August 05, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

           शौर्यपथ / भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए जो ताजा घोषणाएं की हैं, वे कुछ और कदम भर हैं। कोरोना के लॉकडाउन दौर में यह तीसरी बार है, जब भारतीय केंद्रीय बैंक ने अपनी ओर से सुधार के कदम उठाए हैं। विशेष रूप से दो बड़ी घोषणाएं हैं, जिन पर गौर किया जा सकता है। पहली घोषणा यह कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कमी की गई है, ताकि बाजार में नकदी का प्रवाह बने। नकदी का प्रवाह बनने से न केवल ऋण सस्ते या आसान होंगे, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। रेपो रेट घटकर अब चार प्रतिशत पर आ गया है, ताकि बैंकों के पास खर्च या निवेश के लिए ज्यादा नकदी उपलब्ध हो। इसके साथ ही रिजर्व बैंक यह भी चाहता है कि बैंकों के पास ज्यादा धन रहे और वे रिजर्व बैंक के पास ब्याज के लिए धन रखने की बजाय उसे बाजार में लगाएं। अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक की यह मंशा स्वागतयोग्य है।
दूसरी घोषणा उन लोगों के लिए खुशखबरी है, जो अभी ऋण वापस करने की स्थिति में नहीं हैं। टर्म लोन पर पहले ही तीन महीने की छूट मिली हुई थी और अब इस छूट को तीन महीने और बढ़ाकर एक बड़ी आबादी को राहत देने की कोशिश हुई है। ज्यादातर तरह के ऋण लेने वालों को अब अगस्त महीने तक कोई भी ऋण चुकाने से राहत मिलेगी। यदि किसी ने गृह ऋण, वाहन ऋण, कॉरपोरेट, कारोबारी, क्रेडिट कार्ड ऋण ले रखा है और ईएमआई नहीं चुका पा रहा, तो बैंक अपने आप आपके ऋण को मोरेटोरियम में भेज देंगे। हालांकि बेहतर सलाह यह है कि आप बैंक को स्वयं मोरेटोरियम के लिए आवेदन कर दें, ताकि आपको अगस्त के महीने तक ईएमआई का दबाव न झेलना पडे़। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लॉकडाउन के कारण ज्यादातर कामकाज बंद हैं, और बड़ी संख्या में लोगों की आय प्रभावित हुई है। मोरेटोरियम से उन्हें यह तो फायदा है कि कर्जदाता बैंक उन्हें अभी परेशान नहीं करेंगे, अलग से कोई पेनाल्टी नहीं लगाएंगे, लेकिन इस अवधि का ब्याज तो बैंक जरूर जोड़ेंगे। अब आशंका यह है कि ऋण चुकाने की अवधि भी बढे़गी और र्ईएमआई भी। ऐसे में, लोग मोरेटोरियम को किसी बड़ी राहत के रूप में नहीं देख रहे हैं। यह तात्कालिक राहत है और इससे दूरगामी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
आज के हालात में लोगों को बैंकों पर बहुत भरोसा नहीं है और बैंक भी लोगों के प्रति यथोचित उदार नहीं हैं। इस अविश्वास के कारण ही ऋण के लेन-देन का बाजार लगातार मंदा चल रहा है। रिजर्व बैंक जो प्रयास कर रहा है, वह आम दिनों के लिए तो ठीक है, लेकिन जिस तरह की आपातकालीन स्थिति से देश गुजर रहा है, उसमें लोगों को रिजर्व बैंक से बड़ी राहत की उम्मीद है। ऋण के बोझ से दबे लोगों के मन में यह सवाल हैै कि सरकार या रिजर्व बैंक ने हमारे लिए क्या किया है? लॉकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था को बल देने की दिशा में रिजर्व बैंक की यह तीसरी घोषणा अच्छी तो है, लेकिन जरूरतमंद लोगों की उम्मीद से कम है। इसीलिए रिजर्व बैंक की घोषणा के बावजूद शुक्रवार को शेयर बाजार गिरकर बंद हुए। यहां तक कि विभिन्न बैंकों के शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जाहिर है, आने वाले दिनों में सभी को और बेहतर राहत की उम्मीद है।

 

         शौर्यपथ / केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का विश्व स्वास्थ्य संगठन का कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना जाना भारत के लिए गौरव की बात है। हम उनके पोलियो उन्मूलन अभियान के साक्षी हैं कि किस प्रकार सीमित संसाधनों के साथ हम इस बीमारी पर काबू पाने में सफल रहे। कोविड-19 पर भी हम विजय पाएंगे, ऐसा हमें विश्वास है, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री के एक आह्वान पर देश पर्सनल प्रोटेक्शन किट व मास्क बनाने में मात्र दो माह में आत्मनिर्भर बन चुका है। इन कार्यों में हम इसलिए सफल रहे, क्योंकि प्रभावशाली नेतृत्व और आम जनमानस को आपस में जोड़ा गया। अब पूरे विश्व को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और हर्षवर्धन के अनुभव का फायदा मिलेगा।
