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नई दिल्ली / शौर्यपथ / राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां पूंजी निवेश कर देश पर 150 साल शासन किया था वैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी 'वेस्ट इंडिया' यानी सिर्फ गुजरातियों द्वारा पूरे देश पर शासन करना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने के बहाने विदेशी कंपनियों को कंट्रोल सौंपना चाहती है और उसके जरिए नौकरियों में मिल रहे आरक्षण को खत्म करना चाहती है.
उन्होंने सदन में वित्त मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि देशभर में बीमा क्षेत्र की सिर्फ छह सरकारी कंपनियां हैं, जिसमें 1.75 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं लेकिन निजी क्षेत्र में कुल 50 कंपनियां है, जहां 2.67 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं. खड़गे ने कहा कि संविधान ने देश की 60-70 फीसदी आबादी के लिए आरक्षण के जरिए उनकी नौकरियों की गारंटी की थी, उसे बीजेपी सरकार खत्म करना चाह रही है.
खड़गे ने कहा कि 1956 में पंडित नेहरू ने बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया था और इंदिरा जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था ताकि लोगों का जीवन सुधारा जा सके और उन्हें नौकरी मिल सके. उन्होंने कहा कि बीमा संशोधन विधेयक 2021 में कई खामियां हैं. इसलिए इसे स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर बीमा में एफडीआई बढ़ाया जाता है, तो मोदी जी द्वारा गुजरात के चुनिंदा लोगों की मदद के लिए वेस्ट इंडिया कंपनी लाई जाएगी. इसीलिए बिल में विदेशियों के स्वामित्व और नियंत्रण का प्रावधान किया गया है.
बता दें कि बीमा (संशोधन) विधेयक को जनविरोधी बताते हुए राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने इसे स्थायी समिति में भेजे जाने की मांग की थी और सरकार पर देश की पूंजी विदेशी हाथों में सौंपने का आरोप लगाया था. वहीं सत्ता पक्ष ने इसे गरीबों के हित में उठाया जाने वाला कदम करार देते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक लोगों को बीमा की सुरक्षा मिलेगी.
गुरुवार को ही राज्यसभा ने ध्वनिमत के साथ इस संशोधन विधेयक को पारित कर दिया है और अब ये बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा. इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), जो फिलहाल 49 प्रतिशत है, की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान है. इसके अलावा बीमा कंपनियों का कंट्रोल भी विदेशी स्वामित्व के हाथों में देने की बात कही गई है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं और विधेयक को संबंधित स्थायी समिति में भेजे जाने की मांग कर रहे हैं.
नई दिल्ली / शौर्यपथ / पंजाब के कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को चर्चा में बने रहना खूब आता है. ऐसे समय जब नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच गुरुवार को हुई भेंट की खबरें जोरों पर हैं. इस बातचीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू जल्द ही अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में वापसी कर सकते हैं. अमरिंदर सिंह ने भी कहा है ‘ सभी चाहते हैं कि नवजोत हमारी टीम का हिस्सा बनें.'' कैप्टन साहब के साथ इस मुलाकात के पूर्व सिद्धू ने अपना शायराना अंदाज दिखाते हुए एक ट्वीट किया था, इसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपने लिए न कभी (कुछ) मांगा था, न माँगा है और न माँगूँगा ..!
गौरतलब है कि पंजाब में अगले वर्ष यानी वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. सियासी हलकों में सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद होने की चर्चा आम रही है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने इन दोनों नेताओं के बीच सुलह की लगातार कोशिशें कर रही है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी नहीं चाहती कि इन दोनों प्रमुख नेताओं के अलग-अलग राह पर चलने के कारण उसे चुनाव में कोई नुकसान उठाना पड़े. इन्हीं प्रयासों के तहत गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात हुई. बैठक के बाद सिंह ने कहा कल कहा था, ‘‘ हमारे बीच अच्छी बैठक हुई. उन्होंने मेरे साथ चाय पी.'' उन्होंने कहा कि सिद्धू का कोई अन्य कार्यक्रम होने की वजह से हम दोनों साथ भोजन नहीं कर पाए. अमरिंदर ने कहा, ‘‘ उन्होंने कुछ वक्त मांगा है. उन्हें समय लेने दीजिए। तब वह हमारे पास लौटेंगे. मुझे यकीन है कि वह हमारी टीम का हिस्सा होंगे.''
