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मेलबॉक्स / शौर्यपथ / लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी और रोजगार पर संकट बढ़ गया है। लोग बेरोजगार होने लगे हैं। ऐसे में, देश के विभिन्न हिस्सों में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश, हर इलाके में छीना-झपटी, फिरौती और लूट की वारदातें दिन-दहाडे़ हो रही हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बाबत चौकन्ना हो जाना चाहिए और स्थानीय प्रशासन को मुस्तैद रहने का आदेश देना चाहिए। जाहिर है, यह भी लॉकडाउन का एक नकारात्मक पक्ष है। भूख और बेरोजगारी ने शायद कुछ लोगों को गलत रास्ते पर चलने को मजबूर कर दिया हो। इसलिए जरूरत यह भी है कि सरकार की राहत संबंधी घोषणाओं का लाभ तत्काल जरूरतमंदों को मिले, तभी आपराधिक घटनाओं में आई यह उछाल थम पाएगी।
अमन जायसवाल
दिल्ली विश्वविद्यालय
टिड्डियों का हमला
इस वर्ष की आधी अवधि भी नहीं गुजरी है और देश कई तरह की कुदरती आपदाओं से गुजर चुका है। कोरोना वायरस नाम का महासंकट तो बना हुआ है ही, कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने अम्फान नामक चक्रवाती तूफान का भी कहर झेला। अब राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में टिड्डियों का हमला हो रहा है। इससे खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है, जिससे देश के सामने खाद्यान्न संकट भी पैदा हो सकता है। कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन से किसानों की हालत वैसे ही जर्जर है, टिड्डियों के इस हमले से वे खड़े होने लायक भी नहीं रह पाएंगे। इस चिंताजनक स्थिति में आपात उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
अनिल रा. तोरणे, तलेगांव, पुणे
जाल में फंसता नेपाल
कुछ दिन पहले 8 मई को भारत ने लिपुलेख मार्ग का उद्घाटन किया था। उस वक्त नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताकर इस पर आपत्ति जताई थी। अब उसने नया नक्शा जारी करके लिपुलेख को अधिकृत रूप से अपना हिस्सा बताया है। हालांकि, भारत के दबाव में कुछ पीछे हटा है, पर वह भूल रहा है कि ऐसा करके अपने परम मित्र देश भारत के साथ वह बेवजह का विवाद खड़ा कर रहा है। यहां यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस पूरे विवाद के पीछे चीन का हाथ है। सभवत: चीन ने इसके लिए नेपाल को आर्थिक मदद देने का लालच दिया हो। मगर नेपाल को यह सोचना चाहिए कि चीन सिर्फ अपने मतलब के लिए दूसरे देश को आर्थिक सहायता देता है। श्रीलंका का हंबनटोटा बंदरगाह इसका उदाहरण है कि किस तरह आर्थिक मदद के नाम पर चीन दूसरे देश पर नियंत्रण हासिल करना चाहता है। चीन इस विवाद के बहाने उसे भी हांगकांग या तिब्बत बना सकता है।
विवेक राज शुक्ला, धनबाद
खत्म होते मौके
कोरोना का यह दौर हर क्षेत्र के लिए कठिन और नुकसानदेह साबित हो रहा है। इसने हमारे हर अवसर को ठेस पहुंचाई है। शिक्षा क्षेत्र की ही बात करें, तो ऑनलाइन कक्षा से विद्यार्थी व शिक्षक, दोनों संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए वार्षिक परीक्षा का अवसर मिलता रहता है, इस बार उन्हें इससे भी वंचित होना पड़ा। पढ़ाई से इतर विद्यालय की तमाम गतिविधियां भी बंद हैं, जिनमें छात्र अपना हुनर दिखाते रहे हैं। इसी तरह, सिनेमा जगत और खेल जगत में भी प्रतिभाओं का प्रदर्शन नहीं हो पा रहा है। कल-कारखानों की बात करें, तो वहां भी स्थिति ठीक नहीं है। मजदूरों को पलायन, भूख और बेरोजगारी जैसीकई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अभी सभी का ध्यान केवल कोरोना पर विजय पाने पर है, जिससे हर छोटे-बड़े अवसरों से हम समझौता कर रहे हैं।
हरीश कुमार शर्मा, दिल्ली
पचास पार वालों को जबािश्स वीआर लेने के लिए प्रबंधन बना रहा दबाव
सिम्पलेक्स और एटमास्कों ने तीस तीस और सिस्कोल यूनिट से 10 मजदूरों को निकाला काम से
durg ( bhilai ) / shouryapath news