लोकल के लिए वोकल
कोरोना संकट के कारण देश में आई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए हमें लोकल के लिए वोकल होना ही पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में स्थानीय उत्पादों के प्रति देश को प्रोत्साहित किया था। आज देश में तमाम विदेशी कंपनियों का राज है, और यदि हम विदेशी पर निर्भर न होकर स्वदेशी अपनाएंगे, तो यह आत्मनिर्भरता की ओर एक अहम कदम होगा। हम लोकल पर गर्व करेंगे, तो वे देश ही नहीं, बल्कि विदेश में एक ग्लोबल प्रोडक्ट बनकर भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाएंगे, हालांकि उनका निर्माण गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत दिए गए राहत पैकेज में इसके लिए अहम फैसले लिए हैं।
अमीर बनाम गरीब
आजादी के इतने वर्षों के बाद भी जो अब तक नहीं बदला, वह है हमारी हुकूमत का रवैया। वह आम आदमी की खैरख्वाह होने का दम तो भरती है, परंतु जब मजदूरों-किसानों पर कोरोना की वजह से मुसीबत आई, तो सरकार ने उनके अनुसार फैसले लिए, जो अपने घर में सुरक्षित बैठे थे। जब लॉकडाउन के कारण ये गरीब दो जून की रोटी के लिए भी दूसरों पर आश्रित हो गए, तब लोगों ने उन्हें खाना तो दिया, लेकिन उनकी तस्वीर भी दुनिया को दिखाई, मानो वे भिखारी हों। सबने सोचा कि सिर्फ दो वक्त की रोटी ही उनकी जिंदगी है। कब तक सरकार यह नहीं मानेगी कि उनका भी स्वाभिमान है, घर है, बच्चे हैं। आज हजारों मजदूर घर जाने की जद्दोजहद में पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं, पुलिस की मार खा रहे हैं, लेकिन सरकार को यह सब दिखाई नहीं देता। साफ है, जनता की होने का दावा करने वाली सरकार सिर्फ अमीरों की है। आमजन तो उसके लिए वोट बैंक हैं, जिनकी याद उसे सिर्फ चुनाव में आती है। सरकार तब तक यह सब करती रहेगी, जब तक गरीब खुद नहीं जाग जाएगा।
अमेरिका की दादागिरी
अंगे्रजी में एक कहावत है ‘माई वे ऑर द हाईवे’। इसका अर्थ है, तुम मेरी तरफ हो या कहीं के नहीं हो। इस समय अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यही कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन पर दबाव बनाकर उसे कोरोना वायरस के जन्मदाता का नाम उजागर करने संबंधी जांच कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस समय महामारी उफान पर है। अभी सबको मिलकर कोरोना से लड़ना चाहिए, पर कुछ देश आपस में लड़ रहे हैं। ट्रंप डब्ल्यूएचओ को पैसा देने से मना कर रहे हैं और संस्था छोड़ने की भी धमकी दे रहे हैं। पूर्व में भी राष्ट्रपति ट्रंप जलवायु परिवर्तन संबंधी समझौते से बाहर निकल चुके हैं। विज्ञान की खोज शायद उनके लिए मायने नहीं रखती। ऐसे में, अगर अगला चुनाव वह जीतते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र को अपना मुख्यालय भी संभवत: न्यूयॉर्क से बाहर ले जाना पड़ेगा।
जंग बहादुर सिंह

        ओपिनियन / शौर्यपथ / कुरान में जिन दो त्योहारों का जिक्र है, उनमें ईद-उल-फितर एक है। दूसरा त्योहार करीब दो महीने के बाद मनाया जाने वाला ईद-अल-अजहा है। ईद एक महीने के रोजे के बाद मनाई जाने वाली खुशी है। रोजे सिर्फ रमजान के फर्ज हैं। इस एक महीने में अल्लाह के संदेशों को जीवन में उतारने का अभ्यास किया जाता है। इससे हमें गरीबों की भूख का अंदाजा होता है। इसमें ईबादत की रवायत है, जिससे हमें सारे जहां के मालिक के अस्तित्व का एहसास होता है और जीवन को लेकर अनुशासन पैदा होता है। रोजे में ऐसा कोई काम नहीं किया जाता, जो अल्लाह को पसंद न हो। वैसे, अन्य धर्मों में भी रोजे का जिक्र है।
