October 04, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4807)

दुर्ग / शौर्यपथ / आज दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत रिसाली निगम के अधिकारियों से फोन पर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चर्चा कर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की स्थिति की पूरी जानकारी ली। गृहमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी सुरक्षित रहते हुए ड्यूटी करे। निगम क्षेत्र में होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाई पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी रखे तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नियमित रूप से ले। वैक्सीनेशन और कान्टेक्ट टेऊसिंग के कार्य में ढिलाई न बरते। चर्चा के दौरान गृहमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं लोगों की मांग पर आवश्यकता अनुरूप वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाए जाने के भी निर्देश आयुक्त को दिये।
उन्होंने ये भी कहा कि जिला प्रशासन व स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए लोगों से लॉकडाउन का अक्षरश पालन करवाएं। इस दौरान गृहमंत्री ने सैनेटाइजेशन कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संवेदनशील जगहों पर प्रतिदिन सैनेटाइजेशन प्राथमिकता के साथ कराए। गृहमंत्री साहू ने रिसाली निगम के सभी एल्डरमेन और जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की और उनसे निगम क्षेत्र में कोविड की स्थिति की जानकारी ली। चर्चा के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का सतत रूप से मानिटरिंग करते रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले एवं दवाइयों की डिलीवरी नियमित तौर पर हो यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। इस दौरान निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने गृहमंत्री को कोविड संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासो से अवगत कराया।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई स्टील मजदूर सभा एटक के महासचिव कामरेड विनोद कुमार सोनी ने बताया कि सर्विदित है कि आज पूरे देश में कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते सैकड़ो लोगों ने अपनी जान गवां दी है। लाखों लोग कोरोना पॉजिटिव से संक्रमित हो गए है और प्रतादिन हजारों लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना से मरने वाले जनता की तदात बढ़ते ही जा रही है।
इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ है, उसमें दुर्ग व भिलाई क्षेत्र हैं, जो कि एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है। जहाँ सेल की एक प्रमुख इकाई भिलाई स्टील प्लांट है जिसमें कुल मिलाकर लगभग 40 हजार स्थायी कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों द्वारा इस भयंकर महामारी में स्टील के उत्पादन में देश का जीडीपी बढ़ाने में ईमानदारी के साथ लगा हुआ है। वैसे ही सेल के अन्य इकाईयों व खदानों मे स्थायी व ठेका श्रमिक देश व सेल के हित में कार्यरत हैं।
का. सोनी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के विकराल रूप लेने के चलते सेल की इकाईयों व उनके खदानों के बहुत ज्यादा कर्मचारी व ठेका श्रमिक इसकी चपेट में आ गए हैं। कईयों ने अपनी जान गवां दी। काल की गाल में समा गए। वीर गति को प्राप्त हो गए। उन तमाम कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों व अन्य जनों को जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई है को एटक की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि इसके बाद उनके परिवार का क्या होगा? नाबालिग बच्चों का क्या होगा? इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन (एटक) सेल चेयरमैन को से मांग करता है की सेल के उन तमाम कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों को जोकि कोविड-19 महामारी के कारण देहांत हुआ है उनके परिवार को अविलंब 15 लाख अनुग्रह राशी एवं उनके एक आश्रित को सेल में तत्काल नौकरी दी जाए। का. सोनी ने बताया की एसईसीएल कोल फील्ड में प्रबंधन व यूनियन के द्वारा हस्ताक्षरित एक नियम के तहत कोविड-19 के कारण मृत कर्मचारियों के परिवार को 15 लाख अनुग्रह राशि एवं एक आश्रित को नौकरी दी जाती है। जिसका परिपत्र संलग्न है। ऐसे महामारी में जब सेल के कर्मचारी सेल के उत्पादन में तन मन के साथ लगे हैं, कार्यरत हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं ऐसे वक्त में कोविड-19 के तहत मृत्यु को प्राप्त करने वाले कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों के परिवार को 15 लाख अनुग्रह राशी एवं एक आश्रित को तत्काल नौकरी दिया जावे।
कोल इंडिया दे रही है कोरोना से मृतकों के आश्रितों को 15 लाख
कोलकाता। नवरत्न कम्पनी कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने कर्मियों के अतिरिक्त ठेकेदारी में कार्यरत श्रमिकों के कोविड-19 से निधन होने पर 15 लाख रूपये मृतक के आश्रितों को देने की घोषणा की है। यह आदेश 24 मार्च 2020 से प्रभावशील किया गया है। यह जानकारी कोल इंडिया लिमिटेड के महाप्रबंधक अजय चौधरी, श्रमशक्ति एवं औद्यौगिक प्रबंधक ने दी है। वही दूसरी ओर नवरत्न कंपनी सेल अपने श्रमवीरों एवं ठेका श्रमिकों के कोरोना से निधन पर किसी तरह की आर्थिक सहायता की घोषणा नही की गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना से कई दर्जन बीएसपी कर्मी, ठेका श्रमिक के अतिरिक्त बीएसपी के अधिकारी भी मौत को आगोस में समा चुके हैे।

दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल मिल में भीषण आग लग गई। पुलपिट नंबर 1 में बुधवार की रात भीषण आग लगी। आग की वजह से रेल पटरी का उत्पादन प्रभावित हो गया है। आग लगने का प्रमुख कारण टनल की सफाई नहीं होने को बताया जा रहा है। रोलर्स का ग्रीस, तेल अन्य ज्वलनशील पदार्थ टनल में लगातार गिर रहा था। टनल के ऊपर लगभग 1100 से 1200 डिग्री तापमान में रेल पटरी की ढलाई हो रही थी। ढलाई के समय ही आग लगी।
बताया जा रहा है कि पूरा क्षेत्र काफी गर्म होता है। चिंगारी की वजह से आग तेजी से फैल गई। आग लगने से भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। फायर ब्रिगेड को तत्काल सूचना दी गई, हालांकि पूर्व से वहां पर फायर ब्रिगेड की 2 गाडिय़ां तैनात थीं। बावजूद इसके अन्य स्टेशन से भी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का मंगाया गया। आग पर काबू पाने के लिए एक घंटे तक दमकलकर्मी मशक्?कत करते रहे। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 14 अप्रैल की रात लगभग 11:45 बजे आग लगी। देखते ही देखते आग पूरी तरह से फैल गई। आग इतनी भीषण थी कि सबसे पहले वह आग पुलपिट के नीचे रोलिंग स्टैंड के टनल से बढ़ती हुई दिखी और पूरी तरह से पुलपिट को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वहां के हाइड्रोलिक पाइप लाइन, इलेक्ट्रिकल केबल ओर पुलपिट पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचती तब तक आग भीषण रूप ले चुकी थी। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन बड़ा नुकसान हो गया। जानकारों के मुताबिक अभी काम चालू होने में कम से कम 3 से 4 दिन का समय लग सकते हैं।

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर 50 बिस्तर अस्पताल की हुई व्यवस्था
नॉन कोविड मरीजों को मिलेगी चिकित्सा सुविधा