नई दिल्ली / शौर्यपथ / होली पर घर जाने की सोच रहे उत्तर-प्रदेश और बिहार के लोगों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने हमेशा की तरह इस बार भी होली स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं. ये ट्रेनें नई दिल्ली और आनंदविहार टर्मिनल से पटना, गया, बरौनी और जोगबनी के बीच चलेंगी. यात्रियों की सुविधा के लिए होली के अवसर पर नई दिल्ली-बरौनी, आनंदविहार टर्मिनल-गया, आनंद विहार टर्मिनल-पटना एवं आनंद विहार टर्मिनल-जोगबनी के बीच चार जोड़ी सुपरफास्ट होली स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाएगा. इन स्पेशल ट्रेनों के सभी कोच आरक्षित श्रेणी के होंगे और इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों को कोविड-19 के मानकों का पालन करना होगा.
- नई दिल्ली-बरौनी होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 19, 23, 26 एवं 30 मार्च, 2021 को नई दिल्ली से 19.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 15.00 बजे बरौनी पहुंचेगी. वापसी में 04039 बरौनी-नई दिल्ली होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 20, 24, 27 एवं 31 मार्च, 2021 को बरौनी से 19.30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 16.15 बजे नई दिल्ली पहुॅचेगी . वाया हाजीपुर चलायी जाने वाली इस स्पेशल ट्रेन में साधारण द्वितीय श्रेणी के 04, शयनयान श्रेणी के 07, वातानुकुलित तृतीय श्रेणी के 06, वातानुकुलित द्वितीय श्रेणी के 02 कोच लगाये जायेंगे.
- 04412 आनंदविहार टर्मिनल-गया होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 19, 22, 26 एवं 29 मार्च, 2021 को आनंदविहार टर्मिनल से 23.10 बजे खुलकर अगले दिन 15.30 बजे गया पहुंचेगी . वापसी में 04411 गया-आनंदविहार टर्मिनल होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 20, 23, 27 एवं 30 मार्च, 2021 को गया से 23.45 बजे खुलकर अगले दिन 15.25 बजे आनंदविहार टर्मिनल पहुंचेगी . वाया पं. दीनदयाल उपाध्याय जं0 चलायी जाने वाली इस स्पेशल ट्रेन में साधारण द्वितीय श्रेणी के 04, शयनयान श्रेणी के 07, वातानुकुलित तृतीय श्रेणी के 06, वातानुकुलित द्वितीय श्रेणी के 02 कोच लगाये जायेंगे.
- 04046 आनंदविहार टर्मिनल-पटना होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 21, 23, 26 एवं 28 मार्च, 2021 को आनंदविहार टर्मिनल से 14.55 बजे खुलकर अगले दिन 09.00 बजे पटना पहुंचेगी. वापसी में 04045 पटना-आनंदविहार टर्मिनल होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 22, 24, 27 एवं 29 मार्च, 2021 को पटना से 12.00 बजे खुलकर अगले दिन 05.00 बजे आनंदविहार टर्मिनल पहुंचेगी . वाया पं. दीनदयाल उपाध्याय जं0 चलायी जाने वाली इस स्पेशल ट्रेन में वातानुकुलित तृतीय श्रेणी के 15 तथा वातानुकुलित द्वितीय श्रेणी 03 कोच लगाये जायेंगे.
- 04036 आनंदविहार टर्मिनल-जोगबनी होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 19 एवं 30 मार्च, 2021 को आनंदविहार टर्मिनल से 08.10 बजे खुलकर अगले दिन 07.50 बजे जोगबनी पहुंचेगी . वापसी में 04035 जोगबनी- आनंदविहार टर्मिनल होली स्पेशल ट्रेन दिनांक 20 एवं 31 मार्च, 2021 को जोगबनी से 20.30 बजे खुलकर अगले दिन 20.45 बजे आनंदविहार टर्मिनल पहुंचेगी . वाया पं. दीन दयाल उपाध्याय जं0, दानापुर, पाटलिपुत्र, बेगुसराय चलायी जाने वाली इस स्पेशल ट्रेन में साधारण द्वितीय श्रेणी के 06, शयनयान श्रेणी के 10, वातानुकुलित तृतीय श्रेणी के 02, वातानुकुलित द्वितीय श्रेणी का 01 कोच लगेंगे.