हालांकि, ईद की खुशी मनाने का यह मतलब नहीं है कि गरीबों को हम भूल जाएं। इस दिन बडे़-बुजुर्गों को याद रखें। अपने पड़ोसियों को घर बुलाएं। जरूरी नहीं है कि वे पड़ोसी अपने मजहब के ही हों। पड़ोसी का अर्थ हर उस व्यक्ति से है, जो रोजेदार के आसपास रहता है। फितरा (दान) इसी की अगली कड़ी है, जो रोजे के लिए ईद की नमाज से पहले दी जाती है। यह वह रकम है, जो संपन्न घरों के लोग आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को देते हैं। मुसलमान जकात के रूप में साल भर की बचत का ढाई फिसदी हिस्सा दान तो करते ही हैं, लेकिन ईद में फितरा का विशेष आग्रह रहता है। इससे उन गरीबों को खासतौर से मदद मिल जाती है, जिनके हालात ऐसे नहीं होते कि वे ईद की खुशियां मना सकें।
जिस तरह रोजे में अल्लाह की मरजी के मुताबिक काम किया जाता है, वही रवायत ईद में आगे बढ़ाई जाती है। ईद की नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया जाता है और उसके बाद सामूहिक तौर पर जश्न मनाया जाता है। मसलन, अच्छा खाना बनाया जाता है और उसमें आसपास के लोगों को शरीक किया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं, तो जरूरतमंदों में नए कपडे़ बांटने की अपेक्षा की जाती है। अगर आर्थिक बदहाली की वजह से कोई ऐसा नहीं कर पाता है, तो दूसरों से यह उम्मीद की जाती है कि वे नए कपडे़ पहनकर उन घरों के बच्चों के सामने न जाएं, जो पैसों की तंगी की वजह से ईद का जश्न नहीं मना पा रहे हैं। इससे उनके अभिभावकों के भीतर मायूसी और कोफ्त पैदा हो सकती है।
इस्लाम के साथ खास बात यह है कि इसकी पैदाइश चौदह-पंद्रह सौ साल पहले हुई है। इसका अर्थ है कि यह नया मजहब है। इसलिए इस पर अमल करने की बात जोर देकर की जाती है। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं है कि दूसरे धर्म को सम्मान न दिया जाए। इसे इस रूप में समझा जा सकता है कि जब किसी किताब का नया संस्करण आता है, तो हम उसे खरीदना पसंद तो करते हैं, मगर नए संस्करण का आधार किताब का पुराना संस्करण ही होता है। कहा जाता है कि अल्लाह ने एक लाख से अधिक पैगंबर धरती पर भेजे। लिहाजा यह मान्यता भी है कि हिंदू धर्म भी आसमानी धर्म हो सकता है और इसमें भी कोई पैगंबर आए होंगे। लिहाजा मुसलमानों को कहा जाता है कि वे किसी भी मजहब के नेतृत्व को बुरा न कहें। मुमकिन है कि हजारों साल पहले ये भी ईश्वर के दूत के रूप में आए हों, लेकिन उनके मानने वालों ने अपने मकसद के लिए उनकी सोच में अपनी मरजी से बदलाव कर दिए हों। मुसलमानों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सभी मजहब की इज्जत करें, लेकिन अमल अंतिम किताब पर करें। अल्लाह ने इंसान को सोचने की सलाहियत दी है। उसे नहीं भूलना चाहिए कि पैगंबरों के जरिए ईश्वर सिर्फ यही बताना चाहते हैं कि यदि उनके संदेशों पर अमल किया गया, तो इंसान सुख से रहेगा, और यदि इंसान खुश रहेगा, तो समाज और दुनिया में खुशियां फैलेंगी। ऐसे लोगों को जन्नत नसीब होगी।
आज जब कोरोना के रूप में हम एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं, तब ईद हमें विशेष सावधानी से मनानी होगी। हमें इस दिन अल्लाह के दूसरे बंदों का भी ख्याल रखना होगा। हमें याद रखना चाहिए कि अभी लाखों लोग ऐसे हैं, जिन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं मिल पा रहा है। वे सड़कों पर हैं या राहत शिविरों में हैं, और अपने परिजनों के पास नहीं हैं। हमें उनके लिए, या यूं कहें कि दुनिया के तमाम मजलूमों की बेहतरी के लिए अल्लाह से दुआ मांगनी चाहिए। मजहब का फर्क किए बिना अपनी हैसियत के मुताबिक उनकी मदद करनी चाहिए। इस मर्तबा ईद के दिन नए कपडे़ पहनने से बेहतर यह होगा कि किसी बेबस, मजलूम की मदद की जाए, किसी भूखे को खाना खिलाया जाए। ईद की ईबादत हम जरूर करें, लेकिन फिजूल के खर्चों से बचें।
ईद यह भी संदेश देती है कि हम सब एक ही आदम और हव्वा की औलादें हैं। यह सोच हम जितनी जल्दी अपने जीवन में उतार लेंगे, उतना ही बेहतर होगा। यकीन मानिए, जिस दिन हमने ऐसा कर लिया, दुनिया के अधिकतर मसले खत्म हो जाएंगे। लिहाजा, इस बार ईदगाह जाने से बचें। अपने-अपने घर में नमाज पढे़। शासन-प्रशासन की मुश्किलें न बढ़ाएं। यह न भूलें कि हिन्दुस्तान हमारा मादरे-वतन है। रही बात ईद के नमाज की, तो दो महीने के बाद यह मौका हमें अल्लाह ताला फिर अता फरमाएगा। इस वक्त अल्लाह हमारा सख्त इम्तिहान ले रहा है। हमें इसमें खरा उतरना है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

 

