August 05, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर । शौर्यपथ । वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर पूछा है कि आपके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के छः वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी आप का पत्र बेरोजगारी पर मौन क्यों है? सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) की ताजा रिपोर्ट देखे तो 12 करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार चला गया है। आपने देश के युवाओं को भरोसा दिलाया था प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का, उस अनुसार तो देश के बारह करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाना था लेकिन हो उल्टा गया है। बिस्सा ने कहा राष्ट्र से सीधी बात ना कर देशवासियों के नाम संबोधित आपका पत्र बता रहा है कि केंद्र सरकार आज देशवासियों को लेकर उस फिसलन पर खड़ी है जिसके आगे सिर्फ खाई है। लाक डाउन के दौरान जमा पूंजी पर ब्याज दरें घटा दी गई हैं। सरकार डीजल-पेट्रोल से बेदम कमाई कर रही है। किसान खून के आंसू पीकर रह गया है। बेरोजगारी उफान मार रही है। लोग आत्म हत्याएं कर रहे हैं। करोड़ों लोग रोटी कपड़ा मकान के संकट में डूब उतर रहे हैं। फैलती आर्थिक विपन्नता लोगों की खुशियां छीन रही है। बेइंतेहा मुश्किलों का दौर शुरू है। आपका पत्र इन बातों से मुंह छुपाता नजर आ रहा है। पत्र के हर एक शब्द से अट्टहास का भान होता है। यह अफसोस जनक है। बिस्सा ने कहा की विगत दिनों मोदी जी आप भाजपा के कार्यकर्ताओं, पंचायतों के प्रतिनिधियों, प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, देश की नामी गिरामी हस्तियों ईत्यादी से ऑनलाइन बात कर चुके हैं। क्या इन सुरक्षित चेहरों के मध्य मंझदार में पड़े करोड़ो उन बेबस लोगों से जो सड़कों की धूल फांक रहे हैं से बातचीत नहीं करना चाहिये? क्या देश का गरीब या परिस्थितियों का मारा आम नागरिक आपकी दष्टी में अपनी कोई हैसियत नहीं रखता है? क्या उसे सम्मान के साथ जीने का अधिकार नहीं है? बिस्सा ने कहा कि देश का गरीब भूखा प्यासा सड़कों पर है। ट्रेनों में दम तोड़ रहा है। दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उसके लिए आपके पत्र में संवेदनाओं व श्रद्धांजली का एक शब्द ना होना, उनके लिये किसी भी प्रकार की राहत की घोषणा ना करना, लोगों के मन में असुरक्षा की भावना भर रहा है। आपका मौन उन के लिये भी कुठाराघात है, जिन लोगों ने सोचा था की वर्ष पूरा होने पर आप कुछ सौगात उन गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को देंगे जो अपना सब कुछ लुटा कर नए जीवन की तलाश में है। बिस्सा ने पत्र में लिखा है कि कोरोना संकट के इस दौर में भारत की तस्वीर कहीं आपके पत्र की जंजीर में फंसे शब्दों से ना हो जाए सोचकर बार-बार घबरा उठता हूं। आप के दूर-दृष्टिकोण पर प्रश्न उठने लगता है। इस संकट की घड़ी में पूरा देश व राज्यों की सरकारें आपके साथ खड़ी हैं, लेकिन जब देशवासी व राज्य सरकारें आपकी ओर नजर घूमाती हैं तो दिखता है कि आप अभी भी टास्क का झोला लिए “आत्मनिर्भर बनो” के नारे के साथ जनता के समक्ष खड़े हैं। यह देखकर पीड़ा हो रही है। बिस्सा ने कहा की जन भावनाओं को इस तरह मत तोड़िये। जो लोग कोरोना आपदा में अपनी रोजी रोटी खोकर अपने कर्म क्षेत्र को छोड़ने मजबूर हुए हैं उनके पुनर्वास के बारे ठोस पहल कीजिये।

