October 04, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4807)

दुर्ग / शौर्यपथ / जिला दण्डाधिकारी दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के आदेश पर कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने हेतु जिले में लॉकडाउन लगाया गया है जिसके तारतम्य में श्री प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक, दुर्ग के निर्देश में दुर्ग पुलिस द्वारा लॉकडाउन व महामारी अधिनियम के उल्लंघन करने वालो के विरूद्ध 06 अप्रैल से निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
इसी तारतम्य में आज दुर्ग पुलिस द्वारा जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में बिना मास्क के बाहर घुमते हुए पाये गये 112 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही कर कुल 56000 रुपये अर्थदण्ड वसुल किया गया एवं साथ ही प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये मास्क का 127 लोगों को वितरण किया गया। इस प्रकार दण्डात्मक कार्यवाही के साथ आमजन के स्वास्थ्य का भी प्रशासन ध्यान रख रहा है। यह कार्यवाही आगामी लॉकडाउन के 19 अप्रैल तक प्रभावशील रहेगी।

भिलाई / शौर्यपथ / बढ़ते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन आवश्यक है। निगम की मोबाइल टीम लगातार दोनो पालियों में निगम क्षेत्रों का निरीक्षण कर लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। टीम ने आज वैशालीनगर, स्मृतिनगर, सुपेला बाजार, नंदीनी रोड, नेहरू नगर, कोसानगर, राधिका नगर, अंडा चौक, शास्त्रीनगर सहित भिलाई निगम के विभिन्न क्षेत्रों निरिक्षण किए! निरीक्षण के दौरान चार दुकानदार से 5900 रूपए अर्थदंड वसूला गया। छूट प्राप्त दुकानों में भी भीड़ न लगे इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
निगम की टीम आवश्यक कार्य से बाहर निकलने वाले लोग मास्क लगाए है या नहीं यह भी जांच रहे है।
भिलाई निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर निगम की टीम शहर के सभी क्षेत्रों का निरिक्षण किए और शासन के आदेश का उल्लंघन करने वालों कार्यवाही कर रहे है, घनी आबादी वाले गली मोहल्लों में दुकान न खुल पाए इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। निगम की मोबाइल टीम सभी क्षेत्रों में घूम-घूम कर निरीक्षण कर रहे है लॉकडाउन के बाद भी कई लोग बेवजह घर से बाहर निकल रहे जिन्हे रोककर पूछताछ के बाद कई लोगों को लौटाया भी जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर सामान बेचने वाले पांच दुकानदारों से 9650 रूपये अर्थदण्ड वसूलने की कार्रवाई की गई। इसमें हुडको के ताज किराना स्टोर्स को सामान देने की शिकायत पर निगम का अमला पहुंचा और 3000 हजार अर्थदंड वसूले इसी प्रकार मॉडल टाउन में दूध का दुकान चलाने वाला व्यापारी दूध के आड़ में किराना व गुटका सिगरेट बेच रहा था जिससे 2500, जोन 03 संतोषी पारा में एक व्यक्ति घर के सामने पसरा लगाकर सब्जी विक्रय कर रहा उनसे 200 रूपए तथा एक और दुकानदार से 200 रूपए अर्थदंड वसूलते हुए दोबारा ऐसा न करने की समझाईश दी गई। निगम की मोबाइल टीम ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के लिए निगम क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जा सके। अनावश्यक बाहर निकलने वालों से सघन पूछताछ की जा रही है और उल्लंघन करने वालों पर सख्ती दिखाई जा रही है।

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में लॉकडाउन को पूरे 9 दिन हो गए। इस दौरान जिला प्रशासन हर स्तर पर लोगों को जागरूक करने के प्रयास में हैं। इसी कड़ी में लोगों को जागरूक करने जिला पुलिस ने बुधवार को सड़क पर उतर पैदल मार्च किया। तंग गलियों व मोहल्लों तथा कॉलोनियों में पहुंचकर लोगों को लॉकडाउन का पालन करने व घरों में सुरक्षित रहने की अपील की। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी भी साथ रहे।
दुर्ग पुलिस व प्रशासन ने पटेल चौक दुर्ग, गदा चौक सुपेला में पैदल मार्च किया। वहीं दुर्ग से सुपेला चौक तक फ्लैग मार्च कर लॉकडाऊन की बढ़ाई गई अवधि के प्रति लोगों को जागरूक किया। पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर संजय ध्रुव, एडीएम श्रीमती ऋचा प्रकाश चौधरी, सीएसपी विवेक शुक्ला, राकेश कुमार जोशी, विश्वास चन्द्राकर के साथ शहरी थाना के सभी थाना प्रभारी शाम 4 बजे पटेल चौक से पैदल मार्च करते हुए इंदिरा मार्केट तक तथा सुपेला चौक से गदा चौक तक पैदल मार्च करते हुए 15 से 19 अप्रैल तक लॉकडाऊन की बढ़ाई गई अवधि के प्रति लोगों को जागरूक किया। लॉकडाऊन के दौरान बरती जाने वाली सावधानी की जानकारी आम लोगों को दी। पैदल मार्च के उपरांत पटेल चौक से पुलिस का फ्लैग मार्च वाहनों के काफिले के साथ ग्रीन चौक, इंदिरा मार्केट होते हुए सुपेला डिविजन में जुनवानी व गदा चौक तक चला। फ्लैग मार्च में 250 से अधिक जवानों ने शामिल हुए।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमित मरीजों के औसत में दिन प्रतिदिन आ रहे उतार चढ़ाव से लोगों में कभी खुशी तो कभी गम का अहसास हो रहा है। सोमवार को संक्रमित मरीजों का औसत 37 फीसदी रहने से लोगों को राहत की उम्मीद नजर आई थी। वही मंगलवार को संक्रमितों का औसत बढ़कर 43 फीसदी के आसपास पहुंच जाने चिंता फिर से बढ़ गई है , बुधवार को 4191 सेम्पलिंग में पोजिटिव 1647 के साथ ३९ प्रतिशत रही .