औद्योगिक क्षेत्र भिलाई में मजदूरों को काम से निकाला जा रहा है साथ ही वेतन भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। ऐडमास्टको से 30 मजदूर,सिम्प्लेक्स कास्टिंग से 30 मजदूर,सिस्कोल यूनिट 3 से 10 मजदूरों को छटनी कर बिना कारण बताओ नोटिस के गैर कानूनी तरीके से निकाल दिया गया है। इस मामले की पुष्टि छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने करते हुए इन कंपनियों पर आरोप लगाया है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसी को भी काम से नही निकालने और वेतन कटौती नही करने के स्पष्ट आदेश के बावजूद ये कंपनी के मालिक शासन प्रशासन के नियमो को ताक में रखकर अपनी मनमानी उक्त कंपनियों के अलावा अधिकांशतर कम्पनी में इसी तरह के हालात बना हुआ है, लाकडाउन का वेतन नही मिलने से राशन के जद्दोजहद में मजदूर खासा परेशान है,। कम्पनियो में सैकड़ो सप्लाई मजदूरों को काम पर नही लिया है। सिमलेक्स कास्टिंग में जिनका 50 साल 53 साल 54 साल हुआ है उनको भी 60 साल होने के नाम पर काम से बिठा दिया गया गया है जबकि ये मजदूर यह स्थाई मजदूर हैं। प्रबंधन द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, वही इन मजदूरो को यह भी कहा जा रहा है की उम्र के हिसाब कोरोना संक्रमित होने के आसार है इसलिए अंतिम भुगतान प्राप्त कर लें । सड़क पर अपने घर जाने देश के कोने कोने से निकले पैदल मजदूर हो या कम्पनी में कार्यरत मजदूर हो इन मजदूरो के प्रति सरकार को कोई चिन्ता नही है, मजदूरो का शोषण हो रहा है छटनी हो रहा है ।,छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति मांग करता है कि सिस्कोल, ऐडमासको,सिम्प्लेक्स कास्टिंग से निकाले गए मजदूरों को काम पर तत्काल वापस ले स्थानीय मंत्री,विधायक संसद इन मामलों पर संज्ञान ले। छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति और पी यू सी एल सैकडो मजदूर जिनके काम नही लगे है उनके परिवारों को कुछ राशन मुहैया करा रहे है जो नाकाफी है फिर भी संगठन के ओर से कोशिश जारी है
ओपिनियन / शौर्यपथ / नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। सरकार ने 30 मई, 2019 को पदभार संभाला था। नरेंद्र मोदी का विश्व के लोकप्रिय कद्दावर नेता के रूप में उभरना भारत की लोकतांत्रिक राजनीति की एक असाधारण उपलब्धि है। हमारी सरकार के पहले कार्यकाल में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म) के लिए किए गए कुछ दूरदर्शी फैसले देखने को मिले थे। सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सामान्य नागरिकों का समावेश और उनका सशक्तीकरण करना था। चाहे डिजिटल इंडिया के माध्यम से प्रौद्योगिकी का उपयोग हो, जेएएम ट्रिनिटी का उपयोग करके वित्तीय समावेशन का प्रयास हो या स्वच्छ भारत अभियान के रूप में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुधार के लिए जन-आंदोलन या आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों के जरिए स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के प्रयास। हमारे प्रधानमंत्री एक ऐसे नेता के रूप में उभरे, जिनमें भारत के रणनीतिक और सुरक्षा हितों की रक्षा का साहस और दृढ़ निश्चय है। भारत को अद्भुत विचारों वाले देश के रूप में मान्यता मिली है।
भारत की जनता ने 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर भरोसा जताते हुए उनके नेतृत्व में भाजपा को भारी बहुमत से जिताया। पिछले लगभग साठ वर्षों में ऐसा नहीं हुआ था, जब दोबारा चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर किए गए प्रदर्शन के आधार पर हुए हों। इस नए और भारी-भरकम जनादेश के बाद अधिक साहसिक सुधारों और गरीबों के लिए अनेक प्रकार की पहल की गई। पीएम किसान योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये प्रदान किए गए। किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और स्वरोजगार करने वालों के लिए समर्पित पेंशन योजनाएं भी शुरू की गईं, ताकि उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
भारतके सभी गांवों में बिजली पहुंचाना, आठ करोड़ परिवारों को सब्सिडी वाले एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना और समावेश के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम हमारी सरकार की कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं। सरकार ने गरीबों को लाभ हस्तांतरित करने का तरीका बदल दिया है। 435 योजनाओं के तहत 11 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेज दिए गए हैं, जिससे 1.70 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो बिचौलियों व फर्जी उपयोगकर्ताओं के पास चला जाता था।