दुर्ग । शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग की पीएच.डी. अध्ययनरत् छात्रा रश्मि एस. कश्यप को मिनिस्ट्री ऑफ ट्रायबल, भारत सरकार की तरफ से नेशनल फैलोशिप (कैटेगरी-एस.टी.) के लिए चयन किया गया है। डाॅ. रश्मि एस. कश्यप महाविद्यालय के मेडिसीन विभाग में पी.एच.डी. प्रथम वर्ष की छात्रा है। प्रदेश से डाॅ.रश्मि एकमात्र छात्रा है जिनका चयन इस राष्ट्रीय स्तर के स्काॅलरशिप के लिए हुआ है। वे पशु औषधि के क्षेत्र में शोध करेंगी जिससे प्रदेश के दुरांचल में स्थित किसान एवं पशुपालक लाभान्वित होंगे। केन्द्र शासन द्वारा प्रतिभाशाली छात्राओं का राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया जाता है जिससे आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित किया जा सके। विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एन.पी.दक्षिणकर, अधिष्ठाता डाॅ.एस.के.तिवारी एवं कुलसचिव डाॅ.पी.के.मरकाम ने डाॅ.रश्मि का अभिनंदन किया है एवं उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाऐं दी।

दुर्ग । शौर्यपथ । दीपक नगर वार्ड के रेवा तालाब किनारे सौंदर्यीकरण और पाथवे निर्माण काम जल्द शुरू हो सकेगा।आज निगम आयुक्त श्री इंद्रजीत बर्मन के निर्देश पर तालाब पार के अतिक्रमण को हटाया गया। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक भूमि पर रंजन सिंह नामक व्यक्ति द्वारा अवैध रुप से निर्माण कर लिया गया था जिसके कारण रेवा तालाब किनारे पाथवे और सौदर्यीकरण का कार्य रुका हुआ था। इस संबंध में संबंधित व्यक्ति को अतिक्रण हटाने का नोटिस दिया गया था। परन्तु रंजन सिंह द्वारा बार बार नोटिस देने पर भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसके बाद प्रभारी भवन अधिकारी गिरीश दीवान के नेतृत्व में रेवा तालाब किनारे बने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। प्रभारी भवन अधिकारी ने बताया रेवा तालाब से अतिक्रमण हटने के बाद अब जनता की मांग पर यहाॅ पाथवे और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा। निगम आयुक्त श्री इंद्रजीत बर्मन ने कहा कि आम निगम क्षेत्र की जनता के हितों का ख्याल रखते हुए यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण ना करें। अन्यथा निगम द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।कार्यवाही के दौरान तहसीदलदार श्री सतेंन्द्र शुक्ला मोहन नगर थाना के पुलिस बल, श्री जी.आर. यादव संतोष मिश्रा, श्री मनीष अगिनोघटरी, श्री मनीष थापा, श्री अनुज राय, श्री राजेन्द्र वर्मा आदि मौजूद थे।

दुर्ग । शौर्यपथ । नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा निगम सीमा क्षेत्र के करदाताओं से वित्तीय वर्ष 2019-20 का टैक्स व दुकान किराया बिना अधिभार के लिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जारी लाॅकडाउन के कारण वित्तीय वर्ष 2019-20 का टैक्स व दुकान किराया जमा करने की तिथि में वृद्धि की गई है। निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने बताया शासन के आदेशानुसार किसी भी करदाताओं से कोई भी अधिभार लिये बिना टैक्स लिया जा रहा है । शासन ने 31 मई 2020 तक समस्त प्रकार के टैक्स और स्वविवरणी भरवाने का निर्देश दिया है । अतः शहर के समस्त करदाताओं से अपील है कि कल शनिवार और रविवार को अवकाश के दिन कार्यालय समय खुला रहेगा। करदातागण निगम कार्यालय आकर अपना टैक्स जमा कर रसीद प्राप्त कर सकते हैं।