दुर्ग जिले में कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। संक्रमितों के औसत में उतार-चढ़ाव बने रहने से लोगों में खौफ बना हुआ है। मौत के आंकड़े भी डरा रहे हैं सोमवार को 4224 सेंपलिंग हुई थी। जिसमें 1651 पॉजिटिव केस के साथ संक्रमित मरीजों का औसत 38 फीसदी के लगभग रहा। इससे एक दिन पहले 11 अप्रैल को 3252 सेंपल में से 1651 में संक्रमित की पुष्टि के साथ संक्रमित मरीजों का औसत 56 फीसदी रहा था। इस दिन 26 कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई है।
संक्रमितों के औसत और मौत के इस आंकड़े से लोगों में काफी अधिक पैदा हो गया था। अगले दिन 12 अप्रैल को 11 मौत के साथ संक्रमितों का औसत 38 फीसदी रहने से कोरोना से खौफज़दा लोगों में राहत की उम्मीद जाग उठी थी। लेकिन 13 अप्रैल को 4081 सेंपल में से 1755 नए संक्रमितों के सामने आने से औसत बढ़कर 43 फीसदी हो जाने से एक दिन पहले नजर आए राहत की उम्मीदों को झटका लगा है। इससे लोगों में कभी खुशी तो कभी गम का अहसास होने के साथ ही चिंता बनी हुई है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि 13 अप्रैल को 12 मेडिकल स्टाफ के संक्रमित हो जाने से भिलाई-3 में कोरोना संदिग्धों की एंटीजन जांच बंद कर दिया गया है। जबकि आरटी पीसीआर जांच यहां पर 11 अप्रैल से ही बंद है। अगर भिलाई- 3 सेंटर में सेंपल लेकर जांच की जाती तो निश्चित रूप से जिले में 13 अप्रैल को संक्रमित मरीजों के 43 फीसदी के लगभग रहे औसत में इजाफा होता। भिलाई-3 में जांच बंद रहने के बावजूद सोमवार को संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 43 फीसदी रहना लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
दुर्ग जिले में कोरोना को लेकर राहत भरी बात यही है कि पिछले तीन दिन से कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के नीचे बना हुआ है। लॉकडाउन के बावजूद 10 अप्रैल को 2272 और 8 अप्रैल को 2132 संक्रमित मरीजों के मिलने से जिले में कोरोना का खौफ काफी ज्यादा बढ़ गया था। इसके बाद पिछले तीन दिनों में क्रमश: 1651,1591 व 1755 संक्रमितों का आंकड़ा इस लिहाज से राहत देने वाला है कि यह 2000 से नीचे आ गया है।
दोपहर बाद भिलाई तीन में शुरू हो सका जांच
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भिलाई-3 में आज दोपहर के बाद पाटन से लैब टेक्निशियनों की नई टीम पहुंचनें पर कोविड जांच शुरू की गई। यहां पर 11 अप्रैल से आरटीपीसीआर जांच नहीं हो पा रही है। वहीं लगभग 12 स्टाफ के कोरोना सक्रमित हो जाने से 13 अप्रैल को पूरे दिन रैपिड एंटीजन टेस्ट भी बंद रहा। बताते है प्राथममिक स्वास्थ्य केन्द्र भिलाई-3 में चिकित्सक, ड्रेसर, फामासिस्ट, लैब टेक्निशियन, वाहन चालक, आया सहित वैक्सीन वितरण करने वाला कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं। इससे मजबूरन कोविड के नये मरीजों की जांच मंगलवार को रोकना पड़ा। आज सुबह भी अपने निर्धाति समय पर सेंपलिंग का कार्य शुरू नहीं होने से जांच कराने पहुंचे कोरोना संदिग्ध लौट गए। दोपहर 1 बजे के लगभग विकासखंड मुख्यालय पाटन से लैब टेक्निशियनों का एक दल भिलाई-3 पहुंचा। जिसके बाद रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किया गया। विभाग द्वारा भिलाई-3 के लिए पहले से ही एक टेक्निशियन की नियुक्ति कर दी गई है। लेकिन अभी तक उसने ज्वाइनिंग नहीं दी है। वहीं 13 अप्रैल को फिर से दो टेक्निशिनों को यहां पर नियुक्ति दी गई है। ये दोनों प्रशिक्षण के बाद अपना काम शुरू करेंगे।