दुर्ग / शौर्यपथ / लाल बहादूर शास्त्री अस्पताल सुपेला में सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। अस्पताल के प्रभारी डॉ पीयूम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर 50 बिस्तर की व्यवस्था की गई है! यहां कोविड के मरीजों को नहीं रखा जाएगा बल्कि सामान्य मरीज जिन्हें सांस लेने में तकलीफ या ऑक्सीजन लेवल में कमी या अन्य प्रकार की समस्या हो उन्हें भर्ती किया जाएगा! इधर निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी की लगातार मॉनिटरिंग से सुपेला की व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है तथा आने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है! निगम द्वारा बढ़ते हुए गर्मी को देखते हुए अस्पताल के वार्डों में कूलर की व्यवस्था की गई है ताकि भर्ती मरीजों को गर्मी से राहत मिल सके, वहीं रात में आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए पूरे परिसर में लाइट लगाकर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किये गये है।
आयुक्त रघुवंशी द्वारा अस्पताल की व्यवस्था सही करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को लगातार निर्देश देकर व्यवस्थाओं में सुधार लाया जा रहा है। सुपेला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए आने वाले मरीज जो लाइन में खड़े रहते है, उनके लिए छाव प्रदान करने ग्रीन नेट और गर्मी से राहत दिलाने कूलर की व्यवस्था की गई है। जोन 01 के आयुक्त सुनील अग्रहरि ने बताया कि सुपेला अस्पताल में मरीजों व कोरोना जांच के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में आने वाले मरीजों के लिए गर्मी में परेशानी न हो इसके लिए निगम आयुक्त के निर्देश पर पर्याप्त इंतजाम किये गये है। अस्पताल के वार्ड में सभी कूलरों की मरम्मत कराई गई है तथा आवश्यकता अनुसार 8 नग नये कूलर भी लगाए गए है जिससे भर्ती मरीजों एवं कोविड जांच के लिए आने वाले लोगों को गर्मी से राहत मिल सके। इसके अलावा 10 नग नए सिलिंग पंखा, अस्पताल परिसर के बरामदा, सीढ़िया और हाॅल में पर्याप्त रोशनी रहे इसके लिए वायर, केबल, स्विच बोर्ड की रिपेयरिंग कराकर टयूबलाइटस लगाए है। परिसर के बाहर रात्रि में रोशनी के लिए बड़े एलईडी लाईट्स लगाए गए है। अस्पताल के वार्डों में अटैच बाथरूम में पाइपलाइन, नल , वाॅश बेसिन व फ्लश को रिपेयर कर जरूरत के हिसाब से नया लगाया गया है।
जांच केन्द्र में लगाए गए कूलर -
सुपेला अस्पताल परिसर में संचालित कोरोना जांच केन्द्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग कोरोना जांच कराने के लिए आ रहे है। जांच के लिए कतार में लगे मरीजों को गर्मी के कारण परेशानी न हो इसके लिए निगम आयुक्त श्री रघुवंशी के निर्देश पर कूलर का इंतजाम किया गया है! धूप व गर्म हवा से बचने ग्रीन मैट लगाया गया ताकि लोगों को छांव मिल सके पेयजल के लिए निगम की ओर प्रतिदिन पानी टैंकर का भी इंतजाम किया जा रहा है। अस्पताल की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए निगम अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है! जारी आदेश के मुताबिक सुपेला के प्रभारी डाॅ. पियाम सिंह से समन्वय स्थापित कर कोविड से संबंधित एवं आवश्यक संधारण तथा अन्य समस्त कार्यो के लिए सहायक अभियंता अनिल सिंह एवं उप अभियंता दौलत चंद्राकर को जिम्मेदारी सौंपी गई है!

भिलाईनगर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लाॅकडाउन की अवहेलना करने पर ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जा रही है! भिलाई निगम की टीम लगातार माॅनिटरिंग कर रही है, आज निरीक्षण के दौरान लाॅकडाउन में चोरी छुपे सामान ले जाकर विक्रय करने वालों को पकड़ा गया और अर्थदंड लेकर समझाईश दी गई दोबारा ऐसा न करें अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर निगम की मोबाइल टीम लगातार दोनो पालियों में संपूर्ण निगम क्षेत्र का निरीक्षण कर लाॅकडाउन के नियमों का पालन कराने मुस्तैदी से कार्य कर रहे है। सड़क पर बेवहज घूमने वालों पर नजर रखी जा रही है तथा बेवजह बहाना बनाकर बाहर निकलने वालो से सख्ती से पूछताछ करते हुए मास्क लगाए है या नहीं जांच की जा रही है। मोबाइल टीम लगातार शहर का भ्रमण कर लोगों को घर पर ही सुरक्षित रहने की अपील भी कर रहे है। लाॅकडाउन की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने निगम की मोबाइल टीम घूम-घूम कर निरीक्षण कर रही है। आज टीम, सुपेला, नेहरूनगर, रामनगर, शांतिनगर, कृष्णानगर, पाॅवरहाउस, केम्प एरिया, सेन्ट्रल एवेन्यू सहित भिलाई निगम के विभिन्न क्षेत्रों निरिक्षण किए एवं लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने वाले 15 लोगों से 9900 सौ रूपए अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही किए।
निगम की टीम आवश्यक कार्य से बाहर निकलने वाले लोग मास्क लगाए है या नहीं यह भी जांच रहे है। घनी आबादी वाले गली-मोहल्लों का भी निरीक्षण कर लोगों से अपील कर रहे है कि घर पर सुरक्षित रहें और मास्क लगाए रखे तथा अनावश्यक घर से बाहर न निकले। निगम की मोबाइल टीम सभी क्षेत्रों में घूम-घूम कर निरीक्षण कर रहे है! लाॅकडाउन के बाद भी कई लोग चोरी छुपे सामान बेचकर लोगों की भीड़ इकटठा कर रहे थे ऐसे लोगों से जुर्माना वसूला गया जिसमें नेहरू नगर के रिन्कू से 200 रूपए, नीतेश से 200 रूपए, पदुम सोनकर से 500 रूपए, कोहका के नरेन्द्र साहू से 1000 रूपए, सिन्हा परिपार से 200 रूपए, शांतिनगर के मुकेश से 200 रूपए, रामनगर के सोनू से 200 रूपए, सुपेला के पप्पू कुमार से 200 रूपए, बनवारी सोनकर से 500 रूपए, जितेन्द्र सोनकर 200 रूपए, जयराम से 200 रूपए, अनिल से 200 रूपए, सुपेला के राजेश साव से 2000 हजार रूपए, सुपेला में अमर से 200 रूपए, हुडको के अब्दुल गनी से 3000 हजार रूपए सहित कुल 15 लोगों पर लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के कारण 9900 रूपए अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही की गई।