रायपुर । शौर्यपथ । छत्तीसगढ में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ रहे हैं। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना संक्रमण के ये मामले प्रवासी मजदूरों में या जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री है उसमें पाए जा रहे है ।प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ ही यह सिलसिला शुरू हुआ और अब कुल सक्रमितों का आंकडा साढे तीन सौ के पार जा चुका है। बुधवार को बिलासपुर और बलौदाबाजार में 1-1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जबकि जशपुर जिले में कोरोना के पांच नए मरीज पाए गए हैं। ये सभी मरीज महाराष्ट्र से लौटे हुए प्रवासी मजदूर है। पुष्टि करते हुए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पी सुथार ने बताया कि तीन कोरोना मरीज दुलदुला,एक बगीचा और एक पत्थलगांव के बहनाटांगर के क्वरंटाइन सेंटर में पाया गया है। इन सभी मरीजों को सुरक्षित रायगढ़ के ​मेडिकल कॉलेज पहुंचाने के लिए दो एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीम को रवाना कर दिया गया है। सीएमएचओ पी सुथार ने बताया कि जिले में पहुंचने वाले 34 सौ 22 मरीजों का लक्ष्ण के आधार पर कोरोना जांच किया जा रहा है। जांच में पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पांचों मरीजों की ट्रेवल और कॉन्टेक्ट हिस्ट्री जुटाने में लगी हुई है। बता दें कि जिले में कोरोना का पहला मामला भी दुलदुला के क्वरंटाइन सेंटर में पाया गया था। इसके बाद एक महिला सहित दो प्रवासी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि बगीचा के पंडरीपानी क्वरंटाइन सेंटर में हुआ था। इस तरह अब जिले में कोराना के सक्रिय मामलों का आंकड़ा 8 तक पहुंच गया है। जशपुर में पाए गए नए पाज़िटिव मरीजों को रायगढ़ कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा। बिलासपुर में मिले मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल बिलासपुर और बलौदाबाजार में मिले मरीज को एम्स रायपुर में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। राज्य में एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 286 हो गई है। जबकि अब तक संक्रमण में आए लोगों का कुल आंकडा 369 हो गया है। वही प्रदेश सरकार के लिए राहत की खबर यह है कि राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है। कोरोना अपडेट नए केस - 08 एक्टिव - 286 स्वस्थ - 83 कुल संक्रमित - 369 मौत - 0

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजित जोगी आखिरकार जिन्दगी और मौत के जंग में हार गए . पिछले कई दिनों से जिन्दगी के लिए जंग लड़ रहे प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजित जोगी लम्बी बीमारी ( हार्ट अटैक ) से जूझ रहे थे . नारायणा हास्पिटल में अजित जोगी का इलाज चल रहा था . बता दे कि कुछ दिनों पहले अपने निवास में इमली खाते समय बीज गले में फास जाने की वजह से अटैक आया था . शल्य चिकित्सा के बाद बीज तो निकाल दिया गया किन्तु हालत में कोई सुधार नहीं हुआ . चिकित्सको की टीम द्वारा ब्रेन डेड के फिर से जागृत करने हेतु औडियो थेरेपी भी दी गयी . अजित जोगी ने जिन्दगी की हर जंग को सीना तान कर मुकाबला किया कभी किसी भी मुकाबले में पीछे नहीं हेट किन्तु इस बार प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री की जंग में हार हो गयी . अजित जोगी के निधन की खबर से पूरा प्रदेश शोक में डूब गया हर जगह सिर्फ प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री की ही बात हो रही है , हर जगह सिर्फ जोगी कांग्रेस के संस्थापक की बात हो रही है , हर जगह सिर्फ पूर्व कलेक्टर आई ए एस अजित जोगी की बात हो रही है , हर जगह गाँधी परिवार के करीबी और विश्वस्त रहे अजित जोगी की बात हो रही है . जितने मुह उतनी बाते अजित जोगी के जन्म से लेकर मृत्यु तक कई रूपों में जिन्दगी का निर्वाह किया है कभी साधारण बालक तो कभी गुद्सवार के शौकीन अजित तो कभी कलेक्टर अजीत तो कभी मुख्यमंत्री अजित तो कभी संस्थापक अजित हर जगह अजित अजित . अब सिर्फ एक याद बनकर रह गए है अजित प्रमोद जोगी . आइये जाने अजित प्रमोद जोगी के जीवन के कुछ ख़ास बाते एक व्यक्ति कई रूप हर रूप में दमदारी ....

