
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
कमिश्नर श्री जीआर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टर को दिए निर्देश
जगदलपुर /शौर्यपथ/
कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टर को बस्तर संभाग में हुई अनियमित और असामयिक वर्षा के साथ ही अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए 15 नवम्बर से रोजगारमूलक कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अनियमित व असामयिक वर्षा तथा अल्प वर्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रोजगार मूलक कार्य की त्वरित तैयारी व कार्य प्रारंभ करने के संबंध में निर्देश दिया है।
कमिश्नर ने कहा है कि इस वर्ष वर्षा अनियमित, असामायिक होने के साथ कम वर्षा हुई है। जिसके कारण आपके जिले अन्तर्गत फसल की आनावारी कम आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में हर गांव में जॉब कार्डधारी परिवारों को 15 नवम्बर से रोजगार प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग उद्यान विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सडक परियोजना, मुख्यमंत्री ग्राम सडक अभिकरण आदि विभागों के अधिकारियों की जिला स्तर पर बैठक लेकर 15 दिवस के भीतर प्राक्कलन तैयार कर प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए गए हैं।
कमिश्नर ने इस वर्ष नरेगा के अन्तर्गत जो रोजगार मूलक कार्य के तौर पर जल संरक्षण, जल संवर्धन, मिट्टी के कटाव को रोकने, नरवा नाला को संरक्षित करने लोक प्रयोजन के स्थलों से कब्जा हटाकर इसका बेहतर प्रबंधन करने, मिट्टी व मुरूम की सड़कों का निर्माण करने, विद्यालय छात्रावास, आश्रमों के लिए खेल कूद का मैदान तैयार करने, ग्रामीण क्षेत्रों में लघु सीमान्त किसानों, आदिवासी व अन्य किसानों की भूमि में समतलीकरण, कुंआ तथा डबरी का निर्माण, वृक्षारोपण कार्य करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में निर्मित डबरियों व तालाबों में क्षमता के अनुरूप शत प्रतिशत पानी भरे जाने हेतु जलमार्ग में कच्ची नाली का निर्माण करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही छोटे नालों के पानी को बड़े तालाबों में पहुंचाने के लिए नहरों के निर्माण पर भी जोर देने के निर्देश दिए गए, जिससे इन तालाबों में संरक्षित पानी का उपयोग सिंचाई व मछली पालन, भूमिगत जल स्तर में किया जा सके। पंचायतों में आय के स्त्रोत बढ़ाकर इन्हें स्वायत्त पंचायत के रूप में तब्दील किये जाने के लिये ग्राम पंचायत प्रबंधन की देखरेख में गांवों में मछली पालन, तालाब, नर्सरी विकास, उपवन की स्थापना, बाजार, चबूतरा, दुकान शेड का निर्माण करने के दिए। नरेगा से व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे की भूमि, सामुदायिक वन अधिकार पट्टे की भूमि एवं सामुदायिक वन संसाधन के तहत वन अधिकार पट्टे की भूमि में नरेगा से उद्यानिकी विकास, वनौषधीय विकास, फलोद्योन, साग सब्जी उत्पादन, मछली पालन, तालाब व डबरी का निर्माण, वर्मीपिट व तालाव डबरी आदि बनाने के निर्देश दिए।ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में निर्मित डवरी व तालाबों का गहरीकरण, निस्तारीकरण का कार्य, उस पर हुए अतिक्रमणों को कड़ाई के साथ हटाकर उपरोक्त कार्य करने के निर्देश दिए गए।
महिला स्वसहायता समूह के सदस्यों को सामूहिक बाड़ी व बागवानी का कार्य हेतु नदी व नाले के किनारे की भूमि का समतली कराने हेतु नरेगा योजना के तहत ऐसे आवासीय भूमि जो नरवा, नाला नदी के किनारे हो उसका समतलीकरण कर उस पर क्यारी बनाने व फेंसिंग की व्यवस्था करने व स्टाप डेम, चेक डेम, डबरी, तालाब का निर्माण करने के निर्देश दिए गए। इन बाड़ियों में वनौषधी फसल, कंदीय फसल, फलदार पौधे आदि अनिवार्यतः लगाए जावें। बस्तर संभाग में भविष्य में लघु उद्योग, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रसंस्करण ईकाइयों की स्थापना करने एवं उसमें उद्यानिकी उपज, वनौषधी उपज, वनोपज आदि उपज का प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए।
कमिश्नर ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब ग्रामीणों के द्वारा इन सभी रोजगार मूलक कार्यों के साथ मिट्टी, मुरूम, सड़क की मांग को देखते हुए कार्यों को स्वीकृत कर शीघ्रता से कार्य करने के निर्देश दिए। बस्तर संभाग अन्तर्गत जिले में पेयजल संकटग्रस्त गावों के साथ ही लोहयुक्त, फ्लोराइड युक्त पानी वाले क्षेत्रों में प्रत्येक मोहल्ले में कुआं निर्माण करने के निर्देश दिए। नरेगा कार्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से नक्सलग्रस्त गांवों में कार्य करने के लिए विशेष जोर देने के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.