नई दिल्ली / शौर्यपथ / पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपने प्रचार अभियान को गति देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्य का दौरा कर रहे बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए 'दुर्योधन और दुशासन' का जिक्र किया. ममता ने अपने पूर्व सहयोगी और इस बार विधानसभा चुनाव में उनके (ममता के) खिलाफ उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी को 'मीर जाफर' करार दिया. ईस्ट मिदनापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'बीजेपी को विदा कीजिए. हम बीजेपी नहीं चाहते. हम मोदी का चेहरा नहीं देखना चाहते. हम दंगे, लुटेरे, दुर्योधन, दुशासन...मीर जाफर नहीं चाहते.' पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा, '27 मार्च को 'खेला होबे. बीजेपी को तो 'आउट' होना है.'
इस दौरान ममता ने अपने पुराने सहयोगी शुभेंद्र अधिकारी को भी आड़े हाथ लिया जिन्होंने दिसंबर में बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. ममता ने आरोप लगाया कि उनके साथ तब धोखा हुआ जब उन्होंने किसी पर पूरी तरह से भरोसा किया. ममता ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा जिन्होंने 'दीदी' के 'खेला होबे' के स्लोगन का 'मजाक' बनाया था. ममता ने कहा, 'मोदी Teleprompter का इस्तेमाल करके कहते हैं-केमोन आचो बांग्ला , हम कहते हैं-भालो आचे .' सीएम ने कहा, 'पोरिबर्तन मेरा नारा है, आप मेरा नारा कैसे चुरा सकते हैं.'
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान संपन्न होगा. पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.
खेल /शौर्यपथ / भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है। क्रुणाल पांड्या, पसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज को पहली बार टीम में शामिल किया गया है। चौथे टी20 मैच में आतिशी पारी खेलने वाले सूर्यकुमार यादव टी20 के बाद वनडे टीम में भी अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। टेस्ट सीरीज में खराब फॉर्म से जूझ रहे शुभमन गिल को भी टीम में रखा गया है। हालांकि, डेब्यू पारी में जबर्दस्त फिफ्टी लगाने वाले ईशान किशन टीम में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे हैं। आइए जानते हैं टीम सिलेक्शन की पांच बड़ी बातें..
डेब्यू इनिंग का मिला सूर्यकुमार यादव को तोहफा
चौथे टी20 मैच में शानदार अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सूर्यकुमार यादव को उनकी इनिंग का तोहफा वनडे टीम में सिलेक्शन के रूप में मिला। सूर्यकुमार ने चौथे मैच में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए महज 31 गेंदों में 6 चौके और तीन छक्कों की मदद से 57 रनों की पारी खेली थी। सूर्यकुमार की पारी की बदौलत भारत 20 ओवर में 185 रनों का बड़ा टोटल बनाने में सफल रहा था।
क्रुणाल पांड्या और प्रसिद्ध कृष्णा पहली बार वनडे टीम में
टीम इंडिया के लिए 18 टी20 मैच खेल चुके क्रुणाल पांड्या को वनडे टीम में पहली बार शामिल किया गया है। क्रुणाल का प्रदर्शन विजय हजारे टूर्नामेंट में काफी जबर्दस्त रहा था और उन्होंने 5 मैचों में 129.33 के औसत से 388 रन बनाए थे, इसके अलावा वह गेंद से भी काफी कारगर रहे थे। आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के प्रमुख तेज गेंदबाज की भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध कृष्णा को पहली बार भारतीय टीम के लिए बुलावा आया है। कृष्णा ने विजय हजारे के इस सीजन में 7 मैचों में 14 विकेट अपने नाम किए थे।
टेस्ट के प्रदर्शन के दम पर मोहम्मद सिराज ने बनाई वनडे टीम में जगह
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीतने वाले मोहम्मद सिराज वनडे टीम में पहली बार जगह बनाने में सफल रहे हैं। सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली ऐतिहासिक जीत में अहम किरदार निभाया था और गाबा के मैदान पर पहली पारी में पांच विकेट झटके थे। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ भी उनकी गेंदबाजी के आगे इंग्लिश बल्लेबाज पूरी तरह से पस्त नजर आए थे।
