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राजनांदगांव / शौर्यपथ / भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में राजनांदगांव जिले में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ स्थानों में भारी बारिश की संभावना है। आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 28.0-29.0 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 24.0-25.0 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। सुबह हवा में नमी का प्रतिशत 86-91 प्रतिशत तथा दोपहर मे 75-80 प्रतिशत रहने की संभावना है। हवाओं के दक्षिण-पश्चिम दिशा से 3.0-4.0 किमी प्रति घंटे कि गति से चलने की संभावना है। मौसम को देखते हुये कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बीएस राजपूत एवं कृषि मौसम वैज्ञानिक सुरभि जैन के द्वारा जिले के कृषकों के लिए भी मौसम आधारित सलाह दी गई है ताकि बदलते मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाते हुए अपेक्षित सावधानियों का अनुसरण कर सके।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीएस राजपूत ने कहा कि पिछले दिनों हुई अच्छी वर्षा खेतों में पर्याप्त पानी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि जहाँ खुर्रा बोनी वाली धान 30 से 35 दिन की हो गई है वहाँ बियासी का कार्य शुरू करें। जहाँ धान कि फसल कंसे निकालने कि अवस्था में है और वर्तमान मौसम कि स्थिति धान में तना छेदकके प्रकोप के लिए अनुकूल है। अधिक प्रकोप दिखने पर कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी ग्रेन्यूल्स / 8 किग्रा, एकड़ कि दर से उपयोग करें। आगामी पाँच दिनों में मध्यम से घने बादल छाए रह सकते हंै। राजनांदगांव जिले में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश एवं कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए किसान सिंचाई, निराई-गुड़ाई और खड़ी फसलों में दवाओं और उर्वरकों का उपयोग स्थगित रखें। वर्तमान में वर्षा कि गतिविधि को देखते हुए किसानों को सलाह है कि सब्जियों एवं दलहनी-तिलहनी फसलों में जल निकासी कि उचित व्यवस्था करें। किसान मक्का की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु बुआई के 15-20 दिनों के बाद टेम्बोट्रेन नामक दवाई का लगभग 48 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। वर्तमान मौसम फलदार वृक्षों जैसे पपीता, आम, अमरूद, मुनगा, करोंदा इत्यादि तथा वानिकी वृक्षों के रोपण के लिए अनुकूल है। किसानों को सलाह है कि इनके रोपण का कार्य शीघ्र पूर्ण करें। बरसात के दिनों में मवेशियों में गलघोटू एवं एक टंगीया रोग सामान्य है। किसानों को सलाह है कि इनके टीकाकरण के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क कर पशुओं का टीकाकरण करवाएं। पशुबाड़े के फर्श को यथासंभव सूखा रखें। पशु आवास के फर्श को प्रतिदिन 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में फिनाइल मिलाकर साफ-सफाई करना चाहिए, चारे तथा पानी के बर्तन को चूना के पानी से धोना चाहिए।
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