलियो, डीटीपी एवं हिपेटाइसिस बी या इसके समानांतर प्रथम चक्र का टीका लगाये जाने के बाद प्रदान की जाती है। वही दूसरी संतान बालिका होने पर एकमुश्त 6000 रूपए प्रदान किया जाता है। योजना का लाभ लेने महिला का बैंक खाता आधार सिडिंग होना आवश्यक है। राशि का भुगतान डीबीटी मोड के माध्यम से लाभार्थी के खाते में किया जाता है। हितग्राही को आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकरण कराना आवश्यक है। फार्म के साथ स्वयं, पति व परिवार के सदस्य का मोबाईल नंबर, महिला के बैंक खाते का विवरण, जच्चा-बच्चा कार्ड जमा करना, आधार कार्ड का विवरण जमा करना होता है। पात्रता हेतु एक आवश्यक दस्तावेज राशनकार्ड, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जमा करना होता है। साथ ही द्वितीय संतान बालिका का जन्म पंजीकरण एवं बालिका के प्रथम चक्र का संपूर्ण टीकाकरण की जानकारी जमा करना आवश्यक है। योजना का लाभ लेने हेतु एलएमपी (अंतिम माहवारी) से 570 दिवस अथवा बच्चे के जन्म के 270 दिवस के भीतर आवेदन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने से निर्धारित अवधि और पात्रता को पूरा करने वाले वंचित हितग्राही अपने निकटस्थ आंगनबाड़ी केन्द्र से सीधे संपर्क कर सकते है। इसके आवा अथवा मोबाईल एप(https://pmmvy.wcd.gov.in/apk/PMMVYsoft.apk) से भी आवेदन कर सकते है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के दूरभाष के 9406136904 एवं 7804905439 पर कार्यालयीन समय पर या हेल्प लाईन नंबर 14408 पर भी संपर्क कर सकते है।

निर्माणधीन कौशल्या धाम का किया अवलोकन
ग्रामीणों के साथ बैठकर विभिन्न विषयों पर की चर्चा
बालोद/शौर्यपथ /उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने आज बालोद जिले के प्रवास के दौरान डौंडीलोहारा विकासखण्ड के जामड़ीपाट स्थित पाटेश्वर धाम में सद्गुरु स्व. श्री राम जानकीदास जी महाराज के समाधि स्थल में पहुँचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने सद्गुरु स्व. श्री राम जानकीदास जी के शिष्य एवं पाटेश्वर धाम के संचालक संत श्री बालकदास के कक्ष में पहुँचकर उनसे मुलाकात की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने श्री बालकदास के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने वहाँ ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी तथा उनकी मांगो एवं समस्याओं के निराकरण का आश्वासन भी दिया। इसके पश्चात गृहमंत्री श्री शर्मा, संत श्री बालकदास एवं अन्य अतिथियों ने निर्माणधीन कौशल्या धाम में पैदल चलकर मन्दिर परिसर के निचले हिस्से में स्थित शिव मन्दिर में पहुँचकर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की।  ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के सरपंच एंव ग्रामीणों के सभी मांगो को पूरा करने का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री चेमन देशमुख, नगर पालिका दल्लीराजहरा के अध्यक्ष श्री तोरण लाल साहू, नगर पंचायत डौंडीलोहारा के अध्यक्ष श्री लाल निवेंद्र सिंह टेकाम, कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, पुलिस अधिक्षक श्री योगेश पटेल, डीएफओ श्री अभिषेक अग्रवाल, श्री जयेश ठाकुर, श्री गौतम सिन्हा, ग्राम के सरपंच के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे।

बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं की  बदल रही है तस्वीर
बस्तर संभाग के 130 स्वास्थ्य संस्थानों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन
33 विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित 450 से अधिक चिकित्सा स्टाफ की हुई नियुक्ति, 291 पदों पर भर्ती जारी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन और स्वास्थ्य योजनाओं की से नक्सल प्रभावित अंचलों तक पहुंची चिकित्सा सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल 5 से 7 अगस्त तक करेंगे  बस्तर संभाग का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का लेंगे जायजा
रायपुर /शौर्यपथ /1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 तक केवल बस्तर संभाग में ही कुल 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को NQAS के अंतर्गत गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त हुआ है, जिनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप-स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 65 अन्य संस्थाओं का प्रमाणीकरण कार्य प्रक्रियाधीन है। खास बात यह है कि नक्सल प्रभावित जिलों—कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा—के 14 संस्थानों को भी गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक व्यापक बनाने के उद्देश्य से नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत आयुष्मान कार्ड के कवरेज को भी गति दी जा रही है। योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग में मात्र एक वर्ष में ही 36,231 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब तक 52.6 प्रतिशत कवरेज हो चुका है, और 6,816 हितग्राहियों को 8 करोड़ 22 लाख रुपये की चिकित्सा सहायता का लाभ मिल चुका है।
इस सुगठित व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन की नियुक्ति की है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर से 75 और जिला स्तर से 307 स्टाफ व प्रबंधकीय पदों पर भर्ती पूरी की गई है, जबकि 291 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। यह नियुक्तियाँ न केवल सेवाओं की पहुंच को सशक्त बना रही हैं, बल्कि गुणवत्ता और दक्षता में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय और सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित सुशासन और जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से अब बस्तर जैसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच में हैं। सरकार की जन-केंद्रित सोच, ठोस रणनीति और ज़मीनी स्तर पर समर्पित क्रियान्वयन से स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच अब वहां तक संभव हो रही है, जिसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक समय असंभव माना जाता था।
मुख्यमंत्री  साय ने बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं के निरंतर विस्तार और गुणवत्ता में सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और विभागीय कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी और प्रतिबद्धता के कारण ही आज यह परिवर्तन संभव हुआ है। बस्तर के लिए हमारी सरकार का विशेष फोकस है और हम इसे निरंतर मजबूत करते रहेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने जानकारी दी कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ में समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। बस्तर में चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त अभियान के तहत घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अंतर्गत पूरे राज्य में, विशेषकर बस्तर क्षेत्र में, स्वास्थ्य संस्थानों ने अनुकरणीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं।
राज्य सरकार की यह स्पष्ट प्राथमिकता रही है कि नक्सल प्रभावित इलाकों—कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों—में स्वास्थ्य सेवाओं का जमीनी विस्तार हो। आज इन अंचलों में भी लोग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। यह परिवर्तन श्री विष्णु देव साय के सुशासन और स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर उनके विशेष फोकस का प्रमाण है।
इन उपलब्धियों की गहराई से समीक्षा और ज़मीनी प्रगति के प्रत्यक्ष अवलोकन हेतु स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल 5 अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय बस्तर दौरे पर रहेंगे। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं तकनीकी दल भी रहेगा। इस दौरान वे बस्तर संभाग के प्रमुख जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे, स्वशासी समिति की बैठकें लेंगे, मलेरिया मुक्त अभियान की समीक्षा करेंगे तथा बीजापुर और सुकमा जैसे दूरस्थ जिलों के अंतिम छोर पर बसे गांवों में जाकर भी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हो रहा यह परिवर्तन सिद्ध करता है कि जब सरकार की नीयत स्पष्ट हो, योजना व्यावहारिक हो और सिस्टम में प्रतिबद्धता हो—तो किसी भी दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्र की तस्वीर बदली जा सकती है। बस्तर अब पिछड़ेपन और असुविधा की छवि से निकलकर विकास और सशक्तिकरण की पहचान बन रहा है। स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय में जो क्रांतिकारी बदलाव बस्तर में हो रहा है, वह पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।

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