फ्लॉप शॉ के बावजूद शुभमन गिल और केएल राहुल का हुआ सिलेक्शन
इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में रनों के लिए जूझते नजर आए शुभमन गिल वनडे टीम में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। शुभमन ने चार टेस्ट मैचों में महज एक फिफ्टी जड़ी थी। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में अपनी खराब फॉर्म से जूझ रहे केएल राहुल को भी वनडे टीम में शामिल किया गया है। राहुल ने सीरीज के चार टी20 मुकाबलों में महज 15 रन बनाए हैं और दो दफा वह बिना खाता खोले पवेलियन लौटे हैं।
ईशान किशन हुए नजरअंदाज
इंटरनेशनल क्रिकेट की अपनी पहली इनिंग में तूफानी अर्धशतकीय पारी खेलने वाले ईशान किशन सिलेक्टरों को प्रभावित नहीं कर सके। ईशान ने दूसरे टी20 मैच में महज 32 गेंदों में 56 रनों की आतिशी पारी खेली थी। आईपीएल में भी ईशान पिछले कुछ सालों से लगातार मुंबई इंडियंस के लिए अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे हैं। ईशान हालांकि तीसरे टी20 मैच में महज 4 रन बनाकर आउट हो गए थे।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ /बिजी लाइफस्टाइल के चलते आज हर व्यक्ति की सोने और जागने की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। एक अच्छी नींद व्यक्ति के दिमाग को तरोताजा करने के लिए और शरीर के दूसरे अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ पर्याप्त नींद ही नहीं, बल्कि समय पर नींद लेना और सही समय पर उठना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं क्या हैं सोने और जागने के सही नियम और फायदे- नुकसान।
जल्दी उठने के फायदे-
-सुबह जल्दी उठने से अतिरिक्त ऊर्जा को प्राप्त किया जा सकता है, जो दिन भर ऊर्जावान बनाये रखने और खुशनुमा एहसास से भरने में सहायक है।
-जल्दी उठने का एक बड़ा फायदा यह है, कि आपके पास समय काफी होता है, और दिनभर में ज्यादा से ज्यादा चीजें कर सकते हैं। आप खुरद के लिए बेहतर समय निकाल सकते हैं।
-सुबह जल्दी उठने से व्यक्ति फिट और मानसिक रूप से शांत और एकाग्र रहता है।
-सुबह जल्दी उठकर ली गई धूप हड्डी व जोड़ों के दर्द में राहत देती है।
-सुबह का वातावरण और ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
एक शोध में पता चला है कि जो लोग देर तक सोते हैं, उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। जो लोग स्वाभाविक तौर पर देर से उठते हैं, उनके मस्तिष्क में एक खास तत्व सबसे खराब स्थिति में होता है। विशेष रूप से दिमाग के उस हिस्से में, जहां से अवसाद और दुख के भाव पैदा होते हैं। इसी कारण देर से उठने वालों को अवसाद और तनाव अधिक होता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, जो लोग देर तक सोते हैं, उनके व्यवहार में बदलाव तो आता ही है साथ ही उनके हार्मोन पर भी बुरा असर पड़ता है।
देर से सोकर उठने के नुकसान-
-देर से सोकर उठने से शरीर अपनी अनियमित दिनचर्या को झेलने के लिए तैयार नहीं होता और बहुत सी बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
- देर से सोकर उठने से व्यक्ति कोई वर्कआउट नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से उसकी कैलोरी बर्न नहीं होती और व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है।
-वजन अनियमित रूप से बढ़ने लगता है।
-हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं।
-दिमाग में एंडोर्फिन स्रावित नहीं होने से स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
-धीरे-धीरे डिप्रेशन घेर लेता है।
-दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है ।
-अधिक देर तक सोने से दिमाग पर भी असर पड़ता है और याददाश्त कमजोर होने लगती है।
अच्छी नींद के फायदे-
-पाचन तंत्र सुचारू रहता है।