    भिलाई / शौर्यपथ / वर्तमान समय में कोविड.19 खतरे को देखते हुए यात्राओं पर प्रतिबंध के साथसाथ सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशोंका अनुपालन आवश्यक है । आज क्लास रूम प्रशिक्षण का सुचारू संचालन संभव नहीं है, ऐसे परिस्थितियों में सेल स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है ।इस चुनौती को स्वीकार करते हुएए भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास एचआरडीद्धविभाग द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों की श्रृंखला प्रारम्भ की गई द्यइन ऑनलाइनप्रशिक्षण कार्यक्रमोँ में सेल के विभिन्न संयंत्रों और इकाइयों के प्रतिभागियों ने बढ़.चढ़ कर हिस्सा लिया।
आईडी एक्ट.1947के ऑनलाइन सत्र की सर्वत्र प्रशंसा
आज औद्योगिक संस्थानों सुचारू संचालन के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम.1947 का ज्ञान व जानकारी आवश्यक हो चुका है द्य इस जरुरत को ध्यान में रखते हुएहाल ही मेंऔद्योगिक विवाद अधिनियम.1947परऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया द्य सेल वेबेक्स प्लेटफार्म के माध्यम से आयोजित ऑनलाइन सत्र में सेल.बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभागकेउप.महाप्रबंधकएश्री अमूल्य प्रियदर्शीद्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम.1947 पर बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान किया गया द्य सेल के प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान ;एमटीआईद्ध द्वारा आयोजित इस सत्र में सेल के विभिन्न संयंत्रों और इकाइयों से 55 प्रतिभागियों ने शिरकत की। सेल.बीएसपी के मानव संसाधन विभाग द्वारा इस तरह का यह पांचवा ऑनलाइन कार्यक्रम था।श्री अमूल्य प्रियदर्शीद्वारा लिए गए इस सत्र की सभी प्रतिभागियों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
डिजिटल प्लेटफार्म से सिखाए लीडरशिपके गुर
इसी क्रम में सातवें ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र का जिसका शीर्षक था ष्लीडरशिप . एट्रीब्युट्स ऑफ एन इमोशनली इंटेलीजेंट लीडरशिप इस सत्र का आयोजन प्लांट के एचआरडीविभाग द्वाराष्गो.टू मीटिंगष्डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से किया गया। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र में सेल.बीएसपीसहित सेल के अन्य प्लांट्स और यूनिट्स के 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे आरएमडी और सीएमओ भी शामिल है द्यइस सत्र में बीएसपी के जीएम ;एचआरडीद्धए श्री सौरभ सिन्हाए द्वारा लेक्चर प्रदान किए गया ।

भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जोन क्रमांक 3 के वार्ड क्रमांक 22 श्याम नगर में आज एक होटल व्यवसायी पर कार्रवाई की गई! निगम भिलाई की टीम ने आज संपूर्ण लॉक डाउन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किए और ऐसे दुकान जो समय सीमा के बाद भी खुले पाए गए उनसे जुर्माना वसूल किया गया तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले एवं प्रतिबंध के बावजूद खुला रखने पर होटल संचालकों पर भी कार्यवाही की गई! निगम की टीम ने आज एप्रोच रोड, लिंक रोड, गौरव पथ, सर्कुलर मार्केट, सुभाष सब्जी एवं फल मार्केट, जवाहर मार्केट, 18 नंबर रोड आदि का निरीक्षण किया! टीम जब श्याम नगर पहुंची तो पाया गया कि एक होटल व्यवसायी द्वारा बहुत सारे कर्मचारियों से संपूर्ण लॉक डाउन के दौरान मिठाई बनाने का कार्य कराया जा रहा है, जहां पर महिलाएं एवं पुरुष बिना मास्क के कार्य कर रहे थे, न हीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था, 20 मजदूर मिठाई बनाने के कार्य में लगे हुए थे!