अजित जोगी का जन्म
अजीत जोगी का जन्?म 29 अप्रैल 1946 को तत्?कालीन ब्रिटिश भारत के मध्?य प्रांत के बिलासपुर में हुआ था। अजित जोगी के पिता का नाम के.पी. जोगी और माता का नाम कांटी मणि था अजीत जोगी ने भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्?नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहां उन्?होंने 1968 में गोल्ड मैडल प्राप्त किया।
कालेज में रहे प्रोफ़ेसर
अजित जोगी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर में कुछ दिनों अध्?यापन का कार्य किया। अध्यापन कार्य के साथ सिविल सेवा व पुलिस सेवा की भी तैयारी की इसके बाद उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा और उसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ। इंदौर में कलेक्टर के रूप में उनकी सेवाए इंदौर वासियों को लम्बे समय तक याद रही .
अजित जोगी का राजनैतिक सफऱ
अजीत जोगी 1986 से 1998 के बीच दो बार राज्?य सभा के सांसद चुने गए।1998 में वे रायगढ़ से सांसद चुने गए। 1998 से 2000 के बीच वे कांग्रेस के प्रवक्?ता भी रहे। इंदौर में कलेक्टरी कर रहे अजित जोगी तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. 1986 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. इसके बाद जोगी का राजनीतिक सिक्का चमकने लगा, वह 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पद पर कार्यकर रहे, वहीं 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए.
साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो उस क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत था. यही कारण रहा कि कांग्रेस ने बिना कुछ देरी के अजीत जोगी को ही राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया. जोगी 2003 तक राज्य के सीएम रहे. हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरता गया. लगातार वह पार्टी में बगावती तेवर अपनाते रहे और अंत में उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली.
अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था. जबकि एक दौर में वो राज्य में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे. अब वो कांग्रेस से दो-दो हाथ करने के लिए उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन किया है. राज्य की कुल 90 सीटों में से 35 बसपा 53 जोगी और 2 सीटें सीपीएम को मिली है.
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे 2000 से 2003 के बीच राज्?य के पहले मुख्यमंत्री रहे। 2004 से 2008 के बीच वे 14वीं लोकसभा के सांसद रहे। 2008 में वे मरवाही विधानसभा सीट से चुन कर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का गठन किया है।