अनुच्छेद-370 को निरस्त करने, तीन तलाक पर रोक लगाने और पड़ोसी देशों में जुल्म के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए कानून बनाने की ऐतिहासिक पहल को पथ-प्रवर्तक कहा जा सकता है। आर्थिक मोर्चे पर भारत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 2014 की 142वीं रैंकिंग को सुधारकर 2019 में 63वीं पर लाना भी उल्लेखनीय रहा। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा।
हालांकि सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण कोविड-19 के रूप में सामने आया, जब प्रधानमंत्री ने अनुकरणीय साहस, सहानुभूति और प्रतिबद्धता का परिचय दिया। इसे फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन एकमात्र तरीका था। एक आश्चर्यजनक तुलना से पता चलता है कि कोविड-19 से प्रभावित 15 प्रमुख देशों (चीन को छोड़कर) की जनसंख्या 142 करोड़ है और इन देशों में मरने वालों की संख्या 3.07 लाख से अधिक है, जबकि भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है और यहां मौतों की संख्या 4,534 है। भारत में ठीक होने वालों की संख्या भी अधिक है। शुरुआती चरणों में प्रधानमंत्री ने स्वयं समाज के गरीब और कमजोर तबके के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के भारी मुआवजे की घोषणा की। इसमें 80 करोड़ लोगों को तीन महीने के लिए मुफ्त राशन, 20 करोड़ महिला जन-धन खाताधारकों को वित्तीय लाभ देना शामिल है। बैंक से सीधे हस्तांतरण द्वारा भेजी गई कुल राशि 52,606 करोड़ रुपये के करीब है। बाद में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा हुई।
किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्रवासी श्रमिकों, शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के घर खरीदारों के लिए 3.16 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं। अगले दो महीने तक गरीब परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न की अगली किस्त और रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये तक का आसान ऋण भी पैकेज में शामिल है। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए भी अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सरकार ने कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 1.63 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की है। कृषि उपज की बिक्री देश भर में कहीं भी किसी भी खरीदार को करने की अनुमति दी गई है। इससे किसान को उसकी उपज का अधिकतम मूल्य मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीयों की रचनात्मक और उद्यमशील क्षमताओं के विकास की चुनौती को स्वीकार किया है। वह कोविड-19 के समय लंबित सुधारों का भी समाधान चाहते हैं, ताकि आत्मनिर्भरता के आंदोलन को प्रभावी बनाया जा सके। इसमें कोयला और खनन क्षेत्रों में साहसिक सुधार शामिल हैं। भारत विमान रख-रखाव और मरम्मत का एक केंद्र बनने की ओर बढ़ा है। रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण हुआ है। कोविड-19 ने नवाचारों में एक बड़ा उछाल देखा है। आरोग्य सेतु जैसे प्लेटफॉर्म, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर नवीन भारतीय उत्पाद पाइपलाइन में हैं।
हां, प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा वास्तव में बहुत पीड़ादायक है और हम सभी को इसे कम करने की पूरी कोशिश करनी होगी। मनरेगा की धनराशि के अधिक आवंटन जैसे कदम उठाए गए हैं, प्रवासियों के आने-जाने के लिए लगभग 3,500 श्रमिक स्पेशल टे्रनें चलाई गई हैं। प्रवासियों की स्क्रीनिंग के लिए मानवीय प्रावधान किए गए हैं, क्वारंटीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों को सहयोग और मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है। कोविड-19 ने पहाड़ के समान कठिनाइयां खड़ी की हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व के अलावा राज्य सरकारों के एक टीम के रूप में साथ-साथ काम करने के कारण संभव हुआ है।
भारत ने दुनिया के अन्य देशों की तुलना में इस संकट को कहीं बेहतर तरीके से संभाला है। नरेंद्र मोदी सरकार ने जो साहस और सहानुभूति दिखाई है, वह निश्चित रूप से हमें इस संकट से उबरने में सक्षम बनाएगी। हमें यकीन है कि यह चुनौती देश के लिए एक बड़ा अवसर पैदा करेगी। भारत का समय आ गया है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं) रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय, आईटी और दूरसंचार मंत्री