होटल संचालक संतोष कुमार से निगम के सहायक राजस्व अधिकारी परमेश्वर चंद्राकर ने 25000 रुपए अर्थदंड लगाया और तत्काल काम को रुकवाया गया! इसी प्रकार समय सीमा के बाद भी सब्जी का व्यवसाय करने वाले लिंक रोड व्यवसायी से 1000 अर्थदंड वसूला गया, जोन क्रमांक 4 के सहायक राजस्व अधिकारी बालकृष्ण नायडू द्वारा गौतम नगर सुभाष मार्केट, छावनी चौक, नंदनी रोड एवं खुर्सीपार गेट का निरीक्षण किया गया इस दौरान तय समय के बाद भी सब्जी का व्यवसाय करने वाले 17 सब्जी व्यवसायियों से जुर्माना वसूल किया गया, निरीक्षण के दौरान समय सीमा के बाद भी सब्जी व्यवसाय करते हुए रोहित जयसवाल से 100 रुपए, मुस्तफा से 200 रुपए, रामा से 100 रुपए, रामधन से 200 रुपए, ओमप्रकाश से 200 रुपए, राहुल से 100 रुपए, मुकेश जायसवाल से 200 रुपए, जितेंद्र से 200 रुपए, कुमारी देवांगन से 200 रुपए, चेतराम से 200 रुपए, मोहनलाल लहरें से 100 रुपए, भैयालाल से 100 रुपए, मुन्ना से 100 रुपए, राधिका से 100 रुपए, ललिता यादव से 200 रुपए, अनीस अहमद से 200 रुपए, सुमन पटेल से 200 रुपए जुर्माना वसूल किया गया!
नियमों का उल्लंघन करके दुकान खोलने वाले दुकानदारों पर जोन 02 के टीम ने भी अर्थदंड की कार्यवाही की। इस दौरान बिना मास्क लगाए बाहर निकलने वालों पर भी जुर्माना लगाया गया। लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निगम प्रशासन सख्त कार्यवाही कर रहा है। जोन 02 के राजस्व विभाग की टीम ने नियमों का उल्लंघन करने वाले 5 व्यापारियों से 3600 अर्थदंड वसूलने की की कार्यवाही किए। निगम के सभी जोनों के राजस्व विभाग की टीम, निर्धारित समय सीमा के बाद दुकान न खोले इसका निरीक्षण किए। निगम की टीम बाजार क्षेत्र, दुकानों व ग्राहकों की निरंतर निरीक्षण कर रही है। जोन 02 के राजस्व विभाग की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किए जहां निर्धारित समय के बाद दुकान खुला हुए पाए जाने पर कार्यवाही किए। जोन 02 के एआरओ संजय वर्मा ने निरीक्षण के दौरान फौजीनगर में एक मिष्ठान दुकान खुला पाया गया जिससे 2000 रूपए अर्थदंड वसूला गया, घासीदास नगर में 2 किराना स्टोर्स से 500-500 रूपए, एकता नगर चौक मे 2 बजे टेबल लगाकर मिक्सचर बेचने वाले से 500 रूपए तथा दो फल ठेले वालों से 50-50 रूपए अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही की गई।

ईदगाह या मस्जिद में सिर्फ 5 लोग पढेंगे ईद की नमाज, बाकी घरों से करेंगे दुआएं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए ईद पर पहली बार की गई व्यवस्था
कोरोना और लॉकडाउन के कारण मस्जिदों में नही हुई अलविदा जुमा की नमाज
ईद के तीन दिन बाद कब्रस्तान में होने वाला उर्सपाक भी हुआ कैंसल

भिलाई / शौर्यपथ  / कोरोना संक्रमण के दौर में माहे रमजान में मस्जिदें सूनी रहीं और अब जबकि रमजान अपने आखिरी मकाम पर पहुंच गया है तब लोगों को चांद नजर आने का इंतजार है। अगर 29 रमजान का चांद 23 मई को नजर आ गया तो ईदुलफित्र 24 मई को होगी नहीं तो 30 रोजे पूरे होने के बाद 25 मई को ईदुलफित्र मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहली बार नमाजे ईदुल फित्र का बिल्कुल अलग ढंग से इंतजाम किया गया है। मस्जिद कमेटियों की तरफ से भी व्हाट्सएप-फेसबुक के जरिए अपीलें जारी की गई हैं।
इस बार 29 वां रोजा 23 मई को रहेगा। अक्सर 29 का चांद नजर आने की संभावनाएं रहती हैं, इसलिए मुस्लिम समुदाय की नजरें 23 मई की शाम को आसमान पर टिकी रहेंगी। मस्जिद कमेटियों की तरफ से भी चांद नजर आने पर सूचना जारी करने तैयारी कर ली गई है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने बताया कि कमेटी की तरफ से भी चांद देखे जाने की तस्दीक करने इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि अगर कहीं भी 29 रमजान का चांद नजर आए तो उनके मोबाइल नंबर 8720051418 पर तुरंत कॉल या व्हाट्सएप कर खबर करें, जिससे आगे की जरूरी तैयारियों के बारे में ऐलान किया जा सके। अगर किसी भी सूरत में 23 मई को चांद नजर नहीं आता है तो फिर 30 रोजे पूरे होने के बाद 25 मई को ईदुल फित्र मनाई जाएगी। हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने नमाजे ईदुल फित्र को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौर में ईद की नमाज को लेकर किए गए इंतजाम की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में हमारी सबसे ब?