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में कोविड पाजिटिव एवं कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए आक्सीजन बेड की कमी नहीं है। अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में 50 आक्सीजन बेड उपलब्ध है। यहाँ  25 बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू भी बनाया जा रहा है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने चंदूलाल कोविड केयर हास्पिटल का निरीक्षण किया और यहाँ पर व्यवस्था की मानिटरिंग की। उन्होंने अस्पताल प्रबंधकों से मरीजों के परिजनों की काउंसिलिंग की व्यवस्था भी बेहतर रखने के निर्देश दिये ताकि उन्हें समय-समय पर अपडेट्स मिलते रहें।

दुर्ग / शौर्यपथ / धमधा तहसील आफिस के अधिकारियों ने कोरोना काल में लोगों की सेवा के लिए समर्पण के लिए एक अच्छा कार्य किया है। उन्होंने सहयोग राशि जुटाई और दो आक्सीजन कंसट्रेटर खरीदे। यह आक्सीजन कंसट्रेटर उन्होंने धमधा केयर सेंटर को दिये हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज धमधा कोविड केयर सेंटर देखने पहुँचे। यहाँ उन्होंने इस कार्य की प्रशंसा की। एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय ने बताया कि तहसील आफिस के अधिकारी-कर्मचारियों ने यह सोचा कि इस आपदा के अवसर में सामाजिक संगठनों की तरह ही आगे आकर कोरोना मरीजों के लिए कुछ बेहतर करने की आवश्यकता है इसलिए यह निर्णय लिया गया। इस दौरान धमधा तहसीलदार श्री रामकुमार सोनकर तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।

-निकुम के आइसोलेशन सेंटर का निरीक्षण करने पहुँचे कलेक्टर, हनोदा में हो रही टेस्टिंग देखी
-कहा पहले बुजुर्गों की टेस्टिंग कराएं, ग्राम अंडा भी पहुँचे, यहाँ भी कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी

दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर यहाँ कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हो रहे प्रयासों की मानिटरिंग की। उन्होंने वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट तीनों ही पक्षों में हो रहे कार्यों के संबंध में जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की जानकारी ली, ग्रामीणों से फीडबैक लिया और एसडीएम श्री विनय पोयाम तथा बीएमओ से इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने दुर्ग ब्लाक के विभिन्न गाँवों में आए कोरोना के मामलों और इस पर की गई प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी ली। सबसे पहले वे निकुम पहुँचे। यहाँ 20 बेड का आइसोलेशन सेंटर कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों के लिए बनाया गया है। यहाँ उन मरीजों को रखा जाएगा जिनका एंटीजन टेस्ट निगेटिव आया है लेकिन कोविड के लक्षण हैं साँस लेने में दिक्कत है और सैंपल आरटीपीसीआर तथा ट्रूनाट के लिए भेजा गया है। यहाँ पर चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स की व्यवस्था रहेगी। कलेक्टर ने निकुम में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में बीएमओ से पूछा। उन्होंने कहा कि मरीजों के आक्सीजन लेवल पर नजर रखें और किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत जिला मुख्यालय स्थित हायर सेंटर रिफर करने की कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने एसडीएम से स्थानीय अमले के माध्यम से व्यापक चिन्हांकन अभियान जारी रखने कहा। उन्होंने कहा कि पल्स आक्सीमीटर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराये गए हैं। इनके माध्यम से व्यापक चिन्हांकन कराएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को पूरी तरह से रोका जा सके। प्रिजंप्टिव मरीज का इलाज भी आरंभ कर दिया जाए।
हनोदा में देखी टेस्टिंग- कलेक्टर ने हनोदा में टेस्टिंग का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग में सबसे पहले उन बुजुर्गों की टेस्टिंग करें जिनकी तबियत अच्छी नहीं है। साथ ही वहीं मौके पर आक्सीजन लेवल की जाँच भी करें। यदि आक्सीजन देने की कार्रवाई की जानी है तो वहीं पर आक्सीजन भी दें। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि टेस्टिंग की व्यवस्था मुकम्मल करें ताकि इसमें काफी कम समय लोगों को देना पड़े। टेस्टिंग बिल्कुल समय पर शुरू हो जानी चाहिए और जल्दी जल्दी होनी चाहिए।
अंडा भी पहुँचे, यहाँ वैक्सीनेशन की ली जानकारी- कलेक्टर ग्राम अंडा भी पहुँचे। यहाँ उन्होंने वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी ली। यहाँ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि वैक्सीनेशन का लक्ष्य काफी हद तक पूरा कर लिया गया है।

- कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बैठक में दिये निर्देश
- सीएमएचओ के माध्यम से भेजे जाएंगे मरीज

दुर्ग / शौर्यपथ / निजी अस्पताल के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने 48 घंटे के भीतर अपने 20 प्रतिशत बिस्तर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत गरीबों के इलाज के लिए रखने के निर्देश इन प्रबंधकों को दिये। कलेक्टर ने कहा कि यह प्रतिशत सभी तरह के बेड में होगा। मसलन आईसीयू में जितने बेड्स हैं उनकी संख्या का 20 प्रतिशत, एचडीयू में जितनी संख्या में बेड हैं उनका 20 प्रतिशत इस तरह से। कलेक्टर ने कहा कि जो अस्पताल अभी इस योजना से इम्पैनल नहीं हैं वे 24 घंटे के भीतर अपना एम्पैनलमेंट करा लें, यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इन्हें स्वतः ही इम्पैनल मान लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सीएमएचओ इन आरक्षित बिस्तरों के लिए खूबचंद बघेल योजना के हितग्राहियों को भेजेंगे। यदि इस योजना का कोई हितग्राही सीधे ही अस्पताल में पहुँच जाता है तो इसे भर्ती कर सकते हैं लेकिन बाद में इसका एप्रूवल सीएमएचओ से जरूर लेना होगा। कलेक्टर ने कहा कि वेंटीलेटर में भी यह प्रावधान लागू होंगे। मसलन यदि अस्पताल में पाँच वेंटीलेटर हैं तो एक वेंटीलेंटर में इसकी आवश्यकता वाले खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के हितग्राही का इलाज होगा। यद्यपि 48 घंटे वाले प्रावधान में अस्पताल प्रबंधन को लगता है कि इस अवधि के भीतर वेंटीलेटर उपलब्ध करा पाना संभव नहीं होगा तो वे नोडल अधिकारी से इसकी छूट ले सकते हैं।
चेक-एटीएम कार्ड से पेमेंट भी स्वीकार करें- कलेक्टर ने कहा कि लाकडाउन की वजह से कई बार मरीज के परिजनों के पास नगद राशि की दिक्कत हो सकती है अतएव अस्पताल प्रबंधन चेक एवं एटीएम कार्ड से भी पेमेंट स्वीकार करें। एमआरपी से अधिक कीमत में बिल्कुल दवा न बेचें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों को मिलने-जुलने की इजाजत नहीं- कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिये कि किसी भी सूरत में परिजनों को कोरोना पाजिटिव मरीजों से मिलने नहीं दिया जाए। विजिटिंग अवर न हों। खाना अस्पताल का ही हो, बाहर का खाना मरीजों को नहीं दिया जाए। यदि सब्जी वगैरह के लिए किसी तरह की दिक्कत अस्पताल प्रबंधन महसूस करता हो तो प्रशासन इसके लिए समन्वय करेगा।
परिजनों को अवगत कराते रहें जानकारी- कलेक्टर ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों से कहा कि परिजनों की समय-समय पर काउंसिलिंग करते रहें ताकि उन्हें मरीज के हेल्थ अपडेट के बारे में जानकारी मिलती रहे। नोडल अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें, दोनों ही एक दूसरे के सहयोग के लिए हैं। अभी कोविड की कठिन परिस्थिति है और सबको मिलकर काम करते हुए जनता को राहत देते हुए जिले को कोविड से बाहर निकालना

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