-शरीर का वजन संतुलित रहता है।
-तन और मन खुशमिजाज रहते हैं।
-एकाग्रता बढ़ती है।
-मन चिंतामुक्त रहता है।
-सिर दर्द से राहत मिलती है ।
-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
-शरीर का वजन संतुलित रहता है और आप तरोताजा महसूस करते हैं।
नींद से जुड़े नियम-
-रात्रि के प्रथम प्रहर में सोना सबसे अच्छा माना गया है।
-सोते समय व्यक्ति का सिर दक्षिण या पूर्व की दिशा में होना चाहिए।
-शवासन में सोएं, करवट लेना हो तो अधिकतर दाईं करवट लें। बहुत आवश्यक हो तो ही बाईं करवट लेकर सोएं।
-सोने के तीन से चार घंटे पहले भोजन कर लें।
-सोने से पहले रोजाना पांच-दस मिनट का ध्यान करने सोना चाहिए।
सुबह उठने के नियम-
-व्यक्ति को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए। सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पूर्व का समय ब्रह्ममुहूर्त कहलाता है।
-दक्षिण में पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा का क्षय हो जाता है और वह जब सुबह उठता है तो थकान महसूस करता है, जबकि दक्षिण में सिर रखकर सोने से ऐसा कुछ नहीं होता।
शौर्यपथ / सोशल मीडिया प्लेटफार्म अब बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर अपने एप में नया फीचर जोड़ने जा रहा है। इसे विशेष तौर पर छोटे बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसके तहत कम उम्र के बच्चे अपना इंस्टाग्राम अकाउंट नहीं बना पाएंगे। इसके साथ ही अनजान वयस्क उपयोगकर्ताओं के बच्चों से संपर्क पर भी लगाम लग सकेगी।
इन कम उम्र के इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं का पता लगाने के लिए इंस्टाग्राम कृत्रिम बुद्धिमता Üआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस्तेमाल करेगी। इसकी मदद से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के साइनअप करते ही कंपनी को पता चल जाएगा।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट बनाते समय अपनी उम्र को लेकर अक्सर झूठ बोलते हैं, खासकर कम उम्र के बच्चे ऐसा ज्यादा करते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए हम एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं और एक नया फीचर रोलआउट करने जा रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक के इस्तेमाल से तैयार की जा रही इस नई तकनीक की मदद से इसे रोका जाएगा। इसके अलावा कंपनी के नये फीचर से अनजान वयस्कों को 18 साल से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं को मैसेज भेजने से भी रोका जा सकेगा। नया फीचर वयस्कों को सजेस्ट यूजर्स में कम उम्र के बच्चों के अकाउंट दिखाने पर प्रतिबंध लगाने का काम करेगा।
आस्था /शौर्यपथ / कई बार किसी को नजर लग जाती है तो उसकी नजर उतारते हैं। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि हम पर किसी ने कुछ कर दिया है तो उसके लिए सामान्य से उपाय प्रचलित मान्यताओं पर आधारित हैं। हालांकि ऐसा कुछ होता नहीं है कि कोई किसी के लिए कुछ कर देता हो। परंतु फिर भी शंका समाधान हेतु यहां कुछ उपाय बताएं जा रहे हैं, जिसे किसी ज्योतिष के जानकार से पूछकर ही करें।
1. रविवार : रविवार को बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें।
2. सोमवार : सोमवार के भी बर्फी के टुकडे से उतारा करके गाय को खिला दें।
3. मंगलवार : मंगल को मोतीचूर के लड्डू से उतारा करके उसे कुत्ते खिला दें।
4. बुधवार : बुधवार को इमरती या मोतीचूर के लड्डू से उतारा करके उसे कुत्ते खिला दें।
5. गुरुवार : बृहस्पतिवार को पांच मिठाइयां एक दोने में रखकर उतारा करके उसमें धूपबत्ती और छोटी इलायची रखकर पीपल के पेड़ की जड़ में पश्चिम दिशा में रखें।
6. शुक्रवार : शुक्रवार को शाम के समय मोतीचूर के लड्डृ से ही उतारा करके उसे कुत्ते को खिला दें।
7. शनिवार : शनिवार को इमरती और मोतीचूर के लड्डू से उतार करके काले कुत्ते को खिला दें।