durg / shouryapath news / ग्राम पंचायत दनिया, विकासखंड धमधा के सम्बंध में दूरभाष के माध्यम से मुरुम के अवैध उत्खनन तथा बिक्री की शिकायत मिलने पर आज अनुविभागीय अधिकारी, धमधा सुश्री दिव्या वैष्णव, नायब तहसीलदार बोरी अखिलेश देशलहरे, थाना प्रभारी बोरी बी के कुशवाहा द्वारा तत्काल कार्यवाही की गई। दनिया-नंदकट्टी के रास्ते के मध्य तालाब में एक जे सी बी तथा 7 ट्रैक्टर को अवैध उत्खनन करते हुए जप्त किया गया। पंचायत से प्राप्त प्रस्ताव में उल्लेखित कार्यों के विपरीत मुरुम को बेचने की कार्यवाही की जा रही थी। इस बात की पुष्टि, स्वयं अनुविभागीय अधिकारी एवं नायब तहसीलदार द्वारा गांव का निरीक्षण कर की गयी। गांव के घरों में 700-800 रूप प्रति ट्रिप के हिसाब से 10-12 ट्रिप प्रति घर मे बेचा जा रहा था। जेसीबी लगाए व्यक्ति के पास लोडेड ट्रैक्टर के निस्तार की जानकारी नहीं थी। अवैध उत्खनन में लगे सभी वाहनों के जप्ती की कार्यवाही की गई है।
113 बेड हैं जिनमें 15 आईसीयू के-
गर्भवती पाजिटिव महिला आई तो डिलीवरी की व्यवस्था भी-
एम्स में स्टाफ की हो चुकी है ट्रेनिंग-
DURG / SHOURYAPATH / आगामी समय में कोरोना पाजिटिव पाये जाने वाले जिले के नागरिकों का उपचार शंकराचार्य हास्पिटल में होगा। इस संबंध में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कलेक्टर श्री सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज हास्पिटल का निरीक्षण किया और यहां नियुक्त अमले से तैयारियों के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। एसओपी के मुताबिक इलाज के लिए हास्पिटल पूरी तरह तैयार है। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की पाली में ड्यूटी लगा दी गई है। इनके कार्यदिवस और इसके बाद क्वारंटीन के दिन भी निर्धारित कर दिये गए हैं। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डाक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
113 बेड हैं जिनमें 15 आईसीयू के- अधिकारियों ने बताया कि यहां 113 बेड रखे गए हैं। इसमें आईसीयू के लिए 15 बेड, 31 बेड एचडीयू तथा 65 जनरल वार्ड के बेड हैं। इसके अतिरिक्त 32 बेड रिजर्व रखे गए हैं। कलेक्टर ने सभी वार्ड एवं आईसीयू का निरीक्षण किया। अस्पताल में लैब वगैरह की भी सुविधा है। कलेक्टर ने हाउसकीपिंग सहित अन्य जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि ड्यूटी रोटेशन और सभी के दायित्व के बारे में एसओपी के अनुसार कार्य करें। सीएमएचओ ने बताया कि इसके लिए चार बैच लगाए गए हैं। सभी की ट्रेनिंग भी की जा चुकी है तथा एसओपी के बारे में बता दिया गया है। पेशेंट के पाजिटिव चिन्हांकित होते ही यहां तक लाने एवं भर्ती कराने की पूरी प्रक्रिया निर्धारित कर ली गई है।
एन्ट्री प्वाइंट से बेड तक किस तरह का एसओपी होगा कलेक्टर ने पूछा- कलेक्टर ने अपने निरीक्षण में आरंभ में ही स्वास्थ्य अमले से पूछा कि बताइये कोई पाजिटिव मरीज अथवा उनकी देखरेख के लिए स्टाफ आता है तो यहां से किस प्रकार आगे जाएगा। अमले ने बताया कि एंट्री प्वाइंट पर ही थर्मल स्कैनर एवं अन्य जांच उपकरणों की व्यवस्था है। इसके पश्चात आगे की विस्तार से जानकारी उन्होंने कलेक्टर को दी।
गर्भवती पाजिटिव महिला आई तो डिलीवरी की व्यवस्था भी- अस्पताल में उस परिस्थिति की तैयारी भी रखी गई है जब कोई पाजिटिव गर्भवती महिला आए और उसके प्रेग्नेंसी का समय बिल्कुल करीब हो। ऐसी स्थिति में नार्मल और सीजेरियन दोनों तरह से डिलीवरी की सुविधा भी अस्पताल में रहेगी।
एम्स में स्टाफ की हो चुकी है ट्रेनिंग- कोविड हास्पिटल किस प्रकार काम करता है। पेशेंट का ट्रीटमेंट किस प्रकार से होना चाहिए। संक्रमण के रोकथाम के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी हैं। इन सभी की ट्रेनिंग ड्यूटी में लगाए गए अधिकारी-कर्मचारियों की हो चुकी है। इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनिंग भी हो चुकी है। अस्पताल को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है तथा लगातार सैनिटाइजेशन एवं कोविड संक्रमण को थामने के अन्य उपाय लगातार किए जाएंगे। अस्पताल में पीपीई किट, एन-95 मास्क एवं उपचार के लिए अन्य आवश्यक सभी सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं।
योजना के प्रथम चरण के लिए स्वीकृत किए 445 करोड़ रूपए: ग्रामीण क्षेत्रों
के 16.70 लाख घरों में दिए जाएंगे नल कनेक्शन
मिशन के तहत वर्ष 2023-24 तक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों
में 45.48 लाख घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य
RAIPUR / SHOURYAPATH NEWS /
जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना को केन्द्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए इसके प्रथम चरण के कार्याें के लिए 445 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की है। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल आपूर्ति की जाएगी। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की कार्य योजना 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना की सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्रथम चरण में इस कार्य के लिए 1000 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जिसमें से 445 करोड़ रूपए केन्द्र सरकार के, 445 करोड़ रूपए राज्य शासन के एवं शेष सामुदायिक अंशदान के रूप में होंगे। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के कुल 16 लाख 70 हजार 752 ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन देने के कार्याें को गति मिलेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल ने 19 मई को केन्द्रीय जल शक्ति श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन की छत्तीसगढ़ की कार्य योजना के संबंध में विचार-विमर्श किया गया था। छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री के साथ चर्चा में वर्ष 2023-24 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 45 लाख 48 हजार 80 घरों तक ‘हर घर नल से जल‘ हेतु छत्तीसगढ़ की कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस योजना के लिए 50 प्रतिशत राज्यांश की राशि तथा समुदाय अंशदान की राशि उपलब्ध कराने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ द्वारा विभाग के 7 वर्ष पुराने यूनिफाईड शेड्यूल ऑफ रेट्स (यू.एस.ओ.आर.) को पुनरीक्षित कर नवीन यू.एस.ओ.आर. तैयार किया गया है जिसकी केन्द्र ने सराहना की है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए 3500 करोड़ रूपए की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई है। इस वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण 29 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष किया गया। भारत सरकार द्वारा पेयजल योजनाओं के संचालन-संधारण को जनभागीदारी से अनिवार्य रूप से जोड़ने पर जोर दिया गया।
क्वारेंटाइन सेंटर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं देंगी सेवाएं
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
RAIPUR / SHOURYAPATH NEWS /
महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को यथासंभव सुरक्षित और पृथक भवन में रखे जाने की व्यवस्था करने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिए गए हैं। ऐसा संभव न होने पर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं और छोटे बच्चों को आवश्यक रूप से उपयुक्त स्थान में सुरक्षित रखते हुए उनके स्वास्थ्य तथा पोषण का ध्यान रखने अथवा होम क्वारेंटाइन कर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। इस संबंध में मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।
कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि क्वारेंटाइन केन्द्रों या परिवार में वापस जाने पर महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं न हो। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार कानूनी प्रावधानों के तहत महिलाओं को संरक्षण प्रदान किया जाए। महिला हेल्पलाइन 181 और सखी सेंटरों में ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों के विरूद्ध हिंसा न हो यदि ऐसा होता है तो1098 चाईल्ड हेल्पलाइन और जिले की बाल कल्याण समिति को सूचित करने की व्यवस्था की जाए।
कलेक्टरों को प्रवासी मजदूरों के उनके घर लौटने के बाद उनके परिवार की महिलाओं और बच्चों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए पंजीकृत करते हुए समुचित कार्यवाही करने भी कहा गया है। इसके साथ ही क्वारेंटाइन सेंटरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य विभाग की महिलाओं की सेवा लेने तथा इनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /
जो विपत्ति के समय में मदद करता है, वही जीवन का सच्चा साथी होता है। आज यह कहावत राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के लिए चरितार्थ साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर किसानों के लिए राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की गई है। वह निश्चित ही आज अपने उद्देश्य की ओर बढ़ रहा है। इस विषम परिस्थिति मंे धान के अंतरिम राशि का मिलना किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान कर रहा है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत ग्राम गैतरा के किसान श्री दिलेश्वर वर्मा को पहली किश्त की राशि 16 हजार 6 सौ 86 रूपए मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है। श्री वर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में धान उपार्जन केन्द्र में 90 क्विंटल धान बेचा था और ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ के तहत् लगभग 63 हजार रूपए की सहायता राशि चार किश्तों में मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम किश्त की अंतरिम राशि बैंक खाते में आ जाने से उन्हें आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी की तैयारी करने में बड़ी मद्दगार साबित होगी और खाद-बीज आदि की व्यवस्था करने में अब आसानी होगी और इस राशि से ट्रैक्टर मालिक और कृषि केन्द्र की बकाया राशि को चुकाउंगा। इस आगामी फसल के दौरान अपने खेतों के मेड़ांे में अरहर लगा कर अतिरिक्त आय अर्जित करूंगा। श्री वर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य शासन ने किसानों की समस्याओं को समझा और लॉकडाउन की इस संकट की घड़ी में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ ने एक सच्चे साथी की महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
राज्य सरकार द्वारा 39 ट्रेनों के लिए रेल मण्डलों को 3.74 करोड़ रूपए भुगतान
रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /
नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 53 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 71 हजार 712 श्रमिकों को एवं 453 अन्य यात्रियों को वापस लाया गया है। राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कुल 59 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सहमति दी गई है, इनमें से 39 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए 3 करोड़ 74 लाख 31 हजार 330 रूपए की राशि रेल मण्डलों को भुगतान की गई है।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य से होकर गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए भोजन, पेयजल, स्वास्थ्य परीक्षण, चरण पादुका वितरण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था से श्रमिकों कोे काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे है।
उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 205 श्रमिकों को 38 करोड़ 26 लाख रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 1 लाख 4 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है और छोटे-बड़े 1390 से अधिक कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. से जल्द ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के दिए निर्देश
रायपुर / shouryapath news /
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के लघु उद्योगों में उत्पादित सामग्रियों के विपणन को प्रोत्साहन देने के लिए सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से जल्द से जल्द रेट कांट्रेक्ट निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों द्वारा क्रय की जाने वाली सामग्रियों की सूची उद्योग विभाग-सी.एस.आई.डी.सी. को तत्काल उपलब्ध कराने तथा सी.एस.आई.डी.सी. को शीघ्र अतिशीघ्र समस्त वस्तुओं की दरें निर्धारित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में राज्य के लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के लिए सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी भी अनेक विभागों द्वारा नियमित रूप से क्रय की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन वस्तुओं का राज्य में निर्माण नहीं होता है तथा विभागों द्वारा उनका नियमित क्रय किया जाता है, उन सभी वस्तुओं की आपूर्ति राज्य में निर्माता कंपनियों के अधिकृत वितरकों के माध्यम से ही की जाए, जिससे राज्य में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और राज्य को जी.एस.टी. की क्षति भी नहीं हो।