राजनितिक घटनाक्रम के प्रमुख वर्ष

//1986 अजीत जोगी ने 1986 में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य बनकर राजनीतिक कॅरियर की शुरूआत की। इसके बाद कांग्रेस ने इन्हें राज्यसभा में नामित किया।
//1987 जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं इसके अलावा इन्हें लोक उपक्रमों की समिति, उद्योग समिति, रेलवे, अध्यक्ष, राज्य अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जनजाति (मध्य प्रदेश) समिति का हिस्सा बनाया गया।
//1989 मणीपुर राज्य के लोकसभा चुनावों के दौरान जोगी को कांग्रेस ने केंद्रीय पर्यवेक्षक का काम सौपा। जोगी ने मध्यप्रदेश के 1500 किमी के जनजातियों वाले इलाके में काम कर उनके बीच जनजागृति फैलाई और उन्हें कांग्रेस पार्टी के समर्थन में जूटा लिया।
//1995 सिक्किम विधानसभा चुनावों के दौरान जोगी ने कांग्रेस पार्टी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में काम किया। 1995 जोगी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति और पर्यावरण व वन पर बनी कमेटी के अध्यक्ष का भी भार सौंपा गया।
//1996 कोर समूह और संसदीय चुनाव (लोकसभा) के बाद में जोगी संसद में कार्यकारी समिति के सदस्य बन गए।
//1997 इन्हें दिल्ली राज्य कांग्रेस कमेटी चुनावों के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा परिवहन और पर्यटन समिति, ग्रामीण व शहरी विकास सदस्य समिति, परामर्श समिति, कोयला मंत्रालय, लोक लेखा समिति, अप्रत्यक्ष कर पर ऊर्जा, संयोजक, उप-समिति के सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया। इतना ही नही जोगी राज्य सभा के उपाध्यक्ष के पैनल में सदस्य भी बन चुके है। इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ एआईसीसी के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया।
// 1998 जोगी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12 वीं लोक सभा के लिए चुने जा चुके है।
// 2000 नवंबर, 2000 को नवीन्तम राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी। इन्होंने 2003 में छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा का भी नेतृत्व किया। 1999 इन्होंने छत्तीसगढ़ के अलग राज्य के लिए जागरूकता फैलाने के लिए दंतेवाड़ा के मां दांतेश्वरी मंदिर से अंबिकापुर के महामाया मंदिर तक जात्रा का नेतृत्व किया।
// 2004 यह 14 वीं लोकसभा में महासामुंड, छत्तीसगढ़ के लिए सांसद के रूप में चुने गए।
// 2009 2009 के लोकसभा चुनावों में चुने जाने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य छत्तीसगढ़ के महासामुंड निर्वाचन क्षेत्र के रूप में काम किया। हालांकि, जोगी 2014 के लोकसभा चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखने में असफल रहे और बीजेपी के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए। 2008 छत्तीसगढ़ की विधान सभा के सदस्य के रूप में जोगी चुने गए, यह मारवाही निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।
// 2018 अजीत जोगी ने घोषणा की वह राजनंदगांव और मारवाही सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसका मतलब है कि वह सीधे डॉ. रमन सिंह को चुनौती देंगे। 2016 जून 2016 में, अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नामक एक नए राजनीतिक संगठन की स्थापना की।

           सेहत / शौर्यपथ / पुदीना एक ऐसा पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय रसोईघरों में मुख्य रूप से चटनी के रूप में किया जाता है। इसकी अनेक खूबियां हैं। यह भोजन को पचाने में तो कारगर है ही, पेट में होने वाले काफी रोगों के उपचार में भी उपयोगी साबित होता है। इसके अधिकतम लाभ के लिए कब, कैसे और कितने पुदीने का इस्तेमाल करना चाहिए, बता रही हैं प्राची गुप्ता

पुदीने में मेंथोल, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, रिबोफ्लेविन, कॉपर, आयरन आदि पाये जाते हैं। पुदीना के पत्तों का सेवन कर उल्टी को रोका जा सकता है और पेट की गैस को दूर किया जा सकता है। यह जमे हुए कफ को बाहर निकालता है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह शरीर से पसीना निकालकर बुखार को दूर करता है। इसमें शरीर में किसी कीड़े के काटे जाने पर उसके जहर को नष्ट करने का भी गुण होता है।

बड़े काम की है पुदीने की चटनी
पुदीने की चटनी बड़े काम की होती है। पुदीने के साथ अनारदाना, हरा कच्चा टमाटर, नीबू, अदरक, हरी मिर्च, सेंधा नामक, काली मिर्च, अजवाइन को मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। इसका सेवन पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

पेट के रोगों को करे दूर
पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्या को दूर करने के लिए पुदीने को सबसे अच्छा माना गया है। आजकल खान-पान की वजह से पेट में तरह-तरह की तकलीफें हो जाती हैं। एक चम्मच पुदीने के रस में एक कप गुनगुना पानी और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट के रोगों में आराम मिलता है। जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है। पुदीने को उबालकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती है।
उल्टी से राहत दिलाए
उल्टी रोकने के लिए पुदीना का सेवन लाभकारी साबित होता है। इसके लिए पुदीने के पत्तों में दो बूंद शहद मिलाकर पीना चाहिए।