वैसे यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो आप पर किसी भी चीज़ का असर नहीं होता है और ना ही आपको किसी भी प्रकार का उतारा करने की आवश्यकता है।
आस्था /शौर्यपथ /माता कालिका के अनेक रूप हैं जिनमें से प्रमुख है- 1.दक्षिणा काली, 2.शमशान काली, 3.मातृ काली और 4.महाकाली। इसके अलावा श्यामा काली, गुह्य काली, अष्ट काली और भद्रकाली आदि अनेक रूप भी है। सभी रूपों की अलग अलग पूजा और उपासना पद्धतियां हैं। आओ जानते हैं महाकाली क्या है और क्या है उनका मंत्र।
1. महाकाली: महामाया, वैष्णवी, नारसिंही, वाराही, ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, इत्यादि अष्ट-शक्तियां, भेदों से युक्त-धारा, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा इत्यादि सब नदियां महाकाली का स्वरुप हैं।
2. महाकाली की उपासना अमोघ मानी गई है। जब सब विद्याएं असफल हो जाती है तो महाकाली की उपासना की जाती है।
3. भगवती की दस महाविद्याओं में से एक हैं महाकाली जिनके काले और डरावने रूप की उत्पत्ति राक्षसों का नाश करने के लिए हुई थी। यह एकमात्र ऐसी शक्ति है जिनसे स्वयं काल भी भय खाता है। उनका क्रोध इतना विकराल रूप ले लेता है कि संपूर्ण संसार की शक्तियां मिलकर भी उनके गुस्से पर काबू नहीं पा सकती। उनके इस क्रोध को रोकने के लिए स्वयं उनके पति भगवान शंकर उनके चरणों में आकर लेट गए थे।
4. मां प्रकृतिस्वरूपा हैं। बंगाल और असम में महाकाली की विशेष पूजा होती है। वास्तव में आदिशक्ति मां दुर्गा के विविध रूपों का वर्णन मार्कंडेय पुराण में वर्णित है। महासरस्वती, महाकाली और महालक्ष्मी रूपों में मां दुर्गा का विस्तार है।
5. महाकाली को दुर्गा का अवतार कहा गया है और धरती पर इनके अवतरित होने से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं।
6. महाकाली का साबर मंत्र :
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
7. श्री काली स्तुति
काली काली महाकाली कालिके परमेश्वरी ।
सर्वानन्दकरी देवी नारायणि नमोऽस्तुते ।।
दुर्ग / शौर्यपथ / यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के कारण दुर्ग की पहचान पूरे देश में हुई है, कांग्रेस के इस दिग्गज नेता का पूरा जीवन अविवादित रहा है दुर्ग कांग्रेस को मोतीलाल वोरा के कारण पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान मिली है, देश भर के सभी दल के राजनेताओं की नजर में स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी की छवि एक निर्मल मधुर सहृदय और मिलनसार व्यक्तित्व की रही है, मोतीलाल जी बोरा के देहांत के बाद दुर्ग कांग्रेस आज भी अपने आप को अधूरा महसूस करता है जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाएगी, राष्ट्रीय स्तर के इस नेता की छवि आज कुछ चाटूकारो के चलते धूमिल होती नजर आ रही है जिस नेता ने अपने जीवन काल में सभी विवादों से सफलतापूर्वक दूरी बनाए रखी, आज उसी महान नेता स्वर्गीय मोतीलाल जी बोरा के निर्माणाधीन समाधि स्थल को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है.
आपको बता दें कि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी का अंतिम संस्कार दुर्ग के शिवनाथ नदी तट पर स्थित मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया था क्योंकि यह मुक्तिधाम हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां आम जनता अपने परिजनों के मृत देह का अंतिम संस्कार करती है, लेकिन इसी मुक्तिधाम में वर्तमान में स्वर्गीय मोतीलाल जी बोरा के समाधि स्थल का निर्माण निगम के द्वारा किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस निर्माण की अनुमति ना ही निगम प्रशासन दुर्ग के द्वारा दी गई है और ना ही जिला प्रशासन के द्वारा दी गई है बावजूद इसके निगम के इंजीनियरों संरक्षण में भिलाई के किसी ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है इस बारे में जब हमारे संवाददाता ने निगमायुक्त हरेश मंडावी से चर्चा की तो भी इस मामले से किनारा करते नजर आये !