ी ईद यह है कि हम गरीबों और मिस्किनों का खयाल रखें। मोहताजों और जरूरतमंद को खाना खिलाएं। बेवाओं व यतीमों को मरहूमिन के नाम से पैसे दें। हो सके तो अपनी ओर से मुसाफिर को खाने का पैकेट तकसीम करें।
ईदगाह के बाद घरों में अकेले ही प?नी होगी नमाज
नमाजे ईदुल फित्र को लेकर मस्जिद कमेटियों की तरफ से कोरोना संक्रमण को देखते हुए तैयारियां की गई है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के ईमाम-खतीब हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने बताया कि लाक डाउन को देखते हुए ईद की नमाज 5 लोगों के साथ मस्जिद या ईदगाह में अदा की जाएगी। इसके ठीक बाद बाकी लोग अपने-अपने घरों में 2 रकअत या 4 रकअत नफ्ल नमाज शुक्रराने या चाश्त की नीयत से अकेले-अकेले अदा करेंगे। इसके लिए लोग अपने घरों में सुबह 7:15 बजे के बाद से सुबह 11:20 से पहले तक नवाफिल नमाज अदा करें।
कब्रिस्तान में इस बार नहीं होगा उर्स, अपील की हाफिज हैदर ने
ईद के तीसरे दिन कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 में हाफिज अफजलुद्दीन हैदर का उर्स मुबारक बीते 4 दशक से लगातार हो रहा है। लेकिन इस बार कोरोना संकट को देखते हुए उर्स का आयोजन टाल दिया गया है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के साबिक इमाम और मुख्य आयोजनकर्ता हाफिज अजमलुद्दीन हैदर ने भी इस पूरे मसले को लेकर अपना वीडियो जारी किया है। उन्होंने बताया कि आज के हालात के पेशेनजर लाक डाउन का सिलसिला जारी है ऐसे मौके पर कहीं भी ज्यादा लोगों का इक_ा होना कानूनन जुर्म है। उन्होंने हजरत अफजलुद्दीन हैदर के तमाम चाहने वालेअकीदतमंदों से गुजारिश की है कि घरों में रहकर ही दुआएं करें और पूरे रमजान उन्होंने खत्मे कुरआन या जो कुछ भी प?ा है, उसे उनके मोबाइल नंबर 9926743263-8770328276 पर कॉल या व्हाट्सएप कर नोट करा दें। उन्होंने कहा कि यह उर्स सिर्फ उनके वालिद का नहीं बल्कि तमाम मरहूमीन के इसाले सवाल के लिए है।
हाफिज हैदर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब पूरे रमजान भर मस्जिदों में बा-जमाअत नमाज नहीं हुई, अलविदा जुमा नहीं हुआ और ईदगाह भी वीरान रहेंगे। ऐसे में हर साल ब?े पैमाने पर होने वाले उर्स मुबारक को टाल दिया गया है और घर पर ही फातिहा ख्वानी रखी गई है, जिसमें अकीदतमंद जो भी प? कर नोट कराएंगे उसे ईसाले सवाल में शामिल करा लिया जाएगा।

     दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या एकाएक तेजी से बढऩे पर देश के दिग्गज कांग्रेसी नेता कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा ने चिंता जताई है। वोरा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की और छत्तीसगढ़ में कोविड 19 का संक्रमण तेजी से फैलने पर टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के साथ जरूरी इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने कहा। वोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोविड 19 के संक्रमण से निपटने में त्वरित फैसले लेकर इसकी रोकथाम और नियंत्रण करने में सफल रही। हाल ही में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों को कोरोना पॉजिटिव होने की सूचनाएं मिल रही हैं। वोरा ने सभी प्रवासी श्रमिकों की जांच तत्परता से करने और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पर्याप्त इलाज सुविधा