’पुदीने के पत्तों की लुग्दी बनाकर इसे हल्का गर्म करके किसी भी तरह के जख्म या किसी कीड़े के काटने वाले स्थान पर रखने से जख्म व कीड़े का काटा ठीक होता है, साथ ही उसका दर्द और सूजन भी ठीक हो जाती है।
’पुदीने का रस काली मिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खांसी और बुखार में राहत मिलती है। सिर दर्द में ताजी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम
मिलता है।
’हैजा रोग से पीड़ित व्यक्ति को पुदीना के रस के साथ प्याज के रस में नीबू और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करना चाहिए, लाभ होता है।
’पुदीने की पत्ती और तुलसी की पत्ती के रस में दो बूंद शहद मिलाकर पीने से लगातार आ रही हिचकियां तुरंत बंद हो जाती हैं।
’पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को मंजन की तरह प्रयोग करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और मसूढ़े मजबूत होते हैं।
’पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है।
’प्यास अधिक लगने पर नीबू का शर्बत बनाकर इसमें पुदीने के पत्तों का रस मिलाकर पीने से प्यास बार-बार नहीं लगती, शरीर में पानी की कमी भी नहीं
हो पाती।

बरतें सावधानी
पुदीने के पत्तों का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक सेवन गुर्दे और आंतों के लिए नुकसानदेह साबित होता है। अगर इसका अधिक सेवन किया गया है, तो उसे ठीक करने के लिए मुलेठी का सत्व और गोंद कतीरा मिलाकर सेवन करना चाहिए।

 

           सेहत / शौर्यपथ / पुदीना एक ऐसा पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय रसोईघरों में मुख्य रूप से चटनी के रूप में किया जाता है। इसकी अनेक खूबियां हैं। यह भोजन को पचाने में तो कारगर है ही, पेट में होने वाले काफी रोगों के उपचार में भी उपयोगी साबित होता है। इसके अधिकतम लाभ के लिए कब, कैसे और कितने पुदीने का इस्तेमाल करना चाहिए, बता रही हैं प्राची गुप्ता

पुदीने में मेंथोल, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, रिबोफ्लेविन, कॉपर, आयरन आदि पाये जाते हैं। पुदीना के पत्तों का सेवन कर उल्टी को रोका जा सकता है और पेट की गैस को दूर किया जा सकता है। यह जमे हुए कफ को बाहर निकालता है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह शरीर से पसीना निकालकर बुखार को दूर करता है। इसमें शरीर में किसी कीड़े के काटे जाने पर उसके जहर को नष्ट करने का भी गुण होता है।

बड़े काम की है पुदीने की चटनी
पुदीने की चटनी बड़े काम की होती है। पुदीने के साथ अनारदाना, हरा कच्चा टमाटर, नीबू, अदरक, हरी मिर्च, सेंधा नामक, काली मिर्च, अजवाइन को मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। इसका सेवन पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

पेट के रोगों को करे दूर
पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्या को दूर करने के लिए पुदीने को सबसे अच्छा माना गया है। आजकल खान-पान की वजह से पेट में तरह-तरह की तकलीफें हो जाती हैं। एक चम्मच पुदीने के रस में एक कप गुनगुना पानी और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट के रोगों में आराम मिलता है। जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है। पुदीने को उबालकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती है।
उल्टी से राहत दिलाए
उल्टी रोकने के लिए पुदीना का सेवन लाभकारी साबित होता है। इसके लिए पुदीने के पत्तों में दो बूंद शहद मिलाकर पीना चाहिए।


’पुदीने के पत्तों की लुग्दी बनाकर इसे हल्का गर्म करके किसी भी तरह के जख्म या किसी कीड़े के काटने वाले स्थान पर रखने से जख्म व कीड़े का काटा ठीक होता है, साथ ही उसका दर्द और सूजन भी ठीक हो जाती है।
’पुदीने का रस काली मिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खांसी और बुखार में राहत मिलती है। सिर दर्द में ताजी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम
मिलता है।
’हैजा रोग से पीड़ित व्यक्ति को पुदीना के रस के साथ प्याज के रस में नीबू और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करना चाहिए, लाभ होता है।
’पुदीने की पत्ती और तुलसी की पत्ती के रस में दो बूंद शहद मिलाकर पीने से लगातार आ रही हिचकियां तुरंत बंद हो जाती हैं।
’पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को मंजन की तरह प्रयोग करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और मसूढ़े मजबूत होते हैं।
’पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है।
’प्यास अधिक लगने पर नीबू का शर्बत बनाकर इसमें पुदीने के पत्तों का रस मिलाकर पीने से प्यास बार-बार नहीं लगती, शरीर में पानी की कमी भी नहीं
हो पाती।