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोविड.19 टीकाकरण अभियान के दौरान 45 साल उम्र पार कर चुके हितग्राहियों को महामारी से बचाने के लिए टीकाकरण ने जोर पक? लिया है। जिले भर में 236 शासकीय व 19 निजी संस्थाओं सहित 255 वैक्सीनेशन साइटों में रविवार को 7730, सोमवार को 7899 और मंगलवार को 5105 हितग्राहियों सहित तीन दिन में लॉकडाउन का असर होने से 20.734 लोगों ने कोरोना का टीका लगाया गया। इधरए तमाम संगठन कोरोना टीकाकरण के लिए आगे आ रहे हैं। शिविर लगाकर 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अब तक जिले में 3ण्61 लाख से अधिक हितग्राहियों ने टीका लगवा लिया है। जिले में 60 से लेकर 45 साल से अधिक आयु वर्ग के पात्र 4.33 लाख लोगों में से 83 प्रतिशत हितग्राहियों को टीके लग गए हैं। वहीं आज 4081 लोगों को सेम्पल जांच किया गया जिसमें 1755 लोग पॉजेटिव पाए गए। कोरोना महामारी से इलाज कराते हुए अस्पताल में आज 18 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण आवश्यक रू जिला टीकाकरण अधिकारी डॉण् सुदामा चंद्राकर ने बताया कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण आवश्यक है जिसे ध्यान में रखते हुए जिले भर में ज्यादा से ज्यादा केंद्र बनाए जा रहे हैं। ताकि हितग्राहियों को टीकाकरण में असुविधा का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा सोमवार को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा।
महामारी में पीड़ितों की मदद के लिए सामाजिक संस्थाएं तत्पर
कोविड.19 महामारी में पीड़ितों की मदद के लिए इस समय प्रदेश की सामाजिक संस्थाएं नव दृष्टि फाउंडेशनए छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशनए ओम साईं रक्तदाता सेवार्थ समितिए रेडड्रॉप फाउंडेशनए छत्तीसगढ़ मारवाड़ी युवा मंचए उम्मीद एक किरण फाउंडेशनए छग प्रांतीय अग्रवाल संगठनए आशीर्वाद ब्लड बैंक व श्री साईनाथ जन सेवा समिति के सदस्य लगातार लोगों की सहायता में जुटे हैं। नेहरू नगर स्थित आशीर्वाद ब्लड बैंक में रोज गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा दान किया जा रहा है। इस कड़ी में पूर्वी आढ़तिया ने एक बच्चे के लिए अपना प्लेटलेट्स दान किया। सतीश ठक्करए भावार्थ ठक्कर पिता.पुत्र ने राजनांदगांव से आकर प्लाज्मा दान किया। पिछले 15 दिनों में 90 लोगों द्वारा यहां प्लाज़्मा डोनेट किया जा चुका है। नागरिकों को दी समझाइश रू संस्था द्वारा नागरिकों को समझाइश दी जा रही है कि वह घरों से बाहर निकलकर कोरोना की वैक्सीन लगवाएं ताकि इस महामारी को हराया जा सके। संस्था से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण आवश्यक है।

भिलाई /शौर्यपथ / कोरोना महामारी के इस दौर में एक ओर जहां भिलाई नगर विधायक देवेंन्द्र यादव महामारी रोकने के प्रयासों के साथ ही जरूरत मंद लोगों की मदद कर रहे हैं। वही दूसरी ओर उन्होंने इस महामारी के दौरान अपना वेतन भी सरकारी खाते में जमा करा दिया है। ताकि इस कोरोना काल मे सरकार प्रदेश वासियों के लिए और बेहतर स्वास्थ्य सवुधा उपलब्ध करा सके।
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव कोरोना काल और लॉक डाउन के दौरान लगातार जरूरत मंद लोगो की मदद कर रहे है। मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे है। लॉक डाउन में जरूरत मद लोगों को सेनेटाइजर, मास्क, राशन चावल, दाल, तेल, नमक आदि खाद्य सामग्री वितरण किए थे। पिछले साल भी उन्होंने ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपना वेतन जमा किया था और सभी समाज सेवी संस्थाओ से भी अपील को थी कि वे सब भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि जमा करे। इस बार भी भिलाई नगर विधायक यादव ने सराहनीय पहल की है और अपना वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराया है।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधायक देवेंन्द्र यादव ने कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करने के लिए पहल की है। विधायक यादव ने अपने विधायक निधि का 10 लाख रुपये कोविड केयर सेन्टरों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए राशि का उपयोग करने के लिए दिया है।