उपलब्ध कराने कहा। वोरा ने कहा कि महामारी से बचने ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग की जाए। सिंहदेव ने वोरा को बताया कि राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार और टेस्टिंग की बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना प़जिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 110 हो गई है। शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव के 40 नए मरीज मिले हैं। कोविड 19 के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। टेस्टिंग की सुविधा के साथ प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या बढ़ाई गई है।

भिलाई / शौर्यपथ /    महापौर और विधायक देवेंद्र यादव शनिवार को गृह मंत्री व पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साह से मुलाकात किए। गृहमंत्री साहू से मुलाकात कर महापौर देवेंद्र यादव ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। गृहमंत्री साहू जी के कार्यालय में करीब एक घंटे तक महापौर यादव की चर्चा हुई। चर्चा के दौरान महापौर देवेंद्र यादव ने भिलाई के विकास कार्यों के संबंध में चर्चा किए। निगम क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए लगातार गृहमंत्री का सहयोग मिलता रहा। पीडब्लूडी विभाग से भी करोडृो रूपये के विकास कार्य की स्वीकृति दी गई। कुछ दिनों पहले करीब 10 करोड़ से सड़क, सौंदर्यीकरण कार्यो को बजट में शामिल किया। जनता को मूलभूत आवश्यकताओं को देखते हुए विकास कार्यो के लिए जो प्रयास किए। इसके लिए महापौर देवेंद्र यादव ने गृह मंत्री साहू का आभार जताया। साथ ही शहरवासियों को और ज्यादा बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने आदि विषयों पर लंबी और सार्थक चर्चा हुई।
    बता दे कि कुछ दिनों पहले ही शासन ने 5 करोड़ रुपये से पावर हाउस से एसीसी चौक तक सड़क निर्माण और सौदर्यीकरण कार्य के लिए सहमति दी। साथ ही खुर्सीपार में 3 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए करीब साढे 3 करोड़और पावर हाउस ओवर ब्रिज पहुंच मार्ग सहित का उन्नयन व सौंदर्यीकरण करने करीब ढाई करोड़ से किया जाएगा।
्महापौर देवेंद्र यादव ने गृह मंत्री साहू को बताया कि वे भिलाई शहर में कई विकास कार्य करना चाहते है। इसके लिए उन्होंने पूरी योजना तैयार कर ली है। उन कार्यों को भी पूरा करने के लिए महापौर देवेंद्र यादव ने शहर के विकास के बजट देने की मांग की है। साथ ही महापौर ने बताया कि भिलाई नगर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण और डेंगू के रोकथाम के लिए बेहतर उपाए किए जा रहे हैं। निगम क्षेत्र के रहने वालों सहित बाहर से भिलाई में रोजी-रोटी के लिए आए लोगों की भी मदद की जा रही है। शहर के महानुभावों के सहयोग से जरूरतमंद लोगों को राशन आदि दिया गया है। इसके अलावा महापौर ने गृहमंत्री साहू का आभार भी जताते हुए कहाकि आप और सीएम भूपेश बघेल जी ने जनता की समस्याओं और तकलीफों को दूर करने के लिए इस संकट की घड़ी में जनता के हित में फैसले लिए। न्याय योजना से किसानों को न्याय दिला रहे है। हर परिवार का राशन कार्ड बना, सब को चावल मिल रहा है। साथ ही भिलाई में नाली,सड़क, स्टेडियम आदि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में सहयोग प्रदान कर रहे है। महापौर देवेंद्र यादव ने गृहमंत्री साहू से निवेदन किए की आगे भी जनता के हित और विकास के लिए सहयोग प्रदान करते रहे

डेंगू मरीजों के लिए होंगे आइसोलेटेड वार्ड
डेंगू की रोकथाम को लेकर कलेक्टर ने बुलाई बैठक