बरतें सावधानी
पुदीने के पत्तों का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक सेवन गुर्दे और आंतों के लिए नुकसानदेह साबित होता है। अगर इसका अधिक सेवन किया गया है, तो उसे ठीक करने के लिए मुलेठी का सत्व और गोंद कतीरा मिलाकर सेवन करना चाहिए।

 

          सेहत / शौर्यपथ / भारत में लगातार कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जा रही है कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमारी इम्यूनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत मजबूत होगी, तभी इस वायरस से बच पाएंगे। गौर करने वाली बात यह है कि घर में रखी हुई कई चीजों में विटामिन 'सी' पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सक्षम होता है। वैसे भी खट्टी चीजों में भरपूर विटामिन 'सी' होता है और घर में रखी खट्टी-मीठी इमली तो सभी को पसंद है। इमली कई गुणों से भरपूर भी होती है।
 डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, इसमे विटामिन 'सी' के अलावा विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, पोटेशियम, मैंग्नीज और फायबर जैसे कई तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। अक्सर बड़े बुजुर्ग भी इमली खाने की सलाह देते हैं। तो आइए जानते हैं इमली खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं -
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है इमली
इमली में विटामिन 'सी' के अलावा यह एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होती है। इमली प्रतिरक्षा प्रणाली को तो मजबूत बनाती ही है, साथ ही यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को विकसित होने से रोकती है। एंटीसेप्टिक गुण घाव को जल्द ठीक करते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली इमली काफी मददगार साबित हो सकती है।
किडनी और लिवर के लिए फायदेमंद
इमली में मौजूद पॉलीफेनोल्स में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं। इमली के बीज का अर्क पीने से लिवर की बीमारियां ठीक होती हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर खराब होने से बचाते हैं। इसके सेवन से वजन भी कम होता है।
सर्दी जुकाम की समस्या से छुटकारा
इमली में थियामिन और राइबोफ्लेविन तत्व पाया जाता है, जो सर्दी-जुकाम को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए एक बर्तन में एक गिलास पानी उबालें और ताजी कटी हुई आधा कप इमली की पत्तियां डालें, अब यदि चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा सा नींबू, थोड़ा शहद और इलाइची भी डाल सकते हैं। इस मिश्रण को पीने से खांसी, जुकाम और गले की समस्या ठीक हो जाती है। डॉ. अजय मोहन के अनुसार, सर्दी, जुकाम और खांसी ही कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण हैं।
दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद
इमली के एंटीऑक्सीडेंट गुण दिल के लिए फायदेमंद होते हैं। इमली में मौजूद फ्लेवोनोइड जैसे पॉलीफेनोल्स गुण दिल को सभी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी नियंत्रित होता है। इमली में कुछ ऐसे यौगिक तत्व होते हैं, जो दिल की कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं।
आंखों के लिए भी गुणकारी है इमली
इमली में विटामिन 'ए' भी काफी मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन ए का अधिक सेवन करने से आंखों का कार्निया सुरक्षित रहता है। इसके अलावा यह मैक्यूलर डिजनरेशन के विकास के जोखिम को भी कम करने में सहायक होता है। इमली के रस में पाए जाने वाले कई पोषक तत्व आंखों में होने वाले संक्रमण से बचाने में भी मदद करते हैं।
पाचन की मजबूती में सहायक
इमली में फाइबर भी भरपूर होता है, जिससे पाचन तंत्र ठीक होता है। यदि रोज एक इमली का सेवन किया जाए तो पाचन तंत्र मजबूत होगा और पेट की छोटी व बड़ी दोनों आंतें साफ रहेंगी। साथ ही इससे कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित बीमारियां भी नहीं होगी।

 

 

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