गौरतलब है कि विधायक यादव लगातार कोरोना संक्रमण के रोकथाम और मरीजो के बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास में जुटे है। उन्हें लगातार सूचना मिल रही थी कि कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सीजन की डिमांड बढऩे के साथ ही ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। ऐसे में उन्होंने पहल की और कलेक्टर को पत्र लिख कर अपने विधायक निधि की राशि का 10 लाख रुपये विधानसभा क्रमांक 65 के कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सीजन की सुविधा बढ़ाने के लिए राशि स्वीकृ त करने लिखे है। ताकि यहां भर्ती मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके और लोगो की जान बचाई जा सके।

दुर्ग / शौर्यपथ /एक युवक ने ऐसी अश्लील हरकतें की हैं जिससे परेशान होकर एक किशोरी ने मिट्टी तेल डालकर आत्महत्या कर लिया। उसे गंभारी रूप से झुलस गई थी। उसे सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ देर रात नाबालिक लड़की ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी शशिकांत कोमा को गिरफ्तार कर लिया हैं।
दरअसल मामला मोहन नगर थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने बताया कि शहर और गली मोहल्ले में लॉक डाउन की कारण सन्नाटा हैं। इसका फायदा उठाकर आदित्यनगर दुर्ग निवासी शशिकांत कोमा (21 वर्ष) ने 16 साल की किशोरी को रास्ते मे रोक लिया। पहले उसके साथ अश्लील हरकतें की। इसके बाद उसे पकड़कर मोबाइल से सेल्फी ले लिया। उसने किसी को बताने पर फोटो को सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी दी। इसके पहले भी आरोपी उसे अलग-अलग नंबर से फोन कर परेशान करता रहा हैं। रविवार को उसे सारी हदें पार कर दी। इससे किशोरी क्षुब्ध गई। घर लौटी और खुद पर मिट्टी तेल डालकर आग लगी ली। घर वालों ने उसे देख लिया और आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुचाया। तब इसकी शिकायत थाने में की गई। किशोरी का उपचार चला पर उसे बचाया नहीं सका। पुलिस आरोपी शशिकांत के खिलाफ धारा 341, 354,306, 8 पास्को एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण के चलते दुर्ग शहर की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस खबर से विभागीय निर्देश पर घर-घर सर्वे कर रही भिलाई -दुर्ग के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में खौफ पसर गया है।
दुर्ग शहर के वार्ड क्रमांक-1 स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक-2 में कार्यकर्ता रही माधुरी सोनी (40 वर्ष) की कोरोना संत्कमण के चलते मौत हो गई। फिलहाल आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद है। लेकिन विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से कोरोना संदिग्धों की पहचान हेतु घर-घर सर्वे का काम लिया जा रहा है। माधुरी सोनी भी इस काम को अंजाम दे रही थी। इसी दौरान किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने से उसकी तबियत बिगडऩे लगी। बताया जाता है कि माधुरी सोनी को कोरोना जांच के लिए भी कईं जगह भटकना पड़ा। किसी तरह जांच होने के बाद संक्रमण की पुष्टि हुई तो समय पर सरकारी कोविड सेंटर में उसके परिजनों को बेड के लिए संघर्ष करना पड़ा। माधुरी सोनी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा के बदले प्रतिमाह महज 6500 रूपये मानदेय शासन से मिलता है। इतने कम मानदेय पर काम करने वाली माधुरी सोनी के लिए किसी निजी अस्पताल का खर्च उठा पाना संभव न था। आखिरकार विभागीय अधिकारियों से अनुनय निवेदन के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 11 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। माधुरी सोनी की मौत से जिले के तमाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में भय का माहौल बन पड़ा है। घर-घर सर्वे के दौरान उन्हें विभाग द्वारा न तो मास्क और न ही सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। सीमित मानदेय पर कार्य करने वाली इन कार्यकर्ता और सहायिकाओं में संक्रमित होने पर समुचित इलाज हो पाने की चिंता बनी हुई है।

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