दुर्ग / शौर्यपथ / आगामी समय में डेंगू के पनपने की आशंका को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है। आज इसकी रोकथाम की रणनीति पर विचार करने और इसे क्रियान्वित करने अहम बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। बैठक उपरांत कलेक्टर अंकित आनंद ने जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे। पहला जहां साफ पानी जमा हो और लार्वा पल रहें हों, वहां एन्टी लार्वा आपरेशन चलाना। घरों के कोने कोने में छिपे मच्छरों को नष्ट करने स्प्रे का काम करना। सबसे आखिर में डाइग्नोसिस जितनी जल्दी हो उतना अच्छा। कलेक्टर ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण कार्य होगा। जितनी अच्छी रणनीति और प्रभावी क्रियान्वयन होगा, उतना ही अच्छा नतीजा आएगा।
   कलेक्टर ने कहा कि जिले में केवल 5 चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू का इलाज होगा। इनमें जिला अस्पताल, सेक्टर 9 हॉस्पिटल, स्पर्श हॉस्पिटल, शंकराचार्य हॉस्पिटल, बीएम शाह अस्पताल में इलाज होगा। इन सभी चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड होंगे। आज बैठक में सभी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
    कलेक्टर ने कहा कि स्प्रे का समय सुबह 5 से 7 बजे तक रखें क्योंकि ये मच्छरों को नष्ट करने का सबसे प्रभावी समय होता है। इसी प्रकार शाम को सूरज ढलने के बाद यह करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले और निगम अमले दोनों को मिलकर यह कार्य करने कहा। उन्होंने कहा कि चूंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है अत: ऐसे सभी जगहों में विशेषकर सार्वजनिक जगहों में भी एन्टी लार्वा आपरेशन चलाएं। उन्होंने कहा कि टेमीफास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टेमीफास का प्रभावी वितरण सुनिश्चित करें। इसकी रेफिलिंग की भी कार्रवाई निश्चित अवधि में कराएं। कलेक्टर ने कहा कि घरों के कोने-कोने में, अंधेरी जगहों पर स्प्रे का कार्य हो। किसी भी तरह की चूक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी डेली मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही जिला अस्पताल में एक्सक्लूसिव वार्ड के लिए नोडल अधिकारी भी होंगे।
कलेक्टर ने कहा कि जनभागीदारी और जागरूकता के माध्यम से इसे रोकने का कार्य आसान होगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ने अब तक किये गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। डीएमओ डॉ. एस. के. मंडल ने इससे जुड़े हुए तकनीकी पक्षों को रखा। साथ ही अब तक डेंगू से निपटने के अनुभवों को भी साझा किया। इस दौरान भिलाई नगर निगम कमिश्नर  ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर गजेंद्र ठाकुर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दुर्ग-भिलाई / शौर्यपथ / शनिवार को सूरज डूबते ही मुस्लिम समाज के लोगों की निगाहे चांद देखने के लिए टिकी रही लेकिन यहां चांद नही दिखाई दिया। इसके अलावा भिलाई जामा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा चांद की तस्दीक करने कई जगहों से पतासाजी की गई लेकिन कहीं चांद नही दिखने की बात सामने आई। इस लिए अब ईद की नमाज सोमवार को होगी और मुस्लिम समाज के लोग सोमवार को ईद मनायेंगे। मुस्लिम समाज के लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार को 29वां रोजा को चांद दिखाई दे सकता है, क्योंकि पहला रोजा के दिन इस बार 29 का चांद नही दिखाई देने के कारण 30 के चंाद के हिसाब से तराबीह की नमाज पढना और रोजा रखना मुस्लिम समाज के लोगों ने शुरू किया।
इसलिए यह कयास लगाया जा रहा था कि शनिवार को 29 का चांद हो सकता है और रविवार को ईद मनाई जा सकेगी, इसके लिए मुस्लिम समाज के लोंगों ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी। इसके अलावा सउदी अरब में भारत से पहले एक दिन ईद मनाई जाती है और शनिवार को वहां भी ईद नही मनाई गई, इसलिए यह साफ हो गया है कि अब सोमवार को ही 30 रोजा रखने के बाद ईद मनाई जायेगी। हालांकि शासन ने भी सोमवार 25 मई को ही ईद की अवकाश कलेण्डर में घोषित की हुई है।

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