निगम आयुक्त ने किसी प्रकार की जानकारी नहीं होने की बात कही है, जबकि इस गंभीर विषय पर आम आदमी पार्टी के मेहरबान सिंह द्वारा लिखित में शिकायत की भी गई थी क्योंकि मामला देश के दिग्गज नेता स्वर्गीय मोतीलाल जी बोरा से संबंधित है, इसके बावजूद निगमायुक्त का इस से कन्नी काटना कई तरह के संदेह को जन्म देता है, जबकि शिकायत में यह भी जिक्र किया गया है, कि अवैध निर्माण किसी आम जनता से संबंधित नहीं वरन कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी का नाम लेकर किया जा रहा है, वह भी उस क्षेत्र से जिस क्षेत्र में विधायक स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के पुत्र अरुण वोरा जी विधायक हैं और मौजूदा महापौर स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के बेहद करीबी धीरज बाकलीवाल है बावजूद इसके निगमायुक्त द्वारा मामले में जानकारी ना होने की बात करना चिंता का विषय है ।
जिस शहर में जिलाधीश डॉक्टर नरेंद्र भूरे अवैध प्लाटिंग पर सख्त से सख्त कार्यवाही की बात कर रहे हैं उसी जिला मुख्यालय में दुर्ग के बाबूजी के नाम से मशहूर शख्सियत आदरणीय स्वर्गीय मोतीलाल जी वोरा की समाधि स्थल पर हो रहे अवैध निर्माण पर मौन है, क्या यह मौन शासन की मूक रजामंदी का परिचायक है क्या सभी कायदे कानून सिर्फ आम और गरीब जनता के लिए ही है आज अगर एक गरीब व्यक्ति दो वक्त की रोटी की जुगत में सड़क किनारे दो गज की जगह पर चाय की दुकान खोल लेता है तो वहा पूरी प्रशासन उसे अवैध कब्जा करार देती है और हटाने के लिए पूरी प्रशासन लग जाती है, ऐसा ही एक नजारा 2 दिन पहले देखने को मिला जिला न्यायालय के सामने दो वक्त की रोटी के लिए ठेला लगाकर व्यापार करने वाले गरीबों को निगम द्वारा बलपूर्वक हटा दिया गया, क्या स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के समाधि स्थल पर हो रहे अवैध निर्माण पर जिला प्रशासन और जिला के कलेक्टर नरेंद्र भूरे संज्ञान लेकर कार्यवाही करेंगे, क्या शहर के विधायक अरुण वोरा अपने बाबूजी के समाधि स्थल में बिना अनुमति के हो रहे निर्माण पर रोक लगाकर अपने प्रिय बाबूजी और शहर के आदरणीय बाबूजी के नाम से मशहूर शख्सियत स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के मरणोपरांत छवि पर लगने वाले हर दाग को मिटायेंगे !
वैसे इस समाधी स्थल को देखने किसी भी एंगल से देखा जाए तो ये गलत है, अगर विधायक अरुण वोरा के द्वारा निर्माण कराया जा रहा है तो ऐसा निर्माण अतिक्रमण में नहीं होना चाहिए क्योकि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी वो शख्सियत है जहा प्रतिवर्ष बड़े बड़े दिग्गज राजनेता उनको श्रधांजलि देने वहा जमा होंगे, क्या अरुण वोरा यह चाहेंगे की उनके बाबूजी को कोई राजनेता श्रधांजलि देने पहुचे जो शमशान घाट से लगी है । बता दे कि निर्माणाधीन समाधि स्थल से ही लग कर राज्य सभा सांसद dr सरोज पाण्डेय की निधि से अंतिम संस्कार के लिए शेड बन रहा है । समाधि स्थल के दोनों तरफ अंतिम संस्कार के लिए जगह आरक्षित है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर समाधि स्थल बन रहा वहां पर भी राज्य सभा सांसद निधि से मुक्ति धाम संधारण का कार्य होना था किंतु चाटुकारों के इस निर्माण से यह संधारण भी अधूरे प्लान के साथ पूरा हो रहा और शासन मौन है । अगर कोई अन्य स्वर्गीय मोतीलाल वोरा जी के नाम से अतिक्रमण कर रहा है तो क्या अरुण वोरा को अपने बाबूजी की छबि को ख़राब होने से रोकने के लिए आगे नहीं आना चाहिए !